Book Title: Prachin Karmgranth Satik
Author(s): Jain Atmanand Sabha
Publisher: Jain Atmanand Sabha

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Page 465
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तणुवइमणेसु कमसो, दुचउतिपंचा दुअचउचउरो । तेरसदुबारतेरस, गुणजीवुवओगजोग त्ति ॥५०॥ लेसा उ तिन्नि पढमा, नारगविगलग्गिवाउकाएसु । एगिंदिभूतरूदगअसन्निसुं पढमिया चउरो ॥५१॥ केवलजुयलअहक्खायसुहुमरागेसु सुक्कलेसेव । लेसासु छसु सठाणं, गइयाइसु छावि सेसेसु ॥५२॥ गइयाइसु अप्पबहुं, भणामि सामन्नओ सठाणे वि । नरनिरयदेवतिरिया, थोवा दुअसंखणंतगुणा ॥ ५३॥ पणचउतिदुएगिंदी, थोवा तिनि अहिया अर्णतगुणा । तसतेउपुढविजलवाउहरियकाया पुण कमणं ॥५४॥ थोवा असंखगुणिया, तिन्नि विसेसाहिया अणंतगुणा । मणवयणकायजोगी, थोवा संखगुणि अर्णतगुणा॥५५॥ पुरिसेहिंतो इत्थी, संखेजगुणा नपुंसणंतगुणा । माणी कोही मायी, लोभी कमसो विसेसहिया ॥५६॥ मणपजविणो थोवा, ओहीनाणी तओ असंखगुणा । मइसुयनाणी तत्तो, विसेसअहिया समा दो वि ॥ ५७॥ विभंगिणो असंखा, केवलनाणी तओ अणंतगुणा । तत्तोऽणंतगुणा दो, मइसुयअन्नाणिणो तुल्ला ॥५८॥ सुहुमपरिहारअहखायछेयसामइयदेसजइअजया । थोवा संखेजगुणा, चउरो अस्संखणंतगुणा ॥ ५९॥ इय ओहिचक्खुकेवलअचक्खुदंसी कमेण विनेया। थोवा अस्संखगुणा, अणंतगुणिया अणंतगुणा ॥६॥ सुक्का पम्हा तेऊ, काऊ नीला य किण्हलेसा य । थोवा दोऽसंखगुणाऽणतगुणा दो विसेसहिया ॥६॥ थोवा जहन्नजुत्ताणतयतुल्ल त्ति इह अभवजिया । तेहिंतोऽणंतगुणा, भवा निवाणगमणरिहा ॥ ६२॥. For Private And Personal Use Only

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