Book Title: Prachin Jain Sahitya Me Arthik Jivan
Author(s): Kamal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyashram Shodh Samsthan

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Page 219
________________ २०६ : प्राचीन जैन साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन ३६. रत्नकरण्डकश्रावकाचार : दिगम्बर जैन महासमिति, धर्मपुरा, दिल्ली ३७. विपाकसूत्र : जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लुधियाना : श्री आगम प्रकाशन, ब्यावर, राजस्थान विवागसुयं : जैन विश्वभारती, लाडनू ( अंगसुत्ताणि ३) ३८. व्यवहारसूत्र : जैन शास्त्रोद्धार मुद्राणालय, हैदराबाद ३९. व्यवहारभाष्य : आगामोदय समिति, अहमदाबाद ४०. वसुदेवहिण्डी ( संघदासगणि) : श्री आत्मानंद जैन ग्रंथमाला, भावनगर ४१. वज्जालग्गं ( जयवल्लभ) : पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रंथमाला, वाराणसी ४२. सूत्रकृतांग : सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा : जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट : श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर ( राजस्थान) .४३. समवायांग : श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर ( राजस्थान ) : जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट ४४. ठाणांग : जैन श्वेताम्बर तेरापंथो आगम साहित्य प्रकाशन ४५. समराइच्चकहा ( हरिभद्रसूरि ) : प्रकाशक श्री रतिराम शास्त्री साहित्य भण्डार, मेरठ ४६. ज्ञाताधर्मकथांग : जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट : जैन शास्त्रोद्धार समिति मुद्रणालय हैदराबाद नायाधम्मकहाओ : जैन विश्वभारती, लाडनू (राजस्थान) ( अंगसुत्ताणि ३) अन्य मूल ग्रंथ ४७. अष्टाध्यायी ( पाणिनि) : चौखम्बा संस्कृत सिरीज, वाराणसी ४८. कौटिलीय अर्थशास्त्र : चौखम्बा संस्कृत सिरीज, वाराणसी : पंडित पुस्तकालय, काशी ४९. गौतमधर्मसूत्र : चौखम्बा संस्कृत सिरीज, वाराणसी

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