Book Title: Prachin Jain Sahitya Me Arthik Jivan
Author(s): Kamal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyashram Shodh Samsthan

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Page 222
________________ सन्दर्भ ग्रन्थ सूचो : २०९ २४. जैन धर्म का मौलिक इतिहास, : जैन इतिहास समिति, जयपुर प्रथम, एवं द्वितीय भाग । आचार्य श्री हस्तीमल जी २५. जैन आगम साहित्य में भारतीय : विद्याभवन राष्ट्रभाषा ग्रंथमाला, समाज, डॉ. जगदीशचन्द्र जैन वाराणसी २६. जैन कथा-कहानियाँ दो हजार : भारतीय ज्ञानपीठ, काशी ___वर्ष पुरानी, डॉ. जगदीशचन्द्र जैन २७. जैनदर्शन मनन और मीमांसा, : आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन चुरू, मनि नथमल (राजस्थान ) २८. जैन कथाओं का सांस्कृतिक : वोहरा प्रकाशन, जयपुर अध्ययन, श्रीचन्द जैन २९. जैन, बौद्ध और गीता के आचार : प्राकृत भारती संस्थान, राजस्थान दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन, डॉ० सागरमल जैन ३०. जातककालीन भारतीय संस्कृति, : बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् डॉ० मोहनलाल महतो ३१. तीर्थकर महावीर और उनकी : जैन विद्यापरिषद् आचार्य परंपरा (भाग १ से ४) डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री ३२. द कैम्ब्रिज हिस्ट्री आफ : पब्लिशड इन इंडिया वाई० एस० इंडिया, ई० जे० रेपसन चन्द्र एण्ड को ३३. दशवकालिक : एक सांस्कृतिक : आगम साहित्य प्रकाशन समिति, अध्ययन, मुनि नथमल कलकत्ता ३४. निशीथ एक अध्ययन, : सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा पं० दलसुख मालवणिया ३५. नंद-मौर्ययुगीन भारत, : मोतीलाल बनारसीदास नीलकंठ शास्त्री ३६. पतजंलिकालीन भारत, : राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना प्रभुदयाल अग्निहोत्री ३७. पाणिनिकालीन भारतवर्ष, : महताबराय द्वारा नागरी मुद्रण वासुदेवशरण अग्रवाल १४

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