Book Title: Prachin Jain Sahitya Me Arthik Jivan
Author(s): Kamal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyashram Shodh Samsthan

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Page 221
________________ २०८ : प्राचीन जैन साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन १०. इकोनोमिक लाइफ इन एन्श्येंट : रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ प्राकृत इंडिया एज डिपिक्टिड इन जैन : जैनालाजी एण्ड अहिंसा, वैशाली कैनानिकल लिटरेचर, (बिहार) दिनेन्द्र जैन ११. इंडिया एज डिस्क्राइब्ड बाई : इंडालोजिकल बुक हाउस, वाराणसी अर्ली ग्रीक राइटसं, बैजनाथपुरि .. १२. इंडिया आफ वैदिक कल्पसूत्र : मोतीलाल बनारसीदास, वाराणसी रामगोपाल १३. उत्तराध्ययन एक समीक्षात्मक : आगम साहित्य प्रकाशन, कलकत्ता अध्ययन, आचार्य तुलसी १४. एग्रेरियन ऐंड फिस्कल इकोनोमी : मोतीलाल बनारसीदास, वाराणसी इन मौर्या एंड पोस्ट मोर्या एज, एन० एन० खेर १५. एन्रयेंट ज्योग्राफी आफ इंडिया, : कनिंघम १६. कुवलयमालाकहा : एक सांस्कृतिक : प्राकृत जैनशास्त्र एवं अहिंसा शोध अध्ययन, डॉ० प्रेमसुमन जैन संस्थान, वैशाली १७. कौटिल्यकालीन भारत : हिन्दो समिति सूचना विभाग, लखनऊ आचार्य दीपकर १८. कालिदास का भारत : भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी डॉ० भगवतशरण उपाध्याय १९. चन्द्रगुप्त मौर्य और उनका काल, : राजकमल प्रकाशन, इलाहाबाद __ डॉ० राधाकमल मुखर्जी २०. गुप्त साम्राज्य, : विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी डॉ. परमेश्वरो लाल गुप्त २१. गुप्त सम्राज्य का इतिहास : इंडियन प्रेस लिमिटेड, इलाहाबाद प्रथम, द्वितीय वासुदेव उपाध्याय . २२. जैनसाहित्य का इतिहास, : श्री गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रंथमाला कैलाशचन्द्र शास्त्री २३. जनसाहित्य का बृहद इतिहास, : पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, ( भाग १ से ७) वाराणसी

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