Book Title: Prachin Jain Sahitya Me Arthik Jivan
Author(s): Kamal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyashram Shodh Samsthan

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Page 223
________________ २१० : प्राचीन जैन साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन ३८. प्रिंसिपल्स आफ इकोनोमिक्स, : दी इंगलिश बुक सोसायटी, मैकमिलन एलफर्ड मार्शल ३९. प्रिंसिपल आंफ पोलिटिकल : इकोनोमी, जानस्टूअर्ट मिल ४०. प्राचीन भारत : इतिहास और : हिन्दी अनुवादक मुनीश सक्सेना एशिया संस्कृति, बी० जी० गोखले पब्लिशिङ्ग हाउस; बम्बई ४१. प्राचीन भारतीय आर्थिक विचार, : वोहरा पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स रामनरेश त्रिपाठी इलाहाबाद ४२. पोलिटिकल हिस्ट्री आफ नार्दर्न : सोहनलाल जैनधर्म प्रचारक समिति, इंडिया फाम जैन सोर्सेज़, अमृतसर गुलाब चन्द्र चौधरी ४३. प्राचीन भारतीय वेशभूषा, : भारत दर्पण ग्रंथमाला, प्रयाग डॉ० मोतीचन्द्र ४४. प्राचीन भारतीय अभिलेखों का : प्रज्ञा प्रकाशन, पटना अध्ययन, वासुदेव उपाध्याय ४५. प्राचीन भारतीय अभिलेख संग्रह : प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं भाग प्रथम, द्वितीय पुरातत्त्व विभाग, वाराणसी ए० के० नारायण ४६. प्राचीन भारतीय मुद्रायें : प्रज्ञा प्रकाशन, पटना ____डॉ० वासुदेव उपाध्याय ४७. प्राचीन मद्रा, : काशी नागरी प्रचारिणी सभा श्री युक्तराखाल दास ४८. प्राचीन भारतीय अर्थ विचारक, : विवेक घिन्डियाल बन्धु आगरा, डॉ० अच्युतानंद घिल्डियाल वाराणसी ४९. प्राकृत साहित्य का इतिहास, : चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी डॉ० जगदीशचन्द्र जैन ५० प्राचीन भारत का राजनैतिक एवं : सेन्ट्रल बुक डिपो, इलाहाबाद सांस्कृतिक इतिहास डॉ० विमलचन्द्र पांडेय ५१. प्राचीन भारत में संघटित जीवन, : हिन्दी अनुवादक प्रो० कृष्णदत्त डॉ० रमेशचन्द्र मजुमदार वाजपेयी, सागर विश्वविद्यालय भारत सरकार

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