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ॐ ह्रीं श्री शQजय महातीर्थाय नमः श्री वीर-दान-प्रेम-रामचंद्र सूरी सद्गुरुभ्यो नमः
मारा संसारी पक्षे पू. पिताश्रीजी हाल प. पू. आ. दे. तपस्वीरत्न चंद्रोदय सरी म. सा. जीवन झलक
विश्वभरमां भारतनुं स्थान अनेक रीते अजोड ने बेनमुन आजे पण छे। भारतना कण कणमां प्राचिनता धार्मिकता आर्यसंस्कृतिना संस्कारोथी व्यापक छ ज पण विशेष तेनी व्यापक भूमि तरीके ख्याति मेळवेली होय तो ते राजस्थान मरुधर भूमि तरीके मारवाडनी याद सहज स्मृति पटमां आवीजाय ज्यां अनेक नर रत्नो, सत्वशाली-शूरवीरो थया छे तेवा राजस्थान- जवाइबांध स्टेशन पर- खीवान्दि गाम जे क्षमानंदि पण कहेवाय छ। ते नगरमां पोरवाल वंशीय बे भाई शोभाजी ने वाघाजी तेमां शोभाजीना पांच पुत्रोमांथी पांचमां पुत्र भेरोजीने ३ सुपुत्रो दलिचंदजी, जेठमलजी, गुलाबचंजी तेमां बीजा पुत्र जेठमलजीना कुलने ज नहिं पण जिनशासनने शोभावनारा जीवमात्रने शीतलता ज शीतलता आपवानो निर्धार जाणे गर्भमांथी ज करीने आ पृथ्वीतल पर धर्मपरायण सरलस्वभावी सुश्राविका गुलाबबेननी रत्नकुक्षीए वि० सं० १६७२ आसो सु० १४, २१-१०-१६१५ गुरुवारना शुभ चोघडिये एक शासन रत्न सुपुत्र चंदनमलजी ए जन्म लीधो। गुण तेवो नाम अने नाम तेवा गुण प्रमाणे स्वभावमा प्रेमनी सुवासने मैत्रीनी शीतलता आपवानी कळा जन्मथी ज हस्तगत् जाणे बनी होय तेम चंदनमलजी नाम सार्थक बन्यु।
भविष्यमां वैरागी बननार आत्मानो बाल्यकाळ पण अन्यथी जुदो तरी आवतो होय छे.-पुत्रना लक्षण पारणा मांथी ज परखाई जतां होय छे तेम चंदनमलजी माटे जणायुं ।
चंदनमलजीनो सामान्य व्यवहारिक ज्ञान ४ धोरण१ धर्म