Book Title: Prabandh Parijat
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 427
________________ ४१२ ८-मेवाड़ा ज्ञातीय सूत्रधार मिहिपा भा० नागल सुत सूत्र धारदेवा भा० करमी, सुत सू० हला, गदा, हापा नाना, हानाक, । ६-सं० १५२१ वर्षे वैशाख सुदि १० रवौ सं० रत्ना-सं० फताभ्याँ श्रीशांतिनाबबं कारितं ।। १०-- सम्वत् १५२५ वर्षे फा० सु० ७ शनि रोहिण्यां अर्बुद गिरौ देवडा श्री राजधर सायर, देवडा श्री डूंगरसीह राज्ये xxx माहाराजाधिराज श्रीसोमदेवमान्य मं० मण्डन xx ४१ अंगुल प्रमाण प्रथम जिनमूल नायक xxxxxxx ११--सा० भीम चैत्ये गूर्जर मं० सुन्द्रगदाकारिता पित्तलमय प्रथम तीर्थंकर मूलनायकपरिकर मं० गदा० भा० आसूपुत्र श्री रंग कारित श्री अभिनन्दन बिम्ब प्र० तपा श्री लक्ष्मीसागर सूरिभिः हाला सूत्र । १२--सम्वत् १५२५ वर्षे फा० सु० ७ शनि रोहिण्यां अर्बुद गिरौ देवड़ा श्री राजधर सायर देवडा श्री डूंगरसिंह राज्ये गूजर साह भीमा प्रासादे गूजर ज्ञाति शुगार मं० मण्डन भार्या भीली पुत्र राजाधिराज श्री सोमदास मान्य मं० सुन्द्रसुत मन्त्रीश्वर गदा भार्यया सा० हीरा भार्या मदीपुत्र्या श्राविका आसूनाम्न्या पुत्र श्री वाघादि परिवार परिवृतया पित्तलमय ४१ अंगुल प्रमाण प्रथम तीर्थंकर मूलनायक परिकरे श्री वासुपूज्य बिम्बं कारितं प्रतिष्ठितं श्री तपागच्छ नायक श्री सोमसुन्दरसूरि पट्टे श्रीमुनिसुन्दरसूरि श्रीजयचन्द्रसूरि तत्प? श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टप्रभाकर श्री गच्छाधिराज श्री श्री श्री लक्ष्मीसागरसूरिभिः श्री सुधानन्दन सूरि, श्रीसोमजयसूरि, महोपाध्याय श्रीजिनसोमगणिप्रमुखपरिवृतैः । महिंसाणावास्तव्य सूत्र हरदवा घटितं ॥ १३--सा० भीमप्रासादे गूर्जर मं० सुन्द्रगदा कारित पित्तलमय मूलनायक प्रथम तीर्थंकर परिकरे मं० गदा भा० पासूपुत्र मं० बाघा कारितं । श्री सम्भवनाथ बिम्बं प्र० तपाश्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः सूत्र हाला सुत लषा प्रणमति ।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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