Book Title: Prabandh Parijat
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 439
________________ ४२४ तालाब के किनारे पर शिवमंदिर के खंडहर के पास १ छत्र युक्त पुरुष मूर्ति है जिसके नीचे इस प्रकार लिखा है - "महं० चंडुकस्य" युक्त नाम के पहले महं० लिखने से मालूम होता है कि चंडुक नामधारी राजा का कोई अमात्य होना चाहिये । इसके अतिरिक्त भी आबू पर अनेक ऐतिहासिक शिला - लेख और स्मारक हैं परन्तु हमने उन सबको नोट नहीं किया । सँ देलवाडा जैन मन्दिर - विमलवसति के लेख वस्तुपाल तेजपाल कारित लूणिग वसति के लेख भीमाशाह के पीतलहर प्रासाद के लेख पार्श्वनाथ के तिमँजिले मन्दिर के लेख देलवाडा के प्रकीर्णक लेख अचलगढ के जैन मन्दिरों के मूर्ति लेख अचलगढ के प्रकीर्णक लेख बू - जैन मन्दिरों के कुल लेख सं० Jain Education International For Private & Personal Use Only 11 31 " "1 11 19 २२७ ११२ २३ ११ १० २ ४०५ www.jainelibrary.org

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