Book Title: Pooja Sangraha Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९५-०-० बाइ मोघी महेता रायचंद करसनभाइनी पत्नीए आप्या. मु. साणंद १८०-०-० गांधी वाडीलाल राघवजीनी व्हेन हरकोरे संवत् १९७८ ना कारतक वदि ६ ना रोज गोधावीनो संघ काढयो त्यारे आप्या ते. मु. साणंद ५०-०-एक ग्रहस्थ. मु. साणंद १५०-०-० शेठ छगनलाल गीगामाइ. मु. साणंद २५०-०-० शेठ भोगीलालमाइ वीरचंदभाइ जे. पी. गोधावी हाल अमदावाद तथा मुंबई. १०७५-०-० उपत्नी विगते आ ग्रन्थमा मदद मळी छे. संवत १९७८ ना कारतक वदि ६ ना रोज वाडीलाल राघवजीए गोधावीनो संघ काढयो हतो, ते संघमां गुरुराजश्री पधार्या हता. ते वखते गोधावीमा साणंदथी आवेला संपने प्रेमजमण नवकारशी आपवामां आव्यु हतुं. अत्रे शेठ अमृतलाल केवळदासनी प्रेरणाथी पुस्तक प्रसिद्ध करवामां का. ५००) नी मदद मळी हती. जे पकी रु. २५०) नी नोंध आ अन्यमा लेवामां आवी छे, साणंदमां श्रीसागरगच्छमां घणाज वखतथी एक उपाश्रय नी खामी हती ते दूर करवा महेता रारचं कर. For Private And Personal Use Only

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