________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१३
रागीओ गुरुनी पूजा भक्ति करे तेथी तेओना आत्मानी शुद्धि थाय a. श्री घंटाकर्ण महावीर ए जैनशासन देव छे, शांतिस्नात्रमां अष्टोचरी स्नात्रमां अने प्रतिष्ठा विधिमा श्री घंटाकर्ण वीरनी स्थाली यंत्रवाळी मंत्रीने वेदिका उपर स्थापवामां आवे छे. श्री सकलचंद्रजी उपाध्यायजीए प्रतिष्ठा विधिनी संस्कारित योजना करी छे. शांतिस्नात्र अने अष्टोत्तरी स्नात्र विधिनी योजना पण तेमना बखतमां तथा जगद्गुरु तपागच्छ गगनभानु समान श्री हीरविजयजीना बखतमां थरली छे अने ते वखते आचार्योए जैनशासन देवता तरीके श्री घंटाकर्ण महावीरनी प्रसिद्धि करी के अने ते परंपरा आज सुधी तपागच्छमां चाली आवे छे. श्री महुडी (मधुपुरी ) गाममां शासन यक्ष तरीके श्री पद्मप्रभु जिनेश्वर देवनी आगळ एक देरी करी श्री घंटाकर्ण महावीरनी मूर्तिनी अमोए प्रतिष्ठा करी छे. ते शासनयक्षनो चमत्कार प्रभावक सर्वत्र विस्तार पाम्यो छे. घंटाकर्ण कल्प वाचवाथ तेमनो प्रभाव समजाशे. जेटला शासन देवो अने देवीओ छे
ओ समकित धारी छे तेओ साघर्मिक बंधु तरीके छे. गृहस्थ थाबको जैनो तेमनी शासन प्रभावक साधर्मिक तरीके सेवा भक्ति करे अने तेथी शासनयक्ष देवो, गृहस्थ जैनोने धर्म साधतां संकट पडे छे ते काले सहाय करे छे. अमोए गृहस्थ जैनोने साधर्मिक देव तरीके तेमनी पूजा भणाववानो तेमनी मूर्त्ति आगळ अधिकार छे एवं जाणी तेओ माटे पूजा रचीछे के जेथी जैनो पोते, मिध्यात्वी देवो अने देवी
For Private And Personal Use Only