Book Title: Pind Vishuddhi
Author(s): Kulchandrasuri, Punyaratnasuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 482
________________ ४४९ चोल्लक = मोन |पाइक्का (पदातिका) = सैन्य छगण = छ।। पारंतेहिं = न्याय ४२न।२। मो छगणेण-सारवेजह = ७५ वालिं५९॥ | पारिया = 18 छडा (छटतिा) = ७३j |पासट्ठियखेलए = म २३८॥ २०यानी 32 छडावियं = नंभाव्यु | पोहो = पोहरो जंतसगडभरं = यंत्र३५॥ २॥ भइणि-वइओ = भारी भगिनीनो पति | भरियरिया-पव्वाभिहाणंमि = मरितरित। नाम पर्व जत्तं = यात्रा जावन्नमानुस-मतीयं = (यावदन्यमानुष्यमृतीक) त्यां सुधा | | भाडगदाण = माडं आप | भोइउ (भोगिकः) = पति. કે જ્યાં સુધી બીજા માણસનું મોત થયું | 3 | भोयणकरण-जोग्गउ = भा२. (धा- थी युत) जुज्ज = युत ખાવા જેવું झङ्घन्तं = ॐमतो मज्जा = माह तुज्झ सम्मयं (त्वत् संमतं) = तने संमत. मट्ठाए सीवणीए = जीए0 सीqelथी सावेत थक्क = अवस२ मयगखेडे (मृतकखेट) = भरेको छ मेवो रोल थुडंकियमुहीए = गुस्साथी युत यथा मल्लग = tीयु थेरो = भ२८य पाढ मह दइओ (मत्-दयितः) = भारी पति दइवाउसयासाउ = (भाग्य योगे महलियाए परिसाए = भोटी पहा दवित्ता = ५२५ वृत्तिवाणा | महेसर-रूवट्ठिएहिं = श्रीमान ३५ पा२९॥ ४२१॥ 43 घएण फीणसुत्ति = घीथी मालिश ४२ मोयग = सा धम्मिओ = पूरी | मोयगूसओ (मोदकोत्सवः) = सानो उत्सव धरिसणत्थं = ५२१ ४२१॥ रिणे जाता = 8! यढयु धिज्जाइआ(द्विज-जातिका) = ब्राम। द्विति | लुलंतं = सतुं निभंतं = निशंपणे लोयण-ट्ठिएण = पारी १२ वगेरे स्थानथी यारे निव = २% બાજુ જોવા ઉભેલા વડે निव्विसओ आणत्तो = शिनिस यो | वंदओ (वंदक) = पौद्ध पंचहिं पुंडेहिं = पाय पुंड (भेड भा५ विशेष) | वासारत्त = योमासु पच्चंतमिट्टवायं = मना छेडे २४दो टनो निमा | विउसत्ति (विएसत्ति) = विदेशी छ मेम. ०ीने | विऊस् = (वि६५) पंडित पच्चयं = प्रत्ययं (विश्वास) | विमण-द्रुम्मणो = विमा (शून्यमन२४) = शून्य पसिण = प्रश्र भनवाणो, (हुमो -दुभन) = पसिणाउ = प्रश्रथी વિરુદ્ધ મનવાળો Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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