Book Title: Paramparagat Prakrit Vyakarana ki Samiksha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 151
________________ विशेषावश्यकभाष्य की गाथा नं० १ से १०० के कतिपय प्रारंभिक शब्द Jain Education International - अज्ञात समय की प्रति ग्रन्थ--प्रकाशन (1966 AD; 1966 AD. 1936 AD. 1914 AD. लगभग दसवीं का वर्ष नया संस्करण) शती के पूर्वाध की प्रति गाथा नं० संस्कृत मूलपाठ स्वोपज्ञ टीका को० हे. जे० ४१. अतीतम् अतीत ___ अतीत अतीयं अतीत अतीत २३. अथवा अधवा अधवा अहवा अहवा अघवा - ५०. अथवा अधवा अधवा अहवा अहवा अधवा त० अतीत अधवा के. आर चन्द्र For Private & Personal Use Only अघवा अथवा अधवा अधवा अहवा अहवा अघवा अधवा अथवा अघवा अघवा अहवा अहवा अधवा अधवा अधवा अहवा अहवा अधवा अधवा ७८. अथवा अधवा ६५. अनुमतम् __अणुमतं ५२. अभिधानम् अभिघाणं ५७. अभिधानम् अभिधाणं ८२. अवधीयते अवधीयते २९. आगमतः आगमतो अणुमतं अभिधाणं अभिवाणं अवधीयते अणुमयं __ अभिहाणं अभिहाणं अवहीयए आगमओ अणुमयं अभिहाणं अभिहाणं अवहीयए आगमओ अणुमतं अभिधाणं अभिधाणं अवधीयते आगमतो अणुमतं अभिधाणं अभिधाणं अवधीयते आगमतो www.jainelibrary.org आगमती

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