Book Title: Paramparagat Prakrit Vyakarana ki Samiksha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 157
________________ १४८ के. आर. चन्द्र पूर्व प्रकाशित इस ग्रन्थ के अध्यायों के संदर्भ इस ग्रन्थ के जो अध्याय संशोधन लेखों के रूप में पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं वे इस प्रकार हैं । किसी किंसी लेख के शीर्षक की अपेक्षा इस ग्रन्थ के अध्याय के शीर्षक में अल्पाधिक प्रमाण में परिवर्तन भी किया गया है । इस ग्रन्थका अध्याय प्रकाशित श्रमण, पा. वि. शोध संस्थान, वाराणसी जनवरी-मार्च 1991 तुलसी प्रज्ञा, जैन विश्व भारती, लाडनू. अक्टूबर-दिसम्बर, 1992 तुलसी प्रज्ञा, जैन विश्व भारती, लाडनू सितम्बर, 1920 तुलसी प्रज्ञा. जैन विश्व भारती, लाडनू मार्च, 1991 संबोधि, ला. द. भा. स. विद्या मन्दिर, अहमदाबाद, 1992 प्राकृत विद्या, प्राकृत विद्या अध्ययन प्रसार केन्द्र, उदयपुर, जुलाई-दिसम्बर, 1990 प्राकृत विद्या, प्राकृत विद्या अध्ययन प्रसार केन्द्र, उदयपुर, जुलाई-सितम्बर, 1989 प्राकृत विद्या, प्राकृत विद्या अध्ययन प्रसार केन्द्र, उदयपुर, अप्रेल-जून, 199) प्राकृत विद्या, प्राकृत विद्या अध्ययन प्रसार केन्द्र, उदयपुर, जनवरी-मार्च, 1991 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159 160 161 162