Book Title: Paramparagat Prakrit Vyakarana ki Samiksha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 152
________________ -आदि Jain Education International ७३. . -आदि ७५. -आदि- २१. इह आदि -आइ- इध -आई -आइ- -आइ आइ- इह -आदि- इध -आदि --आतिइध -आइ इध ८० ५५. इह ७७. ऋजुसूत्री उज्जुसुता उज्जुसुता ५. कृत. कत कत २४. गालयति गालयति गालयति ३३. चूतः चतो चूतो ३६. चतादिभ्यः चूताईएहितो चता० For Private & Personal Use Only परम्परागत प्राकृत व्याकरण की समीक्षा और अर्धमागधी ज्ञान णाण णाण उज्जुसुया उजुसुया उज्जुसुता उज्जुसुता कय कय कत कत गालयइ गालयइ गालयति गालयति चूओ चओ चूतो चतो । ___ चूयाईए० चयाईए० चयातीए° चताईए° नाणनाणपाण णाणनाणं नाणं णाण णाण जाणय जाणय जाणग जाणग तओ तओ 'ततो ततो तिहा तिहा तिधा दवए दवए दवते दवते दुयए दुयए दूयति दुयए नमोक्कारो नमोक्कारो णमोक्कारो णमोकारो ३०. ज्ञानम् ज्ञायक ८१. ततः १९. त्रिधा २८. द्रवति २८. व्यते ...... नमस्कारः जाणग णाणं णाणं जाणग ततो तिधा। दवते . दवते दूयति दूयति णमोकारो णमोकारो ततो तिधा तिघा www.jainelibrary.org

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