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सासुर० उबिरिति । वतिय ध्यानका जे? ना। ग्रेगर, बाहना सावनि रवि सेवारूपाकु " कुमलते कानि0विशेष ॥ मग घाउ ग कोलाहनिकका विचितविचीत्र प्रकार नाला सुकमा प्रनव मनामाला माल व विलेपनसान देवता रायलेलं बाय मानसशेरनी मालाधरा बलान २ दिवेशी दे
ददापमान सदा
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तलक पीटर विचित्र वा सुरणा विविनमालाभली मड्डाक लघुबो दीपले बालधरा दिवणे वरो वडकरा एंगे। दिवा (5 हाय दिखाए ऊत्री॥॥॥
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ज्यान दिद्यागसाग दिद्यावा याचा पाय दिवे शातिए दिवालु मा दस दिसावा मागता नमघयपुर प्राणसे समाती मसाला वासस्य) सदस्यागमा सामायिसादस्सी सासादना देवत माहिया सापांसासारो लागाला सांगा मदिरा साग मायाएं नावचनतः कादवमा दस्ती आशा (संघ सवावासी किनिनोष नत्र म राई सरसचे का/रमा)
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नाना कमा शादवापरिवसेति गाईमासस्य गणना
राजा यास यस दस्माबाद लाएर ३६
दिकातल यि महादिक बाऊ कनिमेघनासा 15. महापुरुष हवा वा तिघा मोटापा हाताला प्रमुषार वे नेहन सष्ट करो। ताल कंसा
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