Book Title: Pannavana Sutra
Author(s): Shyamacharya,
Publisher: ZZZ Unknown
View full book text
________________
रामारख राणा।। इतिपरमवगायलगव ररियारणा पदा वान्त्री सतिमेसा सारासात दावदशाद वति डरका मावक मिया शिदा गिद्दा यहा सातमसा सामुदेवकरक म माणसर दिया लिदिया असमा विद्यामा कतिविहादी गायमा तिविदाविद एत्रा [तेजदा सामान मिणा सीता सिराएं सात किसात्तदिवादति सिचिदवदिति साता सिधावदशा [वादति गायमा)मात पिवद गादादा तिच सिपिविदा (वादे तासात) [सियां विदराव (दति। ३) किया पालक्की एउटवाए विदा लातिरयाणासु दिनरात माणसानंविदावादतिन सियो विदारवदेति एसीता सियोविदरावादति । एवंजाववालय ना विनर प्रयal कपला निरयाएं पुचा । ग) सीते शिवदवादिति वसि शिवदव दिति सीता सिविद वादति । खतबजातरागाऊच विवादेति। तद्यावतरागाड सीतावदशावाद तब घमण्याएवाचवऽविद्वारा वगत बहुयतरागाऊसी तावद वादति॥घाव चरागाडी सिगांवदविदितागोसमात मतमा एयसा तावदर्शी वादे ति सिशा व दशवादतिर
गो
For Private & Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558