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________________ सासुर० उबिरिति । वतिय ध्यानका जे? ना। ग्रेगर, बाहना सावनि रवि सेवारूपाकु " कुमलते कानि0विशेष ॥ मग घाउ ग कोलाहनिकका विचितविचीत्र प्रकार नाला सुकमा प्रनव मनामाला माल व विलेपनसान देवता रायलेलं बाय मानसशेरनी मालाधरा बलान २ दिवेशी दे ददापमान सदा डियो नियन्त्रया अंगद कुंडल तलक पीटर विचित्र वा सुरणा विविनमालाभली मड्डाक लघुबो दीपले बालधरा दिवणे वरो वडकरा एंगे। दिवा (5 हाय दिखाए ऊत्री॥॥॥ विसरा रनर miyataau] निदिया। कारमा दिद्विगोधणे । दिविफस दिविश संघ गए कारस्वर से उजा२ दिवेश० प्रधा न्यापरिवार ज्यान दिद्यागसाग दिद्यावा याचा पाय दिवे शातिए दिवालु मा दस दिसावा मागता नमघयपुर प्राणसे समाती मसाला वासस्य) सदस्यागमा सामायिसादस्सी सासादना देवत माहिया सापांसासारो लागाला सांगा मदिरा साग मायाएं नावचनतः कादवमा दस्ती आशा (संघ सवावासी किनिनोष नत्र म राई सरसचे का/रमा) नइ सो पालनापला विनाकरता | करावनावि सा सा णि या हिवताप स ॥ उदिया सायाद वाशाय लहू नाटक गपालमा महता दहावी येते तीतलतालउडिया यात्रा इयरवि दिखाई लाग 33 माता वा बलागो झुंज मागविदंति कालांतर मारा दिवागपत्र गाका देशात र ने नाना कमा शादवापरिवसेति गाईमासस्य गणना राजा यास यस दस्माबाद लाएर ३६ दिकातल यि महादिक बाऊ कनिमेघनासा 15. महापुरुष हवा वा तिघा मोटापा हाताला प्रमुषार वे नेहन सष्ट करो। ताल कंसा नाताल 2 पत्र मउला.मु ग234/Ra टवानीमाल घयलाक होना। शिव
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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