Book Title: Paniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 04
Author(s): Sudarshanacharya
Publisher: Bramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar

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Page 511
________________ ४६४ पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् दतृ-आदेशः (३१) स्त्रियां संज्ञायाम्।१४३। प०वि०-स्त्रियाम् ७।१ संज्ञायाम् ७।१ । अनु०-समासान्ता:, बहुव्रीहौ, दन्तस्य, दतृ इति चानुवर्तते। अन्वय:-बहुव्रीहौ स्त्रियां दन्तस्य समासान्तो दत, संज्ञायाम् । अर्थ:-बहुव्रीहौ समासे स्त्रियां च विषये दन्तस्य प्रातिपदिकस्य समासान्तो दतृ-आदेशो भवति, संज्ञायां गम्यमानायाम्। उदा०-अय इव दन्ता यस्या: सा-अयोदती। फालदती। आर्यभाषा: अर्थ-(बहुव्रीहौ) बहुव्रीहि समास में (स्त्रियाम्) स्त्रीलिङ्ग विषय में (दन्तस्य) दन्त प्रातिपदिक को (समासान्तः) समास का अवयव (दत) दत आदेश होता है (संज्ञायाम्) यदि वहां संज्ञा अर्थ की प्रतीति हो। उदा०-अय: सुवर्ण के समान सुन्दर हैं दन्त जिसके वह-अयोदती। फाल-हळ की फाळी के समान लम्बे हैं दन्त जिसके वह-फालदती। सिद्धि-अयोदती । अयस्+सु+दन्त+जस् । अयस्+दन्त । अयरु+दन्त । अयर+दन्त। अय ड+दन्त । अयोदन्त । अयोदतृ । अयोदत्+डीप् । अयोदत्+ई। अयोदती+सु । अयोदती। __ यहां अयस् दन्त शब्दों का पूर्ववत् बहुव्रीहि समास है। 'अयस्' के सकार का 'ससजुषो रुः' (८।२।६६) से रुत्व, हशि च' (६।१।११२) से रेफ को उत्व और 'आद्गुणः' (६।११८६) से गुणरूप एकादेश होता है। अयोदन्त के दन्त शब्द को इस सूत्र से स्त्रीलिङ्ग में तथा संज्ञा विषय में दत आदेश होता है। दत के उगित् (ऋ-इत्) होने से उगितश्च' (४।१।६) से स्त्रीलिङ्ग में डीप् प्रत्यय होता है। ऐसे ही-फालदती। दतृ-आदेशविकल्पः (३२) विभाषा श्यावारोकाभ्याम् ।१४४। प०वि०-विभाषा ११ श्याव-अरोकाभ्याम् ५।२। सo-श्यावश्च अरोकश्च तौ श्यावारोको, ताभ्याम्-श्यावारोकाभ्याम् (इतरेतरयोगद्वन्द्व:)। अनु०-समासान्ता:, बहुव्रीहौ, दन्तस्य, दतृ इति चानुवर्तते।. अन्वय:-बहुव्रीहौ श्यावारोकाभ्यां दन्तस्य विभाषा समासान्तो दतृ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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