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आयुर्वेद
२७५
| वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल काल
भाषा
कागद
पुष्ठ एवं बाकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
८३८ | बंध्याकल्प ११७७
| १९५४ वि०
संस्कृत ।
पूर्ण
| नया
| १०:
१०॥४५"
पुराना
| ८:
७४५"
।
वृद्धयोग-शतक
१८५६ वि०
| ३८:
७४५"
८८५
| १५८०
३०३९
भाव-प्रकाश
हिन्दी
२:
१२॥४७॥"
१९७१ ४२१४
भिषक्-प्रिया
सुदर्शन
१७२६ वि. १९०७ वि०
नया | १९६ : ६x६"
५६ - १९५८
१७२६ वि. १९२८ वि०
१९६: ९॥४६" | पोथी के दूसरे पृष्ठ
पर ग्रंथकार का
नाम स्पष्ट न लिख पुराना | २० : ११४४॥" कर गिरिधर सुत
लिखा हुआ है।
८५० भैषज्य-ज्ञान १२१०
शार्ङ्गधर
संस्कृत
मदनपाल-निघंटु
५८९४४
१५२६
मदनपाल
-
१६५० वि०
१७२ : १०॥४४॥" लिपिकाल की दृष्टि
से महत्त्वपूर्ण १७६ : ८॥४५॥"
मधुकोश
(सटीक)
टीका० विजय दीक्षित
-
(१८०० वि०)
१५२६ मधुकोश-व्याख्या .. | २८७१ ।
२८:
१०४७"