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पाण्डुलिपियाँ
हिन्दी संग्रहालय की हस्तलिखित पुस्तकों विवरणात्मक परिचय
हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
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पाण्डुलिपियाँ
हिन्दी संग्रहालय की हस्तलिखित पुस्तकों . का विवरणात्मक परिचय
भाह
सा
HAVINA
LLN
हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
शक सं० १८७९,२०१४ वि०
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प्रथम संस्करण ५०० - १८७९ शकाब्द
२०१४ वि.
सम्मेलन मुद्रणालय, प्रयाग
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भूमिका
१. दर्शन - शास्त्र
२. तर्क-शास्त्र (न्याय')
३. धर्म (अध्यात्म)
४. वैदिक
५. उपनिषद्
६. भगवद्गीता तथा अन्य गीताएँ
७. पुराण
८. पुराण (स्फुट)
९. व्रत-कथा
१०. माहात्म्य
११. कवच
१२. योग (अंगन्यास, अष्टांग, करन्यास, हठयोग
आदि)
१३. तंत्र-मंत्र
१४. स्तोत्र
१५. पटल और रहस्य
१६. सप्तशती
१७. कर्मकाण्ड
१८. धर्मशास्त्र
१९. नीति और उपदेश
२०. कोश
२१. व्याकरण २२. ज्योतिष
विषय-क्रम
पृष्ठ
च
१
७
१०
१५
२०
२३
३१
४१
५१
६२
७४
८८
८९
१००
१४७
२३. ज्योतिष - प्रश्न, रमल, शकुन आदि
२४. सामुद्रिक शास्त्र
२५. आयुर्वेद
२६. कामशास्त्र
२७. संगीत
२८. काव्यशास्त्र - सामान्य
२९. काव्यशास्त्र - रस
३०. काव्यशास्त्र अलंकार
३१. काव्यशास्त्र - पिंगल
३२. काव्य-शास्त्र- नायिकाभेद
३३. काव्य
३४. महाकाव्य
३५. नाटक
३६. बौद्ध साहित्य (फोटो कापी)
३७. जैन साहित्य
३८. स्तुति-साहित्य
३९. संत-कांव्य
४०. रामकाव्य : तुलसीदास
४१. रामकाव्य : अन्य
१५१.
१५४
१९४ ४२. कृष्ण-काव्य
१९८
४३. इतिहास
२००
४४. आत्मकथा, परिचयी
२०७
२२४
४५. स्फुट
४६. परिशिष्ट
पृष्ठ
२६२
२६८
२७०
२८५
२८८
२८९
२९४
२९७
३००
३०४
३०६
३३२
३४०
३४२
३४४
३६४
३८४
३९८
४१०
४२०
૪૪૦
४४२
४४८
४५३
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हिन्दी संग्रहालय हिन्दी संग्रहालय एक शोध-प्रधान ग्रन्थालय है। उसको एक बृहत् ज्ञानकेन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित करने तथा अनुसंधान करने वाले विद्वानों के लिए अधिकाधिक उपयोगी बनाने में सम्मेलन के संस्थापकों का आदि से ही अविरत यत्न रहा है। हिन्दी संग्रहालय की स्थापना का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी रहा है कि उसमें ऐसी ज्ञान-संपदा एकत्र हो सके जिससे कि शोधकर्ता विद्वानों को एवं सामान्य अध्येताओं को एक ही स्थान पर हिन्दी साहित्य की सर्वांगीण जानकारी के साधन उपलब्ध हो सकें।
हिन्दी संग्रहालय को स्थापित हुए आज लगभग २५ वर्ष हो रहे हैं। वैशाख सुदी ११, सोमवार, संवत् १९८९ विक्रमी, तदनुसार दिनांक १६ मई, १९३२ को अयोध्यावासी स्वर्गीय लाला सीताराम जी के कर कमलों द्वारा हिन्दी संग्रहालय का शिलान्यास हुआ और देश पिता स्वर्गीय बापू जी ने ५ अप्रैल, १९३६ ई० को संग्रहालय का उद्घाटन कर उसके गौरव को प्रशस्त किया। इस ज्ञानकेन्द्र को खड़ा करने और उसका उत्तरोत्तर निर्माण करने में राजर्षि बाबू पुरुषोत्तमदास जी टंडन का निरंतर सहयोग रहा है।
हिन्दी संग्रहालय का कक्ष-विभाजन . संग्रहालय की ज्ञान-सामग्री पाँच कक्षों में विभाजित है : अनुशीलन कक्ष, वसु कक्ष, राजर्षि कक्ष, पुस्तकालय और रणवीर कक्ष। 'अनुशीलन कक्ष' संग्रहालय का प्रमुख कक्ष है, जिसमें वैज्ञानिक ढंग से मुद्रित ग्रन्थों को व्यवस्थित किया गया है। इन मुद्रित ग्रन्थों की संख्या आज ३१२०८ तक पहुँच गयी है। दूसरा मुद्रित पुस्तकों का 'वसु कक्ष' है। इस कक्ष की स्थापना प्रयाग के लब्ध प्रतिष्ठ डाक्टर ललितमोहन वसु द्वारा अपने स्वर्गीय पिता मेजर वामनदास वसु महोदय की पुण्य स्मृति में प्रदत्त उनकी बहुमूल्य चार हजार पुस्तकों, महत्वपूर्ण पत्रपत्रिकाओं के भेंट स्वरूप दिए जाने के फलस्वरूप की गई। तीसरे 'राजर्षि कक्ष' में राजर्षि टंडन जी के व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन से सम्बद्ध मूल्यवान् वस्तुओं का संग्रह है, जो कि समय-समय पर उनसे सम्मेलन को उपलब्ध होती रही है। संग्रहालय का चौथा कक्ष 'पुस्तकालय' है जो कि विभिन्न परीक्षाओं में प्रविष्ट होने वाले विद्यार्थियों एवं दिन के समय कार्य-व्यस्त रहने वाले पाठकों की सुविधा के लिए प्रातः तथा सायं खोला जाता है। इसमें सदस्य बन कर पुस्तकों को घर ले जाने का भी नियम है। पाँचवें कक्ष का नाम 'रणवीर कक्ष' है, जहां कि लगभग साढ़े पांच हजार हस्तलिखित पोथियाँ सुरुचिपूर्ण, कलात्मक एवं वैज्ञानिक ढंग से सुव्यवस्थित हैं।
रणवीरकक्ष की स्थापना हिन्दी संग्रहालय के संवर्द्धन और अनुसंधानकर्ता विद्वानों के हितार्थ अक्टूबर १९५० ई० को हस्तलिखित पोथियों की व्यवस्था के लिए एक पृथक् कक्ष की स्थापना की गयी, जिसका नाम रखा गया 'रणवीर कक्ष'। इस कक्ष का नामकरण उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जनपद के प्रसिद्ध अमेठी राज्य के वर्तमान राजकुमार रणंजय सिंह जी के स्वर्गीय अग्रज राजकुमार रणवीर सिंह जी की स्मृति में किया गया। उदारमना राजकुमार रणंजय सिंह जी ने अपने संग्रह की लगभग ३०१ पोथियाँ संग्रहालय को भेंट स्वरूप प्रदान की। राजकुमार जी की प्रेरणा से प्रयाग निवासी हकीम श्री मोहनलाल जी ने भी ३० पोथियां संग्रहालय को भेंट की।
सन् १९५० ईसवी से सम्मेलन की ओर से हस्तलिखित पोथियों का संग्रह कार्य बड़ी लगन एवं निष्ठा से सम्पन्न होना आरंभ हुआ। समय-समय पर अपने संग्रहकर्ता को बाहर भेज कर सम्मेलन ने इन बिखरे हुए ग्रन्थरत्नों को एकत्र करवाया। कुछ महत्वपूर्ण पोथियों को क्रय भी किया गया। अविरल यल से अल्पकाल में ही रणवीर कक्ष की पोथियों की संख्या साढ़े पांच हजार के लगभग पहुँच गयी।
१९५० ईसवी से पहले हमारे संग्रह में लगभग डेढ़ हजार पोथियां थीं। भारत के विभिन्न अंचलों में अपने अन्वेषक को भेज कर और स्वयमेव अपनी पोथियों को संग्रहालय में भेजने वाले सज्जनों के सहयोग से
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ही हमारा यह ग्रन्थ-विभाग आज अनुसंधानकर्ता विद्वानों का आकर्षण केन्द्र बना हुआ है। रणवीर कक्ष की सम्पूर्ण पोथियों की संख्या संप्रति ५३०० से ऊपर है। जिनमें ३१४० के लगभग संस्कृत की, १५७१ के लगभग हिन्दी की और ५९० के लगभग अन्य भाषाओं की पोथियाँ हैं। प्रस्तुत सूची-ग्रन्थ में संस्कृत, हिन्दी के अतिरिक्त अन्य भाषाओं की सभी पोथियाँ और निकट में उपलब्ध कुछ पोथियों का समावेश नहीं हो सका है। सूची-ग्रन्थ के परिशिष्ट में हमने बाद में उपलब्ध संस्कृत एवं हिन्दी की पोथियों की विवरणिका भी जोड़ दी है।
पोथियों का क्रम
- ग्रन्थ-संग्रह के आधार पर विषय-विभाजन होना स्वाभाविक है। उपलब्ध सामग्री के आधार पर प्रत्येक विषय को हमने उसके उपांगों में अलग बाँटने का यथासाध्य यत्न किया है। उदाहरण के लिए एक ही काव्यशास्त्र विषय की पोथियों को सामान्य, रस, अलंकार, पिंगल और नायिकाभेद आदि उप-विषयों में अलग कर दिया गया है। इसी प्रकार एक ही काव्य विषय की पोथियों को काव्य, महाकाव्य, नाटक, संतकाव्य, रामकाव्य, कृष्णकाव्य आदि उपांगों में पृथक् कर दिया है। विषयों का अनुक्रम यद्यपि डिवी के अनुकरण पर है, फिर भी इस सूची में डिवी की दशमलव प्रणाली का अनुसरण करने की आवश्यकता नहीं समझी गई। अनुसंधानकर्ता विद्वानों की सुविधा-असुविधा को ही ध्यान में रखा गया है। प्रत्येक विषय की पोथियों को अकारादि क्रम से रखा गया है। एक शीर्षक की अनेक पोथियों को उनके निर्माताओं के नामाक्षरों पर आगे-पीछे रखा गया है। इसी प्रकार एक ही पुस्तक की अनेक प्रतियों में पहिले उस प्रति को रखा गया है, जिसका लिपिकाल सब से पुराना है; वह भले ही पूर्ण अपूर्ण किसी भी स्थिति में हो। उसके बाद उन पोथियों को रखा गया है, जिन पर लिपिकाल तो नहीं है, किन्तु जो पूर्ण हैं।
प्रत्येक पोथी के साथ दो संख्याएँ दी गई हैं। ये संख्याएँ उसके निर्धारित स्थान का संकेत करती हैं। छोटी संख्या वेष्टन-संख्या और बड़ी संख्या ग्रन्थ-संख्या है। दोनों संख्याओं का आरम्भ एक साथ हुआ है; किन्तु वेष्टन संख्या से ग्रन्थसंख्या का बढ़ जाने का कारण यह है कि एक ही जिल्द में समेटी हुई अनेक पोथियों की संख्या बढ़ गयी, जबकि जिल्द की संख्या केवल एक ही रह गयी।
पोथियों की नामावली शुद्ध रूप में लिखी गयी है। उदाहरणार्थ हस्तलिखित प्रतियों में जहाँ-तहाँ लिपिकारों ने 'भागवत भासा' आदि लिखकर मनमाने ढंग का प्रयोग किया है, वहाँ-वहाँ उनको सुधार कर उसकी जगह 'भागवत-भाषा' कर दिया गया है।
___ ग्रन्थकारों के कोष्टक में उन्हीं का नाम दिया गया है, जिनका मूल पोथी में उल्लेख हुआ है। कहीं-कहीं ग्रन्थकार का नामोल्लेख न होने पर भी अन्यत्र उल्लिखित प्रामाणिक खोजों के आधार पर या प्रतियों के मिलान करने पर अथवा ग्रन्थ की प्रसिद्धि के आधार पर, यथा 'रामचरित मानस' के कर्ता केवल गोस्वामी तुलसीदास ही हो सकते हैं तथा 'रघुवंश' को महाकवि कालिदास ने ही निर्मित किया है; ग्रंथकारों का नाम स्वयं भी लिख दिया गया है। ग्रन्थकारों की नामावली में मूल नाम पहले और उपाधि या ख्यात बाद में जोड़ी गयी है। यथा : रघुराज सिंह, महाराज।
लिपिकाल को जहाँ-जहाँ कोष्टक में बन्द कर के लिखा गया है. वहाँ-वहाँ यह सचित किया गया है कि जिस जिल्द की एक लिपि द्वारा लिखी गई पोथियों में वह सम्मिलित है, उस जिल्द का वह लिपिकाल है। प्रायः होता यह है कि एक ही लिपिकर्ता द्वारा लिखी गयी अनेक पोथियों की एक जिल्द में किसी भी पोथी पर कभी-कभी लिपिकाल मिल जाता है। इससे यह निश्चित हो जाता है कि उस जिल्द की दूसरी पोथियाँ भी। उसी समय लिखी गयीं। क्योंकि ऐसी एक जिल्द की प्रत्येक पुस्तक की पुष्पिका में लिपिकाल नहीं लिखा रहता है; इसलिए ऐसी पुस्तकों का लिपिकाल कोष्टक में कर दिया गया है।
पोथियों के कागद को दृष्टि में रख कर उनके मोटे दो भाग किए गए हैं : पुराना और नया। विक्रमी संवत् १८०० से पहले की सभी पोथियों को पुरानी और उसके बाद की पोथियों को नई माना गया है। यह आधार वैज्ञानिक न होकर सुविधा की दष्टि से किया गया है।
विशेष विवरण के कालम में जहाँ आवश्यकता प्रतीत हुई, पोथी के संबंध में विशेष सूचना दे दी गई है।
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( ज )
ग्रंथदाताओं के प्रति आभार प्रदर्शन हम उन सभी ग्रंथ-स्वामियों और हिन्दी प्रेमी सज्जनों के प्रति हृदय से आभारी हैं, जिन्होंने अपने मूल्यवान् ग्रन्थों को भेंट-स्वरूप प्रदान किया है तथा हमारे अन्वेषक का यथोचित निर्देशन कर अपना भरपूर योग दिया है। ऐसे महानुभावों में राव मुकुंद सिंह जी, श्री विष्णुदत्त जी वैद्य, श्री भोड़ा सिंह जी, श्री शिवदत्त जी नागर, श्री गोविन्दराम जी मेहता, बूंदी (राजस्थान), श्री पुरुषोत्तमलाल जी कोटा, श्री कमलाकर जी 'कमल' जयपुर, श्री पुरुषोत्तमलाल जी चतुर्वेदी, झालावाड़, श्री कृष्णागोपाल जी शर्मा, नेनवां (बूंदी राज्य), श्री शंकरलाल जी बोहरा, श्री लालचन्द जी, प्राच्य महाविद्यालय के संस्थापक श्री विष्णुदत्त जी तथा श्रीमती चंद्रकुंवारी बाई जोधपुर के नाम उल्लेखनीय है।
दरबार कालेज छतरपुर (मध्यप्रदेश) के तत्कालीन प्रिंसिपल श्री हरिराम जी मिश्र एवं प्राध्यापक श्री उर्मलाप्रसाद जी, श्री प्रेमनारायण जी खरे, श्री ब्रह्मदेव जी शर्मा, छतरपुर के प्रसिद्ध कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं विध्यप्रदेश के भूतपूर्व गहमंत्री श्री दशरथ जी जैन, विध्यप्रदेश के भूतपूर्व शिक्षा एवं वित्तमंत्री श्री महेन्द्रकुमार 'मानव' के अनुज श्री सुरेन्द्र कुमार जी और छतरपुर के ही सुपरिचित साहित्य-प्रेमी बाबू मोतीलाल जी, श्री श्रीनिवास जी शुक्ल, श्री सीताराम जी वर्मा एवं श्री सदाशिव जी शास्त्री, टीकमगढ़, श्री धनीराम जी धनेश, पन्ना, श्री ईश्वरी सिंह जी नरूका, पं० गिरिधर लाल जी, पं० शिवनारायण जी बोहरा, अलवर, और ठाकुर दिगंबर सिंह जी, रायगढ़, प्रभृति सज्जनों के भी हम हृदय से अनुगृहीत है।
इन महानुभावों के अतिरिक्त जिन दूसरे सज्जनों ने सम्मेलन संग्रहालय को भेंट स्वरूप अपनी पोथियां प्रदान की हैं, उनमें प्राणाचार्य श्री शोकहा देवनारायण जी शर्मा, प्रयाग; श्री माताम्बर जी द्विवेदी एवं श्री रासबिहारी जी द्विवेदी मिरजापुर का नाम उल्लेखनीय है। इन सज्जनों के प्रति भी हम आभार प्रकट करते है। उक्त सभी सज्जनों के सहयोग को शिरोधार्य करते हुए हम भविष्य में भी उनके द्वारा इसी प्रकार की सहायता एवं ऐसा ही कृपा भाव बनाए रखने की कामना करते हैं।
यह सूचीग्रन्थ मेरे निर्देशन में हिन्दी-संग्रहालय के वर्तमान अन्वेषक श्री वाचस्पति गैरोला ने बड़े परिश्रम से तैयार किया है। देश के विभिन्न अंचलों से सहस्रों ग्रन्थों को एकत्र कर और उन्हें सुरुचिपूर्ण ढंग से रणवीर कक्ष में व्यवस्थित कर के गैरोला जी ने सम्मेलन संग्रहालय के लिए स्थायी महत्त्व की सेवा की है।
रामचन्द्र टंडन
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भागामी योजना
सम्मेलन के हिन्दी संग्रहालय का हस्तलिखित ग्रंथ-विभाग उत्तरोत्तर अधिकाधिक उपयोगी सिद्ध हो सके और उसका सर्वांगीण प्रसार हो, इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु हम, भारत के प्रमुख ग्रंथालयों में एवं व्यक्तिगत लोगों के पास सुरक्षित, उन दुर्लभ पोथियों को फोटो कापी कर के प्राप्त करेंगे जो हमारे संग्रह में नहीं हैं। इस कार्य के लिए हमने एक लाइका कैमरा का प्रबन्ध कर लिया है।
प्रस्तुत सूचीग्रंथ के बाद प्रत्येक भाषा की पोथियों का विस्तृत विवरण हम अलग-अलग खंडों में प्रकाशित करेंगे। इन खंडों में एक-एक पोथी के संबंध में यथेष्ट सूचनाएं संकलित रहेंगी।
यह गुरुतर कार्य तभी सुचारु रूप से संपन्न हो सकता है, जब संबंधित व्यक्तियों, ग्रंथ-स्वामियों और देश के विद्वानों का सहयोग हमें मिलता रहेगा। हम भविष्य में ऐसा भी यत्न करेंगे कि मूल्य लेकर अपनी हस्तलिखित पोथियों को देने वाले सज्जनों से उनकी पोथियां ऋय कर सकें। .
___ हस्तलिखित पोथियों और प्राचीन कलाकृतियों के संरक्षण के लिए अपनी सरकार की योजना का हम हृदय से स्वागत करते हैं, और आशा बनाए हैं कि यथाशीघ्र ही सरकार इस देशव्यापी राष्ट्रीय महत्व के कार्य में क्रियात्मक रूप से प्रवृत्त होगी।
रामप्रताप त्रिपाली सहायक मंत्री
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________________
क्रम
संख्या
१
२
३
४
५
६
७
G
ε
१०
वेष्टन
एव
ग्रंथ-संख्या
१२२० अचिन्त्य - कौमुदी
१८२०
१२२० | अद्वैत - चिन्ता - कौस्तुभ
१८१६
१२२४
१८२४
६०४ अद्वैत - दीपिका १४१६
११७६ अद्वैत - विवेक
१७७८
ग्रंथ
१५१२ | अपरोक्षानुभूति
२८३५
१२८८
१९१६
३१५ आनन्दगिरीय भाष्य
३४३
१३६ तत्व-निरूपण
१४६
६८ तत्त्व-बोध
७८
महादेवानन्द सरस्वती
शंकराचार्य
ग्रंथकार
भारतीतीर्थ विद्यारण्य
शंकराचार्य
शंकराचार्य
दर्शन - शास्त्र
रचनाकाल
|
T
T
लिपि-काल भाषा
-
T
T
१८८३ वि०
|
1
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संस्कृत
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पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
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37
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कागद
पुराना
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11
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
४० : १२ ।। ४५ ।। ”
१२४ : १२४५॥”
५४ : १३×५॥”
१३६ : ११४४॥ "
२०:
१६ :
४५ :
५६ :
४ :
३३:
१०×५”
८॥X५”
८५३॥"
५।।X५”
511X8"
६ x ३”
विशेष विवरण
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________________
दर्शन-शास्त्र
वेष्टन
पथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११४२ | तत्व-विवेक (दीपिका सहित) | भारतीतीर्थ विद्यारण्य
पुराना
३२:
१०४५"
ट ० रामकृष्ण (विद्यारण्य जी । के शिष्य)
१२ । १६२३
३१८६
'शंकराचार्य
३२:
१०४५"
१३ | २०१४
४२६८
(दार्शनिक ग्रंथ)
७३ :
१०x४"
.
| पंचकोश-विवेक
भारतीतीर्थ विद्यारण्य
१७:. १०४५"
१७३८
पतंजलियोगशास्त्र-भाषा
४४: ११४४."
२२५६
प्रीति-पदक
८:
॥४४॥"
२७३४
१७ १८२२
| बज्रसूचीपंचम ३४२२
शंकराचार्य
१०:
६x४"
१८१२१४
१८१३
नया
११: १०॥४४॥"
१६
१३११ १९८५
ब्रह्म-जिज्ञासा
पुराना
२० ।
७५३ ९६२
शंकराचार्य
६२: १०॥४४||"
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________________
वर्शन-शास्त्र
। वेष्टन
एवं संख्या
ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
काल
२१
८६६ ब्रह्मसूत्रवृत्ति १३६५
रामानंद सरस्वती
संस्कृत
| अपूर्ण
पुराना
२५० : १४४७"
२२
२८:
१३४४||"
६३२ ब्रह्मानंद-अात्मानंद १५०७.
११२६ | महावाक्य-विवेक १७२८
रामकृष्ण
६:
१०४५"
लौगाक्षि भास्कर
१६२८ वि०
"
नया
२४ १४४५ | मीमांसा-पूर्व
२५०५
४४: ११४५॥
२५ ।
७८३ | मीमांसा-शास्त्र 880
शिवदत्त, पंडित
पुराना ।
१२८:१०॥४४॥"
योगवाशिष्ठ-भाषा
हिन्दी
३८४: ११४८."
३४६४
२७ - १३८६
२२५२
७:
१०४७"
२८ - १९९५
४२५५
३५:
७॥४३॥
योगवाशिष्ठ-विवरण
महीधर पंडित
१८३१ वि० संस्कृत
५२: १२४५॥"
३१५४
७७२ | योगवाशिष्ठ (सटीक)
१७६२ बि
/ ११६: ८॥४४" | टी० विश्वेश्वर
९५१
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________________
दर्शन-शास्त्र
वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
रचनाकाल
रचना- लिपि-काल |
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
योगवाशिष्ठ-सार
१७६७ वि० संस्कृत
| पूर्ण
पुराना
२४:
४५"
२७६१
३२ | १९४६
घाल कवि
१९११ वि० हिन्दी
नया
५५:
॥४६॥"
४१०५
३३ १६५२
संस्कृत
पुराना
| १६:
६x४"
३२७४
३४
८०७ १०८६
योगानुशासन
पतंजलि
२६ : १०॥४४॥"
३५/ १५२३ | विवेकदर्पण
२८४१
दयाशंकर मिश्र
.
२००५ वि. २००५ वि० हिन्दी
नया
।
७६:
८४६"
६
१३११ १९८७
संस्कृत
अपू
पुराना
२०:
६॥४४॥"
शंकराचार्य
४८० | वेदांत-तत्वसार ५२४
१८८१ वि०
"
| २१:
१४५"
वेदांत-सार-टीका
६६: १०४४॥"
१३७२
वेदांत-सिद्धांत
शंकराचार्य
८:
६x४".
१५४६
४०
८०७ वैशेषिक-शास्त्र १०८७
४१: १०॥४४॥"
Page #14
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________________
दर्शन-शास्त्र
| वेष्टन
एंव
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
सल्या ग्रंथ-संख्या
४१ १४६१ शारीरिकमीमांसा-भाष्य
२७०४
शंकराचार्य
१६२५ वि०
संस्कृत
पुराना | ४५ : ११॥४६"
४२
११४६ १७४७
१३४ : १०॥४५"
८५
१५५ : १२४६"
१३४०
शास्त्रसिद्धांतलेश-संग्रह
३५: १०x४॥"
१४०२
४५
वल्लभाचाय
१५६४ | सिद्धांत-मुक्तावली ३०८०,४
१८४६ वि०
८:
६४४"
१५३३ । शत्प्रश्नोत्तरीभाष २८६६
मनोहरदास निरंजनी
१७००वि.१८२६ वि० हिन्दी
३१: ११॥४॥"
"
"
१८४५ वि०
"
४७ १५३२
२८६१
२०:६x४॥"
४८ १२६७
१६४३
५:
४४"
४६ १४३५ षट्-प्रश्नी-निर्णय
२४५६
-- (१८२६ वि०)
४०५:
८॥४५"
५०
७८३ सांख्यकारिका ९६१
संस्कृत | पूर्ण
६६ : १०॥४४॥" |
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________________
दर्शन-शास्त्र
वेष्टन
.
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
८७८ सांख्यतत्व-कौमुदी १३०५
-
.
. १७०० वि. १८२६ वि०
संस्कृत | अपूर्ण ।
पुराना ४२: ११४४॥"
Page #16
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________________
तर्क-शास्त्र (न्याय)
1. वेष्टन
| ‘एवं
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१
१६०० । कारिकावली ३७३०
विश्वनाथ पंचानन
संस्कृत
२८ : ११४४॥"
ا
२
१०२२
ه
सद्धांत मुक्तावली
की टीका)
१९०६ वि० (संस्कृत
हिन्दी
१२७: ८४६॥"(सरदार कवि ने
२ भी इस पर उप
टीका लिखी है। १७: ११॥४५"
.
سه
तर्क-संग्रह
अन्नंभट्ट
१९१२ वि० संस्कृत
१४६६
".
"
। पुराना
| १६ : १०॥x४"
१४६३
१४:
॥४५"
७६६
६९९३
१५८६
,
२३ :
७४४"
१२:
८४५"
२७८०
८
।
१५०५ | तर्क-संग्रह (दीपिका सहित) २७६२
१८११ वि०
.,
५६ :
११४४" | टी०रामकृष्ण पंडित
8
८६४ १३५८
१७७४ वि०
२३: १२॥४५"
१०९४६
१८८८ वि०
२७: १२४५॥"
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________________
तर्क-शास्त्र
| वेष्टन ।
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१२५० १८५६
तर्क-संग्रह (दीपिका सहित)
अन्नभट्ट
१६०६ वि०
संस्कृत | पूर्ण
नया
। ७१:
११४४" टी० रामकृष्ण पंडित
| ५१ :
६४५"
१०४१
८०७ १०८६
१०:
१०४५"
१४ | १०३२
१६२८
१४:
॥४४॥"
१५ १५१७
२८१६
तर्क-संग्रह (न्यायबोधिनी सहित)
| १६३१ वि०
नया | २७ : ११॥x ५॥" | टी० गोवर्धनाचार्य
१६ १०६५
१६६२
पुराना - २५:
॥x४" ||
१७ | ८७७
१२९७
३३:
११॥४४"
१८ | ११००
तर्कामृत
जगदीश भट्टाचार्य
१८५५ वि०
४१:
१०x४"
१६ | १४६२
२५८५
"
४१:
॥x४"
४८३ | न्याय-दीपिका ..११६३
४४:
८४४॥"
Page #18
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
२१
२२
२३
२४
२५.
२६
२८
वेष्टन एवं
ग्रंथ- संख्या
२६
८४२ न्याय-सिद्धांत-मंजरी
११८७
८०७ १०८५
२७ १६७
२०६
न्याय - सूत्र
१०४२ प्रकाश चंद्रिका
१६३८
१५०१ २७५२
११४० पंचभूत-विवेक ( दीपिका सहित) भारतीतीर्थ विद्यारण्य १७३९
१५०१ सिद्धांत - मुक्तावली
२७५०
१८८१
३७१४
ग्रंथ
"
"
56
१५५३ हेत्वाभास
२६५०
चूड़ामणि भट्टाचार्य
सरदार कवि
विश्वनाथ
ग्रंथकार
m
,"
T
तर्क-शास्त्र
रचना
काल
|
1
T
T
T
लिपि-काल भाषा
१७०३० संस्कृ
१९२४ वि०
T
हिन्दी
संस्कृत
11
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"1
अपूर्ण
पूर्ण
अपर्ण
A
"1
कागद
पुराना
नया
पुराना
"
11
"1
"
,
पृष्ठ एवं आकार
६५ :
४२ : १० ॥ ४४ ॥ "
२५ :
१० ॥ ४"
२१७ : ७।। ६ । "
५६ :
४१ : १० ।। × ४ । "
६:
१४१ :
१० X५” | टी० रामकृष्ण
१० X ४ । । "
१० X ४ । । "
९ x ४ । । ”
११ : १२ ।। ४५ ।”
९
विशेष विवरण
सिद्धांत मुक्तावली. की टीका
Page #19
--------------------------------------------------------------------------
________________
धर्म (अध्यात्म)
| वेष्टन ।
ग्रंथ
___ ग्रंथकार
| एवं ग्रंथ-संख्या
रचना- लिपि-काल
भाषा
काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या
। काल
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
-
हिन्दी
| पूर्ण
पुराना
१ . ६३४ | अज्ञान-माहात्म्य-वर्णन
१५२३
५५:
८४३॥" | योग-वाशिष्ठ
२
अध्यात्म-दीपिका
७८६ १००२
संस्कृत
। ३:
१०४५॥"
३ | १३०७
१९७२
अध्यात्म-प्रकाश
सुखदेव
हिन्दी
१४ :
६४४॥"
अध्यात्म-बोध
साधूराम
१५:
५॥४५"
२१७१
मोहनदास
६:
.५ | १३३३ | अध्यात्म-लीला
२०५३
८४४॥"
नोहरदास
१९१३ वि०
"
६ ! १५८८ | अनुभव-ज्ञान
३०६१
___७॥x४"
७ |
अपरोक्षानुभव
शंकराचार्य
६१८ १४५७
१८५३ वि० संस्कृत , अपूर्ण
४८ :
८॥४४॥ हिन्दी टीका सहित
८ । १६२१ | अष्टावक्र-ग्रंथावली
३१७८
अष्टावक्र, मुनि
११६ : ५४ ३॥"
६
१६१६ | आत्म-निंदा ३८६३
१८७४ वि० राजस्थानी
८:
१०x४॥"
शंकराचार्य
१० । १८२२ श्रात्म-पूजा
३४३७
१९३४ वि०
संस्कृत
नया |८:
८४४॥"
Page #20
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
११
१२
१३
१४
१५
१६
१७
१८
१६
२०
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१३१९ श्रात्म-प्रकाश २००८
१४०५ | श्रात्मबोध
२३१९
१७४७
३३५२
८८८
१३४६
""
२००४ उपदेश सहस्त्री (सटीक)
४२६४
१८८० क्यांमंतनामा ( कयामतनामा )
३७१०
१५२८ गायत्री - भाष्य
२८६४
१३६७ गुरु- प्रकाश २१७८
ग्रंथ
१३३४ २०५६
१४४४ | जीवन-मुक्ति विवेक
२५०४
ज्ञान-प्रकाश
माणिकदा
शंकराचार्य
1
प्राणनाथ स्वामी
ग्रंथकार
वल्लभाचार्य
कमलाजन
विद्यारण्य मुनि
कृष्णदास
रचनाकाल
1
T
धर्म
1
लिपि - काल
1
१९३७ वि०
भाषा
1
हिन्दी
१७३० वि. १६०० वि० हिन्दी
सस्कृत
17
संस्कृत
१८४७ वि० हिन्दी
१८३३ वि० संस्कृत
हिन्द
पूर्ण या अपूर्ण | कागद
पूर्ण
पुण
अपूर्ण
पूर्ण
44
1:
50
पुराना
नया
ז'
पुराना
"
पृष्ठ एवं आकार
25:
८ :
२३ :
२७० :
७५ :
८ :
८८ :
११॥×६”
१३×५ "
ε:
E11 x 2"
१२३ : ६॥ ६ ॥”
१३४७" टी० रामतीर्थ
१३॥×७”
१२x६”
211 x 9"
१४३ : १२४३॥ "
६ ॥ ४४ ॥ ।”
११
विशेष विवरण
Page #21
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२१
२२
२३
२४
२५
२६
२७
२८
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
३०
६४ शान - प्रबोध - मंजरी
१०२
१३४८ शान-बोध
२१०६
१४८१
२६५६
१३८६ २२६६
"
१६१५
३१५०
ज्ञान-माला
१३०४ ज्ञानार्णव (ज्ञान-प्रकाश)
१६५६
१६१५
३१५३
ग्रंथ
१००६ तत्वानंद तरंगिणी
१६०४
द्वादश- महावाक्य
२६ ८१६ निबंध-सर्व-निर्णय
११२२
१५६४ | बालबोध |३०८०.५
शंकराचार्य
माखन कवि
शंकराचार्य
1
पूर्णानंद परमहंस
शंकराचार्य
ग्रंथकार
33
वल्लभाचार्य
रचनाकाल
T
1
T
धर्म
लिपि - काल
--
1
१८७६ वि० हिन्दी
T
१८६४ वि०
T
भाषा
१८४६ वि०
संस्कृत
संस्कृत
हिन्दी
संस्कृत
"
"1
54
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
44
=
पूर्ण
पूर्ण
q
पूर्ण
34
कागद
पुराना
33
नया
पुराना
"
"1
"1
"7
"
पृष्ठ एवं आकार
२५ :
८२ :
५४ :
४१ :
३६ :
५६ :
१८ :
5 × 811"
६।६
६ :
५ ॥ ४३"
॥७
॥५॥"
211 X 8"
१२×५”
२० : ११॥ ४४ ॥"
४३ : १०x४ | "
६x४”
१२
विशेष विवरण
Page #22
--------------------------------------------------------------------------
________________
धर्म
१३
| वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
३१
मन-प्रबोध
नया
२०:
६७६ १५७२
॥४४॥"
७६७ महादेव-पार्वती-ज्ञान-गोष्ठि १०३६
२८:
. ७४५"
३३
८२६
| वाक्य-सुप्रकरण
शंकराचार्य
संस्कृत
पुराना
६x६"
विचार-चिंतामणि
एकाराम
३८:
८॥४६"
३५
विचारमाला
२५: ७॥४४॥"
१४८८ २६८८
३६ | १८२६ | विवेक-चिंतामणि
३४७१
३०:
८४६॥"
३७ | १९८३
४२४४
विवेक-चूड़ामणि
शंकराचार्य
नया
| २२४ :
८४६॥"
३८
१८६६ ३७७०
विशूचिकोपाख्यान
स्वरूपसिंह कायस्थ
१९६४वि. १६६४ वि० हिन्दी
"
| ४५ :
६x६" | मूल प्रति
३६ | १६०६ | विषोपहार
३८१०
|१७१५वि.
--
,
पुराना
८:
६४७”
१०
शंकराचार्य
१८९३ वि०
संस्कृत
१५७४ | विष्णु-सहस्रनाम-भाष्य ३०१८
१३० : ११॥४५॥"
Page #23
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
| वैष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
२३६ | शिवतत्व-विवेक १५२१
पुराना
३६६: १३४४॥"
४२, १७२७ स
| सत्य-दर्शन
रम्मन स्वामी
. नया
|
४६ : ६॥४४॥"
सर्वसार-उपदेश
अनाथदास
१७२६ वि० हिन्दी
पुराना ।
| ११४ : १२४६"
२००५
सुगमबोध
जीवनराम नागर
१६१७ वि०
नया
१५३ : ६॥४
॥"
३२६१
तत्वबोध का भाषांतर
१६१७ वि०
२६ :
७॥४
॥"
४५ १६२८
३२६२
Page #24
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१
२
३
४
५
६
७
८
९
१०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१५२७
२८५६
११६३
१७६२
१६०
१६८
१९६८ | देवी सूक्त
३६१८
६६३
१५५३
५६०
६३७
३३ ३८
२०७
२१८
१६४२ ३२५४
अष्टादशसहस्र-संहिता
गणेश-सूक्त
पुरुष सूक्त
ग्रंथ
पुरुषसूक्त-भाष्य
१६२५ मंत्र - संहिता
३१६८
शंकराचार्य
ग्रंथकार
शौनक, महर्षि
वैदिक
रचनाकाल
T
1
――
T
T
लिपि-काल
T
T
१८७३ वि०
T
१९७४ वि०
1
१६१७वि०
भाषा
संस्कृत
"1
=
पूर्ण या अपूर्ण | कागद
अपूर्ण
-
अपूर्ण
:
9
पूर्ण
पुराना
नया
पुराना
1:
नया
पृष्ठ एवं आकार
११२:
5:
२२ :
७:
१५ :
४८ :
८:
५३ :
१०×५
७७:
५४३ ।। "
२४ : ११॥ + ७॥ "
६×५ ”
५x४”
६x४′′
६×३।।”
५ ॥ X ४"
८५ ।। "
६ x ४ ।। "
१५
विशेष विवरण
Page #25
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
११
१२
१३
१४
१५
१६
१७
१८
१६
२०
बष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
१४६२ २५८४
२३
२७
१७१८
३३२२
११३८
१७३७
७६७
६१५
५००
५४४
६२५
६७४
१४१८
२३८६
१४३८
२४७०
१७०१
३३०३
मंत्रावबोध
मंत्रोद्धार
रुद्री
"
"7
"1
"1
39
ग्रंथ
ग्रंथकार
सुंदर शुक्ल
रचनाकाल
T
|
T
वैदिक
1
लिपि -काल
१७४६ वि० संस्कृत
T
१९३३ बि०
१९३५ वि०
१९४१ वि०
1
भाषा
1
=
"1
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
"
"1
अपूर्ण
"1
"1
कागद
पुराना
नया
11
"1
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
४६ :
१५ :
७२ :
५६ :
६४ : १० ।। ४४ ।"
८ :
१७० : ६४४ || "
१६:
१०×५”
७:
EX५”
१३४ :
१०x४ ।। "
६x४"
१० ५"
εX५”
६ x ४|| "
८ X५”
१६
विशेष विवरण
Page #26
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२१
२३
२२ ८२६
११४३
२४
२५
२६
२७
२८
२६
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
३०
१७६६ लक्ष्मी-सूक्त ३४१०
४७७
५२१
५२६
५७५
१७८६
३४०३
१४७०
२६२७
८१७
११२४
८४५
१२०२
"1
७५४ वाजसनेय-संहिता
८५१
६१६ १४६०
"
11
ग्रंथ
"
वाजसेन, महर्षि
"
ग्रंथकार
"1
रचनाकाल
1
}
T
वैदिक
T
1
-
लिपि-काल
१८८८ वि०
१९२५ वि०
१९४३ वि०
१६६० वि०
१८०२ वि०
१८२२ वि०
१८२२ वि०
१८२५ वि०
भाषा
संस्कृत
"1
"
""
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्णं
कागद
पुराना
नया
"
15
पुराना
"1
पृष्ठ एवं आकार
३० :
८ :
६ :
७:
१७ :
२६८ :
४३८ :
२६३ :
७४५।।”
३३० :
८४५ ।। "
४१६ : ७४४ || "
६ ।। x ४"
५ ॥ ४४"
EX ३ ॥ "
१० X ७"
८X५”
६x४"
६x४"
१७
विशेष विवरण
लिपिकाल की दृष्टि से महत्त्व
Page #27
--------------------------------------------------------------------------
________________
वैदिक
.१८
| वेष्टन
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या |
ग्रंथ-संख्या
३१ | १४६२ | वाजसनेय-संहिता
२७१२
वाजसेन, महर्षि
१६०० वि०
संस्कृत
१२:
८॥४
॥"
३२ | १६३७
३२३६
५३६ : १२॥X८"
३३ । १९२६
१५८ : ४॥x५"
(दीर्घपाठ)
१९७०वि०
३४ | १५८६
३०६५
"
".
२८ :
६४५"
३५ | १०८
१४२६
पुराना | ४६६ :
६x४"
१६२४ ३१६४
२७४ :
६x४"
"
३७ - १८५५
३५८४
(ईशोऽध्याय) |
"
४: .
८४५"
३८ २०००
३६२२
वृहस्पति-संहिता
११२:६x४॥"
३६ १०६७
श्रीसूक्त-विवृति
२८: ११४४॥"
४०
७१३ | सुदर्शन-संहिता .
१६०८
| नया
१९७ : ११४४॥"
७८४ ।
Page #28
--------------------------------------------------------------------------
________________
वैदिक
। वेष्टन
पंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल __ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
॥ ग्रंथ-संख्या
संस्कृत
नया
१३:
| १६५५ | स्वस्ति-वाचन
३२८२
७४६॥"
१९३६
२५:
६४५॥"
३८१०
८६६
हस्त-स्वर-प्रक्रिया
अग्निहोत्र मल्ल
पुराना
१४:
६॥x४"
१३९३
Page #29
--------------------------------------------------------------------------
________________
उपनिषद्
म.
वेष्टन
एवं
- ग्रंथ
ग्रंथकार
| लिपि-काल
भाषा
सख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
अल्लोपनिषद्
अबुलफजल
१७८० | ३३८६
संस्कृत
३:
७४४॥"
२
भारण्यकोपनिषद्
१६१८ वि०
१५६८ ३००६
३२ :
१२॥x
"
ईशावास्य-टिप्पणी
३. १५८६
३०६३
| निश्चलदास
१९१७ वि०
७६ :
६४५"
ईशोपनिषद्
१६१६ वि०
१४ :
१२॥४८"
३२२३
ऐतरेयोपनिषद्
५ | १६३१
३२२६
१६१८ वि०
१३: १२॥४८"
।
कालिका-उपनिषद्
१८८० वि०
११:
७४४॥"
४५८ ५००
७
कठोपनिषद्
१९१८ वि०
२२:
१२॥४८"
१५४८ ३००२
केनोपनिषद्
१६१८ वि०
"
१५ :
१२॥x
"
३००३
१९१७ वि०
१८१: १२॥४८"
१५६८ | छांदोग्योपनिषद्
३००५ १० | १३४ | तैत्तिरीयोपनिषद्
२११३
१९१७ वि०
२४:
१२॥x"
Page #30
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
११
१२
१३
१४
१५
१६
१७
१६
वेष्टन
एवं
ग्रंथ - संख्या
२०
१५६८ २००८
११५६
१७५५
३७२ ४११
१५६८ ३००४
१८१५
३४१४
१९३०
३७८५
१८ १५६८
३००१
१५६७ २६६६
१८१४
३४१४
१६३१ ३२२२
तैत्तिरीयोपनिषद्
ग्रंथ
नारायण-उपनिषद्
परमहंस - उपनिषद्
प्रश्नोपनिषद्
11
भावनोपनिषद्
माण्डुकोपनिषद्
मुण्डकोपनिषद्
मुक्तिकोपनिषद्
शंकरानंद
शंकराचार्य
ग्रंथकार
उपनिषद्
रचनाकाल
1
1
T
1
/
लिपि-काल भाषा
१८८६ वि०
१९२७ वि०
१९१८ वि०
१९१८ वि०
१९१७ वि०
हिन्दी
संस्कृत
"
W
"1
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
11
"
"
"1
"1
कागद
पुराना
""
"
नया
पुराना
नया
"1
"1
पुराना
नया
पृष्ठ एवं आकार
४८ :
६ :
१० :
८:
5:
१३ : १२ ॥ X ८"
११:
८:
८५।। "
३८ :
.εXX11"
६x४"
१०x४"
७×३॥”
१२ ॥ ८"
१२ ॥ X ८"
१० X ७"
१२ ॥ X ८"
२१
विशेष विवरण
Page #31
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
२१
२२
२३
२४
२६
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
२७
१७३१ |रामतापणी - उपनिषद्
३३३५
१९७४ रुद्रोपनिषद्
३८६४
२५ ४१५
४४७
ग्रंथ
१४९१ वज्रसूचिकोपनिषद्
२७०७
१५३० विज्ञानोपनिषद्
२८८४
श्यामोपनिषद्
१६३१ सर्पोपनिषद्
३२२४
१६२९ | सर्वसारोपनिषद्
३२१४
शंकराचार्य
1
ग्रंथकार
उपनिषद्
रचना- लिपि-काल
काल
T
T
T
T
१९१७ वि०
१९१२ वि०
भाषा
संस्कृत
""
39
""
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
"1
कागव
नया
पुराना
2
"1
"
नया
11
पृष्ठ एवं आकार
१८ :
६:
६:
५:
५:
5:
११ :
१०x४।।”
६x४।। "
११४५ ।। "
εx &"
८x४"
१२ ॥ X ८"
८ x ३ ॥”
२२
विशेष विवरण
Page #32
--------------------------------------------------------------------------
________________
भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
सख्या
ग्रंथ-संख्या
१३०३ | अर्जुन-गीता १६५७
रामरतन
हिन्दी
पुराना
४०:
८॥४
॥"
२
११५४ १७५३
संस्कृत
१२:
७४४"
१५२८
अवधूत-गीता
जनार्दन दत्तात्रेय
१६२४ वि०
नया
| ४०: २०४५॥" |
.
२८६३
४
१७८० वि०
१६५२ ३२७७
पुराना | ५०:
६४॥"
१९२०वि०
नया
११५: ६x६॥"
| ३०६४
उग्रगीता
१८०५ वि० | हिन्दी - अपूर्ण
पुराना
१२२:८॥x६"
३६७०
इसमें कबीर-धर्मदास के संवाद वर्णित हैं।
उत्तरगीता
सीताराम
१४५: ६॥४४॥"
१७८२
८
२०१२ ४२७७
गर्भगीता
सुखदास
हिन्दी ।
नया
६४: ७४५॥"
8.
८२८ | गीता-गूढार्थदीपिका ११४८
मधुसूदन सरस्वती
१६४६ वि०
संस्कृत
पुराना
१०३४: १०x४"
(लिपि-काल की
दृष्टि से पोथी । महत्वपूर्ण है।
गीता-ज्ञानप्रकाश
पाखर मल्ल
१८०७ वि० - हिन्दी
२०००
Page #33
--------------------------------------------------------------------------
________________
भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
२४
| वेष्टन
क्रम.
वं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१८८२ वि०
संस्कृत
पुराना
१७ :
७६४ | गुरु-गीतामाला ८६८
४५"
गुरु-गीता
६०:
१७१६ ३३२३
७४४"
ज्ञान-गीता
७-४॥
१३ | १८५५
३५८६
१४ | १०३३
१६२६
देवी-गीता
५८ :
८४४॥"
नारद-गीता
५ | १५७२
३०११
३ :
७४४"
पंचश्लोकी-गीता
|८:
३॥४२॥"
३८२ ४२२
पांडवगीता
१७९२ वि०
१६:
८४४||"
२३८ २४६
३२: ६॥४३॥"
الله
१८६८ वि०
"
३३:
६॥४४॥
الله
१८४३ वि०
२०९५८
१५४८
| २४ :
६x४"
Page #34
--------------------------------------------------------------------------
________________
भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
२५
| वेष्टन
एव
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
|
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
४६१ | पांडव-गीता
पुराना
|
१३:
७॥x४"
३३:
६x४"
२३ | १७८१
३३६१
३६:
४४३॥"
२४ । १२२८ ।
१८२८
ब्रह्मगीता
| २६८: १०॥४६"
भगवद्गीता
१७६० वि०
॥
३१०: ६४३॥"
८२६
२६ | १८४६
३५४८
१८१: ६४३॥"
२७ । १५१४
२८००
भगवानदास निरंजनी
१७४२वि. १८५५ वि० हिन्दी
५६०: ५॥४४॥"
८५४
" (सटीक)
१८३ : १२४६" | टी० पांचौलाचार्य
१२२३
२१ । १६००
" (सटीक)
१७६० वि०
२७६ : १२॥x६" | टी० श्रीधर स्वामी
३० । १३५१
छज्जू
१८१२.वि
१३५:५॥४४॥"
..२१२४
Page #35
--------------------------------------------------------------------------
________________
. भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
२६
| वेष्टन
।
एवं
- पंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
भगवद
१५८३ . भगवद्गीता ..
१८३२ वि० संस्कृत
पुराना
१२६ :
६४४॥"
३०४८
-
१८५८ वि०
"
१७६:
६॥x४"
७१८ ७६८
-
१८७०वि०
॥
५६:
८॥४
॥"
६४१
"
३४ | १६२३
३१८७
(सटीक)
१८८२ वि०
२४६: १३-४" | टी० श्रीधर स्वामी
.
३५ / १२३१
१८८६ वि०
"
१६६: ६x४॥"
(सटीक)
१८८८ वि०
२४६ : १२॥४६" | टी० श्रीधर स्वामी
१२२४
नया
२११:
८४६"
३७ | १४७६
२६५५
१६१७वि०
"
|
४२६:
८४६"
३८ । १४६२
२७१४
१९६४ वि०
२७१:४॥४३॥"
३६ - १५८२
३०४५
"
" (एकादश अध्याय)
१७:
२४६ २६०
६४५"
Page #36
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
४२
४१ ६७१ भगवद्गीता ( दशम अध्याय)
६५६१
४३
४४
४५.
४६
४७
४८
४६
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
५०
१३०३
१६५६
१४५६
२५६०
१५६६
२६६३
१६३१
३२२६
२०११
४२७१
५२४
५६८
७६७
६१३
१०१०
५६०५
१४२१ १४०६
,,
+
"1
"
""
ग्रंथ
"
( दशम अध्याय)
(सटीक)
(सचित्र)
हरिवल्लभ
T
T
ग्रंथकार
भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
रचनाकाल
T
1
T
I
T
I
T
लिपि-काल
T
1
T
T
T
I
1
भाषा
संस्कृत
हिन्दी
संस्कृत
=
56
"1
"
हिन्दी
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण कागद
पूर्ण
अपूर्ण
"1
पूर्ण
"1
नया
=
=
नया
पृष्ठ एवं आकार
पुराना ६
༤
१७:
११२: ७५५
३०४ :
२४६:
१७:
७४४ ।। ”
६७ :
२४:
511X811"
४४८ : १२ । × ६” टी० श्रीधर स्वामी
६४३ ।।
४ ॥ ४३"
६×३: "
६ x ५ "
१० x ५”
२० : ७ ।। ४३ । । ”
२७
विशेष विवरण
१४ चित्र
Page #37
--------------------------------------------------------------------------
________________
भगवद्गीता तथा अन्य गोताएं
२८
वेष्टन
· ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल ___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५१ | १४३१ | भगवद्गीता
२४४२
पुराना
| ११०:
६x४"
५२ | १४७७
२६५२
नया
७२:
८४४"
|
"
१५०६ २७६३
६:
१२॥४७".
५४ | १५२१
२८३१
पुराना । ४३०:
॥४३"
"
(सटीक)
"
।
५५ | १५२८
२८६५
२५:
१२x६" | टी० श्रीधर स्वामी
५६ | १५६३
३०७६
२०२ : ५॥४२॥" :
५७ १६०१
३१०७
२०० : ११४ ५॥"
५८ | १६४६ ।
३२६४
३४० : ४॥४२॥"
५६ | १७६४
३४०८
" (हिन्दी टीका)
३०६: ७॥x६" | टी० आनंदराम
"
६० | १८५६
| ३६११
(सटीक)
६२:
१०४५" टी० श्रीधर स्वामी
Page #38
--------------------------------------------------------------------------
________________
भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
२९
| वेष्टन
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
आला
भाषा
पूर्ण
अपर्णा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१९४१ | भगवद्गीता (सटीक)
संस्कृत
पुराना
४०८७
३६०:१५४७॥" भावप्रकाशिका टीका
टी० कृष्णदास
६२ | १९८५
४२४६
"
(सचित्र)
३३६ : ८॥४५॥" ७५ चित्र
| १९९१
३६०१
४८:
७४४"
६४ २००८
३६३२
"
४४:
६x४॥"
६५ | १९५५
४१५८
भगवद्गीता-भाषा
१९१६ वि० हिन्दी
नया
६३:
१०४७"
भगवानदास निरंजनी
१२०:
४५"
२४६७
| १९५४
४१५४
भगवद्गीता-भाष्य
शंकराचार्य
संस्कृत
पुराना
३६२: ११॥४५"
रामगीता (सटीक)
६० : ७॥x४॥" | टी० महीधर स्वामी
२६१४
६९ | १२३१ | लक्ष्मीगीता
१८३८
(१८८६ वि०) हिन्दी
१६:
६x४॥"
| ८३३
विज्ञानगीता-भाषा
केशव मिश्र
१८२१ वि०
१८२: ७४४॥"
Page #39
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
७१ ८५१
१२२४
७२
७३
७४
७५
७६
७७
७८
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
७६
१०१२
१६०७
२००३ ४२६२
१७११
३३१५
२४८
२६४
१८५५
३५६१
१९६० सप्तश्लोकी गीता
३८४३
२०१७
३६५७
२०१२ ४२७८
विज्ञानगीता - भाषा
शिवगीता
ग्रंथ
शिवगीता - व्याख्या
"1
सारगीता
केशव मिश्र
ग्रंथकार
केलदी वेंकटाद्रिनायक
भगवद्गीता तथा अन्य गीताएं
रचनाकाल
-
[
लिपि -काल
1
१८६१ वि०
१८६७ वि०
१८७७ वि०
1
भाषा
हिन्दी
संस्कृत
"7
56
"
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
""
कागद
पुराना
"1
नया
""
पृष्ठ एवं आकार
७७ :
७७ :
१२१ : १३x६ ॥”
६ :
१० : ४ ॥ ४२ ॥ "
३ :
३ :
१०x६॥”
२:
१०x४ ।। "
४२ :
७५३ ॥ "
५४३॥”
६५३॥”
५॥४३॥"
७५५।।”
३०
विशेष विवरण
Page #40
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
वेष्टन
एथ
-
ग्रंथकार
रचना काल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्याश-संख्या
१९३५ वि०
संस्कृत
नया
।
९७३ : १३ ॥४७"
८९२ | अग्निपुराण । १३५५
"
८६२ | अग्निपुराण की सूची - १३५६
चंद्रशेखर
१६३५ वि० हिन्दी
१५ : १३४६॥"
३.
८८१ | कल्किपुराण
१६२४ वि०
संस्कृत
१२ : ४४॥"
कालिकापुराण
१९४७ वि०
"
६२६ : १३॥४६॥"
१२५०
१७६७ वि०
गरुडपुराण
॥
पुराना
११६: ११॥ ४६"
१२४८
१४२७ २४२३
१
(प्रतकल्पांत)
१८३२ वि०
१०६ : ११॥४५"
१८६६ वि०
"
.
"
११८:
१२४५"
| ९२१ १४७३
१९२२ वि०
"
|
"
नया
।
१६० : १२४४॥"
८ | १८३६
३५२५
५१:
११४७"
१०१३
| १८१६
३२:
१०४५"
Page #41
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
३२
| वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
| रचना | लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
ग्रंथ-संख्या
| ८७२ | देवीभागवत (सटीक)
।
-
संस्कृत
| पूर्ण |
पुराना
५७३ :
१४४७" | टी० नीलकंठ
१२७६
१२ /
।
८८० १३११
३००: १४x७॥"
"
१३ | ८६०
१३५३
(सटीक)
।
२६६ : १४x७" | टी० नीलकंठ
।
६२४ १४७७॥
२६: १४x७॥"
१५ | १७२३ पद्मपुराण
३३२७
१६६८ वि०
"
।
११० : १०४४॥" | लिपिकाल की दृष्टि
रसे महत्वपूर्ण ५६८ : १६४६"
ब्रह्मवैवर्त पुराण
१८९१ वि०
। ८६३ १३५७
,
।
१७ / १४३३
२४५०
भविष्य-पुराण
।
१४ :
१२४६"
भागवत (प्रथम स्कंध)
१६६९ वि०
१९४१ १८३४
"
।
३८ . १०x४॥" | लिपिकाल की दृष्टि
से महत्वपूर्ण
१६ । १४२४
२४१४
. (एकादश स्कंध)
।
१७४३ वि०
३६:
॥४५॥"
२०. १६२७
३२०३
१६२७ |
"
(सटीक)
।
१८३७ वि०
१३०८ : ११४६" | टी० श्रीधर स्वामी
Page #42
--------------------------------------------------------------------------
________________
.
पुराण
| वेष्टन
क्रम
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना-लिपि-काल
__ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद - पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
| भागवत (सप्तम स्कंध) २६४२
१९१०वि.
| पूर्ण
।
नया
| १३२ : १४ x ७॥" | टी० श्रीधर स्वामी
२२
८७३ १२८०
संतदास
१९२० वि० हिन्दी
१५८ : १२४७॥"
१९३१ वि०
संस्कृत
८७१ १२७५
३८२: १५४८"
४-
२४८ २६२
" (अप्ठस स्कंध)
१६:
५४३॥"
" (रासक्रीडाध्याय)
पुराना
६:
५४४" |
४७४
२६
१२८८
" (दशम स्कंध)
गुजराती
| ५४:
७४५"
संस्कृत
२७. १४०६
२३४२
२१६ : १४x७॥"
२८,
१४.०६
| ५८: १४x७॥"
२६ १४०९
२३४४
" (षष्टम स्कंध) :
१२५ : १४x७॥"
" (एकादश स्कंध)
२७४ : 8IX५॥"
| २५८२ ।
Page #43
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
वेष्टन
संख्या । एवं
.. ग्रंथ ..
ग्रंथकार
चना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१५५१ | भागवत (अष्टम स्कंध)
संस्कृत
पुराना
१५७ : १४४७॥"
२६४०
" (पंचम स्कंध)
-
३२ | १८७८
३७०३
२१२: १३॥X७"
३३, १९६६
३६१४
." (एकादश स्कंध)
"
| १२ :
६x४"
३४ ,
८६७
। २०८४ : १२४६"
| १२५६
."((पंचम तथा दशम
स्कंध रहित) " (चतुर्थ स्कंध)
१६:
१४४६" |
३५ | ८८७
१३४५
३६, ६२८
१४८६
.." (चतुर्थ स्कंधा)
११२ : १४४६"
" (दशम स्कंध)
१८:
३७ १०६४,२
१६६१,६
१३४५"
हिन्दी
२४८ : ७॥
४॥"
३८ - १२६१
१६२४
३६
१३८२ २२५१
६५:
६x६॥"
४० १४४४
| २५०३
संस्कृत
५७ : ११॥४५"
Page #44
--------------------------------------------------------------------------
________________
३५
| वेष्टन
.
ग्रंथ
.
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
४१ / १५५६ | भागवत (सटीक) (पचम स्कंध)।
२६७३
संस्कृत
अपूण
९५४ : १२४६" टी० श्रीधर स्वामी
२
"
(दशम स्कंध)
५४:
१८२७ ३४५२
४x७"
८७ :
१३४६"
.३५२२
१४० : १४x७"
३५३४
४२:
१४x७"
४६. १८२७
३४५४
"
(चतुर्थ स्कंध)
"
|४२:
१४४७"
...!" :- (द्वितीय स्कंध)
१४४७"
७ | १८२७
| ३४५५
३१:
-
.
"
(दशम स्कंध)
४२:
१४x७"
३६२५
.. (सप्तम स्कंध)
२६: १५४॥"
४०६६
(सटीक)
नया
१३१३ : १३४६" टी० श्रीधर स्वामी
३६६५
Page #45
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
बष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना | लिपि काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
५१ | १९६४ | भागवत (पंचम स्कंध)
संस्कृत
पुराना
६०
१२४६"
३८४६
२०११ ३६३८
११४५"
|चतुरदास
५३ | १३५७ | भागवत-एकादशत्कंध-भान
२१५५
१६६२वि. १८१२ वि०
३३८: ७॥४॥" | संतदास के शिष्य
"
नया
५४ | १४३०
२४४१
३४८:
६४५" | आदि के एक पृष्ठ
से अपूर्ण
१२५:॥"
५५ | १३५७
२१५५
५६ / १०७७
१६७३
भागवतकथा
रघुराजसिंह, महाराज
पुराना
१२६ : १०x४"
५७ | १४०६
२३४१
संस्कृत
४:
१३॥४७"
५८
८७६ १३०६
भागवत-दशमस्कंध-भाषा
नवल दास
हिन्दी
| २६०: १४॥x ६"
५६ | १४७५
२६३६
नया
४४२:
७४७"
बल्लभाचार्य
संस्कृत
६० | १८२५ | भागवत-दीपिका
३४२५ ।
पुराना
| २३:
१०x४"
Page #46
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
वष्टन
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
६१ १६४७ / भागवत-प्रथमस्कंध-भाषा
हिन्दी
पुराना । २० :
६x६"
भागवत-बोधिनी
१३८० २३३०
वल्लभाचार्य
१६१५ वि० संस्कृत
नया
१४३ : १०४५"
१३४६ २१०१
भागवत-भाषा
कृष्णदास
पुराना
| ४६८ : १२४६"
६४ | १५१६
२८०८
नंददास
हिन्दी
नया | १६ : ७४५॥"
६५ १७५४
३३५६
लालचीदास,बावा
२८४: ७॥४४॥" | कैथी लिपि
भावदीपिका
श्रीधर स्वामी
१६३८ वि० संस्कृत
पुराना । १६६: १४४६" भागवत पंचमस्कंध
की व्याख्या
१२७४
१७०१ वि०
नया
२३८: ११४५"
१४७३ महाभारत (भीष्मपर्व)
२६३६ ६८ | १६२८ " (स्वर्गारोहणपर्व)
. ३२०६ ६६ | १६२८ " (स्त्रीपर्व)
१७१० वि०
पुराना
१५ :
१४४६" |
३७ :
१४४६"
३२०७
१६२८ ३२०८
१७ :
१४४६" |
Page #47
--------------------------------------------------------------------------
________________
• पुराण
३८
| वेष्टन
- ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
-संख्या
ग्रंथ-संख्या
१७१० वि० संस्कृत
पुराना ।
१७:
१४४६" | टी० श्रीधर स्वामी
.,
६५:
१४४६"
[१७५
1०वि०
५२: १०x४॥"
२८४ : १०४४॥"
१६२८ महाभारत (विशोःपर्व)
३२०६ ७२ १६२८ " (अाश्रमवासिकपर्व)
३२१० ७३ १४७३ " (स्वर्गारोहणपर्व) | २६३५
" (अश्वमेधपर्व) २६३७ ७५ - १५१६ " (शल्यपर्व)
२८२५ ७६ - १६२८ " (उद्योगपर्व)
३२०५ ७७ | १६२८ - " (दानपर्व) ३२११
- " (अश्वमेधपर्व)
१७५७ वि०
१७६२ वि०
१५: १२४॥"
२८०: १२॥४६"
१८८५५
१८०२ वि०
"
"
२५६ : १२४६"
१२२५
"
(सभापर्व)
१८२६ वि०
७६१५१६
२८२३
१२५: १४४७"
" (गदापर्व)
१८२९ वि०
१६२८ ३२०४
११४ : १३४५॥"
Page #48
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
३६
| वेष्टन
क्रमसंख्या
प्रथ
अंधकार
रचना | लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद |
पृष्ठ एवं आकार । विशेष-विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१३२६ महाभारत (उद्योगपर्व)
काशीराम दास
पुराना
८०: १३४४॥"
२०४३
८२ १८८६
३७२६
" (...
धर्मदास
३३५ : १०४६" | कैथी लिपि
____६४१ १५२६
" (शल्यपर्व)
सबलसिंह चौहान
नया
४०. :
१०४५"
८४ ! १७८१
३३६५
' (शांतिपर्व)
पुराना
६२:
४४३॥"
८५
" (उद्योगपर्व)
७०:
८५५ १२२६
१४४॥"
८५८
" (शांतिपर्व)
८७: ११४५॥",
१२३२
७७:
१३४६"
१२३४
८५६
." (शांतिपर्व)
७७:
१३४ ६"
१२३६
": (विराटपर्व)
-
४२ :
१२x६"
१३५० । २१२२ ।
लखनसेन
"
५६:
१०४५"
Page #49
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
| वेष्टन
ग्रंथकार
चना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१२६३ १८७२
महाभारत (आदिपर्व)
. सबलसिंह चौहान
हिन्दी
- अपूर्ण
पुराना
| १६२: १०४७"
१२७७ १८८५
" (ज्योमपर्व)
काशीराम दास
७०:
१४४।"
६३ | १२७७
" (द्रोणपर्व)
६७ : १३॥४४॥"
| १८८६
१३०० १९४६
५०: १३४४॥"
" (शांतिपर्व)
६५ १५०८
| २७७२
संस्कृत
१८ : १०४५॥"
(सभापर्व)
४५:.
१६ १५१६
२८२३
७x६" ।
६७ १८२५
३४२६
५६ : :१॥४५॥"
१८ १८२५
३४३०
" (लवकुशोपाख्यान)
१०:
१०x४"
६६ १८२५
३४३५
" (विराटपर्व)
"
| २५:
१२४५"
"
१८२५ ३४४०
६६ :
१०x४"
Page #50
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१०१ १८७०
३६६६
१०२
१०३
१०४
१०५
१०६
१०७
१०८
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
११०
१६७०
४२१३
महाभारत (द्रोणपर्व)
55
१५५३ महाभारत- तात्पर्यनिर्णय
२६४६
२००३ वामनपुराण
४२६३
१४७८ | विष्णुपुराण
२६५४
१४५१ सूर्यपुराण
२५३६
१०६ ११३०
१७२६
१४४३ | स्कंधपुराण २४६८
१५४० २६१५
१२७९ सूर्यपुराण - कथा
१८६२
ग्रंथ
"
""
(१-३ अध्याय)
(१२वां अध्याय)
काशीरामदास
जैनमुनि
आनंदतीर्थ
ग्रंथकार
पुलस्त्य, महर्षि
T
रचनाकाल
1
|'
पुराण
लिपि-काल
1
१८४० वि०
१८८२ वि०
१८८३ वि०
१८६६ वि०
/
भाषा
हिन्दी
संस्कृत
"
"
हिन्दी
संस्कृत
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"}
पूर्ण
"}
अपूर्ण
E
"1
अपूर्ण
"
"1
कागव
नया
पुराना
10
11
"
पृष्ठ एवं आकार
११० : १३ ।। ४४ । । " |
२५४ : ६॥ ६ ॥ "
१८ : ११॥ ४५ ॥ ”
२५० : १३ ।। x ७I"
३६४ : १२४७"
३०:
२१:
६ ॥ ४४"
१५ :
६x४||"
१२५ : १० X ४ । "
१० X ४ । । "
६६२ : १०× ७ । ।”
४१
विशेष विवरण
Page #51
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण
४२
| वेष्टन
ग्रंथ
प्रयकार
न
लिपि-काल |
भाषा | पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या अंथ-संख्या
स्कंधपुराण-भाषा
गोपालराम शर्मा
१६०४ वि० हिन्दी
नया
१३१: ८४५॥"
१६२७
हरिवंशपुराण
१८१८ वि०
संस्कृत
१६०६: ११४५"
३०६६
"
।
८८६
७२: १२॥४६"
१३४३
८६५
२१७: १३४॥"
४००:, १२४५"
१४८७
५४: १२॥४५"
१५०२ २७५३
११८ : १०४४" | टी०उदयशंकर
Page #52
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
भाम-
-
. संख्या
| वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल __भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संस्कृत
७३२ / आकाश भैरवकल्प ८२१
पुगना । १२ :
७४४"
नया
१४:
७॥x४||"
२ | १८६० पासुरीकल्प
३४७८
उमा-माहेश्वरी-संवाद
पुराना
६:
७४४॥"
३४५६
४
१९३२ वि०
नया
५०:
८४५॥"
७७२ ।
करुणामृत ६५३
५ ८७६ | काशीखंड (पूर्व)
पुराना
| ४८ :
१२४६"
.६ !
८८६ १३५२
६८० : १३४ ६॥"
.७
४५ :
१३४७"
९२४ १४७६
८।१८२७
३४५३
| ३५ :
११४५"
८९१ १३५४
". (उत्तराद्ध)
४६०: १३४६॥"
.
१८२७
४६ :
१४४७"
३४५०
Page #53
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
| वेष्टन
संख्या
पंथ
एवं
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार , विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११ | १८३६ | काशीखंड
|३५२६
-
अपूर्ण
पुराना | ४२:
१३४६"
१२ | १०७३
काशीदर्पण
१६: १०॥४४॥"
काशीदेशोच्चार
४:
१३ १०१३
१६०८
७४४"
केदारकल्प
| १९६:
१४ | १११२
१७११
८४४"
कृष्णअर्जुनसंवाद ।
१७७१ वि० | हिन्दी
॥४६॥
गुरु-नमस्कार
१६ | १८६३
३७२३
१८६५ वि० संस्कृत
१६:
६॥४४॥"
गोरक्षाशतक
"
| १२ः
१२४५"
चक्रव्यूह-संग्राम
स्वरूपसिंह प्रधान
|१९९०वि. १९६० वि० हिन्दी
४७:
७॥४६॥"
३७६४
२३८ | चतुःश्लोकी-भागवत २५१
|१७६२ वि० संस्कृत
८४४॥"
--
२० ! १३५१
| २१२७
(१८१३वि०)
'
"
.
१
॥४४॥"
Page #54
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
.. । वेष्टन संख्या . एव
ग्रंथ-संख्या
अंथकार
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं, आकार | विशेष विवरण
काल
२१
३५ | चतुःश्लोकी भागवत
संस्कृत
| पूर्ण
पुराना
३:
६४४"
४०
"
२२
१७८१ ३३६४
५:
४४३॥"
| चमवती-प्रादुर्भाववर्णन १८७
४४ : १०॥४५॥"
१४३६ जानकी-उत्सवविधान २४७४ |
६: १०४५॥"
१७८८ वि०
"
२५ | १८५२ त्रिपुरा
३५३७
१६:
८४४"
७७६ ६६८
त्रिपुरांबिका-पारायण
१० : ६॥४४॥"
२७ | १८३८ | त्वरितरुद्र
३४५३
४:
५४३॥"
दत्तात्रेय-सिद्धि-सोपान
१६१७ वि०
"
६४:
१०४५"
३६१२
२६ । २०१२
४२७६
दशावतार-भाषा (सचित्र)
--
- | हिन्दी
२४
७४५॥" | १० चित्र
१७५०वि० संस्कृत
८६४ दानखंड १२५२
पुराना | ५४४ : १४४५"
Page #55
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
| व-टन
।
रचना
- ग्रंथ
एवं
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
संख्या
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
संस्कृत
३१ १८२५ | दानखंड
| ३४३६
पुराना | ४३ :
११४५"
३२ | २००५
दानधर्म
१६७६ वि०
१६२: १२४५॥" | लिपिकाल की दृष्टि
से महत्वपूर्ण
"
देवी-दीपदान-प्रयोग
७:
६॥४५"
४६४
देवीध्यान
३४: १०x४॥"
३६६२
:
४४३"
३५ - १८८६
३७१७
देवीध्याननिर्णय
८१२
देवीयात्रा
| ६ :
८४३॥"
१५३२
दारिकाखंड
| १५:
३८ । १४६४
२५६४
१०४४॥"
३६ | २०१३
४२८९
धर्मसंवाद
कृष्णदास
१७७५वि. १९१६ वि०
हिन्दी
६०:
१०४५॥"
"
(सचित्र)
६०:
२०१२ | ४२८१
.७४५॥
१चित्र
Page #56
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
] वेष्टन
एवं
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
४१ ।
१८५१ वि०
११४ | नारायणवर्म १२१
संस्कृत
पुराना
१५ :
६॥x४"
२:
८॥४५॥"
१०६४,१ | निगडबंधमोक्षण १६६१
| पंचपर्वणी २६१५ १०६ पार्वती-शंकर-संवाद
| १६ : १०४६" |
१२ :
६x४॥"
४५ १४६५
२६०४
पुराणमाकाय
.
| १६ :
८४५"
प्रत्यंगिराप्रयोग
.
--
पुरमा
x५"
प्रेतकल्प
१९३३ वि०
नया
१४०: १०४७॥"
| १५१६
२८०६
ब्रह्मोत्तरखंड
माधवानंद सरस्वती
४८. ८८८
१३४८
१६२६ वि० हिन्दी
१८८ : १२४७"
संस्कृत
पुराना ।
७४: ६x४॥"
४६ १९५३ | भगवतीसहस्रदल
३८३१
१४६७ भागवतसहस्रनाम | २६१७
विट्ठलनाथ दीक्षित
१८३५ वि०
२८:
१०४६"
Page #57
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
५१
५२
५३
५४
५५
५६
५७
५८
वेष्टन
एवं ग्रंथ- संख्या
६०
१४६७ भागवतसारसमुच्चय
२६२०
२४८
२६७
१४६७
२६१५
१५४३ | भागवतचूर्णिका
२६२३
ग्रंथ
३०८
३३६
भारत -सावित्री - चतुःश्लोकी
१७०६ भुवनेश्वरी- रुद्रयामल
३३१३
५६ ६७०
१५६०
१४३१ मदुराद्भुत महिमा
२४४४
३८८ ४२८
भागवतदशमस्कंध - अनुक्रमणिका बल्लभाचार्य
१९०० मोक्षकथाभाषा
३७७२
मातृका निघंटु - परिभाषा
यमवर्णन
ग्रंथकार
रामखङ्गमाला
पुराण (स्फुट)
रचनाकाल
--
T
1
1
1
T
लिपि-काल भाषा
१८३५ वि०
1
१८३५ वि०
1
१७३१ वि०
I
संस्कृत
17
१८५३ वि० हिन्दी
१९६२ वि०
१६१६ वि० संस्कृत
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
""
""
पूर्ण
कागद
पुराना
31
नया
पुराना
"
नया
"1
पृष्ठ एवं आकार
६० :
५:
६:
४४ : १० ॥ ४७ ॥"
१४८ :
१३ :
२० : ६४३॥”
६:
१० ॥ ४६"
५:
५X३ ।। "
३६:
१० ॥ ४६”
१०x४"
६४३ ॥ "
६x४।।”
5X811"
५ ॥ X ४"
४८.
विशेष विवरण
Page #58
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
४९
। वेष्टन
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल | भाषा काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
३६३ | रामखङ्गमाला
१९६२ वि०
संस्कृत
नया | २६ :
४४३"
रामनाम-लेखन-विधि
११:
४४३"
६२ | १८०२
३४०२
१८६६ वि०
६३ | १४३६ | रार
रामाश्व-सुमेर २४७५
पुराना | ३८६ : १२४६"
६४ | १०७६ | रुद्राक्ष-उपपति.
१६७५
"
| १०: ११४४॥"
. . . . . .
रुद्राक्षधारण-प्रकार
१९१४ वि०
नया
| ३:
७४५।।"
३८३३
बलदेवाहिक
१८०४ वि०
पुराना
१६:
७४४"
३८५१
बालासंपुट
२५:
६x४॥"
८०६
१७६२वि. १९४१ वि० | हिन्दी
नया
४०८ : १०४७"
१८९७ | विदुरप्रजागर ३७६५
| शनीश्वर की कथा २५५३
१८०४वि. १९२६ वि०
२८:
६४५"
६१६- शिवतांडव
।
संस्कृत
८:
६॥x४"
Page #59
--------------------------------------------------------------------------
________________
पुराण (स्फुट)
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
-
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
७१
६१५ शिवकर्म
नया
१२:
६॥४५"
४६२ | शिवांबुकल्प
१८२३ वि०
"
| २८:
७४४"
५०४
श्रावणोत्सव
७३१४७१
२६२६
१२२: ८४७."
| सांबपंचाशति ३१७६
| १८४६ वि०
५६:
॥४३॥"
.
७५ १८८६ स्वप्नाध्याय
३७१५
६:
६x४"
हरिवंशश्रवणफल
१८६०वि०
५:
१२४५"
७७ ।
१०:
८॥४४॥
७६७ १०३६
Page #60
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत कथा
बेष्टन
संख्या
एवं
पंथ
पंथकार
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
प्रथ-संख्या
१५०० | अक्षयनवमी-व्रतकथा २७४५
. १९०८ वि०
संस्कृत | | पूर्ण
नया | २१:
१०४५"
२
८५८ १२३३
"
:
१०४६"
पुराना । १०:
६४५"
२५३३
४
१८०४ ३४०४
५:
१०४६"
अगस्त्य-कथा
विश्वनाथ तिवारी
-
१७५३ वि०
१०४६
६ १५०० ।
२७४६
अगस्त्यऋषि-कथा
नया
| २१:
lx५"
१९१७ वि०
"
१७:
११४७"
३०७१
८।१८२६
३४७७
१६१६ वि०
१६ :
११४७"
| १४२६
२४३६
"
७: ११॥४५॥"
अगस्त्यर्घ-व्रतकथा
"
१३ : ७॥४५॥"
| १०७६
Page #61
--------------------------------------------------------------------------
________________
. व्रत-कथा
५२
‘क्रम- । वष्टन
संख्या
एवं ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल
भाषा
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
७६८ | अनंतव्रत-कथा
१८१७ वि०
संस्कृत
पुराना
१७ : १०॥४४॥"
१०४३
१२ | १४४१
२४६३
१८४२ वि०
१६ : ११॥४५"
१९० वि०
॥
१३ | १५६१
३०७४
१०: १२४६॥"
१४ | १८७३
३६८२
१९१० वि०
नया
६:
१४५॥"
पुराना
१७: ११४४॥"
१६
८११ ११०८
१५:
६४५"
१७ | १४२६
२४३५
११: ११॥४५॥"
१८ १२६
१४८४
अन्नपूर्णा-कथा
|१६१७ वि०
"
ना
१५: ११॥४४"
१६ | १०६२
१६८६
२८ : ११॥४४"
२० - ४३५
अमावास्या-व्रतकथा
|१७८७वि०
पुराना
४२:
५४३"
४६७
Page #62
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
| वेष्टन
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
। कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
त्या ग्रंय-संख्या
१८४१ | अश्वमेध-कथा
संस्कृत
पुराना
| २२०: १३४७"
.३५३२
२२ | १६५२ | अष्टसौभाग्य-व्रतकथा
३२७२
२०: १०॥४४॥"
२३ | ८२६
श्रानंद-व्रतकथा
१७:
१३४५"
आषाढ़-एकादश-व्रतकथा
नया
७:
८४५"
३७३५
ऋषिपंचमी-व्रतकथा
६: १०॥४४॥"
२६ | १४६४
२५६५
४:
६x४"
२७ | १६१४
३१४३
११:
५४४"
२८ | १६३६
३८०५
| १३ : ६४५।।"
७६७ | एकादशी-व्रतकथा
४ वि०
"
पुराना
१८३:
॥४५"
१६१० ३८३२
| ४८ : ६॥४४॥"
Page #63
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
.. | वेष्टन।
ग्रंथ
| एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
३१ । ८२४ | एकादशी व्रतकथा
११३५
| १९२६ वि० संस्कृत
नया
८:
४
॥"
३२ ८००
| १०५२
३६ :
११४५"
पुराना
१३ : ११॥४५"
२४६४
३४ १४७६
२६४४
"
|४२ : १०x४॥"
३५-१५०८
२७७०
..
.
"
१२:
७४५"
१५३६ २६०४
नया
१७ :
७४५".
१६०४ ३७३७
३०:
१२४६"
| १९३६
३८११
१८:
८॥४४॥
३६६७८ | कार्तवीर्य-कथा
३८७०
पुराना ।
२५:
४५
१४६२ | कार्तिक-एकादशी कथा ' । २५८८ ।।
७:
१०४५"
Page #64
--------------------------------------------------------------------------
________________
श्रम
संख्या
४१
४२
४३.
४४
४५
४६
४७
૪.
४६
५०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१६१४ कार्तिक - नवमी - कथा
३१३८
१९१५ गणपति - कथा
३८५५
१६७३
४२२३
७६८ गो- त्रिरात्र व्रतकथा
१०४५
१८२६
३४४३
१८२६
३४४८
१५०० २७४८
७६१ १०१४
गणेश-कथा
१६५२ ३२७१
चित्रगुप्त-कथा
जन्माष्टमी व्रतकथा
"
१६१४ जयापार्वती - व्रतकथा
३१४८
त्रिरात्र व्रतकथा
प्रंथकार
|
व्रत-कथा
रचनाकाल
I
|
1.
लिपि -काल
१९११ वि० संस्कृत
T
१९६० वि०
१७४६ वि०
1
१८५० वि०
T
१९१७ वि०
भाषा
१७३१ वि०
=
हिन्दी
संस्कृत
=
"
हिन्दी
संस्कृत
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
ग
"
कागद
नया
כן
"
पुराना
"
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
८ :
७:
३१ :
६ :
८ :
१२ :
१० :
१४ :
५७ :
१८ :
८॥६"
३×५”
£11 X 6"
१०×५”
१०x४"
९१x६ "
॥X५”
७४४"
८x४ ।। "
१०×५”
५५
विशेष विवरण
Page #65
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा.
५६ -
| बेष्टन
कमसंख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कापर | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५१ | १२७७ |
१२७७ | दुर्गाकथा १८८७
नया
१० : १२४११"
५२ - १६०६ । | निर्दोषसप्तमी-कथा
३८०६
८:
८x१॥"
५३ | १५१६ | नृसिंहचतुर्दशी-वतकथा
२८२४
११॥४५"
५४ | १९०८
३७४३
पुराना
__ •८४६".
फलद्वितीया-व्रतकथा
६:
८॥४
॥"
१०८०
बसंतपंचमी-कथा
५६ | १५६१
३०७२
|१६११ वि०
नया
&x६" |
५७ | १८२६
१९११ वि०
"
२:
७४६"
१८०६ वि०
८६६ - बहुला-व्रतकथा १२७०
पुराना
१२: ६॥x ३॥"
१९०७ वि०
नया
१२:
१०॥४४॥
८७७ १२६२
८८२
१३:
७४४"
Page #66
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
प्रथ-संख्या
-
| १५१६ | बुद्धाष्टमी-व्रतकथा २८२१
संस्कृत
अपूर्ण
१७:
५४४"
६२ | १४४७
२५२३
महालक्ष्मी-व्रतकथा
१८८२ वि०
पुराना | २७ :
७x ५"
७६८ १०४४
११: १०॥x५"
६४ | ८०६ । माघ-कृष्णचतुर्थी व्रतकथा
१०८२
४ :
१०४५॥"
६५ | १८७७ | माघ-फाल्गुन-व्रतकथा
३७००
२३ :
११४५"
६६ | १६००
३७७२
मोक्षकथा-भाषा
१८५३ वि० हिन्दी
| ६:
६x४॥"
मृगचर्म-कथा
-
संस्कृत
२६:
५॥४४॥
५८५
६८
७१५ यमद्वितीया-कथा
|१८८०वि०
८:
१०॥x६"
७८९
१९१०वि०
६६ । १६१४
३१३६
६:
१०॥४५"
७०
७६१ १०१२
१८:
॥४६"
Page #67
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
५८
क्रमसंख्या
वेष्टन, | एवं व | ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
अपणा कायम
७१ | १६०३ | यमद्वितीया-कथा
| ३७३३
संस्कृत
नया
।
११:
६x६"
७२ | १८२६ | यशोदानाचतुर्थी-कथा
३४७३
पुराना | ४:
१२४६"
७३ । ८०६ । लक्ष्मी-व्रतकथा
१०७६
१९२१ वि०
| ३८:
७४६"
|
ललिता-व्रतकथा
१६५३ वि०
18:
॥
८८२ | १३१८
४॥"
वटुसावित्री-व्रतकथा
१६४६ वि०
२४: १२४श"
५१५
विष्णु-व्रतकथा :
___८४४"
व्यतिपात-व्रतकथा
| ५: १३४६॥"
३७३६
| १९७५
४२३०
१८८२ वि०
।
३२:
६x४॥"
शरत्कथा
नया
| ८०६
१०७५
१२ :
७४५॥"
50 १०१६ | शिवकथा .......१६१४.
१९१८ वि० हिन्दी
। २२ :
६४५" |
Page #68
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
Y
.
| वेष्टन
एवं
|
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
६१० | शिवकर्म-कथा १४३३
१८१५ वि०
संस्कृत
पुराना | २४ : ६४३॥"
शिबराषिश्चतकथा
१७५२चि०
"
८२ | ८०६
१०८३
१०:
१०४५"
१८७७ मि०
"
.७६७
६१२
८४ १६२४
२६: ११x॥"
११ः १०४४॥"
| १९८२
३८७७
१६२४ वि०
| ३८३६ | शुक्ला-एकादशी-कथा ३५२४
२७: १२४४॥"
८८२ | संकटचतुर्थी-व्रतकथा १३२०
१९५३ वि०
८: १२॥४५॥"
१९९२ वि०
१२ : १०॥४४॥"
१५०४
१७६५
| सत्यनारायण-व्रतकथा ३३७४
१६१७ वि०
४०:
१३४५"
Page #69
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
६०
बेष्टन
संख्या
| एवं ग्रंथ-संख्या
- ग्रंथ
रचना
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१४४० | सत्यनारायण-व्रतकथा |२४६०
संस्कृत
पुराना
४८ : ११॥४॥"
६२
१६१० ३१२३
| ४०: १३॥x ५"
१३ | ११२४
१७२३
१६:
६x४"
सिद्धिविनायक-व्रतकथा
१७६० वि०
"
२४:
८४४||"
१४४६ | सोमवतीश्रमावस्या-व्रतकथा २५३१
१९०३ वि०
नया
२६:
॥x५" |
१९५२ वि०
१६ | ८८२
१३३०
१७: १२x"
हरगौरी-प्रतकथा
|१८४६ वि०
पुराना
:
x
"
२८११
१८
७७० | हरितालिका-प्रतकथा
१७६० वि०
११: १०x४॥"
१४३
१८१७वि०
"
।
१६:
६॥४५"
८२६
१००
१८७६ वि
७६६ १०४६
११ : . ६x"
Page #70
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्रत-कथा
| वेष्टन
संख्या
रचनाकाल
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
हरितालिक-व्रतकथा
१०१ / ८८२
१३२६
१९४६ वि० संस्कृत
नया
१२: १२४५॥"
पुराना
| ११:
१०४५"
१०३ | १४६४
२५६३
नया
| ११:
१०४५".
१०४ | १७०७
३३०६
पुराना
८:
८॥४४॥"
१०५
१६०८ ३७४४
५:
१२४६"
६
१६३६ ३८०६
नया
३:
६४५॥"
१०७ - १६२३
३१६१
| ७:
॥४४॥"
१०८ | १९४४
४०६४
हस्ति-व्रतकथा
१८८३ वि०
पुराना । ५:
४५"
१०६
१६१४
होलिका-कथा
१९०६ वि०
नया
E:
१०४५"
११० । ७६७ | होलिकोत्सव-कथा
१०३६
१०: ८॥४४॥"
Page #71
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
१
२
३
*
५
६
८
ε
वेष्टन एवं ग्रंथ - संख्या
१०
७८२
६८६
३०१
३२६
१८२७
३४५६
१८२६
३४४७
१६५२ ३२७०
१५१६
२८१३
- ग्रंथ
२७६
३०८
अक्षयनवमी-माहात्म्य
७ २७० श्रवण-माहात्म्य
२६६
५३६ ५८३
अथर्वण-माहात्म्य
अधिकमास-माहात्म्य
१००७ अयोध्या - माहात्म्य
१६०१
अपरा-माहात्म्य
श्रमावास्या माहात्म्य
श्रादित्य-माहात्म्य
श्रानंदार्णव-माहात्म्य
उच्छिष्ट-माहात्म्य
ग्रंथकार
माहात्म्य
रचना
काल
लिपि-काल
१९१७ वि०
T
भाषा
संस्कृत
"1
"
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
29
अपूर्ण
B
पूर्ण
कागद
पुराना
""
29
नया
पुराना
17
पृष्ठ एवं आकार
१८ :
२६ :
१५:
5:
१७ :
३२ :
४३ :
७:
१०x६ "
२६:
६ ॥ x ५ "
११×७”
१० x ५"
१०x४५ "
१३४६॥”
१०: ११×६॥”
६४४॥"
६ ॥ ४४ ॥ ।”
५ ।। ४३ ।। "
विशेष विवरण
Page #72
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
S
११
१२
१४
१५
१३. १५३६
२६०५
१६
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
१९
७६५
१०२६
Fo
१८४०
३५२८
१६५५
३२८६
८८६
१३४२
१७ १५२७
२८५४
१४६७
२६२३
७०६
७७१
७१७ ७६७
७६२
see
एकादशी-माहात्म्य
"
"1
ग्रंथ
"
ग्रंथकार
T
FIL││
माहात्म्य
रचनाकाल
1
-
I
T
1
लिपि-काल
१७७१ वि०
१८२६ वि०
१८९३ वि०
१८९६ वि०
१९०४ वि०
१६२५ वि०
-
भाषा
संस्कृत
"
"
"1
पूर्ण या अपूर्ण | कागद
पूर्ण
"
"
अपूर्ण
पुराना
"1
"1
नया
"
पुराना
"1
पृष्ठ एवं आकार
१४६ : १० X५”
७१ :
४१ :
३६ :
११X५”
७६ : १२ ॥ ४६”
४२ :
६x४”
११७ : १० ।। X५”
१७:
१०×५”
११५: ६x४ ।। "
४३ :
७×३”
१०x६"
६ x ४||"
६३
विशेष विवरण
Page #73
--------------------------------------------------------------------------
________________
माहात्म्य
| वेष्टन
लिपि-काल
• भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२१ | १५२२
२८३३
एकादशी-माहात्म्य
संस्कृत
पुराना | ६६: ११४४"
२२ १५३७
"
| १०२ : ८llx
"
२९०७
२३ | १५६१
३०७६
७७:
१२४६"
२४ | १६५५
३२८३
४२ :
१०४३"
२५ | १८०८
३४२२
२१ : १०४४॥"
एकादशी-माहात्म्य-भाषा
२६ १६०२
३७६५
१८४६ वि० हिन्दी
६०: ६x६॥"
कार्तिक-एकादशी-माहात्म्य
- २७ | १४४६
२५३०
-
संस्कृत | पूर्ण
६:
८॥x४||"
कार्तिक-माहात्म्य
२८ | १४६६
२६२५
३३ वि०
.
१००: १०४५"
२६
१८३६ वि०
८६२ १२४७
१६० : ६१॥४५॥"
३०
१८७८ वि०
८१३ ११०६
१८३ : ६४५॥"
Page #74
--------------------------------------------------------------------------
________________
माहात्म्य
वेष्टन
ग्रंथ
प्रंयकार
रचना
| लिपि-काल | भाषा काल
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३१ | १२१७ | कार्तिक-माहात्म्य
१८१६
| १६०२ वि०
संस्कृत
नया | ६७: १३॥४५"
३२ | १३४५
२१००
नवलसिंह
१६०५ वि० | हिन्दी
१३२ : १३ x ६॥"
१९०६ वि०
संस्कृत
१३७ : १०४५" |
२५२६
३४
१८४१ ३५३३
१६३० वि०
६३: १०॥४७॥"
८०० १०५३
| १०:१०॥४५॥"
,
२०:
१२४६"
२८२२
३७ | १८४०
३५३१
१२३: ११४५॥"
३८ | ८४६
| १२०८
| ११२ : ४४३"
"
३६
८८७ १३४७
१०० : १३॥४५"
•
"
१८०६ ३४०६
नया
नया
६:
१०४५"
Page #75
--------------------------------------------------------------------------
________________
माहात्म्य
६६
संत
एवं
रचनाकाल
भाषा
ग
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
कार्तिक माहात्म्य
-
संस्कृत |
अपूर्ण |
नया
४१:
१०x४"
३४३८
कालिंजर-माहात्म्य
१९१०वि०
१६:
१२४५"
६४०
पुराना
१४:
५॥४४॥"
४३ | ११७०
१७६६
काशी-माहात्म्य
|१९३८ वि०
नया
५६:
Eux४"
१५८०
४५ - ७८२
९८६,१
पुराना । १८:
१०॥४५"
४६ | ८८४
१३३५
४६ : - १४४६"
४७ | ८६८
१२६१
१४२ : १२४५"
४५: १३॥४७॥"
४८९२८
१४८८
४६ / १४७६
२६४३
२२: १०४४॥"
१५३३ २८६४ ।
१७: , ६x४"
Page #76
--------------------------------------------------------------------------
________________
फम
संख्या
५१
५२
५३
५४
५५
५६
५७
५८
५६
बेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
११६४
१७६३
३८०
४२१
१९६६ १४६१
८६४
१३३७
६२१
१४७२
२६
३४
१५१७
२८१७
१८३२
३४६२
१६.२२ ३६१४
कुश माहात्म्य
गंगा-माहात्म्य
गणेश माहात्म्य
गया-माहात्म्य
"
ग्रंथ
गीता-माहात्म्य
"
गोमाहात्म्य
Fro
१५६३ जंबूमार्ग - माहात्म्य
२६८४
पालदास
प्रंथकार
गंगाधर व्यास
माहात्म्य
रचना- लिपि-काल
काल
-
T
--
१८३५ वि०
१८३८ वि०
१९१९ वि०
भाषा
संस्कृत
"
हिन्दी
संस्कृत
"
"1
"}
हिन्दी
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"1
"1
""
अपूर्ण
अपूर्ण
""
पूर्ण
कागव
पुराना
""
"
ग
"
"
"
"
मया
"
पृष्ठ एवं आकार
२ :
१८ :
२०४ : ६॥ X ४"
७६:
६ x ४ ।। "
३६ : १२४८ ॥ "
३२ :
६ ॥ ४४”
१२:
१२x६”.
5XY!
१२ : ११४४॥ | "
४०० : १२X१० "
१२४७”
५६० ९१४५॥"
६७
विशेष विवरण
Page #77
--------------------------------------------------------------------------
________________
६८
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
६१ | १५६१ | तुलसी-माहात्म्य
३०६८
पुराना | ५:
१२x६॥"
२
१८२६ ३४७४
"
५:
१२४६"
८६७
दुर्गा-माहात्म्य
११ः
७४४"
देवी-माहात्म्य
१७९४ वि०
१५२:
७४४॥
३६२३
१४२: ७॥४४" ।
५७६
।१०६४
८६:
६x४||"
६७ १४१७
२३८३
१५:
५४३"
६८ | १७६१
३४०५
१०:
७४३॥"
६६, १८१६
३४१६
३१:
७॥४५"
| १८२१ | ३४२१ ।
१६:
४४॥"
Page #78
--------------------------------------------------------------------------
________________
माहात्म्य
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
७१ | १८६० - देवी-माहात्म्य
नया | १४:
७४४"
७२ । ४१७ | द्वादशमंत्र-माहात्म्य
४:
७॥४३॥"
द्वारिका-माहात्म्य
१७१३ वि०
पुराना | ३६ :
६x४"
७४
१८४० । धनुर्माहात्म्य : ३५२६
१८३६ वि०
२०३:११॥४६॥"
पुष्कर-माहात्म्य
२४५॥"
२४६५
७६ ११६६
१७६८
७६ : १२॥४६"
७७ | १९८०
३८७५
पौष शुक्ल एकादशी-माहात्म्य
। ७:
१०४५"
७८९७२
प्रयाग-माहात्म्य
१८४७ वि०
२७४: १२x६"
१८५६ वि
२७६:
xx"
४२५७
| ६१४
१८९४ वि०
२३४ : १३॥४५॥"
Page #79
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
८१
८२
८३
८४
८५
८६
८५
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
८६
१५६६ ३००६
७२२
८०५
१८६६
३६४८
१५६६
३००८
१८१२
३४१२
८७ १३८१
२२३४.
१६५२ ३२६६
१६१४
३१४०
१५२८
२८६६
१००६
| १६००
ग्रंथ
प्रबोधिनीएकादशी-माहात्म्य
प्रबोधिनी-माहात्म्य
फलद्वितीया - माहात्म्य
भगवती माहात्म्य
भागवत माहात्म्य
""
गोवर्धनदास,
T
ग्रंथकार
रचनाकाल
माहात्म्य
-
---
--
1
लिपि-काल भाषा
१९२२ वि०
१८५७ वि०
१७४२ वि०
१८२८ वि०
१८४६ वि०
१९२६ वि०
१९४० वि०
1
संस्कृत
33
33
31
"
हिन्दी
संस्कृत
"
=
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
भ
31
पूर्ण
E
अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
कागद
नया
"3
पुराना
"3
"
नया
"
पृष्ठ एवं आकार
११ः
५१ :
5:
६ :
११ :
४३ :
१०:
४४ :
२१:
१३ :
RII XX"
१० x ३ ॥ "
११ ॥ × ५”
११ × ५”
१० × ५”
६x४"
Ex४"
१०x४ ।। "
११ ×५”
१२४४"
७०
विशेष विवरण
Page #80
--------------------------------------------------------------------------
________________
माहात्म्य
। वेष्टन ।
ग्रंथ
ग्रंथकार
-
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
भीष्मपिता-माहात्म्य
।
नया
| १५:
७४६"
।
पुराना
६२, १८२५ मथुरा-माहात्म्य
३४३६
| २६:
१०४५"
माघ-माहात्म्य
।
१७६६ वि०
१६१: १०४४॥"
१०८१
।
१८४६ वि०
.०:
१२४६"
। १२३५
१८३७
१५ | १८४०
।
१६२३ वि०
नया
२०५: १०४६"
३५३०
९२२
।
१४२ : १२॥४५"
।
१८३६ मार्गशीर्ष-माहात्म्य ३५२०
| १६३३ वि०
नया
| १४० : ११४५॥"
।
पुराना
१८१५३३
२८६५
११७ : १२४५॥"
।
१२०६ १८०%
८२ :
११४५"
।
१५०४ २७६०
नया | १२:
११४४" |
Page #81
--------------------------------------------------------------------------
________________
माहात्म्य
--
-
| वेष्टन । एवं
पंचकार
ग्रंथकार
रचना-लिपि-काल
रवाना | लिपि-काल
| भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१०१ | १६१६ मार्गशीर्ष-माहात्म्य
संस्कृत
नया | १५:
७४५"
७:
६x४"
१०२ १८५६
३५६६
मृगचर्म-माहात्म्य
पुराना
:
१०३ | १५०८
२७७३
६x४||"
१०४
रामायण-माहात्म्य
शीतलदास .
|१६३६ वि० हिन्दी
नया
३६:
८४६"
१५१८ २८२०
वशिष्ठमुनि-माहात्म्य
संस्कृत
पुराना
११:
४४२॥"
४१
वामनदादशी-माहात्म्य
.
१०६ ! १४४५
२५११
-
नया
१०: ११॥४५॥
। ८८३
१३३४
विध्यपुराण-माहात्म्य
१६२३ वि०
३१८ : १५४ ६"
०८।१०३४
१६३०
शालिग्रामशिला-माहात्म्य
"
| ११ : १०॥४५"
शिवपंचाक्षरी-माहात्म्य
१६२६ वि०
"
२१:
६x४॥"
१०६ १९८३
| ३८७८
श्रावण-एकादशी-माहात्म्य
| ३६२०
Page #82
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१११
११२
११३
वेष्टन
एव
ग्रंथ-संख्या
११५
५१६
५६३
११४ १३८५
२२५०
१४४६ सीतानवमीव्रत - माहात्म्य
२५१७
१३५० सूर्य-माहात्म्य
२१२१
संक्रांति - माहात्म्य
१०३७ १६३३
ग्रंथ
33
तुलसीदास
1
ग्रंथकार
माहात्म्य
रचनाकाल
|
1
|
T
लिपि -काल
1
1
१९१० वि०
T
T
भाषा
संस्कृत
=
हिन्दी
17
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"1
अपूर्ण
कागद
पुराना
=
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
६:
१६ : ११ । । ५ । । ”
१०:
४६ :
१०x४ ।। "
३४ :
ε11 XX"
५।। × ४"
७ । × ७”
७३
विशेष विवरण
Page #83
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
। वष्टन
एवं
पंथ
संख्या
रचना | लिपि-काल | ‘भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
संस्कृत
१. १३२ -अच्युत-कवच
१३६
पुराना
५॥x४"
२ १०६४,१ अन्नपूर्णा-कवच
१६ : ८॥X५॥"
१६८ | अर्जुन-कवच
नया
६x४"
१७६
कार्तवीर्यार्जुन-कवच
१९४२ वि०
१०४:
७.४४"
९१७
कालिका-कवच
१७८२ वि०
पुराना
१३:
७॥४४".
४५०
८:
१०४३॥"
७
१८:
७॥४४॥"
१८५६ ३४७७
२२२
"
७:
७X५" |
२३३
कालिका-त्रैलोक्यमोहन-कवच
"
२६:
७४४"
| १७६५
| १०५० | काली-कवच | १६४६
१०
.६x४"|
Page #84
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
ले
११
१२
१४
१५
१३ १०९४,३
१६६१,११
१६
१७
१६
बेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१६
३२०
३४६
528
१३८८
१६७३
३८६२
१८०७
३४२१
१६२१
३१७४
१४६५
२६०३
गणपति-कवच
गणेश कवच
3.
२० ४३०
४६२
"
33
१७०२ गुरु कवच ३३०४
गायत्री कवच
"
१९९६ | गोपाल कवच
३६१३
ग्रंथ
चंडी-कवच :
ग्रंथकार
T
I
T
/
रचना
काल
1
|
T
1
I
1
कवच
1
लिपि - काल
-
१९६६ वि०
1
1
T
१९१७ वि०
I
भाषा
संस्कृत
"
17
""
"
19
33
"!
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
19
".
"
,,
11
अपूर्ण
कागद
पुराना
नया
पुराना
11
"1
""
नया
11
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
२०:
१७ : १०४३॥”
१४ :
३:
१० : ६ ॥ ४४॥"
१० :
१०:
५X३”
११:
८:
4x6"
१६॥४४॥
६×५”
५ x ३”
६x४"
८५१
४: ७॥१४३॥"
७५
विशेष विवरण
Page #85
--------------------------------------------------------------------------
________________
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पंच-संख्या
मगवः | पृष्ठ एवं आवर | विशेष विवरण
१६४२ | छिन्नमस्ता-कवच ३२५०
पुराना
-१०:
७४३"
२२
१७३२ ३३३६
त्रिपुर-कवचः
५.:
७४४"।
७:
६४३"
४
२४ । १७४३
३३४८
४:
६x४"
| त्रिपुरमूर्ति कवच
१७:
०x४॥"
२४२
२६ | १९६२
३६०४
त्रिपुरसंदरी-कवच
२०:: ७४५"
२७
८५
पुराना
१:
५AIX४॥
२८ १८६३
३६३२
नया
२६ | १९५२
३८३०
पुराना
| ६:
६४३॥"
१४१७ त्रिपुरसौभाग्य-कक्च
| ३५::
५४३"
| २३८०
Page #86
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच -
७७
| वेष्टन संख्या
- एवं ग्रंथ-संख्या
पंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
__ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
.
३१ | १८५१ त्रिमुखी-हनुमत्कवच
३४६६
संस्कृत
६:
६४३"
४११ त्रैलोक्यमोहन-कवच
१८७८ वि०
.
५:
८x.४"
४४३
३३
.
६
१०: ६॥४४॥"
७::
५४ शा"
२७५
३५
४६६
"
|४:
५४३॥"
२५
३५०
| २१:
४४"
३८४
. .
त्रैलोक्य-विजय
१०:
५४३"
४३१ / त्रैलोक्य-विजयनाम-कवच
है
"
६::
६४४"
दक्षिणाकालिका कवच ३५६६ ।
१९१२ वि
| नयाः . . | १२:. .
६x४" |
Page #87
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
४१
४२
४३
૪૪
४५
४६
४७
४८
૪૨
५०
वेष्टन
एंव
ग्रंथ-संख्या
५१
५६
१२७६
१८८५
१९३२
३७६३
७४८
.८४३
१२४६
१८५२
६८८ दुर्गा कवच
१५८४
१६१६ ३१५७
११६२
१७६१
१८५६
३५६५
१४६ १५६
दक्षिणा कालिका -कवच
ग्रंथ
दक्षिणाकाली कवच
देवी कवच
(सटीक)
ग्रंथकार
T
I
रचनाकाल
-
-
/
कवच
T
T
लिपि-काल भाषा
-
--
१९०६ वि०
१९३४ वि०
1
T
संस्कृत
"
"1
11
11
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
"
कागद
नया
पुराना
नया
"
पुराना
44
नया
"3
पुराना
नया
पृष्ठ एवं आकार
२४:
६:
६:
५ :
६:
१८ :
७×५
१०x६"
६×५”
१०:
७X५”
३४ : १०x४ । । "
• ५४३"
१०५७
१६ : ६ ॥ ४४॥ "
१२ : ६ ॥ ४३ ॥ "
५×३”
७८
विशेष विवरण
Page #88
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
७९
क्रम-
पष्टन ।
संख्या · एवं
ग्रंथ-संख्या
प्रंयकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
५१ | १८४७ | देवी-कवच
|
पूर्ण | पुराना | १० :
४४३॥"
१८५६ ३५६५
१६:
७४३॥"
३५६६
नारायण-कवच
नया
! १२ : ८॥४६॥"
६५२
| नृसिंह-कवच ३८६६
| ३ :
४४३"
| ११३२
१७३१
पुराना
८:
७४३॥"
६१३ | पंचमुखी हनुमत्कवच
नया
१६:
७४३॥"
५८ | १२७३
१८८२
२१ :
५४३"
। ६१७ | पक्षिराज-कवच
३०:
७४३॥"
| १९५० | भवानी-कवच.. | ३५२८
१८५०वि०
पुराना
८::
७॥४४" |
Page #89
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
बेष्टन
ग्रंथ
ग्रंयकार
रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
| भवानी-कवच
१८५८ वि० | संस्कृत
पुराना
२५६ २७६
३ : . ५४३॥"
४७६
१९५८ वि०
॥
नया
।
६:
५॥४३॥"
५२०
भैरव-कवच .:.
१८७३ वि०
पुराना ।
८:
६४५"
५६२
१९६४ वि०
"मया
१०x४"
६४ | ८६६
१३८६
ॐ . . . . . .
६५ -
२
:
॥x४" |
२
पुराना
११:
| १८४१
३४५६
५४३
नया
।
५:
६४३॥"
३७८७
- ६८ | १७६०
राम-त्रैलोक्यमोहन-कवच
पुराना । १६ : ११४४॥"
३४०४
६६ | ११८७ | रामरक्षा-कवच
१७८६
१६०५ वि०
नया
१६४५ वि०
-
"
१४१८. रुद्रयामल-कवच २३८६ ।
:
x"५॥ |
Page #90
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
वेष्टन
क्रम- |
ग्रंथकार
एवं
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
संख्या
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
| ग्रंथ-संख्या
रुद्रयामल-कवच ,
नया
१०:
| ११५८ १७५७
७४५"
७२
१५:
५४४"
११५६ १७५८
पुराना
८:
११॥४
॥"
७३ | १२२५
१८२५
७४ | १४२ | लक्ष्मण-कवच
नया
५:
७४३॥"
१०:
४५"
७५ | १०६४,१ लक्ष्मी-कवच
१६६१,३]
७६ | १४६५ / लक्ष्मी-नृसिंह-कवच
२६०५
२:
८४५"
१३०
१३७
वमलामुखी-कवच
५:
७४४||"
८६४
|६:
५४३"
१०४ ११२
७६ | वटुकभैरव-कवच
६:
७॥४४"
Page #91
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
८२
.. | वेष्टन
एवं
संख्या
रचना-लिपि-काल ।
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
७६१ वटुकभैरव-कवच
संस्कृत
पुराना
८:
६॥४४॥"
७८२
८२
९७६ १५६७
ह:
४४३"
८:
७४३॥" |
१७६६
. . . .
वाला-कवच
:
५४३"
१७६७
२५०
५४३"
२६६
शरभ-कवच
८७ ।
शिव-कवच
७४८ ८४२
१८:
६x४"
२०३ २१३
१६:
६x४" |
. . . .
८६
८६६ १२६६
१५:
७४३॥"
१० | १०२६
१३ :
५४३॥"
Page #92
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
६१
६२
६४
६५
६३ ५२५
५६६
६६
६७
६८
εε
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
१००
१६५६
३२६१
१८६३
३४८१
१८६३
३७२२
४
६
६८०
१५७५
३६१
३६८
शिव कवच
""
२५१ २७०
"1
श्यामा-कवच
४४५ संमोहन - कवच
४८२
श्रीकृष्ण कवच
ग्रंथ
९५६ सुंदरी - कवच
१५४६
सरस्वती कवच
31
ग्रंथकार
रचना
काल
T
कवच
L
लिपि - काल
T
१९०७ वि०
१६०० वि०
भाषा
संस्कृत
S
३
ग
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
पूर्ण
""
"
55
29
कागद
नया
पुराना
नया
पुराना
"
नया
"
पृष्ठ एवं आकार
१७:
३:
१०:
१२:
३१ :
५ :
१० :
६:
१३:
१५ :
५×३”
EX ४|| "
- ५×३”
६x४।।”
5 X ४ ।। "
५।। ३।।”
५X३ ।”
६×५”
७ X ४ || "
७४४"
८३
विशेष विवरण
Page #93
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
-
वेष्टन
ग्रंथकार
रचना
एवं संख्या
'. ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१०१-६७५
संदरी-कवच
नया
| १४: ६॥४४॥".
१०२ |
२६३ २८६
१६१२ वि०
१०: ५४३॥"
सूर्यकवच
१०३
६:
३४२"
१६६२
१०४ १४८३
२६७१
१०:
७४५"
"E. . . . . EEE
१०५
१६३५ ३८०३
स्मशान-काली-कवच
| १४ :
७॥४४॥".
०६
३८६
हनुमत्कवच
१८५० वि०
| १३:
६x४".
४२६
१०७ ।
१८
२
२०:
४॥४३॥".
८८
१०८ । १६१८
३६७३
१८८७ वि०
१९३२ वि०
नया
१८:
५४४"
१०७३
१९४४ वि०
२३:
६४५॥"
२८७६
Page #94
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
| लिपि-काल | भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
१११
१६४६ वि०
संस्कृत
नया
१५२६ | हनुमत्कवच २८७३
| १७: ६॥४॥"
११२ | १५२
१९४७ वि०
"
३८: ५४३॥"
१६६२ वि०
११३ - १७१२
३३१६
८.
७४३॥"
११४, ५४०
पुराना ।
१३:
८॥x४"
नया
१६: ६॥४३॥"
६१४ ६६२
२०: ५॥४३॥"
२९६४
७ | १७७४
३३८३
१२: ७॥४४॥"
२५५
"
| १२ः १०४७"
२७४
१४४५ १६४१
,
१४ :
५४३"
.
१४८६ २६६०
पुराना | ५:
४४२॥"
Page #95
--------------------------------------------------------------------------
________________
कवच
वेष्टन ।
.
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
, १२१
१५६३ | हनुमत्कवच २६८६
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना
११:
७४५"
"
२२ १७६१
३३६७
नया
| १०:
३४२"
१२३ | १५० । हरिहर-कवच .
१५७
६:
४५"
Page #96
--------------------------------------------------------------------------
________________
योग (अंगन्यास, अष्टांग, करन्यास, हठयोग आदि)
| वेष्टन
एवं
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचना
लाप-काल
___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कोगद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१४७ | अंगन्यास
संस्कृत
नया | १८:
५४४"
१८१
पुराना
८:
६x४॥"
४८८
|
नया
|
६:
६४३"
.५३२
| अंगन्यासविधि
पुराना
०:
७४५"
१०१
३१:
५॥X५"
"
नया
८४४"
-
१६१
अष्टांगयोग-भाषा
चरणदास
१९२२ वि० हिन्दी
".
९२: ७॥४४॥"
१६१६
८. १२६३
१६३०
१६३१ वि०
३७: १०॥४४॥" |
. .
१३७५ | २२१०
८२
८४५" |
१७३६ | करन्यास
संस्कृत
Page #97
--------------------------------------------------------------------------
________________
योग
८८
(अंगन्यास, अष्टांग, करन्यास, हठयोग आदि)
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार |
विशेष विवरण
संख्या
११
१७०४ वि० संस्कृत
३६६ | खेचरी-विद्या ४२७
| पूर्ण
पुराना
३७:
॥x४" | महाकालयोग
शास्त्रोक्त
१८८८
छायाजोग
जानकीदास गोस्वामी
१९१०वि० हिन्दी
नया
४:
६x४"
३७१३
योग-संग्रह
आधार मिश्र
| पुराना
।
२१२:११॥४४॥"
२३६१
१४
वहिर्मात्रिका-न्यास
४२:
४५८ ४६६
६॥४५"
षट्चक्र
नया
६:
८॥४३॥"
२३३३
८८५ | हठ-प्रदीपिका १३३८
आत्माराम
१८७५ वि०
पुराना
| १२ : १२॥४६"
चरणदास
|१८०६ वि०
हिन्दी
४५:
१३६५ | हठयोग २१६६
६४५॥"
Page #98
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१९३२ | अग्निमंत्र ३७६६
संस्कृत
नया
| ४:
६४३॥"
अशानध्वांत-दीपिका
२ | १४०६
२३३०
सोमनाथ
पुराना
६८ : १०x४॥"
३ | १२७३ | श्रापदुद्धार-मंत्र (१८८२,१
| १३: १०४५"
आसुरी-मंत्र
५४३"
१४३६
| आसुरीमंत्र-विधान ३६३८
४८: १०४४॥"
इंद्रजाल
| १२०: १०x४॥
। २५९८
इंद्रजाल-चातुरी-भेद
७१४५०
२५३४
६६:
७४५"
१९२४, उच्छिष्ट-चांडालिनी-विधि ३६५६
1१९०७ वि० संस्कृत
१३ :
८४४"
१
पुराना
|७४:
११७७
| उद्धार-कोश १७७६
७॥४४||"
नया
३
.८४५"
| १८६३ | कामेश्वर-महामंत्र | ३६२६
Page #99
--------------------------------------------------------------------------
________________
- तंत्र-मंत्र
समा
संख्या
एवं
रचना-लिपि-काल
भावा
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११ १८६३ | कालसंकर्षणतंत्र
पूर्ण
नया
| ७:
८४५"
कालीमंत्र | २४०२।।
२:
८४३॥"
१७६७ ३४११,
२:
८॥४४"
| किन्नरीसिद्धि-मंत्र
.:.
६x४"
'३८२०
।
खङ्गमाला-मंत्र
.:
८४४॥"
२१६
| गायत्री-उत्कीलन-मंत्र
६:
॥४४॥"
1.३४००
गायत्रीमंत्र
नया
- | ३ :
४५"
२२०
१८ १८४६
८:
६॥४४॥"
१६ १८५७
३६०३
पुराना
८:
६x४||"
११४
३:
१०४४"
Page #100
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२१
२२
२३
२४.
२६
वेष्टन
व
| ग्रंथ-संख्या
१४९२ गायत्री मंत्र
२७१०
२७.
२६
३०
७६७
१०३४
२५ १० चंडीकवच-मंत्र १४३४
ग्रंथ
गुरुगोरख-मंत्र
४२६ | गुरुपादुका मंत्र ४६१
१९२६ घंटाकर्ण महाबीज मंत्र
३७८०
३०६ चंडीस्तवराज-मंत्र
३३७
२८ २२३ ज्वरगायत्री मंत्र २३४.
२०१०. ज्ञानार्णव - नित्यातंत्र
४२७०
१८४४ | तंत्र - जंत्रावली
३५४३
८१५ | तंत्रसार १११५
ग्रंथकार
कृष्णानंद 'वागीश'
तंत्र-मंत्र
रचनाकाल
1
|
―――――
T
|
लिपि-काल
१८४१ वि०
१९१३ वि०
·|
१७६६ वि०
भाषा
संस्कृत
हिन्दी
संस्कृत
"
33
"1
"1
"
पूर्ण या अपूर्ण कागद
अपूर्ण
W
33
पूर्ण
"1
"
""
W
"
नया
ול
13
"1
पुराना
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
१२ :
४० :
४ :
१ :
'७':
४×३”
१० X ४ । । "
३:
७४४ ।। "
१०×५ "
५×३”
११६ : ७४३ ।। "
१८४ : ११४४ ।। "
१०×५”
१३७ : १० ॥ ४५॥”
७२३ : १०४४ ॥ "
९१
विशेष विवरण
Page #101
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
वेष्टन ।
एवं ग्रंथ-संख्या
रचना
ग्रंथ
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
३१
८३३ (तांत्रिक-ग्रंथ)
१६१८ वि०
संस्कृत
अपूर्ण
नया
| १०:
७४४॥"
पुराना
७६४ ८९७
७:
१३४४"
७४५".
३३ | १२५३
१८५६
८४६"
३४] १६२६
३७७७
त्रैलोक्य-मोहनमंत्र
७४४"
१२
१९२० वि०
नया
१०:
२७१ | दक्षिण-कालिकाध्यान-मंत्र ३००
8ix४॥"
दत्तात्रय
३७ १४५०
२५३७,१
| ३०:
. ७४५"
३८
१३४ | दिग्वंधन-मंत्र
५॥४४"
३६
६०२ | देवीरहस्य-तंत्र १४१३
| १९२५ वि०
५१७ ११४४||"
४०
१८६७ नवारणव-मंत्र | ३६५३ ।
पुराना | ८ :
५४४॥".
Page #102
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
| वेष्टन।
ग्रंथकार
रचना
ग्रंथ
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
४१ | १४६५ / नृसिंहलक्ष्मी-बज्ररक्षा-मंत्र
२६०८
नया
२:
८४५"
१७२१ | पंचदशी-महामंत्र ३३२५
पुराना
१२: ७॥४४॥"
३०० पंचमीस्तवराज-मंत्र ३२६
नया
|
२७:
शाx४"
| पद्मावती-मंत्र
२०: ५॥४४॥"
४२०१
पुरश्चरण-लक्षण-मंत्र
१२:
६x४"
६२
७५६ | प्रत्यंगिरासिद्धि-मंत्रोद्धार ८५७
पुराना | १३:
७४४" |
४७ | १९३६ | बगुलामुखी-मंत्र
४०६६
नया
५: १२॥४१०"।
४८ | १७६८ | भूतशुद्धि
३४१२
टीकाराम का पितामह (?)
"
१:
१८४८" | कुंडलीनुमा
४६, ११८१
१७८०
भैरवतंत्र
"
|४:
६४३॥" |
७७४ | मंत्र-चंद्रिका
१८:
६x४॥"
४६०
Page #103
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
वष्टन
कम-
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल |
भाषा
पू
कागद
पृष्ठ एवं आकार
एवं . ग्रंथ-संख्या
विशेष विवरण
सख्या
मंत्र-चिंतामणि
५१ । १९९६
३६२१
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना | १७: १०४५॥"
५२ १४१८ | मंत्र-जंत्र
२३६१
६४:
४४२॥"
मंत्र-पारायण
१८८३ वि०
॥
पुरामा
६२:
१-४"
७४४ ८३४
मंत्र-महोदधि (सटीक)
. महीधर
१६४६वि. १८३३ वि०
२७३: १०४४" ग्रंथकार की ही टीका
११७३
१८७१ वि०
"
७२३ ८०७
| २१८:
६x४"
२५: १०॥४६"
१०५४
५७ - १४७७ | मंत्र-शाकल्य
२६४६
५:
११४५"
५८११२३
३६५०
(मंत्र-संग्रह)
१०:
४४३॥"
हिन्दी संस्कृत
४०:
८॥x
॥"
५६ १०६४,१
(१६६१,१
६० १६४३ | मंत्रसिद्धि
|३८२१
:
८४४"
Page #104
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
९५
| वेष्टन
क्रम
एवं
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
| रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
कागद
पृष्ठ एवं आकार
1.विशेष विवरण
| ग्रंथ-संख्या
मंत्रसिद्धि-विधि
७: १०॥४४॥"
हिन्दी संस्कृत
३४४२
मंत्रिका-मंत्र .
|१८४१ वि०
"
२८:
४५
८६६
६३.
२६० | महामंत्र.. ३१६
४:
७॥४३॥"
६४ | ९६८
१५५८'
महामृत्युंजय-मंत्र
२६: ६x४॥"
मांत्रिक
६५ १९२६
३६७८
वासकदास
१६४८ वि० हिन्दी
३४:
६४५"
६६ | २०१४
४३०१
३० :
७४५"
५४५ / मूर्ति-मांत्रिक-न्यास
संस्कृत
७२:
४५॥"
| यंत्र-चितामणि ७७२
हिन्दी
४६ : १०x४॥"
६६
|
"
७२२ ८०६
"
४२:
१३४५"
• ! १४७७
संस्कृत
"
२६: . ११४५"
Page #105
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
वेष्टन
ग्रंथ
लिपि-काल
भाषा
पूण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
-
१८६७ वि०
संस्कृत
७१ | १९६० | यंत्रराज
३८४१
पुराना । २५ : ४॥४२॥"
७२ | १२७५
१८८४
"
४२:
७४६"
यंत्र-विधान
२६:
४४३"
३६०६
७४ | ८३४ |
यक्षिणी-मंत्रसाधन
१३१:११॥४४॥"
E. . . . . . . .
यक्षिणीविद्या
६:
६x४"
योगिनी-तंत्र
३:
१०x४||"
३३८५
रसरत्नाकर-मंत्रोद्धार
७७ | १९४६
४१३६
! ५२:
४x७"
लक्ष्मीनृसिंह-मंत्र
नया
४:
१०॥४४॥
३३८२
७६ | १८०० | वशीकरण-मंत्र
३४१४
पुराना ।
३:
८॥x४"
८०
.
१६६ | विंध्यवासिनी-मंत्रविधान १३८६
:
६x४॥"
Page #106
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
-
पंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
| १३ | विभूति-मंत्र
|
पूर्ण | नया
। ४० :
४॥४३"
८२ | ११७३ | वीरभद्र तंत्र-मंत्र
१७७२
पुराना
| ४२: १०॥४५"
| शक्तिमाला-तंत्र.
| ६ :
६x४"
शक्तिसंगम-तंत्र
| २१०: ६x४॥"
८४६
८५ | १४१६ । शनि-मंत्र
२३६७
नया
|६:
७४३।।"
८६ | १४१६
२४००
| २:
६॥४३"
"
८७ | १४१६
२४०१
| १:
७॥४३॥"
८८
३६ |
शरभदारुणसप्तक
६॥४५"
८६
७४१ | शरभप्रयोग-मंत्र८३४
पुराना
| २५:
६x४॥"
|
०
१३६७ | सर्पदंश-मंत्र २१७६ |
६:.
७४५"
१३
Page #107
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
९८
वेष्टन
पंथ
संख्या
पंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
अंग-संख्या
६१ १८६७ | सर्पमंत्रोत्कीलन-मंत्र
.३६५२
१७७१ वि०
| १४:
५४३"
"
| ७६:
६४५"
८५४
।
२४४ | सर्वतंकसार !: २५८
नया
| १६ :
६४५"
साबर-मंत्र
।
पुराना
३६ :
६॥४५"
.२१७७
सुदर्शन-मंत्र
२:
८४५"
२६०७
१६
१४१८ | सूर्य-मंत्र २३८८
१६१९वि. १६१६ वि०
८४४"
२:
७॥४४".
१७ | १४१८
२३६३
१८६६ वि०
८५: ८॥X४||" | तंत्रेश्वर
१८ | १९६६ । सौभाग्यचिंतामणि ३८५६
| सौभाग्यतंत्र ३८८३
नया
| १०: ६४४॥"
१९७३ | हनुमत्तैल-प्रयोग ३८६१
१९१७ वि०
| १३:
७॥x ४."
Page #108
--------------------------------------------------------------------------
________________
तंत्र-मंत्र
EM
। वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
प्रय
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
| ८०४
| हनुमान-मंत्र १०६७
संस्कृत | अपूर्ण
नया
| ११: ५॥४३॥"
१०२ / ३६६ | हयग्रीवाष्टाक्षर-मंत्र
"
पूर्ण । पुराना | १०: ७॥४४॥"
४०५
Page #109
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
बेष्टन ।
रचना
। एवं प्रय-संख्या
संख्या
ग्रंथकार
| रचना लिपि-काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१८५६ ३६०१
अध्यात्म-स्तोत्र
पुरामा
११: १०x४॥"
अन्नपूर्णा-स्तोत्र
परमहंस परिव्राजकाचार्य
| ६:
७४३॥"
.
३.१०६४,१
१६६१,४
६:
alrx॥"
अनुस्मृति-स्तोत्र
|१८५८ वि०
॥
२५:
६॥x४"
३५
५
१८६२ ३६२६
१८९५ वि०
१७:
६x४॥"
६
१५८२ ३०४४
१९६४ वि०
नया
३६:
४॥४३॥"
।
"
पुराना ।
२६:
६x४"
२१:
७४४"
३१७५
६
१८७३ ३६७६
नया
०:
८४६"
१० २०१७
| ३९५४ ।
पुराना
४ः । ॥४३॥"
Page #110
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१.१
वष्टन
.. संख्या
प्रय
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
२०११ | अनुस्मृति-स्तोत्र
संस्कृत
| ६८:
४॥४३"
४२७२
३५४ | अपराधक्षमा-स्तोत्र ३८६
१२:
५४३"
१३ | २०१७
३६५५
१०ः
॥४३॥"
६॥xy"
| अपराजिता-स्तोत्र २५६२
६॥x६"
अपराधभजन-स्तोत्र
१८६८ वि०
६॥४५"
४८८
१७ | १९९३
३६०८
अपराधसुंदरी-स्तोत्र
शंकराचार्य
१७६५ वि०
१४: ६x४||"
१८६३२
६८१
१९३३ वि०
६:
४५
१६.६४०
१५२५
६:
.७nx४॥"
१३:. १०x४" |
.....
३१६२
Page #111
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
एवं पंच-संख्या
पंचकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
एवं आकार | विशेष विवरण
२१ | १८४८ | अपामार्जन-स्तोत्र
१७७२ वि०
संस्कृत
पुराना | ३४:
4॥x४".
२२
५६५
५२:
५४४1"
|१८४ वि०
"
"
३०:
३४३॥"
२४
|१८५७ वि०
१४५६ २६६५
३१: ६x४"
अमिलाष्टक स्तोत्र
७४५॥"
७७७
२६ । १५२७
२८५८
अर्जुन-स्तोत्र
|१७६१ वि०
२६: १०x४||"
२७
आकाशभैरव-स्तोत्र
१२:
८६६ १३८७
७-५"
आदित्यहृदय-स्तोत्र
१७०८ वि०
___ex३"
२६०२
२६
१७७९ वि०
४६३ ५०५
४२:
७॥४४"
३० | ३२१
१८०८ वि०
२०:
८॥x
"
३५०
Page #112
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
| वेष्टन
संख्या
| लिपि-काल
भाषा
पुष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
अादित्यहृदय-स्तोत्र
१८१६ वि०
संस्कृत
पुराना | ३५:
७४५"
४१०
३२
३७० ४०६
१८२८ वि०
३५:
८४५"
१८५० वि०
५६: ७॥४२॥"
१८५० वि०
४६ : ८॥xi
४०० ४३१
१९०३ वि०
६३: ५ix ३॥"
.
U
१९६० वि०
५६:
५॥४४॥"
३७ । १५८२
३०४३
१९६४ वि०
११८ : ४४४३"
99
पुराना | ४२:
६॥४४"
१२६
३६ । २१८
२२६
६७:
५॥४४॥
"
| ७e:
॥४३" |
Page #113
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
| वेस्टन
ग्रंथकार
संख्या
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
४१ - ४८३
५२७
आदित्यहृदय-स्तोत्र
पुराना । ६६ :
६४५"
| ४६२
५३६
२५:
८४४||"
५०२ ५४६
२६:
११४५"
८०:
८४४"
८१७
८२७ ११४५
१६ : १०॥४६॥
८३३ ११६१
६ :
७४५॥"
७४४"
१२६
४८ | १०६८
१६६५
२७:
१०x४"
४६
१५३८ २६०६
"
| २२ :
७४५"
| आदित्यहृदय-स्तोत्र-भाषा
। गुलाबसिंह, राव
नया | १५: . ७४५"
Page #114
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
| वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
|
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५१
८३३ | श्रादित्यहृदय-स्तोत्र-भाषा ११६२
।
पूर्ण | मया
:
७४५"
७३२ | अाम्नाय-स्तोत्र ८२२
विश्वेश्वर
१८४० वि०
७२:
६x४"
७६८ १२६
१८९४ वि०
॥
५:
६x४॥"
इंद्राक्षी-स्तोत्र
१८६३ वि०
५:
७॥४४॥"
१८८३ वि०
१२:
७४५"
२८८१
१८८३ वि०
७:
६x"
३४१३
ऋणमोचन-स्तोत्र
| ४:
८४४||"
३८००
| धिमंडल-स्तोत्र ३६४८
एकीभाव-स्तोत्र
वादिराज
१८५७ वि०
३९५१
| १८६४
Page #115
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
बष्टना
रचना
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
६१ १६०० | एकीभाव-स्तोत्र
३७८२
संस्कृत
पुराना
८:
६x४"
ककारात्मक-सहस्रनाम स्तोत्र
१९३१ वि०
"
नया
६४:
७॥४४॥"
३७६६
कर्पूर-स्तोत्र
- |१८४६ वि०
पुराना ।
५ः
७४४||"
६४
३३५
६
७४४||
कल्याणी-स्तोत्र
"
६५ / १००४
! १५६८
७:
५४३"
कामरूप-स्तोत्र
६:
६६।१८१३
३४२७
७॥४४||"
८:
७॥४३॥"
६७ | १४१६
२३६६
कार्तवीर्यार्जुन-स्तोत्र
१९१२ वि०
|
नया
___Ex५"
४३६
१६:
६४३॥"
२०३ २१२
.७०
४३:
६४॥"
७१५ ७६०
J
Page #116
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
बेष्टन
लिपि-काल
संख्या
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एव आकार | विशेष विवरण
कागद |
ग्रंथ-संख्या
७१ | ६० | कार्तवीर्यार्जुन-स्तोत्र
पुराना
४:
५॥x४"
११३१ | कालाग्नि-उपनिषत्स्तोत्र
४:
८४४॥
१७३०
४१ | कालिका-स्तोत्र
:
६x४॥"
४४३ ४७९
८
.८४४"
१३: ६॥४४॥"
७६
.६३६
नया
:
६॥x४"
पुराना
२०६:
॥
४॥
९६४
७८ ११७३
१७७०
१७.
७॥४४॥"
७१
५६८
१९८:
५४४"
६४५
१०४४
| १०. ४॥४३॥"
Page #117
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
... १०८
ग्रंथ
1 एवं संख्या
ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।।
पृछ एवं आकार
| विशेष विवरण
११
४५६ | कालिका-सहसाक्षरी-स्तोत्र
१९०७वि०
संस्कृत
नया
।
है: .
७॥४४"
१२ १०१७
काशी-विश्वनाथ स्तोत्र
पुराना
५२:
४॥४३"
कीलक-स्तोत्र
या
|३:: ६x४॥"
३०२६
८४
२०१४ ३९४५
कुमारी-स्तोत्र
"
। १३:
७४३॥"
कृष्ण-स्तोत्र
शकराचार्य
पुराना
::
५४४"
१६, १७३६
5७
२८६
क्षमाषोडषी-स्तोत्र
७॥४३॥"
गंगासहस्रनाम स्तोन्न
३३:
८॥x४"
१२७
१
९४२ | गंगा-स्तोत्र १५२७
शंकराचार्य
नया
।
५ः
७४४॥"
| गकारादि-महागणपति-स्तोत्र
पुसना
Page #118
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१०९
। संख्या
वष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
९१ | ११५ | गजेंद्रमोक्ष-स्तोत्र
१२२
पुराना
| ४२:
६॥x४"
६२ १५८२
३०४६,२
नया
| ५६ : ४॥४३॥"
६३ १६२१
३१८०
पुरामा
२४:
७४३॥"
६० : १२॥x"
३२२०
नया
३१:
६x६"
&KI १८७३
३६८०
पुराना
:
X४॥"
| १९६० | गणपति-द्वादशनाम-स्तोत्र
३८६० ६५ १०६४,१ गोश-रक्षाकर-स्तोत्र
१६६१,२ ६८ | १४६५ | गणेश-सहस्रनाम-स्तोत्र
२७३६
६:
८॥४५॥"
___८x४॥"
नया
५४:
४४३".
१००।
४७८ ५२२
पुराना | ४६:
५४३॥"
Page #119
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
वेष्टन
कम.
आर्य
संख्या
पंथकार
| ग्रंथ-संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
गणेश-सहस्रनाम स्तोत्र
संस्कृत
पुराना
४७:
६॥
३
३८७
२१०९४,३
".
४:
४७".
१०
७५५ | गणेश-स्तोत्र
..'६x४"
४] २०१२
४२७४
(सचित्र)
शंकराचार्य
नया
।
८:
७४५॥"
पुराना
३६४२
| ९५४
गायत्री-अष्टसहस्रनाम स्तोत्र
नया
।
३६:
७॥४४॥"
गायत्रीवर्ण-स्तोत्र
पुरामा
| २०:
६४४".
४०४, गायत्री-सहस्रनाम स्तोत्र ४३६
६२:
१६x४"
१.६
१९६७ ३८५२
गायत्री-स्तोत्र
२४ :
८४३॥"
२४३
५:
८॥X५
Page #120
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१११
वेष्टन
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१११ १९२६ गायत्री-स्तोत्र
३७७८
संस्कृत
पुराना ।
८४४॥
२७५ / गायत्री-हृदय-स्तोत्र ३०४
"
४३:
६४४"
-८गीता:स्तोत्र
१६.
६॥४४॥"
७६८ | गुरुगीता-स्तोत्र
१९०६ वि०
"
नया
| ३६ :
७४५"
२०:
६॥४३"
१४३५
. . . . . . . . . .
गुरुस्तवराज-स्तोत्र
१९२५ वि०
॥
४:
६x४"
७
२१७ २२८
गुरु-स्तोत्र
पुराना
१०:
॥४३॥"
११८ | १९५१
३८२६
नया
:
७४४"
गोपाल-चूड़ामणि-स्तोत्र
१९१७ वि०
का
५४४"
| १६१४ | गोपाल-सहस्त्रनाम स्तोत्र
१९२६ वि०
॥
२८:१०x४॥"
Page #121
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
११२
बष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१२१।
___७८ | गोपाल सहस्रनाम स्तोत्र
-
१९४३ वि०
संस्कृत
नया
४१ः
॥४४॥"
८५
४८४
पुरामा
३८:
६४३॥"
२८
e x xit"
११०
नया
|
४१:
६॥४३॥
१५८
पुराना
६x४"
३४२३
१६
| गोविंद-दामोदर-स्तोत्र
बिल्वमंगल
१६: ७॥४४॥"
२७
१७: . ४४४॥
१८६१ ३७१६
१७:
। १८६१ ३७२१
६॥४३॥
| १९३२ | गो-हृदय-स्तोत्र
":
४:
१०४५"
१८७ | चंडी-कवच-स्तोत्र
| २५:
६॥x३"
१६५
Page #122
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
वेष्टन
संख्या
अंधकार
लिपि-काल |
भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद । पृष्ठं एवं भाकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
जगन्नाथ-स्तोत्र ।
शंकराचार्य
| १८६१ वि०
पुराना
| ४:
६४४"
३७७
ज्वालामुखी-स्तोत्र
। ७:
६॥४४"
१५४३
तारा-सहस्रनाम स्तोत्र
३८:
७४३
४३७
१११: ६x४.
४६० ५०२
तारा-स्तोत्र
३: ८४॥"
११: ४ix२॥"
३४५७
१५२७ ३४५८
त्रिपुरभैरव-स्तोत्र
"
१७:
१२४५*
त्रिपुरसुंदरी-स्तोत्र
१८५२ वि०
"
"
१७:
७४३॥"
१९०६ वि०
नया | ११:
७४५०
६२२
१९२० वि०
५
१६
*" |
N
eendlnsangram
..
Page #123
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्त्रोत्र
।
एवं
.
ग्रंथ
प्रंयकार
लिपिकाल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१४१, ६२७ | त्रिपुरसुंदरी-स्तोत्र
६७६
१९४५ वि०
संस्कृत
नया
| ५६ : ६॥४४॥
"
८:
॥४४॥"
| ३०
॥४५॥
। २७२
४४
.४२५ ४५७
पुराना
| २६
॥x४"
४४७ ४८४
६:
६x४
नया
६x४॥"
५५०
८४५"
१४८
८:
६॥४४" |
२६२८ ३७७६
४६
पुराना
१०:
३३२ ३६२
७४३॥"
.
१६६६ ३३०१
Page #124
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
संख्या
| वेष्टन । एवं ग्रंथ-संख्या
पंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
। पुराना | ११६ : ६॥x ३"
१६४६ | त्रिपुरसुंदरी-स्तोत्र ३८२३ ४७६ | त्रिपुरहृदय-स्तोत्र
१६:
८॥x४"
५२३
३३४
त्रिपुरा-स्तोत्र
१०:
७४४||"
३६४
८.
७४३॥"
३४८०
| दक्ष-स्तोत्र ::
नया
१४: : ११४६॥"
२८१०
| दक्षिण-काली-सहस्रनाम-स्तोत्र |
पुराना
| १५:
६४४"
१९७
दक्षिणामूर्ति स्तोत्र :
शंकराचार्य
"
|४:
॥४५"
२२२
१५५ । २७१
१७६
दाक्षिणामूर्ति-स्तोत्र
५:
५॥४३॥"
१५६ । ४०२ | दत्तात्रेय-स्तोत्र
४३५
८:
६॥४३".
दशहरा-स्तोत्र
१९७७ वि०
नया
| २०
.. ७.४:५"
Page #125
--------------------------------------------------------------------------
________________
सा
१६१
१६२
१६३
१६४
१६४
१६७
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
दशहरा - स्त्रो
१२२१ दामोदर स्वत्र:
२०१४
१६९
YXR ४८७
७११
१००८
११८५
१७८४
१६६ १४२६
२४१६
६१०
६५७
१५५६
३४७४
१६० | १०३६
१६३२
१०४३
१६३६
१२०१
१८००
विजयरथानामस्तोत्र
दुर्गापंचरव-स्वोक
दुर्गाशतनामस्तोत्र
दुर्गा-स्तोत्र
ग्रंथकार
1
I
रचनाकाल
1
T
-
-
1
स्तोत्र
1
ਅਮਰ
१८९७ वि०
१९३९ वि०
1
भावा
संस्कृत
"
"5
"9
"9
""
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
23
अपूर्ण
"
"
"
पूर्ण
"
77
कागद
पुराना
नमा
पुना
"1
मूक एवं आकार
७:
७:
१६ :
५:
१०१ :
३२ :
१७ :
५ :
४ :
६॥Xx"
Ex¥A"
Exii
५×३”
७×५
७X
६५४ । । "
७ X ४ ।। "
११५७”
"६॥४४"
१.१६
विशेष विवरण
Page #126
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
१७१
१७२ | १६६०
३८४०
१७४
. १७३ | १६२६
૪૪૨
१७५
१५६
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
१७७
१४२०
२४०३
१७६
C
་་་
१३८२
. ७९७ १०३७
५० नर्मदाक-स्तोत्र
६४
.: ७० ७६
१७६ १६२६
३२१७
ग्रंथ
देव्यापराध-स्तोत्र
नवग्रह स्तोत्र
१६२६ ३२१३
११२७ वर्षा सहस्रनाम स्तोत्र
१७२६
नवचंडिका स्तोत्र
नवरत्नमाला - स्तोत्र
नागपद्य-स्तोत्र
ग्रंथकार
शंकराचार्य
1
शंकराचार्य
रचनाकाल
T
-
'
स्तोत्र
-
लिपि-काल भाषा पूर्ण या अपूर्ण
-
१८६८ वि०
1
|
1.
१८६८ वि०
प्रशानधन
संस्कृत
"1
"3
मे
"
33
"
כ,
"5
"
What
E
=
11
4
11
अधू
E
सपूर्ण
"
कागद
नया
पुराना
"
11
"
31
"1
11
नया
पृष्ठ एवं आकार
४ ::
६: ४X३॥"
१३ : १२ ।। १०.
८६ :
१९:
३० :
EXY"
9.:
21
६६५५"
5XX"
२.६४४१
{NXX"
X
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91182"
११७
विशेष विवरण
Page #127
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
११८
बष्टन
1.
1.1.
11
-
1 4-
-
-|- -|
- -
-
-
-
- - - 7
-
-
-
-
-
-
-
-
,
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A
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1
tỷ
1 -
- vị cay
-
ग्रंथ
पंचकार
संख्या
| लिपि-काल | भाषा
पूण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
प्रय-संख्या
१८१ १८४७ | नारायण-हृदय-स्तोत्र
| ३५५२
| पुराना | e:
६४४॥"
७६८ | नीलोत्पल-विलोचन-स्तोत्र
३२:
६॥४
॥"
१७
.१८३१८४०
३४६५
पंचदशी-स्तोत्र
शंकराचार्य
२८/
७४५"
१८४
२०१७
२:
॥x ३॥"
शंकराचार्य
१८५७६१
८८३
| ५:: ७४४॥"
१६
७२५
पंचदशी-स्तवराज-स्तोत्र
| १६:
६x४"
| पंजर-स्तोत्र
"
! २६:
८४४.
२३६४
१६२७ ३७७१
परब्रह्मस्तोत्र
".
३: ६x४"
१८६१६२३
परमानंद-स्तोत्र
देवीदास
१०:
५४४॥"
३६५५
७६८ परादेवी-रहस्य-स्तोत्र
१४७: ६॥४५॥"
|९१६
Page #128
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
१६१
१६२
ex
१६५
१६३ १५.६४. ३०८०, ३
१६६
. १६७
१६८
१६६
वेष्टन एवं
ग्रंथ- संख्या
२००
१४१६ पार्वती स्तोत्र
२३६६
१४१७ | पीतांबर - स्तोत्र
२३८२
१४१६ प्रजावर्धन स्तोत्र २३६८
११८२
१७८१
१४२१ प्रत्यंगिरा स्तोत्र
२४०७
१३७
१४४
२४
२८
३२४
३५३
ग्रंथ
पुरुषोत्तम सहस्रनाम स्तोत्र
६१६ २४५१
"
ग्रंथकार
1
T
J
f
रचना- लिपि-काल
काल
T
--
T
--
1
――――
1.
I
1
स्तोत्र
F
--
१८९६ वि०
१८४६ वि०
T
१९३७ वि०
१९५५ वि०
J
भाषा
संस्कृत
"
"
"1
"1
”
12.
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
ܐܐ
17
अपूर्ण
E
अपूर्ण
कागव
नया
पुराना
"
नया
=
"
19
MS:
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
६ :
१५ :
६२ :
२:
१४ :
५ :
६:
१५:
४ :
१५:
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६ x ३"
६x४०
७।। ५४
६॥ X ४ || "
६x४१०
६ ॥ ४५॥ "
५X३”
८॥ ४४"
७५३।।”
११९
विशेष विवरण
Page #129
--------------------------------------------------------------------------
________________
. स्तोत्र
ग्रंथकार
प्रकार
एवं पंथ-संख्या
संख्या
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्णकागद |
एवं गकारः | विशेष विवरण
२८१
२०१४ | प्रत्यंगिरा-स्तोत्र ३९४३
संस्कृत
अपूर्ण
नया
:
७४५"
६॥४४॥"
२०३ २०१५
४३०७ |
१२:
६४४॥
प्रत्यंगिरा-स्तवराज-स्तोत्र.
चंडेश्वर शुलमणि
२४ :
५४३
४४
१८६०वि०
- ४४४
२०६. १५५३ बगुलामुलीस्तोत्र
| ३४७१ ।
१६२८ वि०
१२:
७॥xxin
१६२
:
४४
२०८।१४१६ ।
२३७०
"
२०६१८८७.
३७२६
३३:
४५
• -
१९७४ ३८६४
Page #130
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१२१
| वेष्टन
संख्या
• ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२११
१८६३ | बगुलामुखी-स्तोत्र
संस्कृत
नया
| १०:
८४५"
३६३३
२१२
___७८२ | बटुक भैरव-स्तोत्र
१८५७ वि०
"
पुराना
१०:
x५॥"
९८४
२१३
.
१८६४ वि०
."
१३ | ३६६
४३०
२६ :
६४३"
४ | १७०८
३३१०
१९२० वि०
नया
१२: ११४३॥"
१४२६ २४१८
१९३८ वि०
२४:
६।४५"
२१६
१९२४ ३६५८
पुराना
२२:
८॥x४" |
२१७ | ७६५
१०२७
२४:
४४२॥"
२१८ | १८६१
३४७६
बाला-कवच-स्तोत्र
२८:
७॥४४॥" |
२१६ | ७५६ बाला-त्रिपुरसहस्रनाम-स्तोत्र
३० :
७४४"
८६८
२२० / ५४ बाला-त्रिपुरसुंदरी-स्तोत्र
२३:
७४४||"
Page #131
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
२२१
२२२
२२३
२२४
२२५
२२६
२२७
२२८
२२ε
२३०
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
७५६ | बाला त्रिपुर- स्तोत्र
८६६
४३३
४६५
१८६७
३६५४
६०
६८
२४७
२६१
४६७
५०६
७१६
७६६
१६५
२०३
३४ ३६
a
बाला - सहस्रनाम स्तोत्र
"
१२ बाला सुंदरी - स्तोत्र
१६
ग्रंथ
"
बाला-स्तोत्र
ग्रंथकार
|
T
स्तोत्र
रचनाकाल
T
T
लिपि-काल
१८६६ वि०
१८८३ वि०
१८६८ वि०
१८७५ वि०
1
भाषा
संस्कृत
W
""
"1
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
अपूर्ण
33
पूर्ण
"
"
कागद
पुराना
"1
"
"1
"
,
"1
"
पृष्ठ एवं आकार
१०:
४० :
१५ :
६२ :
६७ :
४० :
४३ :
११:
१० :
६ :
७।४।। "
६x४०
७.४४।।”
६॥ × ४"
६x४०
७४॥”
६ ॥ ४४"
७४४ ।। "
६॥x४”
५X३।।”
१२२
विशेष विवरण
Page #132
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१२३
वेष्टन
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद । पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
।
११८ | बाला-स्तोत्र १२५
संस्कृत
पूर्ण । नया
:
६४४॥"
२३२
।
१६३६ | बालाहृदय-स्तोत्र ३७७६
१९१७ वि०
५:
१०४६"
२३३१७
।
|१६६२ वि०
"
"
:
॥४३॥"
२३४
२५७
।
पुराना
५:
६४५"
२७८
२३५
विष्णुपंजर-स्तोत्र
।
[१८१३ वि०]
"
४३२
।
२३६ | १९६०
३८४२
१८६७ वि०
४८ : ४॥४२॥"
।
१८७५ वि०
:
६४३॥"
२३७ - १९६३
३६०५
।
।
४०६ ४३८
।
१२:
६४५" |
३६ १६६०
३२६२
।
२४० | २०१७ | विष्णु-शतनाम स्तोत्र
३८५१
५:
॥४३॥"
Page #133
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१२४
| बेष्टन - एंव
ग्रंथ
संख्या
।
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२४१ / ४२४ | विष्णु-शतनाम-स्तोत्र
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना
७४४"
me
२४२ १९७१ | विष्णु-सहस्रनाम स्तोत्र
३८५८
१७५६ वि०
३:
८॥४४"
४३] २३८
२५२
१७६२ वि०
२४:
८४४॥"
| १८४६ ३५४६
१८२५ वि०
४२ :
६॥x४"
१८५८ वि०
॥
__७४४"
२४६ / ५१४
५५८
१८५८ वि०
"
४४:
७४५"
१९०७ वि० | हिन्दी
५६:
४x७॥", हिन्दी, संस्कृत
दोनों में
२४७ | १२२२
१८२२,१ २४८ १४६६
२६१३
१९२३ वि०
८५:
८४४॥"
२४६
१६४२ ३२४६
१९२४ वि०
" .
७०:
८४४"
२५०
१५७७
१९६४ वि०
XIIX}"
३०२८
Page #134
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१२५
संख्या
वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पुष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
-
-
१५८२ | विष्णु-सहस्रनाम-स्तोत्र ३०४६
[१६६४ वि०] संस्कृत
नया
८१:
४॥x ३।।"
पुराना ।
३०:
८४४॥"
२५३,
३११ ३३६
२६:
७४४"
३८६
नया
८४:
७॥x३"
४२६
२५५ | १४२८
२४३२
पुराना
६२:
४४३॥"
४४:
॥x
"
२४६२
५७ | १५३७
२६०८
६०:
३॥४३"
२५८ | १६३१
३२२७
(सटीक) |
टी० शंकराचार्य
१४५: १२x"
२५६
३८:
८४४"
६०
२०११ ४२७३
६२:
४॥x ३"
Page #135
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१२६
कम
। वेष्टन । । एवं ग्रंथ-संख्या
पंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण - कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
२६१ २०१२ | विष्णु-सहस्रनाम स्तोत्र
संस्कृत
नया
७६:
७४५॥" | १चित्र
२६२ - १८४
३:
॥४४"
२६३ |
२१३
१३:
५॥४४॥
२२४
२६४ - ६१८
३२:
७४४॥"
२६५
६३० १४६७
२४:
६x४"
२६६ / १२५४
१८६०
(भाषा-टीका)
१५४ :
८४५"
२६७ १४३६
२४६१
संस्कृत
पुराना
७:
६४५"
२६८ १६३०
३२१८
६२:
५४ ३॥"
' सटीक)
टी० शंकराचार्य
३२:
७४६"
३२२५
२७० १८२५
३४३४
१३: १०x४॥"
Page #136
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२७१
२७२
२७४
२७५
२७३ १९३०
३७८४
२७६
२७७
२७८
२७६
वेष्टन एवं ग्रंथ- संख्या
२८०
१९१८ | विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र
३८८६
१६२४
३७६६
२४८
२६५
- १९ विष्णुहृदय स्तोत्र
२३
४८७
५३१
"}
"
१८२९ ब्रह्म-स्तोत्र
३४७२
४०६
४४१
३७७ ४१८
ग्रंथ
""
५६ भगवती - कीलक स्तोत्र
६५
ब्रह्मादि देवानां स्तोत्र
भवानी सहस्रनाम स्तोत्र
ग्रंथकार
1
I
चिदात्माराम
स्तोत्र
रचनाकाल
I
1
T
लिपि - काल
1
१७२३ वि०
१८२६ वि०
भाषा
संस्कृत
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
官
"
श्रपूर्ण
""
29.
कागद
पुराना
नया
पुराना
"1
पृष्ठ एवं आकार
४० :
१०७ :
२२ :
६:
१५ :
८:
२७ :
६ :
३६ :
३२:
६x४”
-५X३”
६x४”
५॥X३”
५४३।।”
5x11"
७४४।। "
६x४"
८ ४३॥ "
५ x ३ ।। ”
१२७
विशेष विवरण
Page #137
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१२८
| वेष्टन
एवं
-
ग्रंथकार
रचना
संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२८१ | १५२६ | भवानी-सहस्रनाम स्तोत्र
२८५०
संस्कृत
६४:
६॥x४"
७३ | भवानी-स्तोत्र
शंकराचार्य
८:
॥४४॥
७६
५४३"
५१४
८४८३८
११८०
| २६८
| भारती-स्तोत्र ३२७
राजमुकुटमणि .
१:
७४४"
१५ :
६४४॥"
२८७ १८५७ | भीष्म-काली-स्तोत्र
३४७५
|
:
६४४॥"
२८८ १५८२ | भीष्म-देहोत्सर्ग-स्तोत्र
. ३०४६,१
नया
४३ :
४॥४३॥"
२८६ | १५०० | भीष्म-स्तवराज-स्तोत्र
२७४६
१८८२ वि०
पुराना । ३६६x४"
२६० १६३१
। ३२१९
(सटीक)
टी० नीलकंठ सूरि
३४:
१२॥x"
Page #138
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२९१
२९२
२९३
२९४
२९५
२९६
२९७
२९८
२९९
३००
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१९९१ भुजंगप्रयात स्तोत्र
३८९९
१९७४ भुवनेश्वरी - शताष्टक स्तोत्र
३८६६
७६१ | भुवनेश्वरी सहस्रनाम स्तोत्र
८८७
६६ | भुवनेश्वरी स्तोत्र
७२
ग्रंथ
२८७ | भुवनेश्वरी स्तोत्र
३१६
१६६० भैरव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र
३८९२
११२८ भैरव - सहस्रनाम स्तोत्र
१७२७
३५६ | भैरव-स्तोत्र
३६३
३८७
४२७
: १२
१७.
१७
ग्रंथकार
1
रचनाकाल
T
T
1
स्तोत्र
1
T
लिपि-काल
१९०४ वि०
१६२७ वि०
F
भाषा
संस्कृत
"1
"
"1
33
पूर्ण या अपूर्ण |
पुण
अपूर्ण
13
"
""
कागद
नया
""
पुराना
17
"
11
नया
"1
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
४:
३ :
१७ :
१३ :
१७ :
५:
७५”
४४ :
७ ।। ४।। "
७:
८ || x ४"
६।।×५”
८x४
४५ : ७॥४४॥"
८x४ ।। "
३१ : ५ ॥ ४३ ॥ "
६x४”
६x४"
१२९
विशेष विवरण
Page #139
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्त्रोत्र
बेष्टांना
म
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
भाग
| पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३०१ /
८८ | भैरव स्तोत्र
पुराना
८:
५॥४५"
३०२
२४: ६॥४४॥"
३४६ ३७९
३०३
३२:
७४४११
७५६ ८६३
२१९
नया
१२:
६४३॥"
२३०
३०५ ।
५०५
१२:
६४४"
५४९
६: ९x४||"
३०६ | ११३७
१७३६
पुराना
१२:
६४४"
३०७ १६०८
३७४५
३०८
| मंगल-स्तोत्र
२:
११४४ १७४३
७४४"
महाकाल-रुद्री-स्तोत्र
"
८:
८४४"
४७८
महादेव-स्तोत्र J४१६९ ।
४:
६॥४४॥" |
Page #140
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तात्र
१२९
संख्या
.
। वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१९७३ | महालक्ष्मी-स्तोत्र ३८६०
१६२५ वि०
संस्कृत
नया
५: . ६॥x४"
२६४
१९४५ वि०
४५ :
७४५"
२६३
७६८
पुराना | ३६:
६॥x५"
९२०
नया
४:
५॥x४"
१५ | १९१८
३८८६
५७ : २॥४२॥"
२९७ ३२६
महात्रिपुरसुंदरी-स्तोत्र
पुराना | ७८:
१०४ ४"
२६०। २८१
महिम्न-स्तोत्र
पुष्पदंताचार्य
१८८१ वि०
३५ :
६४३॥"
५०३ ५४७
|१८९६ वि०
२२:
१०४५"
|१९०३ वि०
नया
| ३२: १२॥४८"
३२२८
५९५
१९०६ वि०
१६ :
७४४॥"
Page #141
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
३२१
३२२
३२३.
३२५
३२७
३२४ ११४५
१७४४
३२८
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
३२६
१५०२
२७५७
३३०
१४३
१५१
३२६ १६१६
३१५८
२६४
३२३
१४४४
२५०१
१८४६
३५४६
२०१२
४२८०
३५४
३८८
३६०
३६७
महिम्न स्तोत्र
171
"3
11
ग्रंथ
ग्रंथकार
पुष्पदंताचार्य
"
21
रचनाकाल
1.
स्तोत्र
1
लिपि-काल भाषा
१९५० वि०
T
संस्कृत
"1
11
17
"}
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
""
"1
33
"
अपूर्ण
कागद
नया
पुराना
""
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
१३ : ८४३॥"
१०:
१६:
२८:
३५ :
५० :
२६ :
३४ :
६१ :
२३ :
६x४”
६॥ X ४"
५×३।।”
१०×५”
४ ।। X ४"
५ ।। ४३"
७×५।।”
५ x ३ ।। "
५४३ ॥”
१३२
विशेष विवरण
१ चित्र
Page #142
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
| वेष्टन
क्रमसंख्या
एवं
।
ग्रंथ
ग्रंथकार
| लिपि-काल
भाषा
पूण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
कागद ।
काल
ग्रंथ-संख्या
पुष्पदंताचार्य
३३१ | ११११ | महिम्न-स्तोत्र
१७१०
संस्कृत
अपूर्ण ।
पुराना । १५:
७४४"
१४:
७४३॥"
३३२ । ११४३
१७४२
२६:
६x४||"
३३३ | १७२८
३३३२
४५ मानसि-स्तोत्र
शंकराचार्य
३३ :
४४३"
२१० | मृत्युंजय-स्तोत्र
४:
८४४||"
| युगल-सहस्रनाम स्तोत्र
२६ :
६४३॥"
७:
६x४॥"
___
१९२६ योगिनीहृदय-स्तोत्र ३७८१ ३३८ | राजेश्वरी-ध्यान स्तोत्र ३६८
१६ :
८४५"
।
१६०७ | राधाष्टोत्तरनाम-स्तोत्र
१२: ६॥४४॥"
३८१७
१६२१ राधा-सहस्रनामस्तोत्र
६२: . ७४४॥"
Page #143
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१३४
ग्रंथ
| एवं ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संस्कृत
९८५ | राधा-स्तवराज-स्तोत्र १५८१
पुराना | ४४:
१०४७"
| ५,
७४४"
३४२ | १८९१ | रामचन
३७२०
५:
५॥४३॥"
२०१७ रामवल्लभ-स्लोव ३९५२
१८१३ वि०
४०१ रामरक्षा स्तोत्र .. ४३३
| १२:
६४४"
१६१४ वि०
स्या
| १२:
१९४५"
१८०३
१२:
७४४॥"
६५
| ११:
८४४॥"
१०३
|८:
१०x४॥"
४०३
"
"
१४:
५४३"
नया
१४:- ६x४"
Page #144
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१३५
वेष्टन
एवं
संख्या
ग्रंथकार
रचना- | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३५१
६२४ | रामरक्षा-स्तोत्र ६७३
नथा
२२:
७४४॥"
३५२ १६१६
३१५५
पुराना
३४:
४|४३".
३५३ । १८२१
३४३६
नया
६.
४५"
३५४ । १९८४
३८८२
६:
५॥x ४"
३४६
पुराना
:
९x४"
५३९
७:
७॥x४"
२६६६
५८ | १५३०
२८८२
१०:
४५"
३५९ । १६१६
३१५६
। १८:
१०४७" ।
"
३६० | १७१६
३३२०
१२:
८४४"
Page #145
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
क्रमसंख्या
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
३६१ । १८४७ | रामरक्षा-स्तोत्र
३५५४
संस्कृत
पुराना | १२: ५४३॥"
रामसहस्रनाम स्तोत्र
६२ | २०१७
३६५०
७७:
५॥४३॥"
३६३ १२३१
१८३४
राम-स्तोत्र
१८८६ वि०
२५:
६४४॥"
रामस्तवराज-स्तोत्र
:
७४४॥
३६:
३॥४२॥"
४६१
३६६ । २०१७
३६४८
१९: ५॥४३॥"
३६७ | २०१७
३६५३
५:
५॥४३"
६८
१३१२
रामहृदय-स्तोत्र
२० : ५॥४४॥"
१८६४ ३४८२
६४४.
३७०
१८८५ वि०
. .
४५५ | रुद्राक्षी-स्तोत्र ४६२
':
४४२"
Page #146
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१३७
संख्या
वेष्टन | | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
३७१
१४३८ | लक्ष्मी-स्तोत्र २४६९
१९३० वि० | संस्कृत
| ३:
८४६"
३७२
"E. . .
| २१:
६४३"
३७३
६२१
८:
८४४॥"
७४ | १६१४
३१४२
:
५४४" |
लक्ष्मीहृदय-स्तोत्र
१६०७ वि०
४३४ ४७२
॥
१२:
८४४||"
. . .
पुराना |७६:
॥४४॥"
१७४६
१९७६ ३८७२
लघुश्यामला-स्तोत्र ।
६:
५४४॥"
१९२५ ३७६८
ललिताष्टोत्तरनाम-स्तोत्र
१९१२ वि०
नया
- कुंडलीनुमा
७२१ | ललितासहस्रनामस्तोत्र ८०३
१७२६ वि०
पुराना'
६७:
६x४"
३८० |
८
१८६३ वि०
"
।
४.
७४५"
-९२३
Page #147
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१३८
| वेष्टन कमसंख्या . एवं
ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल
भाषा
अपूर्ण
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ललितासहस्रनाम स्तोत्र
३२६ ३५६
|
नया । ६७: ६॥४४॥"
२
१४०२ २३०८
ललिताहृदय-स्तोत्र
पुरामा
__८४५"
३८३१८६६
बकारादि-सहस्त्रनाम-स्तोत्र
नया
५८:
६॥x४"
वचनफल-स्तोत्र
शंकराचार्य
४८:
७x
"
विश्वनाथ-स्तोत्र
८x"
२३८७
विश्वेश्वर-स्तोत्र
पुराना
२८: १२४१०"
७
१०६
वीर्यार्जुन-सहस्रनाम स्तोत्र
६.४४"
११४
वीरचंदन-स्तोत्र
गिरधारी
२६१:
६॥४५"
११२७
८६
१९५४ | वहस्पति-हृदय-स्तोत्र
नया
६:
॥४५"
३८३४
२००६ | शंकर-स्तोत्र
.
पुराना | ४:
६x४"
३६३५
Page #148
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
३६१
३६२
३६३
३६४
३९५
३६६
३६७
३६८
३६६
४००
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
१४८१ शतनाम स्तोत्र
२६५८
१८८७ शनि - मृत्युंजय स्तोत्र
३७३१
१८४७ शनि स्तोत्र
३५५०
१६६७
३८५४
२३६
२४७
२६८
२६७
४३
• ४८
३७६ ४१७
१४८६
२६६१
१८५८
३४७६
ग्रंथ
"
"3
ग्रंथकार
T
1
रचनाकाल
T
1
स्तान
―――
-
1
1
1
लिपि-काल
I
T
१८०६ वि०
१८३२ वि०
१८४६ वि०
१८५७ वि०
T
भाषा
संस्कृत
""
"
"1
""
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
E
11
कागव
पुराना
• "2
,
"1
11
"
"
"
पृष्ठ एवं आकार
७:
३२:
३१:
७:
१२:
७:
११:
२१:
६:
५ ॥ X ३ "
5X4"
७×५”
Ex४॥"
"७४"
६x४"
5XX11"
५ x ३ ।। "
६॥ × ३॥”
१६ : ६ ॥ ४४ ॥ "
१३९
विशेष विवरण
Page #149
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
| वेष्टन
एवं संख्या
| ग्रंथ-संख्या
.
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा · पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
४०१ १८७३ | शनि-स्तोत्र
३६७६
. संस्कृत
___ पूर्ण । पुराना
| ५:
८x ६"
शालिग्राम-स्तोत्र
१६:
४४३॥"
- ४०३ १८४५
१६:
४४३॥"
शिवकर्म-कथन-स्तोत्र
१६:
६४३"
| शिवपंचरत्न-स्तोत्र
1१६३१ वि०
नया
२:
-८४४||"
१५७६
शिवपंचाक्षर-स्तोत्र
पुराना
| २:
६॥x४" |
३३१६
६८३
| शिवसत्यात्मक-स्तोत्र १५७८
शंकराचार्य
१९३१ वि०
नया
७:
८४४|"
शिवसहस्रनाम स्तोत्र
१७३६ वि०
पुराना
| ८४ :
६x४"
८०२
|१६०८ वि०
"
नया
| १४७ : १२॥४८".
३२४०
१९३६
वि०
६४:
॥४३॥"
Page #150
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
वेष्टन एवं
प्रथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या ग्रंथ-संख्या
४११ ।
१५८७
शंकराचार्य
-
१८२५ वि० | संस्कृत
पूर्ण
।
पुराना | १८:
५४३"
११२
१८
वशिष्ठ
| ४:
५४३"
२६१
उपमन्यु
| ७:
६॥x४"
२८२
२८२
१२८ : ६४५॥"
१३८१ २२३६
२२: ११४५॥
२५१६
| १००२
१५६६
पृथ्वीराज
७४३"
१८६६ | शिवाष्टोतरनाम-स्तोत्र
| १६२३ वि०
"
नया
२७:
६x४४
३६६२
३६२ | शीतला-स्तोत्र ३६६
१:
६॥४४॥
पुराना
४: :
७॥xy"
Page #151
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१४२
| वेष्टन
| एवं ॥ ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
कामब
बाकार
विशेष विवरण
शीतला-स्तोत्र
संस्कृत
पुराना | ७:
६४४"
२७८५
श्यामा-सहस्रनाम स्तोत्र
१९०६ वि०
नया | ३२:
७४५"
३८८२
२३ |
पुराना !
२२
६.४४" |
४५६ । श्यामा-स्तोत्र ५०१
श्रीमहानारायण-स्तोत्र २७०८
३०:
७४३॥"
श्रीराधाकृष्ण-स्तोत्र
नया
४७
४२६ । १५०२ . संकटा-स्तोत्र
२७५६
सप्तशती-स्तोत्र
शंकराचार्य
१८७३ बि०
पुराना
| २१:
६x४"
३६१७
सरस्वती-स्तोत्र
१८७२ वि०
४:
८४४॥"
३८८८
२८३
१९४६ वि०
पुराना
२:
६४३॥" !
Page #152
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
४३१
४३२
४३३
४३४
४३५
४३६
४३७
४३८
४३६
४४०
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
३१६ सरस्वती स्तोत्र
३४८
३५६
३६२
१८४३ ३४५८
१८५५
३५८३
ग्रंथ
"
८२ सर्वमंत्रोत्कीलक स्तोत्र
६२
१८५३ सर्वोत्तम - स्तोत्र
३५८०
१४६७ सिद्धांत - रहस्य- स्तोत्र
२६२२
२६४ | सीतारामचंद्र - स्तोत्र २६१
२०१७ | सीतासहस्रनाम स्तोत्र ३६४६
१९९६ सुंदरीसहस्रनाम स्तोत्र
३६००
ग्रंथकार
शंकराचार्य
वल्लभाचार्य
रचनाकाल
---
T
स्तात्र
T
लिपि-काल
1
|
१८३५ वि०
१९०४ विं०
भाषा
संस्कृत
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"1
अपूर्ण
17
"1
कागद
पुराना
नया
पुराना
"
नया
पुराना
नया
पुराना
नया
पृष्ठ एवं आकार
६ :
१०:
२:
१०:
११ :
५१ :
६:
७ × ४।।”
५×३”
४५ :
७४४ ।। "
160811"
६ x ३ ।”
१२: १०॥×६“
६x४५३"
६ x ४ । । ".
६३ : ५॥ ४३ ॥ "
६॥X४"
१०२
विशेष विवरण
Page #153
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१४४
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
-
ग्रंथ
ग्रंथकार
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
| ६८१ | सूर्यशतक-स्तोत्र
१८४३ वि०
पुराना | ३६ :
६x४"
१८५७ सूर्यसहस्रनाम स्तोत्र
"
| २०: १०॥४४"
३६०४
३६ :
६४४"
| सूर्य-स्तोत्र :
शंकराचार्य
५:
४॥४२॥"
५३
४५
३५५ ३६०
४ :
५४३"
-
११४५॥"
१५३३
१७२२ ३३२६
१०
७॥४४॥
६x४"
१३६०
६.
६॥४४॥"
१६७१
१४१७ (स्तोत्र-ग्रंथ)
१८११ वि०
३५:
५४२॥"
२३८१ ।
Page #154
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
| वेष्टन ।
एवं
.
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद
| पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
ग्रंथ-संख्या
४५१ । १५६३
३०७८
१५६३ स्तोत्र-पंचक
१८७५ वि० संस्कृत
पुराना
८७:
४४२॥"
स्तोत्र-संग्रह
१२ | १८५६
३५९८
"
| ११: ८४४॥"
१९४०
नया
२५ :
४७"
३८१२
८४४ | स्वस्तिवाचन-स्तो
पुराना
| १२:
८॥४६"
४५५
१५२६ | हनुमत्स्तोत्र २८५१
१८८७ वि०
७:
७४५"
१६३८ वि०
नया
१०:
४५६, १७१३
३३१७
१३४७"
पुराना
| ६:
६४३॥"
४५८ | १४२६
२४२०
| १४: ६॥४५॥"
___७४ | हयग्रीव-स्तोत्र
१२:
४४३"
८१
| १४३६ |
"
२८:
७४६" |
२४७६
Page #155
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तोत्र
१४६
|बेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
४६१ १९६० | हरिनाममाला-स्तोत्र :
३८४४
.
१८६७ वि०
संस्कृत
पुराना
| १०:
४॥४२॥"
- -
४६२ /
९९
॥
शंकराचार्य
शंकराचार्य
-
" . "
नया | ३:
८॥x"
Page #156
--------------------------------------------------------------------------
________________
पटल और रहस्य
। वेष्टन
रचना
लिपि-काल ||
___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
६१८ | इंद्रजाल-पटल १४५५
१८७६ वि०
संस्कृत
पुराना
५०:
८॥४४॥"
३६५ | कार्तवीर्यार्जुन-पटल
१८९५ वि०
२१७:
८॥४५"
४०४
१९२७ वि०
नया
१२५ :
७४६"
कालिका-पटल
पुराना
४:
६॥४३॥"
१६३
५५ | काली-पटल ६०
नया
| ५६:
६॥x५"
"
पुराना
१४:
६ | १९६२
३६०२
६x४"
काशी-रहस्य
१८५१ वि०
५३१:
१०x४"
१०६५
गया-पटल
१८६१ वि०
"
| ३० : ११४४॥"
१९१९ वि०
नया
| ६३ : १०॥४४॥"
१३६८
१० | १५७२ | गोपाल-पटल
। ३०१२ ।
पुराना | २०:
७४४"
Page #157
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
११
१२
१३
१.४
१.५
१७
१८
१६
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
२०
४३२
४६४
५३
५८
१६ ११६ १२३
૫૪૪
५६०
१४१७ २३८४
७६ त्रिपुर सुंदरी-पटल
८३
७५.६
८५८
६५
७१
त्रिकूट- रहस्य
२६५ ३२४
त्रिपुर-बाला-पटल
ग्रंथ
देवी - रहस्य
बटुक-भैरव-पटल
बाला-पटल
७६१ भुवनेश्वरी पटल
८६०
ग्रंथकार
T
''
1
1
I
पटल और रहस्य
रचनाकाल
T
1
1
T
लिपि-काल
T
१८४२ वि०
1
१८६८ वि०
भाषा
संस्कृत
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
33
अपूर्ण
पूर्ण
27
"
कागद
पुराना
"
नया
पुराना
,,
33
पृष्ठ एवं आकार
११६ :
१६ :
१६ :
१३ :
३५ :
२०:
९:
४४१ : ६x४"
१२ :
६५४”
७:
६ ॥ ४४ ॥ ।”
५×३”
८×६“
७५.
७। । ४ । । ".
६ ॥ x ५ "
६॥x५”
६x४′′
१४८
विशेष विवरण
Page #158
--------------------------------------------------------------------------
________________
पटल और रहस्य
१४९
वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार,
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
प्रथ-संख्या
२१ | १८३२ | भुवनेश्वरी-पटल
संस्कृत
६६: ६॥४३॥"
२२
मूर्ति-रहस्य
१५:
७॥४४॥
१८१५ ३४३०
यक्षिणी-पटल
१८५६ वि०
३७: ६४३॥"
३१३
-७४
ललितोपमंत्र-रहस्य
३५:
६॥x
"
२५ । ५४७ | शिव-पटल
१३ : ६x४॥"
२६ । .८६६ | शिव-रहस्य .
२२० : १४x७"
२७
३९७
"
| २१:
६x४"
४२८
१७: . १०x४"
८९७ १३७३
शीतला-रहस्य
"
| ११:
२६६१०
१४३८
६४३"
३० . ८५६ | श्यामा-रहस्य .
१२२७
पूर्णानंद परमहंस
"
| २९२: six ६"
Page #159
--------------------------------------------------------------------------
________________
पटल और रहस्य
१५०
वेष्टन
रचना- | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं भाकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
९१२
श्यामा-रहस्य
पूर्णानंद परमहंस
१९२६ वि०
संस्कृत
नया
| ३४१ : ११४४॥"
पुराना
| २६३ : १३३४ ५॥"
१३६३
३३
१२२७ १८२७
६०: ११॥
५॥"
१४
सरस्वती-पटल
४७४ ५१८
८
ix"
३५
१८६८ | सूर्य-पटल ३६५८
२०:
Gx"
हयग्रीव-रहस्य
१८:
६॥५४॥".
१६४
Page #160
--------------------------------------------------------------------------
________________
सप्तशती
| वेष्टन ।
पंथ
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
उत्तम-चरित्र
१ | १८६२
३७४१
१९४८ वि० | हिन्दी
नया
| २७७ : ८॥४६॥" | दुर्गा सप्तशती
' का रूपांतर ११६: १०x४॥"
२
८३७ | दुर्गा-सप्तशती ११७४
१७४० वि०
संस्कृत
पुराना
१७५० वि०
| १३३ : १२४४॥"
"
"
१८२८ वि०
११४: ७॥४४||"
२६६२
.
"
"
१८६७ वि०
६०: १०x४॥"
२६४५
७३०
१९०३ वि०
नया
२४७:
७४५"
१६१२ वि०
१३२:
॥४४"
२३३५
१९३९ वि०
४५: ६॥५४॥"
१४५२
पुराना
१४१:
६॥x
"
८२४
७७८
!
"
| १०६:
Ex४॥" ||
६७५
Page #161
--------------------------------------------------------------------------
________________
-
संख्या
११
१२
१३
१४
१५
१६
१७.
१६
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
२०
११९५ दुर्गा सप्तशती
१७६४
१६२६
३२१५
१९२४
३९५७
१०३
१११
३३१
३६१
११८८
१७८७
१८ १८०१
३४०१
१२०२
१८०१
१८०३
३४०३
१८८२ ३७०७
11
17
11
ग्रंथ
"
ग्रंथकार
I
T
1
सप्तशती
रचनाकाल
I
I
T
लिपि-काल
I
भाषा
संस्कृत
"
"
"
"1
"1
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
""
पूर्ण
. कागद
पुराना
,
"
17
"1
19
"
पृष्ठ एवं आकार
१०० : १०३ ॥ "
१२५ :
१०६ :
१२:
४७ :
१९६८ :
११४ :
५२ :
१७:
२६:
७५५"
εXXII"
५४३ ।।”
७४४
६ ॥ ४३"
९४४′′
६×५”
५४३”
८॥ ४३ ॥ "
१५२
विशेष विवरण
Page #162
--------------------------------------------------------------------------
________________
सप्तशती
१५३
वेष्टन ।
पंथकार
संख्या
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण -
ग्रंथ-संख्या
संस्कृत
| अपूर्ण । पुराना | २१: । ९४८"
१९४० दुई-सप्तशती ३८१३ १३५३ | देवी-चरितावली २१३६
लक्ष्मीनारायण चौधरी
१९८८वि. १९८८ वि०हिन्दी
नया
१२२: ८४७॥"
-
२०
Page #163
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद , पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
७१५ | अगस्त्य-जन्माघ-विधान ७६३
१८७७ वि०
संस्कृत
पुराना । ११:
१०४५"
२
८०६ १०७७
अगस्त्यपदान-विधि
| ७:
५४ ३॥"
अग्निहोत्र-विधि
८:
५॥x३॥"
२६८
अजपा-गायत्री-विधि
"
।
३८:
६॥४४"।
८२ ।
अन्त्येष्टि-विधि
।
१:
१३॥४५"
१३२३
अनन्तपूजा-विषि
१८०७ वि०
.
७:
lx५"
१४६४] अनन्तवतकथा-पूजन २५६६
नया
१० :
१०x४"
अमन्तव्रत-पूजा
पुराना
अपामार्जन
८१: । ५४३"
१७२
१२९
अर्चन-विधि
नया |८:
७४५"
Page #164
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
वेष्टन
।
एवं
पंधकार
रचलिपि-काल | भाषा काल
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण| कागव | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५२७ अर्चन-विधि
पुराना
१५०: ६॥x३"
-
१२
आचार-विधि
७६१ ८८६
६७:
६॥४५"
आपस्तंभसूत्र-टीका ..
'भास्कर मिश्र
८६८ १३७७
६०: १०॥४४॥"
१६५ | आर्या-द्वादश ....
.
शांभ, आचार्य
१९५५ वि०
॥
नया
५॥x ३"
१७३
१५
श्राश्वलायन-गृहयकम
१७७९ ३३८८
पुराना । ५०:
१२४७"
०६४,३ उच्छिष्ट गणेश-पूजन
१२ :
८४७"
१६९१,
१२ १७ १०९४,१
|१६६१,६
उच्छिष्ट-गणेशमंत्र-पूजन
८:
८॥४५॥"
१८ | ११२०
१७१९
उत्सर्ग-पद्धति
१८११ वि०
७१: ११४४॥"
"
१६ | १५६२ | उत्सर्जनोपाकर्म-प्रयोग
२९७६
१८४१ वि०
."
२१: १२४५॥"
७६६ उपनयन-मुहूर्त
:
८॥x५"
Page #165
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
| वेष्टन ।
एवं
संख्या
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
- विशेष विवरण
ग्रंय-संख्या
সাসলিকায়ব-কিমি
पुराना
६३:
६x४॥"
६७३
२२ १४५६
२५६१
ऋषितर्पखंतमुपाकर्म-प्रयोग
६७:
१०x४॥"
२३
१८२६ ३४४४
ऋषिपंचमीपूजा-विधान
११६:
१०४५"
एकवंडी-न्याश-विधिः
५४४३"
३४३७
न्या
।
८:
१४॥"
२६
१५३ २६१०
एकादशी-सोद्यायन .
१८०३ वि०
पुराना
____५४३॥"
२७ । १६४२
३२५१
एकादशी-मतोगायन-पद्धति
१८३०वि०
८:
७.४५"
२८
८८२ १३२७
एकोदिष्टश्राद्ध-प्रयोग
१०४५"
७२७
और्ध्वदैहिक-पद्धति
नारायण भट्ट
"
८१४
| १२४:
८४४"
(कर्मकांड ग्रंथ)
गंगाराम द्विवेदी
१८७७ वि०
अपूर्ण -
".
५८:
६x४"
Page #166
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाप
१५७
वेष्टन
रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं भाकार । विशेष विवरण
सख्या
ग्रंथ-संख्या
(कर्मकांड ग्रंथ)
पुराना | ५८:
८४ ३॥"
१४३२
३२
१४८४ २६७६
३२८: ११x६||"
कर्मकांड-पद्धति
१८८५ वि०
२१: १०४॥"
२००
. . . .
कर्म-पद्धति
"
१२:
३४२"
४८४
कर्म-विधि
"
१४:
६॥x४"
८८८
. . . . . . . . . .
कर्म-विपाक
१७५२ वि०, हिन्दी ।
१२४ : ११॥४४"
१०७४
३७ - १३५१
२१२८
[१८१३ वि०]
"
१०:
५॥४४॥"
३८
१८४४ ३५४४
१८५१ वि०
संस्कृत
३० :
११४५"
८५७ १२२६
"
३५ : १२॥x ६॥"
२० ।
कलश-स्थापन
-
१९२३ वि०
.
नया
१३:
५॥४५"
Page #167
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण
१५८
। वेष्टन ।..एक
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
.
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
४१
४४२ | कलश-स्थापन
पुराना
"
१८ : ६॥४४॥" !
१९०० | कालिकुंड-पूजा ३७८६
| कार्तवीर्यार्जुन-पूजा-पद्धति १३८
नया
५२:
६॥x४"
४४ १४५२ | कारिका
२५४२
पुराना.
३१०: 8॥X४||"
२६६ | काल-चक्रांगम-जयलक्षण
१८: ५॥४३॥"
३२८
कालिका-पूजन
नया
२२: ६॥४३॥"
३७८३
कालिका-पूजन-विधि
। २२:
७४५"
३७७०
काली-पूजा
:
६॥४३॥"
३४४६
४६
११२३ | कालीपूजा-पद्धति १७२२
पुराना
२४२ :
६॥४४॥
१६६ / कुमारी-पूजन
नया
५:
७॥४४॥
१७४ ।
Page #168
--------------------------------------------------------------------------
________________
कमकाण्ड
.। वेष्टन
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५१ १९५६ कुमारी पूजन
३८३६
पुराना | १२:६४३॥"
८६८ अत्य-प्रदीप
कृष्णामित्र
८२ : ११४४॥"
१३७८
गंगोत्सव-विधि
लक्ष्मण जोशी
-
". . . . .
१५: ६x४"
२२३
७७१
मंकक-प्रयोग,
३८:
८४४"
१५ | १५२०
२८३०
गणपति-पूजन ।।
२४:
८॥
४॥ |
गणेश-पूजन
"
९:
७४५" |
३८३५
गणेश-पूजा :
.
| १४७७
२६५१
१०८
:४॥
५८ | १४६० | गणेशपूजा-विधि :
२५७८
५३:
६x३॥"
.
२१ गायत्रीअर्चन-विधि
नया | ११:
६४५"
२५
। ६० / १६२४ | गायत्री-जप
|३१६३
.
" ७
६x४"
Page #169
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१६०
| वेष्टन 1
एवं
प्रथ
संख्या
ग्रंयकार
रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
संस्कृत
.पुराना
२७६ | गायत्री-तर्पण .. ३०५
यामत्री-पंचांगजन
|-८२:
६४५"
मायत्रीपूजन-पद्धति
७३: ९x४"
६४
१९६० ३८९७
२:
१२४४॥"
| १९२४
३६६४
| गोकुलाष्टमी पूजा
६ :
७४४"
यो वियत्रतोद्यायन
cro
___ex५" |
।
६७ | १७२६
३३३०
नया
६: १०॥४४॥"
६८९१४
१४४८
१५:
१०x४"
३४२ मोजन ३७४
पुराना | ४:
१०४ ५"
२०२४ ४२४६
नया | २२ : ६x४॥"
Page #170
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१६१
| वेष्टन । | एवं ग्रंथ-संख्या
:.
.
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद , पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
१९४८ / गो-पूजन-विधि
१८६९ वि० संस्कृत
पुराना
८४५"
३८२५
११६४ - गो-पूजा-पद्धति
६३ : १२॥४४॥"
६
२५७:१२॥४६॥"
| ग्रहशांति-पद्धतिः । ५७६
नया
।
२३: १२॥४४॥"
८०१ .५६
ग्रहशांति-विधि
|१७७० वि०
पुराना ।
२४: १०४५॥"
१८२३ वि०
३२:
७४ |
७८:
६४४"
६६०
३३ : ११४४॥"
३५७०
७६
१६३ २०१
घृतदान-विधि
"
५:
६॥४४"
८०
६६६ / चंडीस्तोत्र-प्रयोग-विधि
नागोजी भट्ट
| -- (१८००वि०)
पुराना । ६६ : १०॥४४॥"
२१
Page #171
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१६२
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
संख्या
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१४५३ | चंडीस्तोत्र-विधि
संस्कृत
पुराना
६६:
६x४"
२५४६
८२
२२१ | चतुर्थी-पूजन २३२
| १३:
८x४"
८३ १९८६
३८८५
चूडाकर्म-विधि
।
| १६:
६४ ५॥"
| चौबीस-गायत्री-विधि
नया
६x४"
जप-विधि
,
पुराना
५:
॥x ३"
२०.1
जीवत्पितृक-कर्तव्य-संचय
कृष्णभट्ट-सूरि
वि०
नया
| ४६ : ११॥
४॥"
.१२६३
१२७ ज्येष्ठाशांति-विधि
दिनकर भट्ट
...| ४:
lx५"
४६६
पुराना
५:
७४४॥"
५४०
".
१६३४ | तर्पणपात्र-विधि ३७६८
१६:
७४४॥"
९०
८६७ तर्पण-विधि १३७६
वि०
नया
११:१०॥४४॥"
Page #172
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाय
1 वेष्टन
ग्रंथ
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण
संख्या
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
६१
७६८ तर्पण-विधि १०४२
१९४४ वि०
संस्कृत
नया
२०:
८४५॥"
१४६६ २६१०
१३:
५॥४३॥"
.
:
८४५"
३१३६
१४
२०१२ ४२८६
६:
७४५॥"
६५
३४३
:
५४४"
:
७४५"
१०४२
१६:
॥
४॥
१८
३२४ । तीर्थ-श्राद्ध-प्रयोग
८४४"
| त्रिकाल संध्या प्रयोग
- पुराना । ३३ :
५४७"
२८५ त्रिकाल-संध्या-विधि
-
१८७७ वि०
"
अपूर्ण ।
"
१८: ६x४॥" |
Page #173
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
वेष्टन
कम
संख्या
एवं
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१०१ | १५३४ | त्रिकाल-संध्या-विधि
२८८०
|१८८७ वि०
संस्कृत
। पूर्ण । पुराना
७:
४५"
'E. . .
०२ ।
५२
१८९२ वि०
"
४६:
६x४॥"
१९२६ वि.
.
नया | १६:
७४४"
३६४१
०४ | १५३६
२६०६
१६३४ वि०
.
५६:
७॥४४॥"
.
२२ :
५॥४४॥"
२५२१
.
| ३८.
६४३"
३५४७
७
.
१९६० ३८६४
पुराना
| ११:
८४४॥"
त्रिपुरार्चन-मंजरी
गदाधर भट्ट
१९१० वि०
.
नया
३२२ :
६॥४५"
७८६ ६२१
१६१० वि०
११३ : ७४३॥"
७४५.
.
पुराना | १०:
१०४६"
Page #174
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
- १६५
रचना
। वेष्टन संस्था
चंच-संख्या
अंधकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१११ | १६३० | त्रिंशच्चतुर्विंशतिका पूजा
३७६६
-
१७७६ वि०
संस्कृत
पुराना
२२:
६x६"
११२ | १९५६ | दक्षिणा-कालिका-पूजन
१८६७ वि०
२०:
८४५॥'
१४६५ । दक्षिणा-कानिकार्चन-पद्धति २६०६
१८७६ वि०
१७:
x४" |
दण्डक
| १९०८ वि०
नया
४ | १२१२
१८११
।
६६: ११४४॥"
पुराना
१०२:
५ । १२०६
१८०५
८४४"
४७:
८४५"
१८४
दर्शपौर्णमासेष्टि-पद्धति
भास्कर दीक्षित
८ वि.
१७२८ वि०
"
६२: १०॥४४"
१२११
दशकर्म-पद्धति
. नया
।
७:
१०x॥"
१८ | १५७६
३०२३
"
१६
१३८
३६:
७४५"
१२० १८४६ दशगात्र-विधि
३५६४
१९४७ वि०
२०:
६x४॥"
Page #175
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
१२१
१२२
१२३
१२४
१२५
१२६
१२७
१२८
१२६
१३०
बेष्टन
एव ग्रंथ-संख्या
७६४ दशमदान विधि
१०२१
८०१ दान-मनोहर
१०६१
७६६
६३३
२७२
३०१
४४३
४७७
१६२५
३७६७
१९९३ दीपदान - विधि
३६०६
१६७२
३८५६
ग्रंथ
दिवाकर-पद्धति
१६७५ ४२२८
दीपदान प्रयोग-पद्धति
"
"
३२६ दुर्गासप्तशती - विधान
३५६
देवगुरु-सहस्र- पूजा
ग्रंथकार
सदाशिव त्रिपाठी
दिवाकर पंडित
रामचंद्र
कर्मकाण्ड
रचनाकाल
T
T
लिपि-काल
१८१७ वि०
१८२६ वि०
१८६३ वि०
१९१७ वि०
|[ १८८४ वि० ]
भाषा
संस्कृत
"1
=
:
"3
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
""
19
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
"
पूर्ण
अपूर्ण
कागव
नया
• पुराना
"
"
नया
पुराना
नया
33
पुराना
=
पृष्ठ एवं आकार
७५ :
१२७ : ११॥×६”
१३:
१५ :
१६:
५ :
६३ :
२१ :
३४ :
१० X ४ । । "
४ :
८ X ४ ।। "
EX४|| "
५x४"
७५४′′
१०x४ ।। "
। x ४ || "
७४४ ।। "
६x४॥”
१६६
विशेष विवरण
Page #176
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
.: वेष्टन
ग्रंथकार
| रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
सल्या
-
ग्रंथ-संख्या
| देवदीप-मनोहर १३९७
महीधर
संस्कृत
पुराना
३६ : १०४४॥"
२, २०१३
४२९३
देवपूजा
नया | १० : ११॥४६॥"
१३३ | १६२७ | देवार्चन-पद्धति
३४७४
।
पुराना
७ :
८४४॥"
१३४ | १६३२ |
३७६४
देवीपूजन-पद्धति
| १० : ६॥४५॥"
३५ । १५६५
२६६१
३११ : ८॥४४॥"
३३७ । देवीपूजा-पद्धति ३६७
नया
। ४६ :
६॥४४||"
३७ ।
८२८ ।
देवीमानसी पूजा
शंकराचार्य
पुराना
९.
x
॥"
११५२
.१३८ ।
२२० । धनदा-पद्धति २३१
३७ः . ६x२॥"
१३६ १६३६ नक्षत्र-ध्यान
"
२: १२॥x१०"
४०५१
३४२ | नवग्रह-शाहुति
"
४:
६x४॥"
३७४
Page #177
--------------------------------------------------------------------------
________________
१६८
| वेष्टन
माम
|
एव
रचना- लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
प्रथ-संख्या
१४१ । ३४२ | नवग्रह-आहुति
३७४
संस्कृत
१४८१ | नवग्रह-कण्डिका २६६२
१८४५ वि०
३०:
८-५"
२६: ६॥४३॥"
५१३
नवग्रह-जप
१८४७ वि.
५३७ ५८४
"
२६:
६४३"
नवग्रह-जप-विधि
१९४३ वि०
".
४:
६x४"
४८५ ५२६
नवग्रह-ध्यान
नवग्रह-न्यास-ध्यान
१८५० वि०
१६:
५४४"
| नवग्रह-पूजन
२०: ८॥X४||"
| १९:
८४४"
३६१८
१०
१४३७ नवग्रह-विधान २४६५
४८:
॥x
॥"
Page #178
--------------------------------------------------------------------------
________________
| वेष्टन
ग्रंथकार
| रचना- लिपि-काल.
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या
| पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
ग्रंथ-संख्या
१५१ / ८६९ | नारायसवाल-प्रयोग
१२७३
श्यामदेव
१८३६ वि०
संस्कृत
E: १०॥४४॥"
/
४६ नित्यकर्म-विधि
T
अपूर्ण
नया
:
६॥x.५"
१६३ | नैमित्ति-कर्म
१६६३ वि०
१६: ४॥४३॥"
१५३३. | पंचक्रोश-यात्राविधि-निरूपण
१५:
१२४॥"
.
२८६३
५५ ।
७६८
पंच-पंचिका-पूजन
१६:
७४५"
९२८
१६३० वि०
:
५४४"
३८६३
३०४
१७९८ वि०
पुराना
६४५"
३३२
२६:
६४३"
- २८०
८८२ | पार्वभाद्ध-विधि १३२८ ।
१६२७ वि०
नया
।
४०: १२४४||"
६८६ । १५८२ ।
:
७४४"
२२
Page #179
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१७०
वेष्टन
::
.
एवं
-प्रंयकार
रचना
| लिपि-काल काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
सल्या
ग्रंथ-संख्या
१६१
नया | २४:
८४६"
३६६ पार्वणश्राद्ध-विधि
४०८ १०६४,५
१०x४"
१६३
पार्वणश्राद्ध-व्याख्या
१९:
१६२ १५५२
६x४॥"
४
१५११ २७८२
पारस्करगृह्य-सूत्र
पारस्कराचार्य
| ६४:
१०४५
७७१
१२०:
८४४"
|
८६८ १३८३
८२ : १०॥४४॥"
८०१
६९:
९४॥"
पारायण
८:
४॥४३॥" ।
१९६२ ३९०३
१०६४,५
पितर-तर्पण
७:
११४५"
पितृ-षोडषी ..
Page #180
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१७१
१७२
१७३
१७५
१७६
१७७
१७४ १६१४
३१४६
१७८
१७६
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१८०
७२८
८१६
१०६६ १६६६
२२ २६
११७
१२४
१८६९
३६६३
१११५ १७१४
१६२
१६६
१८०
१८८
पीताम्बरा-सारिणी
पुण्याहवाचन
१४१६ | पूजन विधि
२३६५
ग्रंथ
पुरश्चरण-विधि
पूजन-पद्धति
ग्रंथकार
बुद्धिराज दीक्षित
गोपीनाथ
I
-
कमकाण्ड
रचनाकाल
1
I
I
T
लिपि - काल
१८९१ वि०
भाषा
संस्कृत
"
"
"1
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
E
अपूण
पूर्ण
अपूर्ण
कागद
पुराना
नया
पुराना
नया
पुराना
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
१८१ : ७४४ । "
२:
३८:
६३:
२३ :
२५ :
१५ : ६ ॥ ४४ ॥"
३ :
१२:
५x४”
१३
।। ५”
511 X 811"
८ X ४ || "
६x४"
८॥ X ४ || "
७४४"
८x४"
१७१
विशेष विवरण
Page #181
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१७२
वेष्टन
ग्रंथ
संख्या
लिपि-काल
भाषा
ग्रंथ-संख्या
काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण .
पूजन-विधि
पुराना
१७२:
x५"
४२६
११६७
३४२३
२१:
४x७||"
१७:
३८५
८11४४"
३५२ ३८६
.
९x४"
८६ | १९८४
मया
३८८१
पूजा-रक्ष
८०८
पुरामा
२४५:
७४४"
पूजा-संग्रह
४२२६
६८:
६४५"
८६
८४१ | पूर्णाभिषेक-पद्धति ११८६
३९: १०४४॥"
७८८ १०००
पूर्णाभिषेक-विधि
७२:
१४५"
Page #182
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१७३
वेष्टन
क्रम
संख्या
एवं
पंथ
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल
भाषा ।
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१४६४ २७२६
प्रत्यंगिरा-संकल्प
संस्कृत
| पूर्ण
। पुराना | २:
१३४५"
३७८ प्रतिष्ठा-मयूख ४१६
नीलकंठ भट्ट
१४६२ वि०
"
७० : १०४ ५॥"
| १२०५
१८.४
१८६५ वि०
".
१४२ : ११४४॥"
१९४
.८८२ १३२६
१९०९ वि०
१२६ : ११४६"
प्रदोष-उद्यापनव्रत-विधि
१९०८ वि०
नया
३४ : १० x ६।।"
४३२
प्रदोष-पद्धति
३०:
१०४६"
१०११
६७ | २५८
२७६
प्रदोष-पूजन .
पुराना
| १६: ६॥४४॥"
१९८ ।
४६४ ५०६
प्रदोषपूजा-पद्धति
१८६६ वि.]
३३ : . ६x४"
१६६
८३५ ११६८
प्राण-प्रतिष्ठा
६ :
७॥४५"
२०० । १२६८
१८७७ ।
X४॥
Page #183
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१७४
वेष्टन
संख्या
लिपि-काल
__ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२०१ २००४ प्रातः कृत्य
३६२८
संस्कृत
नया
| ८२:
७४४"
२०२
४०८ ४४०
प्रातः-संध्या
१८१८ वि.
पुराना
८:
६॥४४॥"
| प्रातः संध्या-विधि ५०७
१६:
६x४"
१०:
७४४॥"
यू
प्रातः स्मरण
७:
CIX४॥"
प्रातः स्मरण-विधि
१९२०वि०
"
२०६। १८२६
३४७५
नया
८:
१२४६"
२५६
प्रायश्चित
पुराना
| १६:
६४४
२७७
२०८
१४३०
नया
८२:
nx४||"
२४३६
२०६
१९८३ ३८७६
प्रायश्चित-विधान
४:
६x४॥"
८९
बटुक-पद्धति
१९१६ वि०
"
३२:
७४४॥"
Page #184
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१७५
वेष्टन ।
पंचकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण ,
ग्रंथ-संख्या
१९२७ ३७७५
बटुकभैरव-पूजन-विधि
| १२:
७४४"
३७७२
|
बनप्रतिष्ठा-विधि
१९०६ वि०
२० : ९x४॥"
८६९ १३६६
बलिदान-विधि
:
१४: ६x४॥"
१७४८
बालाजप-विधि
१५.
५४४"
१४७
बाला-पद्धति
५८:
७॥४४॥"
३४६७
१७
१८६१ ।
बालापूजन-पद्धति
७६:
७४४"
३६२४
१८ |
८४० ।
बालार्चन-पद्धति ११८५
हरसुख तिवारी
१९४२ वि०
२०२: . ७४५"
१०७ : ७४४||"
७१२ ७८१
५६ : ६॥४४॥"
Page #185
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
२२१
२२२.
२२.३.
२२४
२२
२२७
२२८
२२६
वेष्टन एवं
ग्रंथ - संख्या
२३०
८०६. भुवनेश्वरी पूजा-पद्धति
१०७२
२७८
३०७
३८
४३
२२६ १६९५. भूत सुद्धिः प्राणप्रतिष्ठा
३६१०
१९५
११७
१९३०
३७८२
१५
१९
20
७.२५
८१०
ग्रंथ
५४१
५८७
गुर
भैरव - पूजन
भैरव विभि
३२ भोजन - विधि
३७
ग्रंथकार
मथुरानाथ भारद्वाज
रचना
1
कर्मकाण्ड
T
T
--
1
लिपि-काल
१६१८ वि०
१९११ वि०
१९५३ क्रि०
१६१७ वि०
१८४७ वि०
भाषा
संस्कृत
11
"1
"
"
पूर्ण या, अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
B
कागव
नया
पुराना
नया
पुराना
नया
"
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
६५ :
६७ :
१५:
१६ : ६ ॥ ४४॥"
१२ :
२९:
१०:
१२७ :
१६
८॥ X ४।।"
६ :
६॥ X ४॥"
६।।×५”
५x४”
६×३॥”
५X४”
९x४"
७।। X४”
६५५"
१७६
विशेष विवरण
Page #186
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण
। वेष्टन - एवं
ग्रंथ
पंचकार
संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२३१ / १७९३ / मंत्र-प्रार्थना
३४०७
संस्कृत
१०: १०४५॥"
२३२
८३ | मंत्र-स्नान
६:
५५३॥"
मध्याहन-स्नान-विधि
३०:
११x६"
५२६
२३४
२०२ २११
मयूख-पद्धति
रामचंद्र
४३: ८॥४४॥"
महा-त्रि-यजन-पद्धति
श्रीनिवास
९०: १०४४||"
३६०९
।
१४१
महामृत्युंजय-जप
२३७
१४:
६४३॥"
।
..
.
....
५४३"
२३८५०४
५४८
२३६ | १६२९ | महामृत्युंजयजप-विधि
३२१६
१२:
७॥x४"
| १८४४ । ३४६०
८:
५॥४४॥"
Page #187
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१७८
| वेष्टन
एवं
।
प्रकार
रचना
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संल्या
२४१ / ९३३ | माघस्नान-धिवि
१५१४
संस्कृत
१०:
१३४३॥"
मातृका-पूजन
८:
५॥४३"
३७१८
२४३
मातृका-रक्षायण
पुराना
४:
९४५"
२४४
मातृका-स्थापन
८:
१८५५ ३५८६
७॥४४॥"
मातृपूजा-विधि
नया
| ३२:
२४५ / ९१४
१४४६
१०४३॥"
५६ । मातृ षोडषी
| ३ :
९x४॥"
४८६ | मानसी-पूजा . ५३०
शंकराचार्य
७ :
६४३॥"
३
८४४||"
२४८ | १९९०
३८९१
मानसी-स्नान
८४४"
९४५
१८३३ | मनसोपचार-पूजा ३४४८
४:
॥४४॥"
Page #188
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
२५१
२५२
२५४
२५५
२५३ १५९१ मुख-प्रचालन ३०६९
२५६
२५७
२५८
२५६
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
२६०
१९२४ | मुक्ताभरण - पूजा
३६६१
१८६८ मुकुंद-पूजा-विधि
३६६०
ग्रंथ
१९४७ | मूलविद्याजप-विधि
३८२४
२९२ मूलशांति - विधान
३२१
१२७०
१८७६
११३३ |मूलशांति-विधि
१७३२
६०८ १४२६
१२५२
१८५८
यज्ञसिद्धांत-संग्रह
१६५५ यज्ञोपवीत-पद्धति
३२८७
ग्रंथकार
1
T
रचनाकाल
1
wud
I
कर्मकाण्ड
-
लिपि-काल भाषा
१९२५ वि०
|
१९२० बि०
1
१८८४ वि०
१८७६ वि०
१८६८ वि०
1
संस्कृत
"
"1
13
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
11.
पूर्ण
E
"1
अपूर्ण
कागद
नया
11
पुराना
,
"1
"
पृष्ठ एवं आकार
१२:
४५ :
2:
१६:
२६:
२७:
४१ :
१५ :
७३॥"
७:
७॥४॥”
१२x६ ।। "
६x४"
११ : १० ॥ ४४ ॥ "
१० x ५"
९।। ५५"
१०x४ ।। "
९×५”
५x४"
१७९
विशेष विवरण
Page #189
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
२६१
२६२
२६३
२६४
२६५
२६६
२६७
२६८
२६६
२७०
बैष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
८०१
१०५८
८६६
१३६८
१९३२
३७६१
१९३०
३७८६
८०१ यक्षोपवीतव्रत-विसर्गान्त
१०५९
६०६
६५३
१८५०
३५६६
यज्ञोपवीत-विधि
१५९२ ३०७७
ग्रंथ
योगपीठासन - विधि
राम-पद्धति
१४३९ | रामार्चन- चंडिका
२४७९
रुद्रकंडी
१५२० रुद्रजाप
२८२७
रुद्रपूजन-मंजरी
ग्रंथकार
1 1
रामानुज
T
कर्मकाण्ड
रचना
काल
T
1
लिपि-काल
T
T
१८७४ वि०
I
१९१५ वि०
१८७४ वि०
१९२३ वि०
भाषा
संस्कृत
14
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
=
पूर्ण
अपूर्ण
अपूर्ण
"1
कागद
पुराना
"}
"}
"1
"1
नया
पुराना
"
नया
पृष्ठ एवं आकार
१३ :
३५ :
२०:
२४ : ६x४"
८ :
१०×७"
१० X ४ ।। "
११ :
२८ :
१०x६"
२६ : ११ ॥ ४६"
१०x४"
२४६ : ९ ॥ ४४ ॥"
९x४ || "
८×५”
१७२ : १० ॥ ४४ ॥ "
१८०
विशेष विवरण
Page #190
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१८१
वष्टन
रचना
लिपि-काल | भावा
पंचकार
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२७१
ललितार्चन-पद्धति
संस्कृत
२८ । ३३
पुराना । ७९:
१०x४"
| ललितार्चन-विधि १०४
४६
.९x४"
२७३ | १९३३ | ललितासपर्या-पद्धति
३७६७
भास्कराचार्य
१८४७ वि०
"
८४:
७४३॥"
१८७२ वि.
"
९६:
१०x४"
वाशिष्ठिकी
वाशिष्ठ, महर्षि
२८:
७४५॥"
२७६
२९३ | वास्तु-विधि २२२
१५:
॥x॥"
वास्तु-शांति
१७०३
६१ | विद्यार्चन-पद्धति
|१८६१ वि०
"
| ९२ : ६॥x ३॥"
२७६ | १९३० । विधि-ग्रंथ
३७८८
"
८:
॥x ३॥"
.३५८ । विवाह-कर्म
३९५
|१८९० वि०
"
| ४० : . ६४५" |
Page #191
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
.
१८२
वेष्टन ।
क्रम संख्या
ग्रंथ
रचना- लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद - पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
|१८९८ वि०
संस्कृत
२८१, ८६८ | विवाह-पद्धति
१३८४
पुराना
३७९
३९:
९॥४५"
४२०
२:
९x४१."
८४ | १२२३
१८२३
४२:
७x"
२८६७
२०६: ६x४॥"
२८०७
८७ १८६४
३६३९
३९: ६x४॥"
विष्णु-पूजन
१२:
६॥x
"
३५८८
४१६ | विष्णुपूजन-विधि
| विसर्जन-प्रयोग
२७:
७X४"
Page #192
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१८३
। बेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
वैश्वदेव
२९१ १९३५
३८०२
। पूर्ण । पुराना
८:
८४५"
८७७ | वैश्वदेव-विधि १३००
"
१८: ६x४॥"
वैश्वदेव-होम
-
कुंडलीनुमा
३४५५
व्यासध्यान-विधि
।
! २:
८४५"
२९४ | १४६५
२६०२
"
१५
:
१५२२ | व्रतपूजन-विधि २८३६
१२:
६४४"
१९१
१४० १४८
शक्ति-पूजन
८४४"
"
५४० शतचण्डी . ५६४
पुराना ।
५८:
९x४||"
शांतिपाठ
।
-
१८८३ वि०
| २३ :
८४५"
१०७८
१६३० वि०।
"
२६३ | शांतिपाठ-विधि २८९
नया
| १७:
६x४॥" |
|
८८२
२ :
१२४५"
Page #193
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१८४
| वेष्टन
।
संख्या
एवं
प्रकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागव ।
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
पंच-संख्या
९३२ | शांति-मयूख १५०६
संस्कृत
पुराना
| १०७ : १४॥४४"
९३२
१०८: १४॥४४"
. .
शांतिरत्न
कमलाकर भट्ट
१८२५ वि०
॥
३५: १०x४॥"
१४२३
शांतिसार
दिनकर भट्ट
१९०४ वि०
नया
३४२ : ९॥४६॥"
. .
३०५ | १९२४ |
३९६३
सारदीय नवरात्र-मूजा
:
७४४"
| शिवपूजन-विधिः ३८८४
१९१७ वि०
.
२६ : १०४५
"
.
पुराना
४:
६॥४३॥"
। ३३२४
३०८
१५१७ | २८१८
शिवपूजा-विधि
१२: १०॥४५"
. .
३०६
११०२
शिवप्रतिष्ठा-विधि
|१९१६ वि०
नया
| ३८: ११४४॥"
१८३० | शिवमानसी-पूजा.
.
पुराना | ८:
७४५" ,
Page #194
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१८५
एवं
| वेष्टन संख्या |
ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१४०५ | शिवमृत्युंजय-जप २३१६
संस्कृत
पुराना | १३:
१०४ ६"
३१२
९९९ । शिवार्चन-चंडिका
१६३: ८॥४३॥"
३१३
८८२ | शिवार्चन-पद्धति १३१७
१८: १०॥४५"
"
| १४:
१०४५॥"
२५०२
८६८ शुद्धि-विवेक .१३८५
१८६: ११४४॥"
श्यामा-पद्धति
१ः
१०x४"
४२४
७
८६६ | श्राद्ध-निर्णय १३६५
५:
१०x४"
१८
१५२० । श्राद्ध-पद्धति २८२६
२५:
८॥x५"
३१६-८६६
१४००
नया
।
६२० : १०x४"
२० | १५४३
। २९२४
"
४५ :
१०॥४७"
Page #195
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१८६
_.| वेष्टन
| एवं ग्रंथ-संख्या
पथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल __ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
३२१-१५५३ | भाद्ध-पद्धति
२६५२
पुराना | २४: ११॥४६"
३२२ । ८७७ | श्राद्ध-माधव
१२९९
१२:
७४६"
३२३ । ३३९
३७०
श्राद्ध-विधि
१७७५ वि०
"
३०:
१०४५"
१९५५ वि०
॥
पूर्ण
।
नया
| ३८: ११४४॥"
१३३२
५
५०८ ५५२
११:
७॥४३॥"
७:
१०x४"
१४०१
७:
५४३॥"
१४३७
३२८ । १४६३
२५९०
७४५”
३२६
१५२६ २८६८
रामकृष्ण
१५.
७४४"
३३०
। २८७२
२८:
७४४"
Page #196
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
वेष्टन
रचना
- ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पुष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
३३१ । १७०६ | श्राद-विधि
३३०८
संस्कृत
| १८:
४४॥"
८८१ १३१२
श्राद्ध-विबेक
रुद्रधर, म० म०
१८०१ वि०
३५:
१२॥४४"
८६८ १३८५
१८६ : ११४४॥"
४
८९८ १३७९
३१४ : ११४४॥"
३३५ |
८७८ १३०२
श्राद्ध-सूत्र
कात्यायन
१९६६ वि०
नया | १२ : १०॥४४॥"
३३६६७
श्रुतिपात्र-वंदन
पुराना
७:
५॥४४"
षडंगरुद्र-जाप्य
१२:
६x४"
३४१७
३३८ ।
षडंगरुद्रय
४३६ ४६६
८४४"
३३६
१८७६ ३६८९
षोडष-मातृका
|१८७७ वि०
४५: ६x२॥"
३४० -
-
१९३ - षो
षोडषोपचार-पूजन २०१,१)
नया | १५:
६४४" |
Page #197
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
३४१
३४२
३४३
३४५
३४६
३४७
३४४ ९७६
१५७३
३४८
३४६
३५०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
·
१७८१ षोडषोपचारपूजा-विधि
३३६२
४९४ संध्यात्रय-पद्धति
४२६
१०८ संध्या-पद्धति १४२७
१४४३ संध्या-विधि
२४९९
४४६
४८३
७
१०५
११३
२०८
२१९
संध्या - प्रयोग
२२४
२३५
"1
19
"1
ग्रंथ
17
""
ग्रंथकार
बुद्धिराज
कर्मकाण्ड
रचनाकाल
1
लिपि-काल
I
|
१८६६ वि०
|[१९२५ वि०]]
१९१४ वि०
१९४२ वि०
T
I
भाषा
संस्कृत
"
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
"3.
=
कागद
पुराना
"
नया
"
"1
17
पुराना
"
पृष्ठ एवं आकार
४:
७६ :
२३ :
१६:
५८ :
१५ :
२१:
१२ :
२६:
१७ :
४ x ३ ।”
७X५”
६x४"
५ ॥ ४४"
७४४"
६x४०
६ × ४।।”
६x४"
५।। ४.४ "
८X५”
१८८
विशेष विवरण
Page #198
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
३५१ २४६ संध्या-विधि
२६८
३५२
३५३
३५५
३५६
३५४ १७१७
३३२१
३५७
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
३५८
३६३
४०२
३६०
१६२१
३१७७
१८६०
३६२०
१९४८
३८२६
३२८
३५८
४२३
४५५
३५६ ४६३
५३७
१४५३ २५४८
33
"
55
"
"
""
33
ग्रंथ
ग्रंथकार
कर्मकाण्ड
रचना. काल
T
1
|
I
1
T
लिपि-काल
-
I
भाषा
संस्कृत
"
"
,
"
""
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"3
W
"
अपूर्ण
"1:
""
कागद
नया
पुराना
"1
नया
पुराना
11
पृष्ठ एवं आकार
४३:
८ः
३६:
८:
१६ :
१६:
१२:
११:
६ ॥ ४३ ॥”
१८:
६x४′′
६x४|| "
११x४||”
१६३ ६॥४४॥”
८॥ ४.४८
४५३ ॥ "
७३
९x४
६x४"
१८९
विशेष विवरण
Page #199
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
३६१
३६२
३६४
३६५
३६३ ૬૪૪
१२०१
३६६
३६७
३६८
३६६
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
३७०
१६१५
३१५२
१६१५
३१५२
१११०
१७०९
१४९४
२७३३
ग्रंथ
संन्यास - पद्धति
संन्यास-पद्धति
७६६
६०८
संस्कार -पद्धति
संस्कार - वैश्वदेव-नामानि
सत्यनारायण पूजन
१२०३ सत्यनारायणपूजा-विधि
१८०२
१८५६ सप्तशती - होम - विधि
३५९७
१९७० सर्वदेव पूजन विधि
३८५७
सर्वमंगला-पारायण
१७५ साधारण - प्रायाचित-प्रयोग
१८३.
ग्रंथकार
T
1
T
कर्मकाण्ड
रचनाकाल
T
|
1
1
T
लिपि -काल
१७७३ वि०
१७७३ वि०
१९०६ वि०
१९१६ वि०
|:
I
भाषा
संस्कृत
"}
"
""
17
"3
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
食
4
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
"3
"1
कागद
पुराना
"1
"1
नया
पुराना
"}
"
पृष्ठ एवं आकार
४९ : ११ ।। x ४॥"
२४ :
१०१ :
८३ :
१५ :
३३ : १०॥५४॥
१०१:
७X५”
४६ : ११॥ x ४ ||"
११५ :
७५
5:
१२५ ४ ।। "
८५५"
exy"
७×५”
llx ४n"
१९०
विशेष विवरण
Page #200
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१९१
वेष्टन । | एवं ग्रंथ-संख्या
पंच
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
३७१ | १९२४ | सिद्धिविनायक-पूजा
३६६२
संस्कृत
पुराना
२४:
॥४४"
३७२ । १४०५
२३१८.
सुमुखि-पूजन
नया
१०:
४५
३१४ ३४२
सोमवतीव्रत-पूजन
| १६४६ | ४१२६
सौनगिरी-पूजा
:
७४५॥"
स्नान-विधि
पुराना
२५:
५४४॥".
३४६२
| ४:
६४३॥"
३८२७
३७७
८९९ १३९६
कात्यायन (१)
५:
१०४४"
|१०६४,५ ३७८
१५
१६६१,
८:
११४४"
३७६ | १९५८ | स्वच्छंद-पद्धति
३८३८
चिदानंदनाथ
नया
।
४६:
८४३॥"
३८० ।
।
५११ , स्वास्ति-वाचक
पुराना | ५:
८॥४४"
५५५
narsikkwarLimisarilali-rosemandina.taar
Page #201
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१९२
। वेष्टन । । एवं
. प्रथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल .
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३८१ | १८६० स्वस्ति-वाचक
१८३५ वि० संस्कृत
पुराना | १२:
११४५"
१७६ वि०
॥
२१:
७४४॥"
१९२६ वि०
२३ :
६x४||"
३६५६
५३६ ५८५
नया
१७:
६x४॥
। ८६२
१२४६
पुराना
८:
१०॥x६"
७२७ ८१५
:
७४५"
१६२८ ३६७२
हनुमंत-पूजा
[१८८७वि०]|
३८८
१४५६ २५५६
हेमाद्रि-प्रयोग
६:
९x१०॥"
२३४ २४५
होम-पद्धति
दौलतराम
१८७४ वि०
२६:
६x४॥"
२४५ २५६
होम-विधि
नया
३:
४॥x३"
Page #202
--------------------------------------------------------------------------
________________
कर्मकाण्ड
१९३
वेष्टन
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३६१ | ४०३ / होम-विधि
४३५
संस्कृत । पूर्ण । पुराना | ५२:
६x४"
२५
Page #203
--------------------------------------------------------------------------
________________
धर्मशास्त्र
कमसंख्या
बष्टन । । एवं । पंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
६१५ | प्राचारादर्श १४४६
संस्कृत
पुराना | २८७:
॥x४"
२ । १०००
१७६ : ६४३॥"
३ | १०१४
१६१६x४"
१७४ | एकादशी-निर्णय १८२
कल्याणराय
१५:
७॥४३॥"
गद्य का विकसित
काशीमोक्ष-निर्णय
सुरेश्वराचार्य
| हिन्दी
| ६६ :
७॥४६"
गोत्र-निर्णय
संस्कृत
| १८:
५४३"
१४५६
८६६ / जाति-प्रायश्चित्त १२५८
पुराना | २२७: १२४४॥" !
६०: ११॥४४",
जाति-विवेक २६६५ ।।
त्रिंशत्कर्म-टीका ४०६७
१४:
१२४६"
५१२ | दानखंडसार .
नीलकंठ भट्ट
३०:
EX३॥"!
Page #204
--------------------------------------------------------------------------
________________
धर्मशास्त्र
. | वेष्टन
| एवं
ग्रंथ
संस्था
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५०६ | दान-मयूख
!
नीलकंठ भट्ट
१७६३ वि०
संस्कृत
| अपूर्ण
पुराना
१२ |
२६
३५०: १४४३॥"
१४९४
देवल-स्मृति
__ देवल, महर्षि
१८६८ वि०
२४३८
१५५३ | धर्म-प्रवृति २६५३
| ११८: १४४७॥" |
१५ । १४२२ ।
| धर्म-सिंधु २४०६
काशीनाथ उपाध्याय
१९१६ वि०
पाखंड-चपेटिका
विजय रामाचार्य
पाराशर-स्मृति
पराशर, महर्षि
४७: px"
२४४३
२५९९
भल्याभक्ष्यनिर्णय
|१९१०वि०
२६ : १३४ ६॥"
३१६८
२०
१५२५ - मनुस्मृति । २८४९ ।
मनु, महर्षि
६२२: ॥x४॥"
१४
Page #205
--------------------------------------------------------------------------
________________
धर्मशास्त्र
वेष्टन
काम
ग्रंथकार
' ग्रंथकार
लिपि-काले
भाषा ।
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
तस्या
ग्रंथ-संख्या
२१.९२३
याज्ञवल्क्य-स्मृति (समिताक्षरा)
याज्ञवल्क्य, महर्षि
१८६१ वि०
संस्कृत
पुराना । ३२६ : १२॥४५" | व्यवहाराध्याय
।
१९६: १२॥४५" | प्रायश्चित्ताध्याय
१५२०
१६६:११॥४५॥
श्राचाराध्याय
२३ | १४६८
२७४२
१७२ : १०x४॥" | व्यवहाराध्याय
२७५१
(समिताक्षरा)
२५ | १५४१ ।
२६१६
। २५८: १.४६" | श्राचाराध्याय
२६
१३
५:
१०x४" | प्रायश्चित्ताध्याय
२०९: ११४४॥"
२७८१
७७: १४४६॥" | प्राचाराध्याय
२८ | १५५३
२६५५
८२८ | याज्ञवल्क्य-स्मृति-हिन्दी
१२:
७॥४६"
३०। ८२५ | विवाह-निर्णय
। ११३७ ।
१४:
७४५"
Page #206
--------------------------------------------------------------------------
________________
धर्मशास्त्र
१९७
वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
ग्रंथ-संख्या
३१
६३५ / शांख-स्मृति
शांख, महर्षि
.१८९८ वि०
संस्कृत
पुराना
| ५१: ११॥४४॥"
३२
१४६४ २६०१
"
| १७:
१०x४"
१५३० २८७५
श्रावण-दादशी-निर्णय
कल्याणराय
१७८१ वि०
८:
१०४५"
संबंध-तत्व
रघुनंदन भट्टाचार्य
नया
११७ : १२॥४४॥"
| १५१७
३५ ।
६२६ १४६३
समय-मयूख
नीलकंठभट्ट
पुराना ।
२६०: १५४३॥"
| (स्मृति ग्रंथ)
३१:
७४३"
३७
६३५ | स्मृति-तंत्र १५१८
रघुनंदन भट्टाचार्य
नया
५२२: १२४४॥"
३८
देवदत्त
-
|१८९१ वि०
६२६ | स्मृति-मल्लिका १४६६
"
पुराना । ७६: १२॥४४॥"
३६
१९३६ | हारीत-स्मृति ४०७८
हरीत, महर्षि
-- | १६१८ वि०
नया
| १:
१२४ १०"
"
पुराना
५:
८४५"
१७७
Page #207
--------------------------------------------------------------------------
________________
नीति और उपदेश
"Primary -
NEXT
R
AN
..t
| वष्टन
रचना
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१
८७८ | कविसभा-भूषण-दुर्घट | १३०६
पुराना
| ३८: ११४४॥"
१३६५ २२८४
चाणक्य-नीति
चाणक्य
२० :
९४६॥"
दस्तूर-अमल
१९०८वि. १९११ वि० हिन्दी
नया
।
२२ :
९४६"
४१७६
नसीहत-नामा
१९०८वि. १९११ वि०
२३ :
.x"
४१७५
५
१५९७
नीति-चंद्र
गुलाबसिंह, राव
३५४ :
४५॥"
६
नीवि-मंजरी
६६
८४६॥"
१५७६ ३०३५
प्रतापसिंह, सवाई
३४: १९४४॥"
८१६ १११८
३०७ | नीति-श्लोक
पुराना
१६:
५॥४४"
३३५
३२: ६x४||"
२३७४
१०
७७१ | प्रस्ताव-रत्नाकर
"
२१४: ८४३॥"
Page #208
--------------------------------------------------------------------------
________________
啊
सख्या
११
१२
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
७०८
७७०, २
१३ १६३० ३६८८
१९१२
३८४०
१७
१५ २०१२ ४२८३
१६
१६ १९१२ ३८४१
१४ १३-५८ बृद्धचाणक्य-ग्रंथ-भाषा
२१६१
६१६
१४६४
१९३०
३९८७
बृद्धचाणक्य-ग्रंथ
"1
ग्रंथ
""
राजनीतिशास्त्र - भाषा (सचित्र)
लघुचाणक्य-ग्रंथ
ग्रंथकार
चाणक्य (चित्रगुप्त )
"
सीताराम
चाणक्य (चंद्रगुप्त )
1
नीति और उपदेश
रचनाकाल
-
T
T
1
लिपि-काल भाषा
१७४६ वि०
[१८५१ वि०]]
T
१८९४ वि०
1
१८५१ वि०.
1
-
संस्कृत
"
हिन्दी
"
संस्कृत
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
"
पूर्ण
2
11
कागव
पुराना
"1
"3
नया
पुराना
"
"
पृष्ठ एवं आकार
२२:
५६ :
२०:
१६ :
८८ :
२८:
१० :
८×६"
हृ× ६"
१० X ४ ।। "
१२ × ७"
७ × ५।”
ε×६“
९५३॥”
२१ : १०९४ ।”
१९९
विशेष विवरण
१ चित्र
Page #209
--------------------------------------------------------------------------
________________
संस्था
१
२
३
४
५
६
७
८
६
१०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१३२२ २०१७
७६५ श्रनेकार्थ- मंजरी
९०२
६६७
१५६१
९९४ श्रनेकार्थशब्द - मौलिक
१५६०
७८१
६८३
૬૪૪
११९८
१८७६
२६६३
१२५
१३२
१४८१
२६६३
ग्रंथ
अनेकार्थ नाममाला
१५५३ २६४७
अमरकोश ( सटीक )
"1
ग्रंथकार
नंददास
"
महाक्षपणक
अमरसिंह
11
कोश
रचनाकाल
T
T
-
|
लिपि-काल
1
१९२२ वि०
१७६० वि०
१७६५ वि०
१७८४ वि०
१८१६ वि०
१८३३ वि०
१८४७ वि०
१८६१ वि०
भाषा
हिन्दी
"1
संस्कृत
"9
":
31
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
"1
"1
19
अपूर्ण
कागद
पुराना
नया
पुराना
"
11
"1
"
पृष्ठ एवं आकार
१३:
२३:
२७:
२६५ :
८०:
१५८ :
ε५ :
१६० : ११x४ ।। " टी०भानुजी दीक्षित
१३० :
१२ ।।×६”
३९ :
७॥ ४६”
११x४"
६x४"
११×५"
EX५”
विशेष विवरण
कश्मीरदेशीय
१०×५”
८ x ५" लिंगसंग्रहवर्ग
११X५ ।। " प्रथम-कांड
Page #210
--------------------------------------------------------------------------
________________
कोश
२०१
। वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११ / ८४४
११६७
अमरकोश (सटीक)
अमरसिंह
| -
१८८७ वि०
पुराना | ५२:. १०४ ६" | प्रथम कांड
१२ । १६००
३१०४
| १९२६ वि०
नया
६६: १२॥४५"
३६८ ४०७
| १६४५ वि०
८६:
१०४६"
पुराना | २००: ६x६"
८९२
८४८
३१: १०॥४५"
४१०: १४४६" | सुधाव्याख्या सहित
।
९०५ १४२२
६९०: ११४४॥"
१४८:
॥x४" | तृतीय कांड
(सटीक)
१६ । १००१
१५९५
३५२ : ११४४॥" | प्रथम कांड
२० | १२०७
५२:
११४५"
। १८०६
Page #211
--------------------------------------------------------------------------
________________
कोश
२०२
राश
ग्रंथकार
रचनाकाल
संख्या
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंय-संख्या
२१ | १५९६ | अमरकोश
अमरसिंह
संस्कृत
पुराना
५७:
७॥४६" | प्रथम कांड
२२२४०
नया
९८:
९॥४४॥" |
२३ ३४९
३८३
पुराना
| २४४ : १०॥x ६"
नया
| ४५ : - १२४६"
पुराना
१३१: ८४४॥"
८४६
७५८
१९: १०x४॥"
४४ : १०४५॥"
२८
८८३
(सटीक)
८१: १३॥४
॥"
२९
९९७ १५९१
| ७१ :
११४७"
३०
९७४
। १०: ११४४॥"
Page #212
--------------------------------------------------------------------------
________________
कोश
२०३
| वेष्टन
रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार ।
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
३१ । १२१९
। १८१८
अमरकोश
अमरसिंह
पुराना
६६: १२॥४४॥"
३२ । १४१६
२३७२
| १४४: ९४५॥"
८०: १०४६॥" | तृतीय कांड
३३ | १४३७
२४६६
३४
२:
९x४॥"
१४३८ ३४६८
३५
१४४० २४८२
५४ :
॥४४॥"
३६ | १८२५
३४२७
१२ : ११४ ५॥"
३७ १८२६
३४४६
१४ : १४४५"
३८ | १८५६
३६०२
४३ : ९x४॥"
१८७७
१४ :
११४५"
४०
१९३८ | ३८०९
१८:
१०४५"
Page #213
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
४१
४२
४४
४५
४३ २०१०
३९३६
૪૦
४८
वेष्टन एव ग्रंथ-संख्या
Y€
१९४५ | अमरकोश
४१००
५०
१६६६
३६१२
२०१४
४२९७
४६ २३७ एकाक्षरनाम-माला
२४८
""
२०४
२१५
"
१८६६ ३७२६
""
७८९ एकाक्षर - कोश
१००३
".
ग्रंथ
55
१३७३ | कोश - मंजरी
२२००
१४६७ कृष्ण नामावली २६१६
ग्रंथकार
अमरसिंह
"
अमरसिंह
"
नंददास
वल्लभाचार्य
कोश
रचनाकाल
T
लिपि -काल भाषा
T
१६०२ वि०
T
T
१८३५ वि०
संस्कृत
हिन्दी
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
अपूर्ण
"}
9.
कागद
पुराना
नया
पुराना
"
नया
पुराना
"
2
पृष्ठ एवं आकार
३२ः
१२:
३० :
१२:
३:
७:
६:
११ :
१३x६”
१०x५"
८|x५"
१० x ५ ।। "
८x४" चत्रिय वर्ग
६x४।।”
५x४"
९४५॥"
१७ : ११॥४६॥ "
१३: १० ॥ ४६"
विशेष विवरण
प्रथम कांड
२०४
Page #214
--------------------------------------------------------------------------
________________
कोश
२०५
| वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
सत्या
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं बाकार |
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
८६० | गुलाब-कोश १२३८
गुलाबसिंह, राव
१९२८वि. १९२९ वि० हिन्दी
नया
। ५४८: १२४७॥"
५२ १३१० । नाम-माला
१९८४
नंददास
४:
८४४॥"
५२:
६॥x५"
१६२६
४ । १२३० ।
१८३०
नया
२०:
८४६"
५५ । १३०४
-१९६०
पुराना
१:
६४५॥"
५६ १८६० | निघंटु
३६२१
- (१७००वि०) संस्कृत
नया
५७ | १५९४ बिट्ठल नामावली
३०८०,६/
हरिराय
पुराना
| ५२.
६x४"
८
७६५ ।। मान-मंजरी ९०५
नंददास
हिन्दी
____७॥४६॥
५६ १४२३
:
९४६"
२४११
६० | २०४ | मंत्र-कश
संस्कृत
"
|४:
५४४"
Page #215
--------------------------------------------------------------------------
________________
कोश
२०६
वेष्टन
.
.
पंथ
ग्रंथकार
रचना-साल काल
संख्या
भाषा
पूर्ण
राणा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
- विशेष विवरण
ग्रंप-संख्या
राधिकानाथ-सहस्रनाम
- [१८८८ वि०] संस्कृत
पुराना
५४:
७४५॥"
३३७०
६२ | १८८५
३७१०
बिराहबुध-चंद्रिका
शार्ङ्गधर पंडित
१७७४ वि० हिन्दी
"
| २२:
८४४"
| शिवसहसानामावली
१९१२ वि०
संस्कृत
नया
|
३२:
६x२॥"
Page #216
--------------------------------------------------------------------------
________________
कमसंख्या
१ १४६२
२५८३
२
४
३ ८८२
१३२५
६
७
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
५. ८०४
१०६६
८
ε
९९२ १५८८
१०
९१५
१४५०
१५८६
३०५६
अष्टाष्यायी
७१४
७८८
ל,
१५०७ २७६७
""
७१४ उणादि
७८७
अष्टाध्यायी सूत्रवृति
८९८ कात्यायन- परिशिष्ट
१३८०
ग्रंथ
श्राख्यात रूपावली
कौमुदी - प्रक्रिया
गणपाठ
जातकरत्न- कोश
( सटीक )
ग्रंथकार
पाणिनि
"1
"}
I
पाणिनि
कात्यायन
टीका० रामचंद्र
पाणिनि
व्याकरण
रचनाकाल
1
T
T
'
|
T
लिपि-काल
१८४६ वि०
१८४६ वि०
१९०५ वि०
१९२४ वि०
भाषा
संस्कृत
"1
पूर्ण या अपूर्ण
"E
"
पूर्ण
अपूर्ण
कागद
पुराना
""
"
नया
पुराना
"1
नया
"1
पृष्ठ एवं आकार
६४ :
९४ :
२४ :
१५२ :
१०x४ || "
६x२॥"
१०४ : १.०x४ । । ”
२३ :
१०×५”
Ex४ ।। "
४४ : १० ॥ ४४ ॥”
११४४॥"
१५१ १० ॥ ४४॥ " आदि के एक पृष्ठ
१०४ : १० ॥ ४४ ॥ "
विशेष विवरण
६४ : १० x ५ "
शब्द रूपावली
Page #217
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२०८
। बेष्टन ।
लिपि-काल
भाषा
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंय-संख्या
तिङन्त-वृति
१९०६ वि०
संस्कृत
नया
१५१: ११॥४४॥
१४८५
धातुपाठ
१८७७ वि.
पुराना
१४१८ २३९०
५०:
७॥x५"
.
.
.
"
| १९२५ वि०
नया
९८: १०॥४४॥"
८०७ १०८४
३२: १०x४॥"
११२०
धातु-प्रक्रिया
१०६:१०x४॥"
२७३०
१६
८४२ ११८९
धातु-रूपावली
२६: १०x४||"
१७ १५५३
२६५१
परिभाषेदु-शब्दशेखर
४८: १२४ ५॥"
१८
८१६ | पाणिनीय शिक्षा ११२१
१०: १०x४॥"
प्रक्रिया
:
१२४५"
२७२२
३४: १०॥४४||"
२० । १६१० प्रक्रिया-व्याकरण
| ३१२९ ।
Page #218
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
.
२०९
वेष्टन
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
८१६ प्राकृत-प्रकाशिका
गंगाधर भट्ट
संस्कृत
नया
| १०३ : १०४४॥" भाषा-टीका सहित
९१७ | प्रौढ़-मनोरमा
भट्टोजी दीक्षित
--- (१७००वि०)
"
पुराना
३२८ : ११४३॥".
१४५३
नया
२०३:१२॥४४||"
१५००
पुराना
| २७४:१२॥४४||"
१४८६
७०७ ७६३
११:
१०॥x ५" !
२६ / १२१६
१८१५
२१७: १२४ ४॥"
२७ १९०१
३७६०
भाषेदुरश्मि
ठाकुरप्रसाद
हिन्दी
नया
७४:
११४८"
मध्यसिद्धांत-कौमुदी
वरदराजाचार्य
वि० संस्कृत
पुराना
२२४ : ११४४॥"
३६४०
७४२
४५७: ८.x४॥"
८३५
७५२
१४:
८४३।।"
Page #219
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१०
| बेष्टन
प्रथ
ग्रंथ
ग्रंथकार ।
संख्या
रचना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
विशेष विवरण
पृष्ठ एवं आकार
ग्रंथ-संख्या
वरदराजाचार्य
३१ | ८४७ | मध्यसिद्धांत-कौमुदी
। १२०५
संस्कृत
पुराना | १६४: १२॥४५"
३२ | ११२६
९१:
८x"
M.G
३३ | १०७
१४२५
महाभाष्य
पतंजलि
४४७: ११॥४५"
३४ / ९२२,१
१४७५,१
(सटीक)
७५७: १३४५" टीका० नागोजी भट्ट
७८३ : १२॥४५"
३५ / ९३४
१५१६
रत्नार्णव
कृष्णमित्र
१६ : १४४५॥"
रूप-निष्पति
४३: १२४६॥"
२९९०
३८
७६६ : लघुचंद्रिका
(पाध)
रामाश्रमाचार्य
५२:
७४५"
१९९८
लघुशब्देंदु-शेखर
नागेश भट्ट
१८८७ वि०
४७४: १०॥४४||"
४२५८
१५४१ लघु-सिद्धांत-कौमुदी
वरदराजाचार्य
|
-
१६०६ वि०
",
।
नया
| २२३ :
१०४५"
२९२० ।
Page #220
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२११
। वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
| लिपि-काल
अपर्णी
भाषा
संख्या
- पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
लघु-सिद्धांत-कौमुदी
वरदराजाचार्य
८२७ ११४७
संस्कृत | पूर्ण । पुराना
| १३३ : १०४ ६" | चुरादयांत
१३० : १३४५॥"
१५७४ ३०१६
| १६२:
७४४"
१७०० ३३०२
लघु-सिद्धांत-भास्कर
३१: ०१॥४४॥
१६८१
४५ । १४६४ ।
लघु-सारस्वत २६००
१२ :
१०४४"
|
लिंगानुशासन
पाणिनि
३८:
१०४७"
८५१ १२१७
लिंगानुशासनवृति
भट्टोजी दीक्षित
१९२४ वि०
५२ : १०॥४४॥"
७८६
वाक्यवृति-प्रकाशिका
विश्वेश्वरानंद
-
१९०४ वि०
३० : १५४५॥" | पूर्ण किन्तु जीर्ण
१७१७
४६३०
वैयाकरण-भूषणसार
१६११ वि०
| १११ : १२४४॥"
8३३
(व्याकरणग्रंथ)
पुराना
२७ : १२४५"
Page #221
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
५१
५२
५३
५४
*
५६
५७
५८
५६
६०
बेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
१०४६ १६४२
१०५२ १६४८
१४८२ २६६४
१८१६
३४३४
१७८३
३.३६७
१०८१ १६७८
८८६ शब्द - कौस्तुभ
१३४१
१५७
१६४
( व्याकरण ग्रंथ )
१४३४ | शब्द- मौक्तिक
२७२६
१६३६ ३२४३
व्याकरण- प्रक्रिया
ग्रंथ
शब्द-रूपावली
ग्रंथकार
भट्टोजी दीक्षित
रचनाकाल
व्याकरण
}
1
1
T
/
T
1
I
I
लिपि-काल
--
T
│.
1
भाषा
संस्कृत
=
"
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
=
कागव
पुराना
"
13
नया
पृष्ठ एवं आकार
१५ :
१६ :
१२ :
११× ५”
Cox Jus
४ : ११|| ४ ||"
७x४०
५६ : १० ॥ ४४॥"
2:
३१० : १० ॥ ४४ ॥"
२०:
१९९ : १० X ४ ।"
१०x४ ।। "
८ ।। ४४ ।। "
४९ : १५ ।। X ७।”
२१२
विशेष विवरण
Page #222
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१३
क्रमसंख्या
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
शब्द-रूपावली
संस्कृत
- अपूर्ण
नया
१६:
८४४॥"
६६४
६२९ ६७८
| ५:
८॥४४॥"
६३०
१६ :
८४४"
६७९
पुराना
३६: १०॥x"
७७५
७८१ ९८२
शब्दानुशासन
पाणिनि
२६६: १०॥४४॥"
१५७८ | शब्दानुशासन-वृत्ति ३०३३
हेमचन्द्र
नया | ८२ : १२४७॥"
शिक्षा-पाठ
८०७ १०८४
पाणिनि
पुराना
| १४: १०x४॥"
६८
८६८ १२६०
शेखर-ग्रंथ
१४८: १३ ४ ५"
समास-चक्र
.
जगन्नाथ भट्ट
नया
३१: ८॥४४॥"
१७६०
| सारस्वत-दीपिका ३०१३
चंद्रकीर्ति सूरि
१७७३ वि०
पुराना | ६१३ : १०x४॥"
Page #223
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१४
वेष्टन
एवं प्रथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
७१
मेघरत्न
१५२७ । सारस्वत-दीपिका २८६१
|
-
--
संस्कृत ।
पूर्ण
पुराना
| ७२: १०॥४७॥"
सारस्वत-प्रक्रिया
१५३६ २६०३
अनुभूतिस्वरूपाचार्य
१७८२ वि०
२२:
९x४" !
१८०८ वि०
॥
१६: १०॥४५"
७६२
७४
१८२४ वि०
"
१५६७ २९९७
२६१ : १०४५"
"
७५
|१८२४ वि०
१९३६ ३८०४
२५:
१०४५"
७६ ।
१८४७ वि०
३२७:
८४४"
७१० ७७६
७७ / १६०५
३७४०
१८५५ वि
१८: ११४५॥"
७८
८०५
|१८९७ कि०
"
४२: ६x४॥" तद्धितांत
४६४
३७ :
९x४" पंचसंधिपर्यंत
| १६:
॥x५"
Page #224
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१५
। वेष्टन
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल ___ भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
७४६
सारस्वत-प्रक्रिया
अनुभूतिस्वरूपाचार्य
पुराना | २५: ६x४॥" | पंचसंधिपर्यंत
८४४
२
७५७ ८७२
"
| १०१: १०४५"
३५३: ६॥x३"
८६३
६२:
७॥४
॥"
११४१
.५ |
८३९ ११८२
६०३: ११४५॥"
८६ ६००
। १४०३
१६८: १०x४"
८७ | १४४५
२५०६
३२:१०॥४४॥"
४६: ११॥४॥" | कृदंत प्रक्रिया
३६४३
(सटीक)
१७: .९||
४||" | टी०क्षेमराज
७८५
७६४
६३: १० x ५॥"
Page #225
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१६
| वष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
- ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना | लिपि-काल | भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
विशेष विवरण
कागद | पृष्ठ एवं आकार |
काल
८४३ | सारस्वत-प्रक्रिया ११९२
(सटीक)|
अनुमतिस्वरूपाचार्य
अपूर्ण
पुराना | १७:
८४४"
४२:
१०४७" |
८६३
.
००
५३ :
७४५" | कृदंत प्रक्रिया
१४०७
१४ | १४४९
२५३२.
१९:
७४३॥"
६५ | १४७१
२६३०
४६ :
४५"
१६ | १४८१
२६६१
१०१: १२४॥"
९७ १४६१
२७०५
१४०:
८॥x४" |
१८ | १५०४
२७७५
१५: १०॥४५"
२८१२
१५२२ २८३२
२२:
१०४७"
Page #226
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१७
। वेष्टन
एवं
संश
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
सख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१०१, १५६३
२६६२
सारस्वत-प्रक्रिया
अनुभूतिस्वरूपाचार्य
संस्कृत
पुराना
४२:
७४४॥"
१०२, १८७७
७८: ११॥४५॥"
| १७ : १०x४॥"
३८८२
०४ | १९२०
३६२४
१५० : १० x ४॥"
१०५ १९४४
५४:
१०४६"
४०९२
१०६
१९७५ ३८६७
६६:
९४६"
०७ १९७६
३८६८
१०८ १९७६
३८७१
२७:
||४३"
०६
२००१ ३६२५
१८: . ६४५" |
"
१० ८३८
| ११७८ ।
१८०७ वि०
।
"
१४१ : ६x४॥"
२८
Page #227
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२१८
वेष्टन
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१११ । ८४३
सारस्वत-प्रक्रिया
अनुभूतिस्वरूपाचार्य
-
१७९७ वि०
संस्कृत
पुराना
५८:
१०x४॥" | पचंसंधि पर्यंत
११२
२००१ ३६२३
१६७४ वि०
३२:
९४५" | लिपिकाल की
दृष्टि से महत्वपूर्ण
१८९८ वि.
"
११३ | १५२७
२८६२
४८:
१०४५"
११४ | ९००
१४०४
१२३:१०||४४||"
११५ - १५०२
२७५४
५३ :
१०x४"
१२७: १०x४" |
.
१६ | १५७३
३०१२
५९:
११४५"
१७ १८५०
३५७२
११८: ११४५॥"
१८१८६६
३६४२
१४: ११४६"
१८७७ ३६६८
१२० | ८०५ | सारस्वतप्रक्रिया-विवृति
७३:
९४४||"
१०७१
Page #228
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
१२१
१२२
१२३
१२४
१२५
१२७
१२८
१२६
वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या
१३०
७९० सारस्वत - व्याकरण- दीपिका
१००६
१९८१ ३८७६
१२६ ९२०
१४६७
६०२
१४१४
१८४६
३५६६
९२०
१४६६
१४६१
२७०६
९०२
१४१०
६०२
१४११
१५ १४४९
सारस्वत-हूटक
सिद्धांत कौमुदी
"
11
"1
ग्रंथ
"7
"
"1
ग्रंथकार
चंद्रकीर्ति भट्टारक
भट्टोजी दीक्षित
"
"
"1
"
व्याकरण
रचना
काल
I
1
-
1
―――
लिपि -काल
१७६६ वि०
―
१६८५ वि०
१८१७ वि०
[१८२२ वि०]]
१८२२ वि०
१८८२ विन
[१६८५ वि० ]
|[१६८५ वि०]
भाषा
संस्कृत
"1
31
"9
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
E
कागव
पुराना
"
11
"1
11
पृष्ठ एवं आकार
८८ : १० X ४ ||
६४: १०॥४४||”
१०७ : ११×४||” | उत्तरार्द्ध
११६ : ८ || x ४ ||"
६२५ : १० ॥ ४४||”
५२ : १० ॥ ४४ ॥ "
-९३ : १२×५॥”
विशेष विवरण
२१८ : ११x४||” पूर्वार्द्ध
२१९
२१४ : ११४४ ||"
३५८ : ११x४ || तिङ्गंत प्रकरण
Page #229
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
२२०
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल काल
संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१३१
९३० सिद्धांत-कौमुदी
भट्टोजी दीक्षित
पूर्ण । पुराना
- २६५ : ११॥४५"
तिङ्गंत प्रकरण
२
२७७ : ११॥४४॥"
९३० १५०२
३३
१०३ १४१५
३१० : ११॥४४॥"
१३४ १८०४
३४१८
१८८: ९४ ३॥"
प्रक्रियांत
१३५
८६५ १२५५
७४ : ११॥४४॥"
५६८ : ११४४॥"
१२९०
१३७
९२२
७८ : १शा४५"
१३८
३७: १६||४५"
९३३ १५१२
१३६६६८
१५६२
३५ : ११४५॥"
४० | १०४०
१४० : १०x४॥" | सुबंतांत
Page #230
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
.
२२१
| वेष्टन ।
संख्या
ग्रंथ
___ ग्रंथ
ग्रंथकार ।
रचनाकाल
लिपि-काल |
भाषा | पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१४१ | १०४७ सिद्धांत-कौमुदी (सगूढफक्किका)।
भट्टोजी दीक्षित
पुराना / ५२: ११४४॥" | फक्कि० इंदुदत्त
उपाध्याय
१०५९
४० : १११॥४५"
४३
१४४० २४८५
१४: १०॥४४॥"
९८ः १०४५"
२९९६
४५:
१०४५"
२९९८
१७३५ ३३३६
१७: ११४४॥"
१८१० ३४१०
३६ : १०४५" | तिङ्गंत
Mmm
४४ : ११॥४५॥" | उत्तरार्द्ध
१४६
१९८० ३८७३
१५: ११४४||"
७७०
१७०५ वि०
"
..
. पूण
५४:
१०x४",
Page #231
--------------------------------------------------------------------------
________________
२२२
women
संख्या
. एवं
प्रय
ग्रंथकार
रचना-लिपि-काल
भाषा
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१५१ | १८२५ सिद्धांत-चंद्रिका
३४३३
रामाभमाचार्य
१७१५ वि०
संस्कृत
पुराना
|५:
१०४५"
(१७५० वि०)
११९ : ६॥४३॥"
१५४०
१५३ १८६६
१८२१ वि०
३५: १२४५॥"
१५४ १०६४
१६६०
१९१३ वि०
७९: ११४४॥"
१०२:
७४५॥"
१००९
६६२१
१४२०
(सटीक)
१६१ : ११४४॥" | टी० लोकेशकरण
' शर्मा
५७ - १८५१
३५७८
पुराना
३६ : ११४४॥"
१३८: ७४५॥"
६०४
१५६
७८० १८१
१७६: १०४६॥"
१६० ७६५
। १०२८ ।
४५ :
७४६"
Page #232
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्याकरण
- २२३
वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१६१ | १६२८ | सिद्धांत-चंद्रिका
३२१२
रामाश्रमाचाय
संस्कृत
पुराना । | ५८८:
१x६॥"
१६२
१६४७ ३२५६
६२:
८॥X६"
१६३ १६९३
३२९५
४२:
१०४७"
६४ | १८५९
१३७:
१०४५"
१६५ | १८६६
३६५०
१२:
६x६"
१६६ ।
८७४
सिद्धांत-दीपिका
१६: १२॥४५"
१२८७
६७
६२१ ।
| सिद्धांत-प्रकाश १४६८
घोरिल्ल शर्मा
नया । ५५:
११४५" | पूर्वपक्षावली
६८ १६२५ । सूत्रपाठ
| पुराना . | ८:
९४५" |
Page #233
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
१
२
३
४
५.
६
७
५
ह
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
१७६७
३३७६
१८२५
३४४०
१९३६
४०५९
१७९२ अष्टोतरी - दशाफल
३४०६
१४४५ २५०८
१६१६
३६०६
१४७७
२६४८
श्रंजर - चिंतामणि
१९३६ ऋतुकाल-विधान
४०५७
२००३
३६२७
श्रमितायुयोग- लक्षण
ग्रंथ
अहिबल- विचार
कर्म-प्रकाश
कर्म-बंध
कल्पसार
काया कल्प
७६८ कालचक्र रचना प्रकाश ९२५
ग्रंथकार
विश्व प्रकाश
(खिदिकाचार्य के शिष्य )
ज्योतिष
रचनाकाल
/
T
T
T
लिपि-काल भाषा
१६७३ वि०
1
१९११ वि०
१९११ वि०
संस्कृत
"
राजस्थानी
संस्कृत
हिन्दी
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
"1
11
"
कागद
पुराना
३
नया
"
पुराना
नया
11
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
३४:
१३:
४ :
१ :
१:
२४:
७:
१०:
१०x४ ।। "
१५ :
१० x ४ ।। "
३४ : १२ । ४७”
611 X 11"
१२॥x १०"
१२ ।। X १०"
१० ॥X५”
१० ।। X ४ । । "
१०x४"
७५६"
विशेष विवरण
ग्रंथ उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है।
Page #234
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
११
१२
१३
१४
१५
१६
१७
१८
१६
२०
बष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१९३६
४०४०
१९४८ कालज्ञान- लघुजातक
४१२३
१९९७ | कालज्ञान- सगुनौती
३९१६
८०९ | काल - निर्णय
११००
कालज्ञान
८६६ काल-माधव
१२५७
८७७
१२६१
१९३६
४०३१
२००७
४२६७
काल-मार्तड
कालार्द्धयाम
ग्रंथ
कुंडलिनीसिद्धि-व्याख्या
३९४ | कुंडशिरोमणि-पद्धति
४३४
२८६ कंड-सिद्धि
३१८
२६
ग्रंथकार
1
टीकाराम
विद्यारण्य
कृष्ण मिश्र
गंगाराम
विठ्ठल दीक्षित
विश्राम, ज्योतिर्विद्
ज्योतिष
रचनाकाल
|
लिपि-काल
1
1
१८८१ वि०
भाषा
संस्कृत
हिन्दी
संस्कृत
पूर्ण या अपूण
पूर्ण
"
"1
पूर्ण
"
"
कागद
पुराना
नया
17
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
२२ : १२ ।। X १० "
२०:
१५:
३२:
४२ :
5 X ४ || "
२६७ : १२ ।। X ४ ॥”
७४४"
१४ :
६x४"
८:
३०: १२॥×१०”
६x४"
६७ : १० ॥ ४४ ॥ "
७ × ५”
१० X५”
२२५
विशेष विवरण
Page #235
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२२६,
वेष्टन
एवं
संख्या
पंच
पंचकार
| लिपि-काल
कामद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंप-संख्या
२१
केरल-ज्योतिष
१६३६ ४०४८
संस्कृत - अपूर्ण
।
पुरानो
| ३२ : १२॥x १०"
केरल-ज्योतिष-मत
१९१७ वि० हिन्दी
नया
| २२ : १२॥x १०"
४०७१
केरली-सूत्र
८ : १२॥x १०"
४०३८
२४ | १५९५ | केशव-पद्धति
३०८७
केशव मिश्र
संस्कृत
"
|८:
१०x४"
केशवजातक-पद्धति (सटीक)
१८५७ वि०
"
.
पुराना
५७: १०॥४४॥"
३०८४
खेचर-शीघ्रसिद्धि
गंगाधर
१९१४ वि०
नया
।
४०६२
खेटकर्म-कुतूहल
२७: १०४५॥"
११७
गणक-मंडन
नंदिकेश्वर
१८१५ वि०
पुराना
२५:
१०४५"
२६१४८३
२६६७
१८४८ वि०
१७: १०४४॥"
२२६ गणपतिसार २३७
१२: १०॥४५"
Page #236
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
३१
३२
३३
३४
३५
३६
३६
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
४०
१६१० गणित - अमृत-वर्षिणी
| ३१३०
१५४९ गणित-सारिणी
२९३८
१८३४ गुरु- प्रकाशिका ३४६७
१४४५ गोचर - प्रकरण
२५१०
१९३६ | गौरी - जातक
४०४२
१६१०
३१२५
३८ १९३६
५०४२
१६३६ ४०४७
८६६
१३६२
१९४५ ३८२२
ग्रहताप कुतूहल
ग्रह-फल
""
י
(पद्मकोशाख्य)
ग्रंथकार
सूर्यमणि
कमलाजन
गोविंद, पंडित
भास्कराचार्य
|
1
I
ज्योतिष
रचना
काल
-
| १८४७ वि.
1
F
१६७५ वि.
1
लिपि - काल
१८६७ वि०
१९११ वि०
1
भाषा
संस्कृत
"1
हिन्दी
संस्कृत
19
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
E
"
अपूर्ण
अपूर्ण
.
कागद
पुराना
""
"
"
"1
ין
नया
पुराना
"1
नया
पृष्ठ एवं आकार
६४:
१०८ :
९० :
२४ :
१३४५||”
३८ : १३॥ ४५ ॥ |”
३ :
६X५”
२४ : १२ ॥ × १० "
||५|| "
७:
११x४"
१२॥× १०”
३४ : १२ ।। x १० "
१७ : ११४४ ||"
५X३”
२२७
विशेष विवरण
इस पोथी का दूसरा
नाम राजदस्तूरिका भी है।
Page #237
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२२८
ग्वेष्टन कमसंख्या
| |
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रहभाव-फल
संस्कृत
नया
११:
८०८ ८२५
४५"
ग्रहयोग-फल
१९१८ वि० हिन्दी
३२: १२||४१०"
४०७४
ग्रहलाघव
४३ | ८०६
१०६६
(सटीक)
गणेश, दैवज्ञ
६२: ६४५॥" ] टी० विश्वनाथ
२०:
१०x४"
२३७१
४५ | १५६५
३०८६
(सटीक)
१४६:१॥४४॥" | टी० विश्वनाथ
७०७ ७५८
१७: ११४ ५॥" | सूर्यपर्वाधिकार मात्र
७५७ ८७३
(सटीक)
३०: १.४६" | टी० विश्वनाथ ।
५:
७४५"
१५३० २८७४
१३:
११x६||"
४६ १५६२
२९७८
"
५०
ग्रहलाघव-उदाहरण
१४५७ २५६६
विश्वनाथ, दैवज्ञ
४२ : १.४४॥"
Page #238
--------------------------------------------------------------------------
________________
नाम
संख्या
५१
५२
५३
५४
५५
५७
५८
५६
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
६०
१४४६ ग्रहलाघव-सारिणी
२५१५
१४८२ २६६६
१११४ | ग्रह-सारिणी
१७१३
५६.
१८७७ ३६६७
१६१० | ग्रह - स्पष्टीकरण
३१२२
१९३६ | चंडकुंडली-फल
४०४५
८७३ | चंद्रोन्मीलन
१२८४
ग्रंथ
२००९ ३९३३
१५६ चमत्कार - चिंतामणि
१६६
७६४
६.००
"
ग्रंथकार
I
}
ज्योतिष
रचना
काल
I
T
T
T
T
1
1
——
लिपि-काल
T
――――
1
१९४१ वि०
1
१७३६ वि०
१६११ वि०
भाषा
हिन्दी
"
संस्कृत
""
11
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
अपूर्ण
भी
कागद
पुराना
""
नया
"1
=
पुराना
नया
पुराना
"3
निया
पृष्ठ एवं आकार
२६:
२८:
१०:
१४ : १२ ।। ४ ६ ||”
८४ :
१३ × ४ ||
३८ : १० || ४ ||"
३८ :
१० x ४ || "
६० : १२ ॥ X १० '
१५ :
५×३”
२२ :
९||×६”
εxɣ"
९x४ || "
E11 x 4"
२२९
विशेष विवरण
Page #239
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
,
२३०
बेवन ।
पंचकार
रचना- लिपिकाल | काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण कार !
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
.
.
संस्कृत
६१ । १५३६ चमत्कार-चिंतामणि
२९०१
संस्कृत | अपूर्ण ।
पुराना
३४:
६x४||"
चौतीसी की पोथी
२७:
१०४३"
३७२७
| १५२५ | जगच्चंद्रिका
३०९०
उत्पल भट्ट
| १५: १०॥४४॥"
जन्म-जातक...
नयाः
१२:
८४५२"
३८०८
जन्मपत्रिका-विधि
६:
२१॥४॥"
६५ | १७६६ ।
३३७५
जन्मपत्री-पद्धति
पुराना
|४७:
४५"
३२८१
| ८०१
जलाशय-प्रतिष्ठा-पद्धति
गणपति शर्मा
| १०२:
२४५"
६५
जातक-पद्धति
१७५३ वि०
६:
१६१० ३१२८
१०x४"
६६
१५९५ ३०८३
केशव, दैवज्ञ
"
| १५ : १०il x ४॥"
२५
श्रीपतिः
|
अपूर्ण
॥
३८:
११४५"
२८
Page #240
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३१
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार ,
रचनाकाल
लिपि-काल
| भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
बंथ-संख्या
जातकाभरण
७१ । १४.१
२३०३
ढुंडिराज
१७८३ वि०
संस्कृत
पुराना । २५३ :
८४५"
७२ । १५८४
३०४९
१८६६ वि०
"
१५२ : १०॥४४॥"
७३ | १७६६
३३७८
१८९० वि०
| १०६ : १२॥ ४५"
७४ | १७३७
३३४१
१८६३ वि०
| १३७ : १०४४॥"
७५ १८५५
३५८७
६::
७|४५"
जातकालंकार
गणेश, दैवज्ञ
१८४८ वि०
७० :
५४४"
| २१०
१८६५ वि०
४१:
१०x४"
३२४६
१८७४ वि०
३८:
७८ | १४१६
२३७७
८||४४"
७६
११७५ १७७४
." .
१३: १०x४५"
८० । १४१६
७८is inx ur" |
.
। २३७६
Page #241
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३२
| वेष्टन
रचना
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल |
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
८१५३८
जातकालंकार
गणेश, दैवज्ञ
संस्कृत
पुराना । ३४:
१०x४"
७:
११४३॥"
२००५ जातकेन्द्र-ग्रहयोग ३६२६
नीलकंठ
७४:
१२॥४५"
८३ १७७० । जैमिनीसूत्र-व्याख्या
३३७६
(ज्योतिष-ग्रंथ)
२०:
८४६"
१७६६
८५
१०६: ६x६".
१४०० २३०२
८६ १४३६
२४७८
७६ :
१२४५"
७:
१२x."
८७ १६०१
३७३१
८
११:
७४३॥"
२०० । २०६
२८.
६x४"
८९ | १४०५
२३२०
१२:
॥४४"
९० १४०५
। २३२०
Page #242
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३३
क्रम
वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
। ।
९१ | १४०५ | (ज्योतिष-ग्रंथ) .
२३२५
संस्कृत
पुराना ।
३०:
॥x४"
।
९२ १४०५
२३२७
७:
८||
३||"
१४०६
।
११६:
८||४||"
३३२९
।
। १४६२
२५८७
७:
५४४"
९५ | १७६४
३३७३
।
"
| १२: १०॥४५"
१६
१८१८ ३४३३
।
नया
१४:
१०४३||"
१९४१ ३८१५
।
पुराना ! ३८:
१०५" !
।
९८ | १६४२
३८१७
८॥x४"
।
१९२६ वि० हिन्दी
नया
२२:
१०||४८"
| ज्योतिष-प्रकाश २२७५
| ज्योतिष-भाषा
।
पुराना
७८:
६x४"
:
Page #243
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
.
.
२३४
| वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
.
रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
पंच-संख्या
१०१ १९९१ | ज्योतिषमत-भाषा .
४२५१
हिन्दी
पुराना
७०:
eilx ३॥"
१०२ ३८४७ | ज्योतिर्विदाभरण
१९६२
नया
३२:
११४६"
| १७:
४५"
| ज्योतिरत्न-मंजरी ३६१६
८७३ | ज्योतिषरत्न-माला १२८३
श्रीपति भट्ट
१८३३ वि०
पुराना ।
५२:११॥४४॥"
.१०५. १९१२
३८४२
१९१४ वि०
नया
८:
८४४॥"
१०६ ।
७६६ ६३८
पुराना । १३ : ११४५॥"
०७ | ८०८
। १०६३
"
१७:
१०४५"
१०८
१२१५ १८१४
___ १२४५"
१०६ | १८८४
३७०६
९८:
६x४"
१० ! २००९
| ३६३४
३२:
९॥४३॥"
Page #244
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
१११
११३
११२ ८२६
११४२
११४
११५
११६
११७
११८
११६
वेष्टन एव ग्रंथ-संख्या
१२.
१७३० ज्योतिष विद्या
३३३४
१६८३ ३८८० -
ज्योतिष सार
७६९ ज्योतिषसार - संग्रह
९३९
"
ग्रंथ
७७२ | ज्योतिष-सारणी
६५५
७५६ ज्योतिष- सारोद्धार
८८०
४३८ तत्व प्रदीप ४७१
१८३५ ३४५०
१४०५ तत्वार्थ-चिंतामणि
२३१७
१४०६ ताजिक- नीलकंठी
२३२८
"1
ग्रंथकार
श्रीपति भट्ट
नीलकंठ भट्ट
"
ज्योतिष
रचनाकाल
T
--
लिपि-काल
T
--
१९४९ वि०
१७६२ वि०
१८२७ वि०
भाषा
संस्कृत
"1
19
21
"
"1
"3
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
अपूर्ण
श्र
कागद
पुराना
"
"1
नया
पुराना
"1
11
पृष्ठ एवं आकार
२७:
३५ :
१० :
२६ :
१० :
३०:
१८:
४ :
७५४′′
२२:
८॥ X ६”
७X५”
१०×५”
३X२”
८५५"
Ex५"
१० ॥ × ६ "
७२ : १०x४||”
७|| X५”
२३५
विशेष विवरण
Page #245
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३६
| वेष्टन | एवं
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
|
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
नीलकंठ भट्ट
१८४७ वि०
१२१ । १५६ | ताजिक-नीलकंठी
। १६३
संस्कृत
पुराना | ५४: ६x४॥"
२३२
३९:
८॥x५"
२४३
१२३
।
७५९ ८७८
१११:
१०४:"
-
१२४ | १४५६
२५५८
१८६ : १०॥४५॥"
१२५
|
७८२ ६८६
"
| १६ : ११४५॥"
१९२ २००
४६:
६x४"
१२७ । ७५७
"
८: १०॥x ॥" भाववर्ग मात्र
८७४
नया
१२८ । १४१६
२३६९
८६:
९॥४४"
२९
पुराना
१४३६ २४५८
| ४३:
५४३"
१३०
८४:
९॥x४||"
१४४५ २५१३ ।
Page #246
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३७
| वेष्टन | एंव ग्रंथ-संख्या
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
काल
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१३१ । १५०२
२७५५
ताजिक-नीलकंठी
नीलकंठ भट्ट
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना
१३ :
७४६"
१३२
१७७१ ३३८०
बंगला
३५: १३॥४४॥"
१३३ । १८१०
३४२४
संस्कृत
.
९४: १०॥४४"
ताजिक-भूषण
गणेशराज
४३ : १०॥४४॥"
३५ - १७८४
३३९८
ताजिक-रत्न
भट्टाचार्य
८०॥ १०॥४४॥"
तिथि-चिंतामणि
३१: ११४५॥"
१५६५
३५: १०॥४४॥"
३८ १६३६
४०५३
तिथि-नक्षत्र-योग-सौरभ
नया
१८: १२॥४१०"
१४४६ | तिथि-निर्णय २५२०
नंदराम मिश्र
पुराना
| १३९: १२४५"
६४०
भट्टोजी दीक्षित
-
१६१४ वि.
नया
| ५६: ११४५॥" |
२४८१
Page #247
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३८
! बेष्टन
एवं
ग्रंथ
प्रंयकार
संख्या
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१४१ ८७७ तिथि-निर्णय
१२६५
रघुनाथ
नया
२०६x४||"
१४४५ २५१२
| ४८:
॥४४॥"
३ १४६४
२७२५
पुराना
१६:
११४४"
तिथिनिर्णयादि-वृत
४ | २०१६
३९४७
नया
| १५: १२॥xe
तिथि-प्रकाश
गंगादास
-
१६१८ वि०
संस्कृत
२: १२॥४१०"
४०७३
तिथिवारादि-क्षेपक
६ | १४०५
२३२६
पुराना
९x४"
४७
१९६० ।
| दफ्तरनामा ४१६६
हिम्मतसिंह कायस्थ
१८३६वि. १८७१ वि०
४: ६x६"
४८
८०६ । दशा-फल १०६७
१४:
१०४५"
दशाफल-वर्णन
१०:
१०४५"
१६६१,८
|
"
१५० १६३६ | दशा-विचार
J४०३६
१२: १२॥४१०"
Page #248
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२३९
वेष्टन
संख्या . एक
पंथ
पंथकार.
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंय-संख्या
५१६ | दशरेखा-चक्र ५६०
संस्कृत
नया
:
४४३"
१६१८ वि०
२:
२१६३६ | दान-चंद्रिका
४०७६
१२॥x१०"
२८१ देवांगण-मुहूर्त
१८२१ वि०
पुराना । २५ :
६॥x५"
३१०
११: ११॥४५॥"
१८६६ | द्वादशभाव-फल ३६४५
१५५ / १९३६
ध्रुव-यंत्र (जातकालंकार)
१: १२॥४१०"
४०३५
१९३६ । नक्षत्र-चूड़ामणि ४०५२
"
२० - १२॥x १०"
नवग्रह
१४८३ २६६८.
गणेश, दैवज्ञ
१९०१ वि०
नया
२७: १०४४॥"
१९३६ । नष्ट-जन्मपत्र-विचार ४०५६
१९११ वि०
"
| १: १२॥४१०"
१९३६ | नाड़ी-विचार
१९११ वि०
."
. ४ : १२॥x १०"
। ८०८
नार-चंद्र-टिप्पन
१७५३ वि०
पुराना
७० :
१०x४"
Page #249
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२४०
। वेष्टन
| एवं संख्या
प्रय-संख्या
पंथ
प्रथकार
रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं भाकार | विशेष विवरण
१६१ ८७० निर्णय-संग्रह
| १२६८
सोमेश्वर
पुराना | २३ :
७४५"
१६२
नृपति-जयचर्या
१३५: १२४६"
१२०४
६३ १८८३ | पंचांग
३७०८
१८८३वि. १८८३ वि०
१५: ११॥x
"
१८९४वि. १८९४ वि०
१६४ | १७७५
३३८४
| २०:
८४४॥"
१६५ | १४०६
२३३१
१८६५वि. १८६५
३० :
७४४॥"
६ | २०१४
४२६६
१६२४वि. १९२४
| '२४ :
१०४३॥"
१९१०वि. १६१० वि०
२७: ११४६"
२४५१
१६८१४९२
२७११
१९२५वि. १९२५
२२ :
११४७"
पद्मकोश
|१७५७ वि०
॥
७६७ १०३८
॥
पुराना
२२:
८-५" ।
१६ : १२॥x॥"
३१२० ।
Page #250
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
| वेष्टन
रचना
एवं
-
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
.
१७१
पद्म-कोश
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना
१६ : १२॥४६॥"
३१२०
७२०
| पवन-विजय
१८८८ वि०
"
| ११८: ६४४"
| १९८०
३८७४
नया
:
१०४ ५॥" |
पत्र-प्रकाश
|१८७०वि०
पुराना
| १४४ : १० x ३॥"
२३३२
१७५ / ७७४ | प्राची-साधन
६६२
|१८२१ वि०
४१:
१०४५"
१४३८पाराशरी (प्रथम अध्याय) २४७१
वराहमिहिर
२:
६x४||"
| १५१३
२७८७
१८:
८॥x४" |
प्रक्रिया-कौमुदी
"
२५:
x ३॥"
। ३४२९
| प्रत्यक्ष-ज्योतिष २३४६
जयदेव विद्या.
पूर्ण
| नया
१०० : १३॥४८॥"
८०
१६३७ ४.८०
१७२ : १३॥४८॥" तृतीय खंड
Page #251
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२४२
| वेष्टन
एवं
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं माकार | विशेष विवरण
प्रथ-संख्या
संस्कृत
१८१ १५७८ । प्रस्तार-चिंतामणि
३०३१
पुराना - १०:
७४५"
१८२ | १४९४ | प्रसूतिका-विचार
२७२३
५:
१०४५"
७९४ । फल-विचार
|१८५८ वि० राजस्थानी
२४:
५||४४"
फलादेश ...
१८८२ वि०
संस्कृत
१९: ८॥४४॥"
फलाफल-निरूपण
पद्मसुंदर मुनि
-
११:
८५ | १२११
१८१०
८॥४४||"
७६९
फलाफल-पद्धति
"
| १७:
४४" ||
७
फलाफल-विचार
४:
२०१४ ४३००
१९४३॥"
१८८ | १९७६ ।। बनिक्प्रिया-प्रकाश
४२३५
सुखदेव
१७१७वि. १८८२ वि० | हिन्दी
१३२: ६॥x४||"
बल्लभ (लग्नविचार)
बल्लभदेव
५९ : १०||
४||"
४३०५
बाल-बोध
मुंजादित्य
| १८०० वि०
संस्कृत
४१ :
१०४५"
Page #252
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१६१
१९२
१६३
१९४
१६५
१६६
G
१६८
१६६
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
७७६
९७८
७९७
१०३५
७७८
९७४
बाल-बोध
११७६ बालबोधिनी
१७७५
"1
७७७
९७१
"1
१४०६ वाराह - संहिता
२३३४
१९३६ वाराह सूत्र ४०३६
१८८७
३७३४
११०५ | वैष्णव- प्रश्न
१७०२
२०० १८१६
३४३१
वृहजातक
ग्रंथ
"
ग्रंथकार
/
मुंजादित्य
वराहमिहिर
नारायणदास
वराहमिहिर
ज्योतिष
रचना
काल
|
-
-
लिपि -काल
T
१८४० वि०
१९२६ वि०
१८६७ वि०
|[१९०० वि०]
1
भाषा
संस्कृत
"
"
"
"
"1
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
"
पूर्ण
पूर्ण
"
कागव
पुराना
"
64
=
नया
"
11
पुराना
नया
"1
पृष्ठ एवं आकार
८१: ७||×५”
१४ :
६६:
१३ :
८० :
५×३”
९x४%
५८ :
१०×५॥”
५० : १२ ॥ X १० "
४६ :
६|| × ४ ||”
१११ : ११x४ ||"
१२२ : १० ॥ ४५”
६ x ४||"
१०x४ || "
२४३.
विशेष विवरण
Page #253
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२४
। वेष्टन
क्रम संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल |
कामद
भाषा पूर्ण या अपूर्ण| कामद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
प्रथ-संख्या
२०१
८७७ | वृहजातक १२६४
वराहमिहिर
संस्कृत
नया
१७: ११४४॥"
०२
१२०८ १८०७
पुराना । १२:
१।।४५"
१७:
७४५"
२४६०
वहजातक-व्रत
उत्पल भट्ट
८० : १०॥४७॥"
'
१४९०
ब्रह्म-सिद्धांत
भास्कराचार्य
१८७४ वि०
३१: १०॥४४॥"
(करणकुतूहल)
"
| ४४ : ७॥४४॥" |
२४०८
भद्दली-पुराण
१६५८ वि० हिन्दी
नया
२०३२
इसका दूसरा नाम 'डक्ककाव्य' भी लिखा हुआ है।
"
।
| भाषा-लीलावती ६५७
पुराना
| ४४१: ६x४||"
भास्वत्पंच-सिद्धांत
-
१८६८ वि०
संस्कृत
१७:१०॥४४॥"
३०८२
२१०
१२३२, भुवनदीपक
पद्मप्रभ सूरि
:
८॥४५"
१८३
Page #254
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२११
२१३
२१२ १८२६
३४४१
२१४
२१५
२१६
२१७
२१८
२१६
वष्टन
एवं
प्रथ संख्या
२२०
१९३६ भृगु संहिता ( योगसार )
४०६३
१७७२ | मकरंद -सारिणी
३३८१
मकरंद दीपक
१६५५ माणिक्य-माला ३२८४
१४१४ | मार्तण्ड- सार
२३६२
१९३६ । मास-तिथि-वर्ष - विधि
४०७७
१८५५ ३५६३
ग्रंथ
५१० मासेश- भावफल
५५४
८०६
१०६८
८३० ११५७
मुद्दादशाफल
मुहूर्त - गणपति
"
ग्रंथकार
भृगु, महर्षि
मकरंद
"
1
गणपति सूरि
"
ज्योतिष
रचनाकाल
T
1
1
1
लिपि -काल
१६१४ वि०
T
1
१८१८ वि०
T
१८५६ वि०
१९११ वि०
भाषा
संस्कृत
बंगला
हिन्दी
३
संस्कृत
"""
"
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
=
"1
"1
"1
"1
"1
17
कागद
नया
पुराना
नया
पुराना
नया
पुराना
""
नया
पृष्ठ एवं आकार
९८ : १२ ॥×१० "
७८ :
२६:
३२:
२५:
१ :
९:
२ :
१०x४"
१३x४||”
१०५”
१४x६”
१२ ॥ × १० "
९x४०
७|X५”
२३६ : १०X५”
१४७ : १० X५”
२४५
विशेष विवरण
शीघ्रबोध- टीका
Page #255
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२४६
संख्या
. ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
पंथकार
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
.
७६६ | मुहूर्त-गणपति १०५०
गणपति सूरि
संस्कृत
३०९:
६४५॥"
१६०१ | मुहूर्तगणपति-सार
RE:
११४५"
३१०५
। (मुहूर्त ग्रंथ) १२६६
२२:
७४५"
1:
४४३"
३२६८
८९
मुहूर्तचंद्रिका
३८: १०॥४४||"
७६६ १०४७
मुहूर्त-चिंतामणि
राम, दैवश
६०.
६४५"
२७
७५७ ८७०
७३: १०x४॥"
८६: १०॥४५"
| १०२४
२९ ।
७६ १०२५
| १११ : ११॥ ४५"
१९७९ वि०
'
७८: १२४७॥"
१२६३
Page #256
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२४७
वेष्टन
रचना | लिपि-काल | भाषा
ग्रंथकार
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
पंच-संख्या
काल
राम, दैवज्ञ
।
२३१ | १४७१ | मुहूर्त-चिंतामणि
२६३२
संस्कृत
पुराना
५६:
६५"
'. .
।
७०:
८४६"
२३२ । १८७६
३६६०
।
८ः
||४३"
२३३ । १४१६
२३७६
।
.
२३४ | १८७९
३७०४
६४:
१३४५"
(सटीक)
।
.
३६७: ११॥४५" | 'प्रमिताक्षरा' टीका
७०६ ७५६
।
.
१६८: ११४६"
२३६ । ८२३
११३२
२३७६३१
।
१५: १२४॥"
m
. .
।
नया
।
१०४: ७||
४||"
२३८ | १४००
२३०१
।
.
२३६] १५१३
२७८८
पुराना
९६ :
६४५"
.
।
१७: १०४५"
३१४६
Page #257
--------------------------------------------------------------------------
________________
कम
संख्या
२४१
२४२
२४४
२४५
२४६
२४३ १६०७
३७४२
२४७
२४८
२४६
! वेष्टन
२५०
एवं ग्रंथ-संख्या
१६९८ मुहूर्त चिंतामणि
३३००
१८७१
३६७०
१४६५
२७३७
१४९५ | मुहूर्त-प्रकरण
२७३८
१८४४
३५४२
८११
११०३
14
७४३
८३६
"
७९५ | मुहूर्त - मार्तण्ड
१०२३
७६६ २०४८
"
ग्रंथ
"
मुहूर्त-माला
( सटीक )
ग्रंथकार
राम, दैवज्ञ
गर्गाचार्य
3
नारायण पंडित
ज्योतिष
रचना
काल
1
1
1
T
लिपि-काल
T
1
१८८७ वि०
T
१७५६ वि०
१८३४ वि०
१८५० वि०
1
१८६४ वि०
भाषा
संस्कृत
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
भी
अपूर्ण
9.
अपूर्ण
"
कागद
पुराना
"
"
"
"1
"
पृष्ठ एवं आकार
४५ :
१६ :
२८ :
५२:
२३ :
४३ :
१० X ७”
१२×५ "
५३ :
८x४।।”
८ × ५
५x४"
११×५”
६५ : ११४५॥”
१३३ : ११४५ ।। "
EX४"
१२५ : १० X ४ ॥"
२४८
विशेष विवरण
गोचर प्रकरण तक
Page #258
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२४९
वेष्टन
ग्रंथ -
ग्रंथकार
रचनाकाल
रचना
संख्या
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२५१ /
८० | मुहूर्त-मुक्तावली
परमहंस परिव्राजकाचार्य (१)
१८२६ वि०
संस्कृत
पुराना
| १५:
४५"
७७४ | मुहूर्त-विचार ६६३
७:
॥४४॥
| ८७८
१३०३
मूलाध्याय
७४५"
मेघमाला
मेघराज
१८१७वि. १८९५ वि०
२०: १३||४८||"
२१४६
शंकराचार्य
५५ । १५३६
२९००
१७:
८||४४"
योग-निर्णय
रामदयाल
३०:
७४४"
१५८६
योगिनी-दशा
१७५३ वि०
पुराना
१४: १०||
४||"
३३७७
-
१९१६ वि०
१०:
९x४॥
३७३३
२१६
नया
५:
१०x४"
२२७
३६ : १०॥४४॥"
| १५८५ ।
Page #259
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५०
"वष्टन
पंथकार .
संख्या
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
।
६ वि०
संस्कृत
पुराना
१६:
॥४५"
२६१ - २४२ | योगिनीदशा-फल
२५६ १६२ १४००। योग-शतक
२३००
बलभद्र
।
१२:
८४६"
रज-ज्योति
।
२२ : १०x४॥"
२६३ | १६०२
३७३२
रन-ताजिक
।
| १६:
६४५"
६२६
रत्न-माला
श्रीपति भट्ट
नया
।
२६५ | ११४१
१७६०
८२: १०॥४४॥"
।
पुराना ।
।
६०.
१०x४॥"
१७३३
।
"
२०:
१२४५"
४०६८
. २६८ | १४ ७रत्न-मंजरी
२५६५
३४ : ९॥४४॥"
।
६६
श्रीपति भट्ट
।
१६: १०॥४४॥"
१५९५ । रत्न-सार ३०९२
२७०
३
७॥४४"
।
३८३ रवि-फल ४२३ ।
Page #260
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
| वेष्टन - एंव
रचना
ग्रंथकार
| भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या पंच-संख्या
२७१ ।
राशि-गुण
१८०५वि
पुराना | २८:
८॥x६"
३९६८
१४३८
लंकोदय
संस्कृत
६x४||"
२४७२
लग्न-चंद्रिका
काशीनाथ भट्ट
नया
१०९: १०४५॥"
२७४७
१०३:
॥४७"
पुराना
१६: -८x
९६४ १५५४
६
१८६९ | लग्न-जातक -
१२:
| १२:
६॥x
"
लग्न-फल
२:
२७७-१८५५ ।
३५९२
७॥४५".
लग्न-सारिणी
६०: १०॥४४॥"
२७२८
| ४२:
७४५"
३६४५
लघु-जातक . २०८ ।
वराहमिहिर
नया
:
८४३॥" |
Page #261
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५२
| वेष्टन
एवं संख्या
ग्रंथ-संख्या
.
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा | पूर्ण या अपूर्ण
कागद । पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
वराहमिहिर
२८१ | १६५६ ।
लघु-जातक ३२८५
नया
| १२:
६४४".
१०६३ | लघु-संग्रह
लक्ष्मीनारायण
| ४७ : ११४४॥"
भास्कराचार्य
३ | १५९५ | लीलावती
३०८५
|१८६७ वि०
| ७८ : १०॥४४॥"
"
(मागधी परिभाषा)
१९१७
| ४: १२॥X.१०"
| ४०६७
१४४५
४८: १३४५||"
- | २५१४
lix"
८७६
२८७
१४४५ | लोकमनोरमा २५०७
गर्गाचार्य
१९१८ वि०
२२: ११४५॥"
१९३६
| लोमश-संहिता ४०४१
११४: १२॥
१०॥
वर्ष-गणित-पद्धति
२६० १४१८
| २३८५ ।
दिवाकर
१७६०वि०
१८: १०४४॥" |
Page #262
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५३
वेष्टन
कमसंख्या
पंच
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण कागव
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
प्रथ-संख्या
। ८३८ | वर्ष-गणित-पद्धति-भूषण
|१८६५ वि०
संस्कृत
पुराना । १४: १०॥४४॥
१: १२॥४१०"
१६३६ | वर्ष-फल ४४६
वर्ष-फलोत्पति
नया
:
१९८ २०७
७॥४४॥
| १६३६ | वर्षमास-ध्रुव-संभव
४०५४
"
२: १२॥४१०"
१४४६ वास्तुविद्या-स्वाभिनव-भवन प्रवेश
| २३ :
११४५"
| २५१८
विधि-पंचांग
२५:
७७२ ९५२
१३४७"
१७८७ ३४०१
शिशु-बोधिनी
८:
१०x४॥"
যামিনীষ
कशीनाथ भट्ट
७२: १०४४॥"
६४०
१३४: १४५"
१४६६ २६२६
१
३१:
१०४५"
Page #263
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५४
. सख्या
| वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं माकार । विशेष विवरण
काल
३०१
८०८ | शीघ्रबोध
काशीनाथ भट्ट
१८४१ वि०
संस्कृत
|
पूर्ण
।
पुराना
८६:
१४५"
१५०७ २७६५
१८४७ वि०
"
|१८५० वि०
॥
३०३ | ८७८
१३०७
७८: १०४ ३॥"
३०४१६४१
३२४८
१८६० वि०
.
३३:
x
३०५ |
८०८ १०६२
१६०२ वि०
॥
नया
८३ :
६४५॥"
३०६
१९३६ ४०६४
१९१४ वि०
२: १२॥४१०"
३०७ | १४४०
२४६१
१९२० वि०
| ८०:
१०x४॥"
३०८ | १८६६
३६४९
१९२७ वि०
१९: १२४५॥"
३०९ | १४४०
२४८३.
पुराना
| २०:
९४६"
३१०
१६१० ३१२६
८४ : १२॥४५॥"
Page #264
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
.
वेष्टन
एवं
प्रय
रचना
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
शीघ्रबोध
३११ | १६१०
३८२२
काशीनाथ भट्ट
पूर्ण । पुराना
| ३६:
८४५॥"
र
नया | ५३८४५"
१६७
२३३ २४४
पुराना
१५: १० x ५॥"
३२३ ३५२
| १४:
७॥४३॥"
"
| १३:
१०४५"
९२३
७६९
| ४१:
८४५"
३१५
२५: १०x४॥"
१४८३ २६७०
३१९ | १८५७
"।
। २३:
१०४५" |
"
३०:
१८५६ ३६१३
१०४५"
Page #265
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
३२१
३२२
३२३
३२६
३२७
वेष्टन एवं ग्रंथ - संख्या
३२४ १९३६ ४०४३
३२८
१८६६
३६४७
३२५ ११४१ १७४०
१८७१
३६७१
३३०
२००७
३९३१
१४९४
२७३२
७६६
६३१
३२९ १६३६ ४०३२
शीघ्रबोध
१६२५ ३२०१
"1
शुक-चंडिका
शुक-जातक
"
१८०६ श्रीपति-दीपिका
३४२३
ग्रंथ
शुभाशुभ योग
श्रुतबोध
ग्रंथकार
काशीनाथ भट्ट
सेवाराम, दैवश
सदानंद
सुखदेव
श्रीपति भट्ट
कालिदास
ज्योतिष
रचनाकाल
|
1
|
१६७० वि./
F
T
लिपि-काल
T
भाषा
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
"1
"
अपूर्ण
"1
57
कागद
पुराना
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
2:
२०:
११६ :
८:
१२ : १२॥×१०"
४६ :
१२४५ ॥ "
३३ : १०॥ × ४ । ।"
११X५।। "
२:
९॥ ४४"
९ :
९x४ ।। "
३६ : १० ॥ ४४ ॥ "
X५”
१२॥ X १० "
७४"
२५६
विशेष विवरण
महाकवि से भिन्न
Page #266
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५७
| वेष्टन
क्रमसंख्या
|
एवं
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कामद
कामद |
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
काल
पंथ-संख्या
३३१
२००१ | षट्पंचाशिका
(सटीक)
नीलोत्पल भट्ट
१८६१ वि० संस्कृत
पुराना | १६ :
१०४५"
३६२४
१७२५ ३३२६
१९०७ वि०
नया | १०: ८४४॥"
१८२३ ३४३८
पुराना
१०: ११४४॥"
१४०५ | संवत्फल २३२३
| ८:
११४५" ।
३३५ | १४६२ | संवत्सर-सार
२५८६
१९०९ वि०
नया | २३:
१०४ ५"
संवत्सरादिफल-कल्पलता
सोम भट्ट
पुराना । ३३ :
६x४"
३०९
संवत्सरीय विधि
प्राकृत
५: । १०x४॥"
४०१५
३३८ । १४४० । संवित्प्रकाश
२४९२
गोविंद कवीश्वर
|१९१६ वि०
संस्कृत
नया
| ८४:
१५४५"
७७:
८४४"
३३६९०६
१४३०
२२८ | सप्तनाड़ी-चक्र २३६
हीरालाल दाधीच
| -
पुराना | २१ :
९x४" | षड्ग्रह-योगफल
|
Page #267
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५८
| वेष्टन ।
एवं
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
___ भाषा काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद . | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३४१ - १६२१
३१७२
सप्तनाड़ी-चक्र
संस्कृत
पुराना
१५:
५४३॥"
३४२, १९३६
| २:
१२॥४१०"
४०५५
३४३
१५८
| १५ :
८४४"
३४४ | १४३०
२४४०
समय-मयूख
नीलकंठ भट्ट
१८१८ वि०
॥
३६:
१०४४"
३४५
९२९ १४९३
२०९०:१५४३॥"
३४६ - १७८८
३४०२
समर-कवित (चक्र-विचार)
१९१२ वि०
नया
१३ : ८॥४४॥"
३४७ । १२२६
| १८२६
समरस-टीका
पुराना
३२ : १२४४॥"
समर-सार
रामचंद्र सोमयाजी
१७०६ वि०
३४८ । ३४४
३७६
॥
२७:
६-५"
३४६ - १४४०
२४८६
१८५२ वि०
६२ : १३॥४५॥"
३५० - १९३६
४०७५
सर्वतोभद्र-सारिणी
१६१८ वि०
नया
- १:
१२||१०"
Page #268
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२५९
वेष्टन
एवं अंय-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
१६.२ वि०
संस्कृत
३४:
८॥४६॥"
३५१ | १६४८ साठका
४११५
सामान्ययोग-निरूपण
२१९३६
४०३३
१६:
१२४१०"
५३
७६६ | सार-संग्रह
"
| १६: . ६x४" |
-
४
सिद्धांत-तत्त्व
(सटीक)
टी.चंडीदास
पुराना
.८०८ १०९१
६५:
८४४॥"
-
३५५ । १५६५
३०८८
सिद्धांत-रहस्य
---
। ७६ : १०॥४४||" 'ग्रहलाघव' की टीका
सिद्धांत-शिरोमणि
३५६ | ११६२
१७६०
काशीनाथ भट्ट
७०:
८४४॥"
३५७
६०:
११||४४"
११९३ १७९२
सिद्धांत-सार
नया
३५८ | २०१४
४३०३
१२ : १०॥४४॥"
लक्ष्मीधर
३५६ - १४४० । सुमन-प्रिय
२४८६
पुराना
३२:
११४४||"
३६० । १९१६ | सूर्य-मंडल
। ३८६३ ।
१८४६ वि० हिन्दी,राज०
पूर्ण
"
:
६x४॥" |
Page #269
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२६०
। बेष्टन
क्रम
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१२०० सूर्य-लीकात्म
संस्कृत
पुराना
| २८: १०||
४||"
। १८८७
३७३०
सूर्य-सिद्धांत
भास्कराचार्य
१६०१ वि०
नया
। ३८:
९॥x४"
| १९११ वि०
| १०: १२॥ x १०"
४०६१
. . . .
३६४ | १५८४
३०५२
स्त्री-जातक
पुराना
४९ : १०|| x ४॥"
१६३६ ४०४४
१ :
१२॥x १०"
३६६
८२८
स्वप्न-भास्कर
"
| ६६
७४५॥"
३६७ | १८९४
३७५८
स्वप्न-विचार
भरथर
१७६४वि. १६०० वि०
"
पूर्ण
नया | १४ :
६४५" |
स्वप्नाध्याय
२४१ २५५
पुराना
६ :
६॥x५"
होरा-फल
| २:
१०॥४५"
२४८४
. .
७० । ८०८ होरा-शास्त्र
१०९६ ।
| १७०७ वि०
"
:
॥४४॥"
Page #270
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष
२६१
। वेष्टन
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा काल
पूर्ण या अपूर्ण
ग्रंथ-संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
३७१
१९३६ ।
होरा-शास्त्र ४०७९
१९१८ वि०
संस्कृत
अपूण
नया
| ४: १२॥x१०"
Page #271
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
१
२
३
४
५.
६
७
८
६
१०
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
१८५० ३४६८
२०६
२१७
२०४
२१५
७२
७८
८६६
१२७१
१८५६ ३६००
२२६ २४०
अक्षर- केवली
"
११७४ १७७३
एकाक्षर-माला
पंचपछी- प्रदीप
""
प्रश्न-चक्र
१९६ प्रश्न - चंडेश्वर
२०५
ग्रंथ
प्रश्न- ज्ञान
१८६६ प्रश्न- प्रदीप
३६४६
ज्योतिष — प्रश्न, रमल, शकुन आदि
रचनाकाल
ग्रंथकार
सदाशिव
उत्पल पट्ट
काशीनाथ भट्ट
11
1
लिपि -काल
१८१२ वि०
१८२७ वि०
भाषा
संस्कृत
"
11
"9
"1
"1
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
""
पूर्ण
"
अपूर्ण
23
""
77
कागव
पुराना
31
नया
""
पुराना
"
"
33
"
पृष्ठ एवं आकार
८:
८:
६:
१७ :
१४ :
१८:
१६ :
१०:
२३:
Ex४"
ex४"
५x४"
६x४०
७×६“
८x४||”
5X811"
६x४०
८॥ × ५”
२० : १० || ४४||"
विशेष विवरण
Page #272
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष-प्रश्न, रमल, शकुन आदि
२६३
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
११ / २२५ | प्रश्न-प्रदीप
२३६
काशीनाथ भट्ट
संस्कृत
पुराना
८:
९४५"
२०१५ | प्रश्न-फल ४३०६
४:
१०४५"
प्रश्न-माला
१३:
९४६"
१००६
प्रश्न-विद्या
१४ १८२५
३६४५
गर्गाचार्य
१८
१०x४॥"
१०: १२॥४
॥"
१५ | १४५७
२५६६
| "
(दशा-विचार)
लक्ष्मी प्रसाद
३४: १२॥४१०"
४०३४
१७ । ८३६
प्रश्न-संग्रह
हिन्दी
४४: १०॥४४॥
प्रश्न-सार
गोविंद, दैवश
संस्कृति
१३ : ९x४॥"
२७६६
१६ । १७२४ | प्रश्नाक्षर
३३२८
०
नकुल
:
८६७ प्रश्नाध्याय १३७०
७४५" | अश्व-चिकित्सा
Page #273
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष-प्रश्न, रमल, शकुन आदि
२६४
बष्टन एवं
|
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कामद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२१ । १८२९
३४७६
प्रश्नावली
१९१२ वि०
संस्कृत
अपूर्ण
नया
१०: ११॥४६"
२२ | १३५७
२१५६
६:
७४४"
प्रश्नोत्तर
:
६x४॥
९१०.
२४ | १४२८
२४२६
प्रश्नोत्तर-माला
१९००वि०
४||४२"
२५
२६३ २८७
१८:
३४॥"
"
३८: १२॥x१०"
।
२६ | १९३६
४०५८
२६४
पुराना
२०:
५४३"
२९२
२८ | १५६४
२९८९
हिन्दी
२६:
५॥x
॥"
-२९ | १८१७ | मुष्टि-प्रश्न
३४३२
संस्कृत
६.
८||
३||"
१९१७वि०
३० | १९३६ | रमल-चक्र
४०७०
नया
१ः १२॥४१०"
Page #274
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष-प्रश्न, रमल, शकुन आदि
२६५
वेष्टन
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
या
ग्रंथ-संख्या
३१ | १५६५ | रमल-वैचित्र्य
३०८१
कृष्ण ज्योति
१८७४ वि०
पुराना
१८: १०॥४४||"
३२ | १८२४ | रमल-शास्त्र
३४२४
श्रीपति
१८६१ वि०
२:
x५"
रमल-सार
"
| ११:
१०४५"
३४३२
वैष्णव-प्रश्न
नारायणदास
नया
| १११: ११४४॥"
१७०२
३५ | १५८८ | शकुन-माला
३०६२
तुलसीदास
पुराना
भंडारी (१)
१९७९ वि०
३६ | १९०१ | शकुन-विचार
३७८९
"
नया | ३४:
१०४७"
शकुनावली
|१८५२ वि०
२५:
६४४॥"
३८२६
६||४५"
३८ । १६००
३७७६
२:
७||४५॥"
३९ | १८७२
३६७३
___"
१५९१ | शकुनावली, ग्रह । ३०७०
६:
१२४६"
Page #275
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष-प्रश्न, रमल, शकुन आदि
' २६६
| वेष्टन
संख्या
पंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल
भाषा
कागद
पूर्ण या अपूर्ण कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
४१ | १८२९ | शकुनावली, ग्रह
. पुराना
६:
११४६"
शकुन, वसंतराज
"
:
८४५"
४३ -
नया
१७:
६x४॥"
२२२ । शकुनभाषा, शुभाशुभ २३३
सगुण-परीक्षा
| ५:
४४१४६३
२७१६
७||४६"
सगुण-प्रदीप
गोवर्धनदास
१७६२वि. १९२८ वि०
नया
३०:
६॥x४||"
४२३७
४६ | १९७५ । सगुनौती
१८८२ वि.
पुराना
| १८:
६x४||" i
..
४२२५
"
४७ । १२३७
१९२४ वि०
नया
८:
॥४६॥"
१८४०
| १८५८ वि०
४८ | १४७६ | स्वरोदय
२६४६
संस्कृत ।
पुराना
| २२८ : १०x४"
महादेव
- [१८८५वि०]
४९ | १००८
१६०३
"
२४:
९४५"
मोहन कवि कायस्थ
-- | १८८७ वि० - हिन्दी
११८:
५० १९२८
| ३९७५
६४५"
Page #276
--------------------------------------------------------------------------
________________
ज्योतिष-प्रश्न, रमल, शकुन आदि
२६७
| वेष्टन
सत्या । एवं
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
| भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५१ | १४५१ | स्वरोदय
२५३८
हिन्दी
५८:
८॥४५" | स्वरोधासार
संस्कृत
४९० ५३४
३०:
६॥४५॥"
८.
१२॥४१०"
४०३७
सुखदेव स्वामी
हिन्दी
६:६x४"
३८३१ ५५ | १९३६ | स्वरोदय-ज्ञान
४०५.
संस्कृत
२:
१२॥x १०"
५६ १९०६ | स्वरोदयशान-भास्कर
३९०७
११:
८४५॥"
Page #277
--------------------------------------------------------------------------
________________
सामुद्रिक शास्त्र
वेष्टन
एंव ग्रंप-संख्या
पंथ
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार.
विशेष विवरण
सख्या
काल
१ । १९०७ | चंपू-सामुद्र
३८८
भूप कवि
१६६५वि. १७१७ वि०
हिन्दी
पुराना
८१:
८४३॥"
२ । ७९७
१०४०
चातुरी-भेद
२०:
x४"
३ | १८४८ | सामुद्रिक
३५५८
|
-
[१७०८वि०]
" ।
५०.
८||४४॥"
७.
८४५॥"
३८०५
अपूर्ण
५३:
८||
४||"
१७१२ १८९६ सामुद्रिक-भाषा ३७२६
रामकृष्ण
| १९०४ वि०
१२४६"
७ | १४२४
२४१६
सुखदेव
१९०५ वि०
१६:
८४५॥"
१६३४ ३२३३
३८:
x
॥"
- ७७४ | सामुद्रिक-लक्षण
३:
८४३॥"
३५६ सामुद्रिक-शास्त्र
२१. १०४३॥"
Page #278
--------------------------------------------------------------------------
________________
| वेष्टन
ग्रंथ
संख्या
अंधकार
रचना
लिपि-काल
भाषा
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११ | १५४१ सामुद्रिक-शास्त्र
२९१६
संस्कृत - अपूर्ण -
नया । ६० : ११४५॥"
Page #279
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
| वेष्टन ।
ग्रंथकार
संख्या -
| लिपि-काल __ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१ | १४८४ | अंजन-निदान
२६७५
पुरामा
१२.
८४४"
२ | १२७४
१८८३
३६: . ८४४"
| अग्निवेश-मंजन
१६.
८४४॥"
४ | १४२४
२४१२
अमृत-मंजरी
८:
८४५||"
. . . . . .
५ | १८३१
३४९१
अमृत-सागर
सवाई प्रतापसिंह
१८१६ वि. १८१६ वि०
१०१४॥ १२॥४८॥"
६
१६०० ३१०२
(सटीक) | .
"
३५१: १२४५" | .
अर्थ-चिकित्सा
नया
७:
८॥x४"
८८६
८७५ १२८९
अष्टांग-हृदय
(सटीक)
पुराना
५३८: १२४४॥"
अातंक-कदर्पण-निदान (सटीक)
टीका. वाचस्पति
| -- [१८००वि०]
"
३७१ : १२४४॥"
३५७७
. .
(अयुर्वेद-ग्रंथ)
६:
६x४॥"
१६६
Page #280
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७१
| वेष्टन
|
पंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल | भाषा | पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
११ | ४५३ | (आयुर्वेद-ग्रंथ)
संस्कृत
पुराना
१०:
७४५"
४९०
२
नया
४:
१५५३ २६५४
५४३"
१३ | २०१३
हिन्दी
पुराना
२२०
६x६||"
। ४२९०
आयुर्वेद-प्रवेश
हरिनारायण उपाध्याय
१९८२वि.
नया
।
२११: १३४८॥"
२३५६
संस्कृत
३० : १२॥४५"
१५ / ९२२ | आरोग्य-प्रकाश
१४७७ १६ | १६०८ कौतुक-चिंतामणि
हिन्दी
५६ :
६४३"
चक्षुरोग-सिद्धांत
संस्कृत
पुराना
११:
६४४॥"
१७१
१८ | १८०७ | चन्द्रोदय
३४०७
(सटीक)
८:
१०x४॥"
१९ । १०५६
१६५२
(चिकित्सा-ग्रंथ)
७६६ चिकित्सा-संग्रह
सं० हि.
" .
४३:
८४४"
Page #281
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७२
| वेष्टन
एवं
संख्या
पंथ
ग्रंथकार
रचना. काल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२१- १३७८ | चिकित्सासार-संग्रह
२२२४
शंकरानंद, परमहंस
हिन्दी
नया
| २८० : १०॥x ६॥"
२२
१९४३ | चूर्ण-विधि ४०८६
संस्कृत
"
१६ : १२॥ ४७"
२३ । ८१२
११०४
ज्वर-तर्पण
८४४||"
२४ | ८१२
११०५
ज्बर-प्रतीकार
लोलिंबराज
पुराना | ६६:
८॥x५"
२५ | १६३६ | ज्वर-विमोचन-विधि
१९१७ वि.
नया
| ३:
१२॥x१०"
४०६५
२६ । १८५१
३५७४
तत्त्व-कनिका
भारतकर्ण
१८१५ वि०
४९ : १२४४॥"
१३१७ २००३
तिब्बचहार-वाणी
हिन्दी
७८:
१४४ ९||"
तिब्ब-मुसलमानी
१८८६ वि०
॥
८६:
८॥x६"
३६८५
. २९ । १८७५ ।
तिबसेह तुलबजुदा ३६८८
नुरुल्लाह, फकीर
| -
१८८६ वि०
"
"
३४:
८॥४६"
१९८०, दया-विलास
दयाराम
१७७९वि. १८७३ वि०
११७ : १२॥४६"
। ४२४२
Page #282
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७३
। मण्टन ।
| वेष्टन ।
कम
|
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३१ | ८८९ | दया-विलास
दयाराम
हिन्दी
नया
| १६४: १३४७"
दशज्वर-लक्षण
रामचंद्र
हि० सं०
४६:
१०||४५"
३९१०
धन्वंतरीय-निघंटु
.
धन्वंतरि
१६७४ वि०
संस्कृत
पुराना | ६८:१॥४४॥" | लिपिकाल की दृष्टि
से महत्त्वपूर्ण
१५३९
३४] १९६३
४१८६
१६२०वि०
नया , १८२: ६x६॥"
३५ । ११७८
१७७७
पुराना | २४०: ७॥x६"
३६
३६० ४३०
१७:
१०४५" | गुडुच्यादि वर्ग
३७ | १६५०
४१४०
नाड़ी-परीक्षा
-
१८८० वि०
पुराना ! १३६: ८४६॥"
३८
१७८
१७३:
७४५"
१८६
३६
नाम-रत्नाकर
७७२ ६५६
पुराना | ६६: १०४५॥"
१३७९ । निदान-भाषा २२२९ ।
गंगाराम
३०:११॥४४॥"
Page #283
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७४
वेष्टन
संख्या
एवं
प्रथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
७७७
| निदानांजन ९७०
अग्निवेश
१८८९ वि० संस्कृत
६६:
१०॥x."
३९४
५१:
६x४||"
४२५
४३ । ८७९
१३०८
| निघंटुराज
धन्वंतरि
२४१: १२||४७" | मधु-शर्करा प्रकरण
तक
१२२१
१८२१
वल्लभाचार्य
६x४"
४५. ११५१ । निरोध-लक्षण
१७५०
पंचकर्म
शार्ङ्गधर
३१: १२॥४५" |
पथ्यापथ्प
घासीराम
हिन्दी
४७ | १३७०
२१८७
२४:
८४६"
पथ्यापथ्य-निघंटु
संस्कृत
५५ : १०॥४५॥"
७०७ ७६१
४६ | १९४३ । पाग-विधि
४०९०
३३ :
१२४७"
बंगेश्वर
१७३७ वि०
५८५ : १०||
५० | २००६ बंगसेन
| ४२६६ ।
४||"
Page #284
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७५
| वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल काल
भाषा
कागद
पुष्ठ एवं बाकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
८३८ | बंध्याकल्प ११७७
| १९५४ वि०
संस्कृत ।
पूर्ण
| नया
| १०:
१०॥४५"
पुराना
| ८:
७४५"
।
वृद्धयोग-शतक
१८५६ वि०
| ३८:
७४५"
८८५
| १५८०
३०३९
भाव-प्रकाश
हिन्दी
२:
१२॥४७॥"
१९७१ ४२१४
भिषक्-प्रिया
सुदर्शन
१७२६ वि. १९०७ वि०
नया | १९६ : ६x६"
५६ - १९५८
१७२६ वि. १९२८ वि०
१९६: ९॥४६" | पोथी के दूसरे पृष्ठ
पर ग्रंथकार का
नाम स्पष्ट न लिख पुराना | २० : ११४४॥" कर गिरिधर सुत
लिखा हुआ है।
८५० भैषज्य-ज्ञान १२१०
शार्ङ्गधर
संस्कृत
मदनपाल-निघंटु
५८९४४
१५२६
मदनपाल
-
१६५० वि०
१७२ : १०॥४४॥" लिपिकाल की दृष्टि
से महत्त्वपूर्ण १७६ : ८॥४५॥"
मधुकोश
(सटीक)
टीका० विजय दीक्षित
-
(१८०० वि०)
१५२६ मधुकोश-व्याख्या .. | २८७१ ।
२८:
१०४७"
Page #285
--------------------------------------------------------------------------
________________
संस्था
६१
६२
६३
६४
६५
६६
६८
६९
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
ܘܕ
१९५०
४१३८
८१३ माधव- निदान
११११
८२५
११३८
१९४४
४०९६
६७ ८८४
१३३६
१३१६
२०१०
१३८२
२३४०
८८१ १३१५
. ९३२
१५११
७६० ८८१
महमद पच्चीसी
ग्रंथ
माधवनिदान - भाषा
माधवनिदान - व्याख्या
"1
योग-माला
ग्रंथकार
माधवाचाय
"
""
सबसुख मिश्र
व्या० नरसिंह पंडित
""
33
नरसिंह
·
आयुर्वेद
रचनाकाल
T
T
लिपि-काल भाषा
१८८० वि०
――
१६०५ वि०
१९२१ वि०
T
१८४३ वि०
हिन्दी
संस्कृत
54
"
हिन्दी
"
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
"
पूर्ण
अपूर्ण
"
अपूर्ण
कागद
पुराना
נו
"
नया
00
पुराना
"
"1
"
पृष्ठ एवं आकार
६: ८×६॥”
२१४ : १० ॥ ४४"
२३ :
३० :
११५ :
६३ :
७७।
२६४:
७,
३४२ :
9×911".
८॥ ६"
१२x६"
१० X५”
१३ ।। ४७"
१४x६"
१२X४ ।। "
११x४"
२७६
विशेष विवरण
Page #286
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७७
| वष्टन
एवं
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
७१ / ८३४ | योग-रत्नार्णव
११६५
संस्कृत
पुराना ।
१७१: ११४५"
योगशत-टीका
रूपनयन
२६१:
x४"
८२३
रजस्वला-रोग
७३ | १३६०
२१६६
१९४८ वि० | हिन्दी
नया
१४:
९॥४५॥"
८४३ | रस-मंजरी ११६१
शालिनाथ
१७७२ वि०
संस्कृत
पुराना । ७२: ११४४||"
१९५० | रस-वर्णन ४१३६
हिन्दी
| १२:
८४६॥"
७६
१८३६ ३५०८
रसायन-तंत्र
पुनर्वसुका के शिस्य (१)
नया
| ७१ : १३||४८"
७७
१३५० २१२०
रसायन-विधि
ज्ञाननाथ जोशी
१८०८ वि०
पुराना | १९ : १०॥४४॥"
७८१४५६
२५७५
रोगावली
३०:
७४५"
विघ्नविनाशन-ग्रंथ
शंकर
७६ | १६४६
४१३५
१७०७ वि० हिन्दी
५२:
८||४
॥"
१९५० विष-विनाशन
|१८८०वि०
३६:
८४६||"
४१
Page #287
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७८
.! बेष्टन
एवं
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार |
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
८१
( वैद्यक-ग्रंथ )
१८८२ वि० हिन्दी
१५६३ २९८७
पुराना
| ५६ : ६x४॥"
"
८२
१८८६ वि०
"
१९४६ ४१३५
" .
५०:
९४७"
|
संस्कृत
नया
७:
५॥४४
१४६ १५३
३०:
९x४"
१६८८
८५ | १०२०
हिन्दी
:
७४४"
८६, १२६१
१६२५
पुराना
१०:
६॥४५"
नया
८७ १४०७
२३३७
२१ :
५४४"
८८ | १३०१
१९४९
४८:
७४५"
८९
०:
८॥x४" !
१३०६ १९८२
४६ : ६॥४५॥"
२०५७ ।
Page #288
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२७९
बष्टन
काम
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
| १८१३ | (वैद्यक ग्रंथ )
३४१३
संस्कृत
पुराना
८:
१०x४॥"
९२ | १८५० ।
| ४१: ११४ ५॥"
वैद्य-चंद्रिका
१९०७ वि० हिन्दी
नया
| १२५ : १०४ ६॥"
४१८६
वैद्य-जीवन
लोलिंवरान
पुराना
| ४५: १०x४॥"
३५७
९५ | १५८४
३०५०
३०:
१.४५"
८००
(सटीक)
१२५:१०॥४५॥"
"
| ३१:
॥x ४॥" | टीका० रुद्र भट्ट
८६५ १२५३
५४:
१२४५" |
९९ १८५०
३५६८
"
५:
१०x४" |
"
| ३४:
॥४५"
! ३८५५
Page #289
--------------------------------------------------------------------------
________________
संस्था
१०१
१०२
१०३
१०४
१०५
१०६
१०७
१०८
१०९
११०
बेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
७२६ वैद्य - मनोत्सव
८१३
२७३
३०२
२७४
३०३
१४२८
२४२८
१८७५
३६८६
१९६२
४१८४
७६१
८८४
१३६७ २१७९
11
,
""
11
"
"1
१९६५ वैद्यक-सार
४१९०
ग्रंथ
१८५१ वैद्यकसार-संग्रह
३५७५
ग्रंथकार
नयनसुख
37
"7
""
उम्मेदसिंह, महाराज
संग्र० हर्ष कीर्ति सूरि
आयुर्वेद
रचनाकाल
T
1
1
--
--
T
T
लिपि-काल
१६४६ वि. १८१३ वि०
१७४६ वि०
1
१७७० वि०
१८०४ वि०
१८८६ वि०
१९०८ वि०
१८१३वि. १९०६ वि०
१७४३ वि०
भाषा
हिन्दी
"1
"
"
"
"
11
19
"3
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
39
"3
"
"1
अपूर्ण
कागद
पुराना
नया
पुराना
33
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
४७ :
३५ :
४५ :
८ ॥ ४४"
११X५”
४१ :
१०×५"
४२ : ८|| ६ ||"
१५० : ८॥ ४६”
६॥ ६ ॥ | "
५५ : १० || ४ ||"
१५६: ८ || × ४"
२.२ : १०x६ ॥"
६३ : ११ || ४ ||"
२८०
विशेष विवरण
टीका० रुद्र भट्ट
Page #290
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२८१
वेष्टन ।
ग्रंथकार
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
वैद्य-रत्न
पुराना
१३८: ६॥४४॥"
१९२२
१८९७ / वैद्यरत्न-भाषा ३७६६
जनार्दन स्वामी .
१२७: १०४७"
वैद्य-विनोद
सबसुख मिश्र
११३ | १२५५
१८६०
६८: १२॥४५"
नया
१८:
७॥x ५"
११४ । १४६३
२५९१
मुनि मान
३६ :
११५ | १९५४
४१५५
९॥४७"
सबसुख मिश्र
२१७: १२॥४६"
४१५६
| १८७१ | वैद्य-सर्वस्व
.
काशीनाथ
(१८००वि०)/ संस्कृत
पुराना ! २४ : १२ X५॥"
११८ | १४२६
२४३७
| ४८ : १२॥४५॥"
१३९३ | वैद्य-सुधानिधि
कन्हैयालाल
हिन्दी
नया
| ३५ : ९॥४८॥"
२२८०
१३७६ | वैद्य-हुलास :
मलूकचंद्र
८२: १३॥४८॥"
२२१२ ।
Page #291
--------------------------------------------------------------------------
________________
संस्पा
१२१ १६०६ ३११७
१२२
१२३
१२४
१२५
१२६
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
१२६
३७३
४१२
१३०
१८५०
३५७१
१३२२ २०१६
९०६ १४२४
१२७ ८३६
११८३
१२२९ १८२९
८५३
१२२२
१२९ ८७३
१२७७
९१९ १४६५
वैद्यामृत
"1
शतश्लोकी (द्रव्य गुण निदान )
शार्ङ्गधर-भाषा
शार्ङ्गधर-संहिता
17
ग्रंथ
"1
शालिहोत्र
ग्रंथकार
मोरेश्वर भट्ट
157
35
त्रिमल कवि
शार्ङ्गघर
64
">
""
गुरुदीन
नकुल
आयुर्वेद
रचनाकाल
१६११ वि. १९४५ वि०
-
-
T
लिपि -काल
/
T
१८०० वि०
१८८३ वि०
१८९९ वि०
T
}
१९२० वि०
१९२७ वि०
भाषा
संस्कृत
"
1
हिन्दी
संस्कृत
=
W
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
"1
"
अपूर्ण
15
33
官
""
कागद
नया
पुराना
"
"
नया
1
133
पृष्ठ एवं माकार
५१:
११ :
२९:
२६:
३४ :
२३६:
१० ॥ ४६"
२४६ : १० ॥ ४७ ॥"
४९ :
९४५"
८८ :
१० x ४ ।। "
१२ ॥ x ६"
३५० : १० ॥ ४४"
१२ ॥ X ६"
११५५ "
EX ४ ||"
६ x ४ ।। "
२८२
विशेष विवरण
Page #292
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२८३
क्रम- । वष्टन
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना काल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
ग्रंथ-संख्या
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१३१ | १३०८ | शालिहोत्र
१९७७
करताराम
१८७४वि. १९३१ वि०
हिन्दी
|
पूर्ण
नयः | ३७: ११४४॥"
३२ ।
७७६ ६७६
अरिल्ल
१६८ : ८४६"
१३३
८६७ १३७४
" (अश्वचिकित्सा)
संस्कृत
पुराना
७७: १०॥४५॥"
१३४
९२४ १४७८
हिन्दी
१०:
७४५"
१३५
१०७८
३२ : १०॥४४॥"
१३६ - १०८६
१६८३
४४ : १०॥४४॥"
शिलाजीतशोधन-विधि
१३७ | १९५०
। ४१४२
१८८० वि०
८४६॥"
१३८५३१ | सन्निपात-कलिका
५७७
अश्विनी कुमार
१७०३ वि०
संस्कृत
नया
| २५:
८४ ३॥"
१९३७वि०
१३९ । ८१२
११०७
| ६१ : ११४५॥"
Page #293
--------------------------------------------------------------------------
________________
आयुर्वेद
२८४
बष्टन
एवं
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ·
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१४१
७७७ सन्निपात-कलिका-टीका
| १८८९ वि०
संस्कृत ।
पूर्ण
२७ : १०॥४॥"
९७२
- २५ | सन्निपात-चिकित्सा
| ५
७४४"
सर्वविस-हरन
।
सूरजचंद्र
१७४९वि. [१६०६ वि०] हिन्दी
२०:
१०४६॥"
४१८८
४४ । १९४७
४१११
सुश्रुत-संहिता (सटीक)
२३६ : ८॥४६"
१६३ : ||४६॥" | हिन्दी टीका सहित
| सुश्रुतसार ४१८५
१४६ - १९५७
४१६१
सुश्रुतसार-टीका
१४४ : '१०४६" |
४७ १८७५
३६८७
सूचीपत्र
राजाराम फकीर
१८८६वि.
-
"
| ३४:
८ix.६" | 'तिवसेहतुलवजुदा'
की सूची
१४८ - १९६२ | स्फुट इलाज
४१८३
|
-
१९०६ वि०
"
अपूर्ण
- नया
- ३६:
९॥४६॥"
Page #294
--------------------------------------------------------------------------
________________
कामशास्त्र
क्रम. - वेष्टन
| एवं
प्रथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद
विशेष विवरण
पृष्ठ एवं आकार
या
अनंगरंग-वर्णन
७३६ ८३०
कल्याण मल्ल
संस्कृत
पुराना
९x४॥"
८०७ १०८८
६३: १०॥४४॥"
१३०२
ईश्क-चिमन
नया
११: ६॥४४॥"
१५२४ २८४४
६:
६x५"
ईशगिरि
|१६२२ वि०
५ | १२५९ | कामकला-सार
१८६४
"
१७६: ११४७"
कामरत्न
पुराना
१८६: ८॥४
॥"
२२६६
कामोद्दीपन
ज्ञानसागर
१६३८ ३२४१
१७.६वि. १८६६ वि०
"
६२: ११४८॥"
प्रतिलिपि
८ १८६७ , कोकमंजरी
३६५५
अानंदकवि
१६०७वि.
- .
"
"
९५:
॥४४" | आदि के एक पत्र ।
से अपूर्ण
है
२३८१ २२३५
१८८३ वि०
| २६:
९४५॥"
१७७ | कोकशास्त्र
नरवदाचार्य
६०
८४६"
Page #295
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
११
१२
१३
१५
१६
१७
१४ २०१४
४३०२
१८
१६
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
२०
२३९ | कोकशास्त्र
२५३
४१२
४४४
१२९६
१९३८
१३०१ १९४८
१३७१ २१९२
S
१८३१
३४९०
१२४८
१८५४
१४५०
२५३५
१९४६ ४१०७
कोकसार
"1
"1
13
ग्रंथ
ग्रंथकार
नरवदाचार्य
"
श्रानंद कवि
"
कोकदेव
कामशास्त्र
रचनाकाल
T
-
1
I
1
लिपि - काल
I
1
T
१७८० वि०
१८२८ वि०
१८९० वि०
T
1
T
भाषा
हिन्दी .
"
"1
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
अपूर्ण
कागद
पुराना
"
19
नया
पृष्ठ एवं आकार
५४ :
१०४ :
२३ :
२०:
१२:
६६ :
२२:
६६ :
८×६“
३५ :
८×६”
८x४ || "
७X५”
४१ : १३ ।। × १० |"
εX५”
७ X५”
९×५”
७५”
९।६”
२८६
विशेष विवरण
Page #296
--------------------------------------------------------------------------
________________
कामशास्त्र
२८७.
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल | काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
सुजान कवि
हिन्दी
अपूर्ण
नया
१४ः
२१ | २००२ | कोकसार
३९२६
||४६"
२२ | १३१५ | रति-विनोद
चंदनलाल
१९८४वि. १९८४ वि०
११६: ८||४७॥"
मूल प्रति
-१९९७
१८४८ | संभोग-वर्णन
संस्कृत
पुराना
४४३"
३४६३
Page #297
--------------------------------------------------------------------------
________________
संगीत
वेष्टन
पंथ
संख्या
ग्रंथकार
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११३७७
२२२०
राग-पुंगव
जगन प्रपन्न
१९३२ वि०
हिन्दी ।
नया | ३४१: ८४६"
२१४९३
२७१७
राग-माला
पुराना
१५:
७॥x६"
.
१३२८ २०३८
राग-रत्नाकर
राधाकृष्ण
१८५३वि. १९३६ वि०
"
नया
३५:
८॥४७॥"
४
१३९६ २२८७
७४५"
संगीत-दर्पण
पुराना
| ४८:
॥x ५॥"
२०७१
६. १९०२
३७९७
संगीत-दर्पण-भाषा
बिहारीलाल
७ | १४०९
२३४५
संगीत-माधव
प्रबोधानंद सरस्वती
७७: ६x६॥" | महाराजभवानीसिंह
जी की आज्ञासे यह ग्रंथ लिखा गया। १५ सगों में इस | ग्रंथ को समाप्त
किया गया है। ५०: ८४६॥"
८ १३१३ । संगीत-सुधा-सरोवर
१९९३
बद्रीनारायण चौधरी
१९७९वि. १९७९ वि० हिन्दी
-
नया
Page #298
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
१ १६२० श्रमर-चंद्रिका
३१६६
२
४
५
६
७
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
६
ܕ
८०२ उदाहरण -चंद्रिका १०६३
१०८४, ४ १६६१,
१३
७०९
७७३
८ १९७८
४२३८
८०२ | काव्य- कौस्तुभ
११५१
१६०९ काव्य - नियम
३११९
चंद्रालोक (सटीक)
१०४१
१६३७
काव्य-कौमुदी
१४५८ काव्य निरूपण
२५७१
१८३१
३४८९
ग्रंथ
काव्य - निर्णय
३७
35
""
ग्रंथकार
अमर कवि
वैद्यनाथ
जयदेव
विद्याभूषण
गुलाबसिंह, राव
राम 'कवींद्र '
भिखारीदास
31
काव्यशास्त्र - सामान्य
रचनाकाल
}
1
I
लिपि-काल
१८५५ वि०
१८६३ वि०
१९४२ वि०
१९१७ वि०
१९०४ वि०
भाषा
संस्कृत
11
"
"
हिन्दी
संस्कृत
हिन्दी
"1
11
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
"3
29
अपूर्णं
"
"
कागव
पुराना
"
m
नया
"1
11
पृष्ठ एवं आकार
२५२ : ६ ॥ ४६ ॥ |”
२२८ : १० X ४ । । "
११२:
११:
४५ :
११६ : ९ ॥ ४४ ॥ "
४६ :
. ९x४०
६:
2×811"
१६:
११४७”
१४७ : १०x४ । ”
१०x४"
१० ।। x ४ । । "
१३× ५"
विशेष विवरण
टीका० गर्गाचार्य
Page #299
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र--सामान्य
२९० .
वण्टन ।
एवं
प्रथ
ग्रंथकार
रचना-लिपि-काल
भाषा
| पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
सख्यो
काल
पंथ-संख्या
११
७८५ | कव्य-प्रकाश (सटीक)
मम्मट, राजानक
१९३० वि० संस्कृत
अपूर्ण
नया
३८६:१०॥x४||" | टीका० श्रीवत्स
भट्टाचार्य
पुराना
२४३ : १२४६॥"
२०३: १०४४||"
१०६२
१४]
८३८
१०: १०॥४४॥"
५८: ११॥४४||"
१५ । १८८०
३७०५
-
१५ २००६
कन्य-प्रदीप
गोविंद, महामहोपाध्याय
२०८:
११४४"
काव्य-प्रभाकर
रामराज
! १३७२ । २१९७
१९०४ वि० | हिन्दी
नया
| ३३० : ११॥ ४ ॥
]
काव्य-रसायन ।
देवदत्त, महाकवि
पुराना
८५२ १२२०
८८: ११॥४६॥"
कान्य-सिंधु
गुलाबसिंह, राव
१९४७वि. १९४७ वि०
नया
| १६०:
८४६"
२० | १५८५
१५७:
७४५"
Page #300
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र सामान्य
२९१
| वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
- संख्या
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
| काव्य-सुधाकर २२७६
श्रीपति कवि
१७७७वि.
|
पूर्ण
।
२६:
८||४७॥"
२२
१५५३ २६४८
काव्य-स्वरूप
"
| ६०:
१२४५"
१८०२ ३४१६
काव्यादर्श
दरडी
९२: १३x४॥"
काव्योदय
लीलाधर
१८७४ वि०
१०० : ८||X६॥"
२११८
२५ | १५७१ | कृष्ण-चंद्रिका
२००९
मधुकर
१७१७ वि०
१६२: ८४४"
२६ / १०७० | कृष्ण-विलास
शिवराज महापात्र
१८००वि०
"
"
। १३२ :
६४५"
२७ / १०३८
। १६३४
९६:
८४६"
२८ | १५६७
३०९५
भाव-विलास
देवदत्त, महाकवि
१७०६वि. १८७१ वि०
११६: ११४६"
रसिक-विनोद
हरिवंश
१८३२वि. १८४५ वि०
४८: ८४६॥"
२१४४
रसिक-शिरोमणि
"
| १४:
९x४"
Page #301
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र--सामान्य
२९२
| वेष्टन
एव ग्रंथ-संख्या
संख्या
. एक
.
ग्रथ
___ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१९५९
रूप-विलास
रूपसाह
१८१३वि. १६३२ वि०
नया
| २१६ : ९॥x ६"
३२ | १६०१
-
१९५५ वि.
११३ : १०४७"
लक्षण-कौमुदी
गुलाबसिंह, राव
१९४७वि. १९४७ वि०
"
१२७: १०४६"
८६९
३४ १५६२
२९८२
१५२:
७४६"
. ३५ | १६३५
३२३६
१५२: ७॥४५॥"
७७६ व्यंग्यार्थ-कौमुदी ९६७
प्रताप, सुकवि
५९:
८४५"
७८६
०४:
७॥४५"
वृत्तालंकार-मंजरी
दत्तवर्मा, कवि
३४:
८x॥"
वृहद्-व्यंग्यार्थ-चंद्रिका
गुलाबसिंह, राव
"
"
| १७०:
७||४५"
१०३२
१०७१ | भंगार-निर्णय
भिखारीदास
अपूर्ण । पुराना |८:
॥४७"
Page #302
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
४१
४२
४३
४४
૪૬
४६
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
८२९
११५५
७८९
१००१
सभा-प्रकाश
"1
१३७८
२२२५
१६११ साहित्य - सुधानिधि
३१३१
१८८६ | सुंदर - सिंगार
३७११
ग्रंथ
7
१६१८ स्वेच्छार्थ - षोडषी
३११६
ग्रंथकार
हरिचरणदास
55
सरदार कवि
सुन्दरराय
"
पंजसेन
काव्यशास्त्र - सामान्य
रचनाकाल
T
---
लिपि-काल भाषा
16
१९११ वि०
/
१६८८ वि. १७८९ वि०
१८३६ वि०
१९०४ वि०
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
"7
पूर्ण
कागद
नया
पुराना
"1
"
नया
पृष्ठ एवं आकार
२२६ : १०x६"
११३ : १०×५॥”
२७८ :
५२ :
५४ :
७० :
ε||×६”
Ex५”
ε×५”
- २९३
विशेष विवरण
१३॥ X ८" ध्वनि - निरूपण
Page #303
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र रस
वष्टन - एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
रचना
व
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ख्यिा
१
१३७६ | भाषा-कविरस-मंजरी २२१५
मुनिमान
पुराना
१:
११४८||"
रस-तरंगिणी
शंभूनाथ
१८०६विं.
१६ : ७४४॥"
११२६
भानुदत्त मिश्र
| -
७८३ ९९३
१९२५ वि०
संस्कृत
नया
१८: १०||४४॥"
४६ : १२॥४५॥"
२६५८
" (नौका टीका सहित)
पुराना
२४५ : १०॥४७॥"| टीका गंगाराम
१३७५
"
४७:
११x६"
".
६०० १४०५
१४५७ २५६४
१६:६x४"
रस-दीपक
२८:
७||४६॥"
२७२०
६
१७२
रामकवि
१८२० वि.
१७०:
४||x४॥
| रसभेद-मेदी १८० ८३८ : रस-मंजरी (व्यंग्यार्थ कौमुदी)
१०
अनंत पंडित
१९२.० वि०
संस्कृत
पूर्ण
नया :
२४२ : १२४५॥"
Page #304
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र--रस
२९५
| वेष्टन
-
एवं
ग्रथ
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल | भाषा [पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
काल
संख्या पंथ-संख्या
२००१ | रस-मंजरी (व्यंग्यार्थ कौमुदी)
अनंत पंडित
संस्कृत
११८: १०x४॥"
"
१२ | १६०३
३७३४
२४: १२४६||"
१३ । ७७१ | रस-मंजरी.
भानुदत्त मिश्र
३८: १०x४||"
:
१४ । १४५८
२५७२
१०४४"
.
६७:
९||४४"
१५ १५०६
२७७४
१६ १४५७
२५६८
७७१ | रसमंजरी-प्रकाश ९४८
नागेश भट्ट
३२:
८४४"
:
रस-रंजन
शिवनाथ
५३ :
८x६"
२१४५
:
मंडन कवि
१९ | १३५४ | रस-रखावली
२१४६
-
१८४६ वि०
"
। ३६ :
८४६"
:
कुलपति मिश्र
१७२८वि.
"
२० । १५६१ | रस-रहस्य
२९७७
१७१: ८४६"
Page #305
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र-रस
२९६
| वष्टन
एवं
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल
भाषा
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
पंच-संख्या
२१ १२५७ | रस-राज
|२८६२,१
मतिराम
नया
९८:
८४६"
२२
१२८४
७५:
४५"
। १२८१ १८९७
पुराना | २०६:
५४३"
२४ । १०६०
१६२: ८ix४"
रस-विलास
देवदत्त, महाकवि
८:
१२४७"
२११२
रस-सागर
बलवीर
१७५०वि.]
१३२ :
८||४६"
रसिक-प्रिया
केशवदास
८८ : १०४ ६॥"
रसिक-रसाल
१०४७"
२९६२
२६
शिवदास, राय
१७६४वि. १८५३ वि०
पुराना
१४९२ | सरस-ग्रंथ २७१५
४४ :
६x४"
Page #306
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र-अलंकार
| वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचदा- लिपि-काल
___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
ग्रंथ-संख्या
काल
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
अलंकार-करणाभरण
रामसिंह, महाराज
१६०६ वि० | हिन्दी
नया
६४:
७॥x४"
८६१
अलंकार-चंद्रिका
संस्कृत
पुराना । ८५: १०॥४४॥"
१६७७
अलंकार-चंद्रोदय
तर्कवागीश भट्टाचार्य (१)
१७६२ वि०
। १२१ : १०४४॥"
३६४१
४
१५४८ २९३३
अलंकार-मणि-मंजरी
ऋषिनाथ
• हिन्दी
५६: १०४७॥"
५
१४५८ २५७३
अलंकार-माला
जुगलकिशोर 'कवि'
| १७:१०x४"
१२९३ , कवि-प्रिया
केशवदास
१७६९ वि०
१६३१
९४ : १०४४॥"
१३२२
१९३१ वि.
"
नया
।
५८५ : १२॥४८"
२०१८
१६५८वि.
--
पुराना
| १६८:
८४६"
२९७६
है
८७४ १२८६
| ७:
१२४७॥"
१०१५
| ७४:
x४"
Page #307
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र अलंकार
२९८
वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना | लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
११। ७९२ | कविप्रिया की टीका
१०१७
बखतावरसिंह, महाराव
१८५४ वि० हिन्दी
५६२: ७॥४५॥"
१३ १८४२ | कुबलयानंद
1 ३५३८
अप्पय दीक्षित
१७३९ वि०
संस्कृत
१५: १०॥४५॥"
। ८२८
१८६४ वि०
| १७६ : ६x४॥"
। ११४६
७९ :
११४४"
४२५६
१७: १३॥x४"
१५०८
कुबलयानंद-कारिका
१:
६x४॥"
जोरावर-प्रकाश
जोराबरसिंह, महाराज
१८०७वि. १९१४ वि० हिन्दी
३५०: ८४५॥"
| १९०४
३८०१
१८
८३०
पद्माभरण
पद्माकर
-
१९२५ वि०
५२:
७||४५"
१९
७६५ | प्रताप-भूषण
प्रतापसिंह
४५:
८४६"
२० १८९५ भारती-कंठाभरण
1३७२५ ।
जगतसिंह
| १८६६ वि०
| ४४: १०॥४७"
Page #308
--------------------------------------------------------------------------
________________
कम
संख्या
२१
२२
२३
२४
२५
२६
२७
२८
२६
३०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
७८०
६७९
१३०६
१९६७
१३८२
२२३८
१९१४
३८५३
८२०
११२८
१३४६
२११६
१५८०
३०३७
७७६
६७७
९२९ १४९२
१४४० २४८०
भाषा-भूषण
"1
"
"
भूषण दान
ग्रंथ
रघुवीर -जसायन
ललित - ललाम
वाग्भटालंकार
ग्रंथकार
जसवंतसिंह, महाराज
""
"1
खंडन कवि
जगन्नाथ, राय
मतिराम
बाग्भट, प्राचार्य
काव्यशास्त्र -- अलंकार
रचनाकाल
――
--
१८८७ वि.
--
T
1
I
लिपि -काल भाषा
१८३४ वि०
१८५६ वि०
१८५० वि०
१६५९ वि०
१९६२ वि०
१९३५ वि०
1
T
हिन्दी
"1
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
"1
"
19
अपूर्ण
कागद
पुराना
"
"
नया
11
पुराना
नया
33
पुराना
"1
पृष्ठ एवं आकार
६९ :
५२ :
२२:
१८४ :
५४ :
४ε:
४९ :
६३ :
६३ :
६x४||”
। x ६" | टीका० हरिचरण
दास
Exx
९×६”
७४४ ।। "
८11 X७"
११५७"
८५६”
१२॥×५”
२९९
३० : १० ॥ X ४ | "
विशेष विवरण
Page #309
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र-पिंगल .
| वेष्टन
कम
संख्या
एवं
ग्रंथ.
ग्रंथकार
. रचना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ट एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१
१३९७ २२६१
कोलाहल-प्रकाश
सुखानंद अोझा
१८१३वि.
हिन्दी
पुराना । २१: ६x४॥"
७८० ९८०
छंद-तरंगिणी
मुरलीधर
संस्कृत
१३०: ८४४॥"
छंद-बोध
१८७९ वि.
२२:
१॥४५"
२४७३
छंद-मंजरी
रामजूदेव
हिन्दी
११:
३७९३
६x६||" ग्रंथकार महा.राम
सिंह के बंशज थे।
| १३६०
२१६३
छंद-माला
केशवदास
१८३६ वि०
३६:
१३४" प्रतिलिपि
"
छंद-रत्नावली
।
जुगतराय
२२४॥ ९॥४६॥"
२८९८
छंद-रत्नावली (पिंगलमत भाष्य)
हरिरामदास निरजनी
१७९५वि.
-
१९:
५॥४४॥
७८६ १००४
६७:
७४५"
६ | १३६० | छंद-विचार
२१६६
सुखदेव मिश्र
|
-
१८९३ वि०
१०
१२४०
१६१५ वि०
नया
:
६.४५"
Page #310
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र-पिंगल
३०१
वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
भाषा
रचना-लिपि-काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
प्रथ-संख्या
भिखारीदास
१७६६ वि. १९०४ वि०
हिन्दी
नया
|
७२:
९x४||"
१९७९ | छंदार्णव ४२३९ १३६१ | (पिंगल-ग्रंथ)
पुराना
| २६:
१०x४॥"
सुमनेश कायस्थ
| १८७६ वि०
७९:
१३x"
१३६१ | पिंगल-काव्य-विभूषण २१६७
पिंगलछंद-वृति ३०३१ १५ | १३२८ पिंगलरूप-दीपक
२०३४
हलायुध
१९२२ वि०
नया
|
५२: १२४६॥"
भवानीदास
१७७६ वि०
| पुराना
२४ : १०॥४६॥"
पिंगल-सार
लालकवि
|
- | १८०६ वि०
९४५"
१७
भाषा-पिंगल
१३०८ १९७८
गंगादास
१२७६ सा०
११:
४४॥"
१६३८ मालापिंगल-छंद (सूची सहित) ३२४२,२
चिंतामणि
१६००वि. १८८४ वि०
६३: ११॥४८॥" | प्रतिलिपि
१९ | १८३५
३४६८
रामरसायण-पिंगल
भगवतदास, स्वामी
| -
१८६७ वि०
३५: ११४४॥"
७८२ | रूपदीप-भाषा ९७४
१७७६वि.
-
"
१२ः १०४६॥"
Page #311
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र--पिंगल
३०२
• बेष्टन
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
२१ | १४६२ | वाणी-भूषण
२७१३
दामोदर मिश्र
-
| -
१९२६ वि०
संस्कृत
नया
६८:
८४६॥"
"
२२ ।
।
७३१ ८१६
| १९३१ वि०
१२०:
८||x
२३ | १०६६
पुराना
३४: १०॥४४॥"
२४ | ६११
१४४०
| २४:
७४६"
२५ | १४२८
२४२५
६६:
Ex"
२६ । १५२७
२९२०
वृत्त-प्रभाकर
बैजनाथ शुक्ल
|१९५६ वि० हिन्दी
नया
k:
१.४७॥"
२७ । १८९३
३७४५
१६८५ वि०
,
६०:
१.४७"
वृत्त-रत्नाकर
केदार भट्ट
१८४३ वि०
२८ । १५६६
२९९५
संस्कृत
पुराना
४०:
७॥४४॥"
| ५४३
५८६
१८९६ वि०
३२ः १०४५"
३० | १४७५
| २६४०
१९२६ वि०
नया
१९: १०४६॥"
Page #312
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र-पिंगल
३०३
| वेष्टन
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
| रचना लिपि-काल | भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
,
३१ | १५४१ / वृत्त-रत्नाकर
केदार भट्ट
संस्कृत
१८:
८॥४५॥"
२६१८
३२
११०६ १७०८
१६: १०॥४४॥"
३३ | १५५७
२९७.
बैजनाथ शुक्ल
"
२२ :
७४५"
सुखदेव मिश्र
|१८९१ वि०
३४ । १३.६० । वृत्त-विचार
२१६०
हिन्दी
३२:
१२४७"
३५
१५६० २६७४
जीवनराम नागर
८४६॥"
वृत्ति-चंद्रिका
गदाधर भट्ट
१८९७ वि०
२५:
८४६॥"
२०२७
श्रुतबोध
३७ । १५४१
२९१७
कालीदास
वि० संस्कृत
१२:
१०४५"
३८ ।
७८६ १००५
सुखदेव को पिंगल
सुखदेव
१९२७ वि० हिन्दी
८४:
८॥४५॥"
सुधा-तरंगिणी
--
१९३५वि.
-
७००:
६x६" | 'वृत्तचंद्रोदय'
का सार
Page #313
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२
३
*
५
६
८
९
१०
वष्टन
एवं
ग्रंथ- संख्या
१३२८
२०४१
१९८१
४२४२
१२५७
१८६२
१५६२
२६८३
७५६
८६२
७०८ ७७०, १
१३३६
२०६५
१५४८
२६३२
१५५८
२६७२
काव्य-कलाधर
जगद्-विनोद
नखशिख-वर्णन
19
ग्रंथ
नवरसरंग
३५४८ | नायिका - मेद
२६३४
ग्रंथकार
रघुनाथ भाट
पद्माकर भट्ट
=
W
बलिभद्र
19
सूरत मिश्र
सेवक कवि
काव्यशास्त्र —नायिकाभेद
रचनाकाल
लोकमणि मिश्र
सेवक कवि
१८०२ वि.
"
१८७२वि. १९०३ वि०
T
T
लिपि -काल
―
1
१९२१ वि०
-
१९०६ वि०
२००० वि०
T
१८४६ वि. १८६१ वि०
१६३० वि०
भाषा
हिन्दी
"1
"1
19
"
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"1
"
अपूर्ण
पूर्ण
13
फागव
नया
11
""
पुराना
नया
पृष्ठ एवं आकार
३३६ : ११४६ ||”
१११ : ९x४ ||"
२०२ :
१२१:
६५ :
१५ :
६:
२३ :
"
८×६”
१०५७”
७||४४"
११ ॥ × ८′′
१०४७||
८×६“
३४ : ११ ।। ४७
१३७ : १० X ७ |”
विशेष विवरण:
Page #314
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्यशास्त्र-नायिका भेद
३०५
वष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
पूर्ण या अपूर्ण
रचना- लिपि-काल
पृष्ठ एवं आकार
संख्या
| विशेष विवरण
| १९०४ वि० हिन्दी
१५: १०||४४॥"
६०३ | बरवै नायिका-भेद १४१२
कुलपति मिश्र
१२ | १४६० | युक्ति-तरंगिणी
२७०१ ।
-- | १७४३ वि०
७८:
८४४"
१६६१ / रस-तरंग
परमानंद
-
१८६४ वि०
२८ः ६x४||"
व्यंग्यार्थ-कौमुदी
प्रताप, सुकवि'
१८८रवि. १९२३ वि०
१५४६x६"
४१६७
वहद्-वनिता भूषण
गुलाबसिंह, राव
१९४९वि. १९४९ वि० |
८०:
८४५' मूल प्रति
Page #315
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
वेष्टन |
ग्रंथ
ग्रंथकार
। रचना- लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
अनवर-चंद्रिका
| १९८८
४२४८
शुभकरणदास
१७७१वि. १८५४ वि० हिन्दी
पुराना | १३६:
७४५"
१८०५
अमरुक-शतक
अमरुक कवि
संस्कृत
नया | ४६: १०x४"
१८०६ ३४२०
(सटीक)
पुराना
५४:
६||x ||" | टीका० अग्रदास
१३३८
| उक्ति-विलास २०७४
सीताराम
|
-
१८९३ वि० हिन्दी
८५ : ११॥४७"
उपदेश-पच्चीसी
चेतन समारसी
राजस्थानी
२:
१०x४॥"
४०१८
१३४६
'परशुराम
-
|३८३६ वि० हिन्दी
११६:
७||४६"
जीवनलाल नागर
१८८६वि. १९२५ वि०
"....
नया | १७०: ८४६॥"
३२५७
"
.
३२: ११||४६||"
२८१४
गुजराती
पुराना
६.:
८||४६"
२६७५
१. १५२५ / अोषाहरण
| १९१७ वि०
"
नया
१२० : १०॥४७"
२९२१
Page #316
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३०७
संख्या
-
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं माकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११
७५६ ८६०
कंठाभरण
बिल्हराय
| १९०८ वि० हिन्दी
नया
४०:
७॥x४"
१२
११०१ | कवि-कर्पटी १६९८
शाङ्गधर कविराज
१८८६ वि०
संस्कृत
पुराना
:
१०४६" | मद्य-काव्य
१३१८७१ | कवि-कल्पलता
"
| ९:
१२४६"
|१५८०
३०४०
कवित्त
उदयनाथ कवींद्र
४३:
११||४||"
१५
कक्ति-बल्लभ
तुलसीउपकंठ
८३३ १९६०
१८०९वि.
१४६ : ७४५॥"
कवित्त-रत्नाकर
सेनापति
२०३१
३५११
कवित्त-श्रृंगार-पच्चीसी
बागसी गोपाल
१८५५वि. १९०१ वि०
नया
२८ : १.४६॥"
४२४६
कवित्त-संग्रह
२२४९
अपूर्ण
९४५॥"
| २२६५
Page #317
--------------------------------------------------------------------------
________________
-काव्य
३०८
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
पंचकार
रचना
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या बचूर्ण
कागव | पृष्ट एवं आकार . ! विशेष विवरण
संग्र० हरिनाथ
|
-
हिन्दी
अपूर्ण
पुराना - ४१५ : १३४७"
शताधिक कवियों की रचनाएँ
१५५८. कवित्त-संग्रह २६७१
१०३ कवि-संभा-भूषण-दुर्घट १४१६
२२
-
।
१८०२ वि०
संस्कृत
४०:
११४४||
२३ | १३५४
२१४५,४
कवित्त-सिंगार
अालम गंग, चिंतामणि, मकरंद, सुंदर, हरिवश आदि
- हिन्दी
।
१५१२ | काव्यलता २७८४
सत्यनारायण शर्मा
१९०१ वि०
"
।
__
x ६"
१९३८ | कृपाण ४०८२
हरिप्रसाद द्विवेदी
।
१००
८॥४७॥"| कथा-काव्य
.IS
खंड-प्रशस्ति
(सटीक)
हनुमत्कवि
।
१०x४i"
IS
खंड-प्रशस्ति-वृति
१३:
१०x४"
३९१९
गंग-पच्चीसी
गंग कवि
१७००वि. १८७४ वि०हिन्दी
१८: ८ix४
२२७२
२६ | १४४८ | गरीबी-बारहमासा
२५२७
| १८०५ वि०
३८ :
७४६"
३० | १५६८
। ३०६८
नरसी मेहता
१९२१ वि०
नया
| १५ :
nx६" |
Page #318
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३०९
वेष्टन
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
रचना काल
लिपि-काल | भाषा
पूण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
३१ | १४४७ | गीत-शंकर
२५२५
भीष्म मिश्र 'मैथिल'
| अपूर्ण | नया
| ११४:
६४५॥
३२ | १३७३
२२०३
गोपीचंदरो-ख्याल
मोतीलाल मारवाड़ी
१७८९ वि० हिन्दी
पुराना | २०: ११४७॥"
३३ । १६१० | गोवर्धन-काव्य
३१२४
जगन्नाथ कवि
"
| २४:
११४३"
चौमासो
ज्ञानचंद्र
१७००वि. १८५२ वि० राजस्थानी
"
३४ | १९३१
४००६
२:
१०४४॥"
सालचंद्र बोड़ा
१८००वि...
"
२:
१०x४॥"
३५ | १६३१
३६६२
३६ | १९३१
| ३९९७
..
: १०x४॥"
"
३७
१६१४ ३८४०
छत्रसाल-विजय
श्यामकवि 'हिज'
४.:
xlm वीर-काव्य
३८ | १०५७ / जगदीश-शतक :
रघुराजसिंह, राजा
१९१३ वि०
संस्कृत |
"
नया
३८ः
x४॥
१०४८
:
॥
४॥
केशवराय मिश्र
| १३७६ - जहांगीरशाही-चराचंद्र चंद्रिका
२२१४
१३४८॥" प्रतिलिपि
Page #319
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३१०
| वेष्टन
म
पंथकार..
रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद - पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
जामवंती-विवाह
१६७० वि० हिन्दी
नया
१२: १०x४||"
१३२८ | जीर्ण-जनपद-काव्य २.०३६
बद्रीनारायण चौधरी
..
१३४८" | प्रथम भाग
१३२८ २०३७
२३:
१३४८" ] दितीय भाग
४४
८६१
जुगलरस-माधुरी
गोविंददास
२१: ११॥४७"
१८६२ ३६२८
जुगलानंद-सुधा-समुद्र
जैदवाल
-
१८७३ वि०
पुराना
| १०६ : १३४५"
४६
जोरावर-प्रकाश
सूरत मिश्र
१८००वि. १९१०वि०
८४६ १२०३
०
।
नया
२८६ : ११४७॥" | 'रसिक-प्रिया' की
टीका
तेगचंद्र-सतसई
तेगचन्द्र
पुराना ।
८४ :
८४६"
२०६६
दंपति-विनोद
विश्वनाथ
१३६० २१६५
१९३१ वि०
नया
।
५६:
८४७"
१५२४ | दानमाधुरी, मानमाधुरी २८४६
माधुरीदास
१८१३ वि०
पुराना ।
•:
६४५"
१३८९ | दुःख-हरन
हलधर
२३ :
६x२" | 'सुदामा-चरित'
। २२६७।
Page #320
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
वेष्टन
प्रथ
पंथकार
रचना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
कागद
संख्या
विशेष विवरण
..
ग्रंथ-संख्या
काल
१ ।
८६१ १२४६
गोविंददास
पुराना
। २०६ : ११।।४७"
९७९ | दोहा-रत्नावली
उमापति शर्मा
१८१५ वि०
२५:
५४४||"
१३४८ २१०८
दोहावली
माखन कवि
१८६१ वि०
५६:
९४६"
५४ | १०८०
१६७६
कबीर, तुलसी, सुंदर श्रादि । -
१९२: ९४७"
५५ | १५४९
ननद-भौजाई नोगरबी
-
हि० गुजराती
"
४६:
४६
२९३७
नरसीजीको माहिरो
मीरादास
| १९१० वि०
हिन्दी । पूर्ण ।
नया
७६:
१०४५"
२५५६
नरसी मेतानु मामेरू
१६४८वि. १९२२ वि० हिन्दी, गुज०
१००
x ६"
३२४६
१६०८
७६:
७||
४||"
...
१६४०
नरसी मेहतानी-हुंडी
नरसी मेहता
१६४८वि. १९२२ वि०
७८:
९॥४६"
३२४५
१९३१ | नवरस-वर्णन
उदयरत
१७०७वि.
-
पुराना | ६:
१०४४॥". |
४००८ ।
Page #321
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३१२
| वेष्टन |
बंधकार
|
| लिपि-काल | भाषा |पूण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार · | विशेष विवरण
स्या
ग्रंय-संख्या
| नाम-संकीर्तन
नरोतमदास
| ६:
६४५॥"
२४६७
६२ . १९४२ | नीति-शतक
३८१८
भर्तृहरि
१३ : १०x४" प्राचीनता की दृष्टि
से उपयोगी
९४५"
२७३७
६४
८७८ १३०१
२०: ११४४॥"
५३: ११४५||"
६५ । १२३३
१८३६,१
१०४७"
.
२६६४
: १०x४॥"
६८ | १८४९
८४४"
"
४२:
१५४ ६॥" |
६६ १८९८
३७२८
७.
संग्र० रविदत्त नागर
१४२:
७||४६"
१५८१ | पद संग्रह ३०४२ ।
Page #322
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
| बेष्टन
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
पद-संग्रह
:
१३८७ २२६१
कबीर, रैदास, सर श्रादि
।
नया | १९६ : ११४६"
१९६२। ४१७८
।
८:
९४६"
७६६ प्रेम-सारोबार
चौदावत चतुरास
।
३२: ६४५॥"
१२९५ / पद्य-संग्रह १६३६
सुरसुरनदास
।
५०: ९॥४६"
७५ १५४८
२६३५
।
११८ : १०४
"
१८४७ / पद्मिनी-वर्णन ३४६४
।
२३.४४३॥
७७
१६०८
परमामृत
मुकंदराज
।
"
७:
७४३॥"।
पातसाही-कवित्त
।
२०९९
१३७७ । पावन-पदावली २२२२
(अनेक भक्तकवि)
।
१९९८ वि०
"..
८०
८६० | पावस-पच्चीसी ,
गुलाबसिंह, राव
१९२८ वि०
।
___ "
"
| १२: १२४७॥"
-
४०
Page #323
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
८१
८३
८२ ६०५
१४२१
૮૪
८५
८६
८७
८८
८६
बेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
९०
१९९० ३८९८
१११६
१७१५
८५१ १२१५
१९४२
३८१६
२०१६ १६४६
८६०
१२४०
प्रशस्ति
१३३३ २०५४
प्रशस्ति प्रकाशिका
=
२.
१८३७ प्रेमघन - सर्वस्व
३५१७
ग्रंथ
प्रेम-पच्चीसी
१३०४ प्रेम पीयूष वर्षा
१६५८
ग्रंथकार
बालकृष्ण त्रिपाठी
33.
शंभुदेव
बद्रीनारायण चौधरी
गुलाबसिंह, राव
बद्रीनारायण चौधरी
"3
रचनाकाल
1
काव्य
I
T
1
लिपि -काल
|
१८५० वि०
१८८६ वि०
१६५७ वि०
1.
१९९६ वि. १९९६ वि०
१६२८ वि०
T
भाषा
संस्कृत
R
"
हिन्दी
"9
"1
"
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
अपूर्ण
2
प्रण
अपूर्ण
पूर्ण
कागद
नया
पुराना
नया
पुराना
नया
ន
"9
11
"1
"
पृष्ठ एवं आकार
१० :
४६:
१७ :
४८ :
४७÷
१२:
४०७ :
११ :
७:
६॥ × ४ ||”
११४.४|| "
९|| × ४"
१० x ७"
१०x४||”
१३ x ६”
१३x६".
१२ × ७||”
८|| × ५”
८ x ५"
३१४
विशेष विवरण
Page #324
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
। वेष्टन ।
कम
ग्रंथ
ग्रंथकार
ना लिपि-काल | भाषापून या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
सल्पा
थ-संख्या
बद्रीनारायण चौधरी
नया
।
४५ :
||४||"
१२८७ प्रेम-पीयूषवर्षा १९१४
प्रथम भाग
११६: ५॥ ३॥" | द्वितीय भाग
९२ , १२८७
१९११
१२: ५॥x |"
तृतीय भाग
१२८७ १९१२
१२८७
३२:
५||३||" | चतुर्थ भाग
"
८:
८४५" | पंचम भाग
२०५२
प्रेम-विलास
नटमल नाहर
३८: ११४८||" | प्रेमलता-कथा
३५०४
१३४२
प्रेम-सागर
प्रेमदास
१८२७वि. १९४२ वि०
१०:
x
"
-
२०८८
|
१८२७वि.
-
"
८८: HEX७"
.९८१३५८
२१५८
१२६०
प्रेम प्रेम-स्वातिद
पुराना
':
६x४||
०० १६०८ फुटकर कवित्त-संग्रह
१८:
५४३"
Page #325
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
-
वेष्टन
-
प्रय
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
-संख्या
१०१
१३८७ २२५८
फुटकर-पद
--
१८०६ वि० हिन्दी
पुराना | ११४: ७॥४४"
१०२
१७४९ ३३५४
बारहमासा
१७३२ वि०
३२:
७||
४||"
१०३
--
१९६०वि०
॥
१९७३ ४२२३
नया
|
२ः
॥xs"
८७३ १२८१
२६:
१०४६"
| १३५७
२१५७
खैराशाह
पुराना ।
४०:
९४५||"
०६ | १६३२
४०१६
थूलभद्र
राजस्थानी
९४ा "
०७ | १९६७ | बारामासा-दूहा
४२००
हिन्दी
नया
।
:
xx"
२८०६
४२ :
५४४||"
बारामासी
माखनदास
- -- | १८१० वि०
पुराना | ४:
१०४६॥"
१८
११०.
"
"
६:
८४६"
Page #326
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
स। वेष्टन संख्या ।।
ग्रंथ
ग्रंथकार
| रचना लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागव | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
ग्रंथ-संख्या
.
११ | १९१२ | बालचंद-बत्तीसी
बालचंद मुनि
१६८५वि. १८५० वि० |
| हिन्दी
| पूर्ण
। पुराना | १२:
९४६"
३८४३
.
बिहारीलाल
-
१७८० वि०
१९२:
११२ , १५८८ | बिहारी-सतसई
३०६०
७४५"
१७८०वि०
"
.७६ :
८४५"
१३५९ २१६६
.
१८२५ वि०
॥
१३७२ २१९९
६०:
१०x४"
.
१८८७
१८३१ वि०
| ३८:
८४५॥"
३७३५
६।
८२६
१८४६ वि०
११२: ८॥४६"
.
१८७५ वि०
१८६: ६४३॥"
१३३८ २०७३
.
(सटीक)
१७८२वि. १९१७ वि०
नया
।
१३७४ २२०८
| टीका० राधाकृष्ण
.
७७५
१७६: ७४५॥"
.
१९२९ वि०
१८६:
६x४"
२५५०
Page #327
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३१८
वेष्टन
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं माकार । विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
बिहारीलाल
२११३२० । बिहारी-सतसई
२०११
पुराना
८६:: ८४४"
१३६.
५॥४३"
...
१५४६ २९३०
।
६७:
८॥४६"
८१४ १११३
१८६१ १०४६"
२४ । १०२४
१६१९
२०:
९७४४"
२०५६
४८
.८४५" |
।१३५९
२१६८
बुद्धि-सागर
जान कवि
१६९५वि. १९४७ वि०
नया
२१५: १२४१०" प्रतिलिपि
२०६४
१२८
बृन्द-सतसई
वृन्द कवि
१.८९२ वि०
पुराना । ४२
११॥४७"
१८६३
१२९
१९०९ वि.
-नया
१८७४ ३६८४
६६:
७IX७" |
पुराना । ५६:
१०॥४७" -
२११४
Page #328
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम. संख्या
वेष्टन एवं
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद ।
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१३१ १३६३ | भगवंतराय रासा
२२८१
सदानंद
१७९७ वि. १६८० वि०
हिन्दी
पूर्ण
नया
२२:
८॥४७॥" | वीर-काव्य
१३२
१३५७ | भजन-संग्रह २१५८
१३३ १६०८
भक्तपद-लक्षण
पुराना | ४२:
७४५"
१३१७ | भक्तमाल | २००२
(सटीक)
नाभादास
१७६९वि. १९२१ वि०
।
नया
१०४३ : १५||४७". | प्रियादास की टीका
पर हुलासदास की
उपटीका ३२०: ८||x ६॥" | टीका प्रियादास
"
"
"
३५ १५५२ | भक्तमाल
२९४५
१७६६ वि.
-
१४६:१०||४६" | टीका अग्रनारा
यणदास
२२७६
२०:
५४४"
२४४७
१३८
१३४३ २०६१
पुराना । ३६: १x६॥"
.
३९
नया
।
१३५८ २१६२
७:
९llx६.
.
१३८३
". ! २३: ११४४॥" |
२२४६
Page #329
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संक्या
१४१
१४२
१४४
१४५
१४३ १०२७
१६२२
१४६
१४७
१४८
१४६
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१५०
१८३५
३५०२
१३६२
२१६१
१९९४
४२५४
९६०
१५५०
११०४ भर्तृहरिशतक
१७०१
१८३५
३५००
भक्तमाल
१८२८
३४६०
भक्तिमाल- रसबोधिनी
भरतमिलाप
ग्रंथ
भवानी - विलास
भाव- शतक
भाषा - कवित्त
१९०० भूपाल - चतुर्विंशति
३७७७
१८९४ भूपाल - चौबीसी
३७५४
( सटीक )
ग्रंथकार
अग्रनारायण दास
ईसरदास
भर्तृहरि
जगन्नाथ, पंडितराज
नागराज
शारंगधर
गंग कवि
विनयचंद्र
रचनाकाल
T
T
―――――
T
काव्य
1
लिपि-काल
T
१८३३ वि०
1
१७२८ वि००
|
1
भाषा
हिन्दी
संस्कृत
"
हिन्दी
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
अपूर्ण
"
"1
कागद
नया
पुराना
"1
"1
"
नया
पुराना
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
६२ :
१०४ : १३x६"
१२:
२:
१६ :
१५:
१३४५"
२४ : १० ।। ४४ ।। "
१० :
१० :
५ × ४||”
१० x ६" | कैथी लिफि
१०x४"
३०: ११४७।। "
११ x ८ ||" प्रतिलिपि
६ ॥ ४४"
विशेष विवरण
७४४।। "
३२०
पर
प्रियादास की टीका वैष्णवदास की उपटीका
Page #330
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२१
सध्या
बेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
प्रंयकार
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१५१ | ८२७ | भोज-प्रबंध
११४६
बल्लाल मिश्र
संस्कृत
अपूर्ण । पुराना | ११८ः ७४५"
५२ १४३३
२४५२
५७:
१२४५" |
४२:
७४४॥"
३५८२
मधुमालती-रसविलास
|
चतुर्भुज
- १७०७ वि० | हिन्दी
८०:: ८||४४॥"
१५५
१३५५ । मर्यक-महिमा २१४७
बद्रीनारायण चौधरी -
- | १९७६ वि०
५:
८४६॥"
माधवानल-कथा
'आलम कवि
(९९१सन्) १८१३ वि०
| २२६: ७४५॥"
३९७७
९६ : १२॥ x १०" !
३९७६
१८४८ माधवानल कामकंदला रसविलास ३५५७
गोविंदचंद (१)
१६००वि. १७०४ वि०
२४:
८॥४४॥"
७०८
मान-माधुरी
माधुरीदास
"
| १२:
८४६"
१६० १५२४ । मान-लीला
२८४३ ।
२० :
६॥४५"
Page #331
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
- ३२२
- Mm
t
ammanamruerminama
पंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
एवं या ग्रंथ-संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
१६१
माधव-विलास
लाल कवि
हिन्दी । · पूर्ण
।
पुराना
| १४२:
७॥४५"
६६५
.
वंशीधर ।
१६७८वि. १८१३ वि०
"
६२ । १३६४ | मित्र
मित्र-मनोहर २१६७
३०२:
८४६"
| ७२१ | मेघदूत
कालिदास, महाकवि
१६९२ वि० संस्कृत
४२:
६x४॥
८०१
७३६
१७३४ वि०
___ix"
८३२
३०: ११४४॥"
१५५१
ए... (सटीक)
१७८७ वि०
११८
७६४ ८६४
१०४५" टीका० मल्लिनाथ
सूरि
१८४६ वि०
॥
" ,
१८:
८४५"
१६७ | १४९४
२७३५
! "
(सटीक)
नया
४७: ८॥४४॥" | टीका० देवेंद्राचार्य
पुराना ।
१६६
२४: ११॥४५"
१४६४ २७३१
नरसी मेहता
१४२ :-
५॥४५"
१७० - १५४२ | मेहताजीनी पारी
| २०२२
Page #332
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
१७१
१७२
१७३
१७४
१७५
१७६
१७७
१७८
१७६
१८०
वेष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
१३४६ युगल बिहार - दोहावली
२११६
८५१ रघुवंश - कथासार
१२१६
१४६०
२६६७
१३३५ रसचंद्रिका प्रकाश
२०६०
१३७३
२२०१
रतन हजार
१९४८ | रसनिधि की अरिल्ल, दोहा
४११४
९४५ १५३०
ग्रंथ
१६०८ ३.१.१०
रसनिधि - सागर
राक्षस-काव्य
१८२९ राजकृतना
३४६९
१९८४ | रुक्मिणी-परिणय
४२४५
93
ग्रंथकार
रामनाथ
रसनिधि
ईसवी खाँ, नवाब
रसनिधि
बाजीदजी
रघुराजसिंह, राजा
"7
रचनाकाल
1
T
काव्य
1
लिपि-काल
T
१८६० वि०
१८०१ वि०
१९२७ वि०
१८१८ वि०
१९०७वि. १९९९ वि०
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
हिन्दी
संस्कृत
हिन्दी
"
"
.
संस्कृत
हिन्दी
E
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
"
पूर्ण
कागद
पुराना
"1
"
नया
पुराना
नया
"1.
पृष्ठ एवं आकार
१३:
११ : ११४७
१३०:
२८:
१० × ६॥”
१५:
८x४८
७:
३७३ : १० x ७" "बिहारी सतसई' की
टीका
१६० : १०x८"
८ x ६"
८ ॥ ४४"
८५६ ।। "
३१४ : १३x६ । ।"
१३२ : ७॥ ४४ ॥"
३२३
विशेष विवरण
गद्य-काव्य
Page #333
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२४
| वेष्टन
. संख्या
ग्रंथकार
एवं पंच-संख्या
रचनाकाल.
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
हिन्दी
| रुक्मिणी-मंगल २२८६
नया | ६ :
९४५॥"
/
२
लक्ष्मण-शतक
नारायण प्रपन्न
१८५५वि. १६३२ वि.
१८८४ ३७२२
६०:
९४७" |
८३ | १५५७
२६६५
लछिमन-चंद्रिका
लछिमनदास
| -
पुराना
| ३६० : १०४७"
लाल-चंद्रिका .
लाल कवि
१९०९ वि०
नया
३०४: ११४७॥" | 'बिहारी सतसई की
टीका
१२०६
१९०३ वि०
१९८२ ४२४३
२६४: ९x४॥"
"
४५४
लालित्य-लहरी
बद्रीनारायण चौधरी
१९४८वि. १९४८ वि०
२७६:
६||४||"
मूलप्रति
२५५१
लावणी
वि. १८७४ वि०
पुराना
४:
१०॥४५"
३९०४
८८
नया
१५८० | वंश-प्रदीप ३०३८
२६५: १०||४७"
पुराना । ३२:
९४६" | महत्वपूर्ण ग्रंथ
१४२३ । बसंतऋतु-वर्णन २४१०
९२१ | वाग्भूषण-शतक १४७४ ।
रामचंद्र कवि
संस्कृत
३६:
१२४५"
Page #334
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२५
| बेष्टन
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार / विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
१९४० - वाग्विलास ४०८५
सेवक
पुराना
३०२:
८४६"
| १०२५ | वामन-लीला
१६२०
नरसी मेहता
७:
५४४||"
विजय-मुक्तावली
१३१८ २००५
छनसिंह
१७७५वि.
३६४: १०४ ६॥"
विद्यागोष्ठि
धनपाल
- [१८१३वि०]
"
"
१४: ५॥४४॥"
२१२५
९५ | ८६४
विरुदावली
(सटीक) |
टीका० सुखदेव मिश्र
१६१८ वि०
संस्कृत
८१: १२॥ ४५" | पूर्वभाग मात्र
रघुदेव मिश्र
३५:
१२||४५"
८४२
विलोमाक्षर-काव्य
सूर्य पंडित, दैवज्ञ
१८३० वि०]
३८:
८॥X४||"
११८८
९८
२००८ ४२६८
१८९१ वि०
"
| १३: ११४४॥"
१९९ । १६२२।। विश्वनाथ-पताका
गंगाधर व्यास
- [१९३०वि०] हिन्दी
नया
५:
१२४७"
२००
१३२५ वीरमदे कबरी बात २०२४
सेरसिंह
१८८९ वि०
पुराना | ४० :
८४६" |
.
Page #335
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२६
-
वैष्टन ।
.
रचना
ग्रंथ
ग्रंयकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
१७६८वि. १८७४ वि०
हिन्दी ।
१६८ः
॥x६" | वीर-काव्य
२०१ १३१४ | वीर-विलास
१९९५ २०२ ८१६ वैराग्य-मंजरी
प्रतापसिंह, सवाई
१८००वि.
३९: १०x४॥"
वैराग्य-शतक
(सटीक)
भर्तृहरि
|
२०३ । १४६१
२७०२
-
१८०० वि०
४५:
११॥४५"
७२:
११४४"
२०४ १२९३
१६३३
२०५
४२:
७४४" |
..
२५४ २७३
२३ :
१०४५॥"
२०६ । १०६६
१६६३
२१:
९४३॥"
२०७१६२५
३१६७
२०८
८५९ | शंकराचार्य-विजय-डिंडिभ १२३५
रामकुमार सूरि
११०: १६४५।।
२०९
१३७६ २२१८
शतकत्रय-अनुबाद
विनयलाल
"
। ६५ : १३ x १०॥"
२१० १६५१ . शामलशाहनो विवाह
। ३२६.६
नरसी मेहता
"
४४: ८॥४६॥"
Page #336
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२७
वीजन
-कम-.
रचना
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
एवं ग्रंथ-संख्या
(सटीक)
भूषण कवि
हिन्दी
२११ । १८३५ - शिवराज-भूषण
३५०३
पुरामा
| २१० : १३ x १०॥"
देवदत्त भट्ट
| १८:
२१२ १८५३ |
| शुक-बहत्तरी ३७०४
१०x४"
२१३ | १८८७ शृंगार-तिलक
३७३२
कालिदास
- [१८०० वि०] संस्कृत
शृंगार-मंजरी
प्रतापसिंह, साई
हिन्दी
|
नया
| २४: १०॥४४"
११२३
३६:
१३४॥"
' ८९४ | शृंगार-शतक १३६२
पुराना , ३७: १०४ ५॥"
१२३३ १८३६
४३:
८॥४५"
२७६८
शृंगारिक दोहे
रसाल कवि
१८००वि.
हिन्दी
१००: ८४५॥"
१०३०
मान कवि
६:
| संयोग-बत्तीसी , . ३८६५
१०x४||"
दोनों प्रतियाँ एक
"
| ११:१३x१०")
संयोग-द्वात्रिसका | ३४६६ |
Page #337
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२८
वेष्टन
पंचकार
लिपि-काल
कागद । पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२२१
८५१ संस्कृत-पारसीक पद-प्रकाश १२१८
कर्णफूल कवि
संस्कृत
पुराना
| ३१:
१०||४७"
सतसई
टेकचंद्र
हिन्दी
८८:
८४६||"
२०२६
२२३ । १३३६ । सती-कण्वकी
२ ६२
गोपालनाथ
१९९४ वि०
नया
५५:
४६
सभा-विलास
लल्लूजी लाल
१८०७वि.
३८४८
८८:
९४५" | गुजराती ब्राह्मण
"
१८०७वि. १८३२ वि०
"
पुराना | ११९ :
९४६" |
८५१ ।
समस्या
. गुलाबसिंह, राव
नया | ८:
१०४७" ||
१२१६
समस्या-सार
राममाथ, राव
१९४८ वि०
१११: ८४६॥"
३११८
ससुरारी-पच्चीसी
देवकीनंदन 'नंदन'
१८३२वि. १८७६ वि०
पुराना | ४:
lx५"
२११०
सहचर-सरन
- |१६११ वि०
नया
८९ :
९४६" |
४१७७ ।
२३० १३७६ सारसंग्रह-भाषा
| २२१३ ।
गंगा राम
-
१९१३ वि०
४: १२॥X६"
Page #338
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३२९
| वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
अंधकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२३१
८८१ | सुधर्मा-विलास १३१३
रघुराजसिंह जू देव
संस्कृत
नया
| ७०: १२४६||"
सुभाषित-संग्रह
२३२ १९३२
४०११
१८:१०॥४४॥"
२३३ | १९३२
४:१०॥४४॥"
४०१२
२३४
७६५
| स्फुट कवित्त
पद्माकर भट्ट
हिन्दी
२७:
८४६"
९०७
२३५ | १४६०
२६९८
६:
४४॥
-२३६ । १४९३
२७१८
१६:
७||४६"
जीवनलाल नागर
२३७, १५१० | स्फुट पद
२७७८
१८६५वि. १९११ वि०
१९०:
ix||"
२३८
१९४६
कृष्ण कवि
-
१९२१ वि० |
६: ६x६॥"
४१०६
२३६ १०८८
पुराना
२०७॥४५" ||
जीवनलाल नागर
१७६:
८४६"
२४०-१५७५
| ३०२० ।
૪૨
Page #339
--------------------------------------------------------------------------
________________
काम
संख्या
२४१ १६३४ स्फुट पद
३२३४
२४२
२४३
ग्रंथ-संख्या
२४४ १९१५
१८८७
३७१२
२४८
१९०६
३८१२
२४५ १९२७ ३६६७
२४६
२४.६ १६२८
३६७१
२५०
३८५७ ·
२४७ १९३३
४०२५
१९४६
४१०८
१३५२
२१३२
१८६४ ३६३७
"
11.
ग्रंथ
स्फुट पद-टीका
स्फुट श्लोक
कबीर, सूर, तानसेन आदि
'भवानीदत
गंगाधर व्यास
"
1
तुलसी, सूर आदि
प्रियादास
1
रचनाकाल
――
I
काव्य
T
लिपि -काल
—
-
T
१६६१ वि०
T
भाषा
हिन्दी
"
संस्कृत
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
"
अपूर्ण
कागव
पुराना
नया
"1
पुराना
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
२७:
१६:
४२ :
१२० :
३४० :
५४ :
२३:
६×५||”
७X५”
४८ :
६|| ४४"
१६६ : ५ ॥ ४५॥"
Ell x {"
X५”
७X५”
९||×६”
१६८ : ८|| ७||”
७५५"
३३०
विशेष विवरण
Page #340
--------------------------------------------------------------------------
________________
काव्य
३३१
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
२५१ | १३६७ | स्वेच्छार्थ-षोडसी
२१७५
पंजसेन
हिन्दी
अपूण
पुराना
१७६: ८४४||"
२५२ / ८५६ | हरिभक्ति-दीपिका
१२५४
आधार सिंह
नया | ५४:
१२४५"
Page #341
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
बेष्टन ।
पंधकार
रचना-
निकाल
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंप-संख्या
१ १०४४ | किरातार्जुनीय
भारवि
१६५३ वि० संस्कृत - अपूर्ण ।
| १७०: १०४५"
१६४०
लिपिकाल की र दृष्टिसे महत्वपूर्ण
७७७
१८६७ वि०
१७६ : १०॥x ५"
(सटीक)
१८८० वि०
५२: ११४ ५॥" | टीका० मल्लिनाथ
सूरि
। ३०७५
८५० १२१३
| १८८४ वि०
३६७: ११||४५"
५
"
| २२२:
१५८६ ३०५७
१०x४"
१२८ १३५
७५:
१०x४||"
७
६२६ ६७५
१२: १.४६॥"
८
(सटीक)
७०९ ७७४
८२:
७४५" टीका० एकनाय भट्ट
७५८ ८७६
-
७४:
१०४५" | टीका. मल्लिनाथ
सूरि
१५१ : १०४५"
Page #342
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
३३३
प्रय
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
बंध-संख्या
११ | १६४१ | किरातार्जुनीय
३२४७
भारवि
संस्कृत
पुराना | ३४:
१०४३" | चतुर्थ सर्ग मात्र
१२ | १८११
३४२५
"
८८: १०॥४४॥"
- १३ | १८४२
२५८: १२४५" | टीका० मल्लिनाथ
सूरि
१८४३ ३५४१
(सटीक)
४१५ : १२४६"
१५
१८४७
१६: ७४४||"
१५३: १०४५"
३७०७
५४:
१०४६"
४०९३
१९४२ ४०८८
किरातार्जुनीय-भाषा
महावीर प्रसाद द्विवेदी
१९१७ई० १९१७ वि० हिन्दी
९१९ : १०४७"
कालिदास
१६९८ वि
८२८ | कुमार-संभव ११५०
संस्कृत
पुराना
९९ :
९४३"
२० । १०५५
११६:
८४ ३" | पंचम सर्गान्त
Page #343
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
३३४
बष्टन
संख्या
रचना
एवं
ग्रथ
ग्रंथकार
लिपि-काल |
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
|
पृष्ठ एवं माकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२१
नैषध-चरित
१९३२ ४०२४
१६५१ वि०
संस्कृत -
पुराना | ५२: ११४३॥" | चतुर्थसर्ग मा
१६८७ वि०
॥
२२ । १८२४
३४३६
१६४: १०x४"
१६९२ वि०
॥
१००५ १५९९
३२८: ११४४||" | उत्तरार्ध
२४ | ८०३
१०६४
१७७० वि०
३६०: १०x४||"
२५ | ७१७
७६५
(सटीक)
३०१ : १०४५" | सर्तम सर्गान्त
१६८ : ११४४॥" |
१४४१
२७ । ७६४
१०२२
(सटीक)
११७ : ११||४||" | टीका नारायण
पंडित;
२८
८८२ १३२४
५२ : १३ x ४॥"
२९ । ९८०९
३४०६
। १२ : १०४४।।" चतुर्थ सर्ग मात्र
३० । १८५८
७० १०॥४४॥" | द्वितीय सर्गान्त
Page #344
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
३३५
प्रय
रचना
- एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
ग्रंथ
लिपि-काल
संख्या
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
पद्मावत
१.२३ १६१८
मलिक मुहम्मद जायसी
नया
३२:
७॥४५॥"
पुराना । २१८ः ||४|| | कैथी लिपि
नया
७०२:
७४६||"
१९७३
३४ १३८३
२२४५
३८:
८४६" बसंत खंड मात्र
३५
१८८० ३७०७
पृथ्वीराज-रासो
चंदबरदाई
१९६० वि०
डिंगल
! ४०:
९४६॥" करियन को समय
३६ १८९९
३७६८
(१९६२वि०)
"
।
०४: ८||४६||" | पराक्रम समय
१६६४ वि०
३७ - १९०६
३८२०
३८ १२३६
१८३८
२००२ वि०
२५२: १.४७" | कन्नौज, संयोगिता
समय ६०९: १३ x १०" | मूलप्रतिःअभय जैन
ग्रंथालय, बीकानेर पुराना | ८०: ११४४॥"
कालिदास
३९ | १८५७ | रघुवंश
३६०६
१६५० वि० | संस्कृत
७५६ ८७७
१७६३ वि.
"
| पूर्ण
"
| ३१२: ९॥x"
Page #345
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
कमसंख्या
| वेष्टन - एंव ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
४१ /
८०४ | रघुवंश १०६५
कालिदास
१८४४ वि०
संस्कृत
पुराना | २८३ : १०४५"
४२
८१८ ११२५
(सटीक)
२१६: ex४॥" | टीका० मल्लिनाथ
सूरि
६२१
२६२ : १०॥४५"
४४ | १४३६
२४६३
(सटीक)
६५: ११४५॥" | आदि के दसर्ग
४५ -
३०५ ३३३
४१:
११४५” | नवम सर्ग
७१३ ७८३
(सटीक)
४३: ९॥४४॥" | टीका० मल्लिनाथ
सूरि
४७ । ७९१
१०१४
१३ : १०४५॥" | प्रथम सर्ग
४८ ।
८०५ १०७०
५६: ११४४॥"
१३
४५:
७४५" | त्रयोदश सर्ग
१०
५.
८४९ १२०६ |
२०४: ११॥४५॥" | त्रयोदश सर्गान्त
Page #346
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
| वेष्टन
ग्रंथकार
रचना
एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
लिपि-काल ___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार , विशेष विवरण
काल
५१
१३८७ २२६१
रघुवंश
.
कालिदास
संस्कृत
पुराना । १५७ : ९||x ४"
।
२२: १०॥४४॥" | प्रथम सर्ग
५२ १९६२
४१७८
५३ ।
७६६
(सटीक)
।
| १६:
६x"
"
१०३१
।
| ३६: ९॥४४॥"
.१६३६
।
५५ | १६२६
३७६६
११९: १०४६" |
वह्निवंश-विनोद
जगन्नाथ
५६ | १५८०
३०३६
१९७१ वि० हिन्दी
वीरसिंहदेव-चरित
केशवदास
१६६३ वि.
| नया । ३२५ : १२४७" |
(इसका लिपिकाल - पुराना २८५ : १२॥४॥") रचनाकाल के
ही समीप प्रतीत
( होता है। १: १०४५" प्रथम सर्ग
३७०६
शिशुपाल-वध
५८ १४६२
२५८९
माघ, महाकवि
१८१७ वि०
।१५८४ ३०५१
१८२३ वि०
| अपूर्ण
|
| ३४९ / ९॥x"
६.
१५८४ ३०५२
१८८६ वि० .. "
.
पूर्ण
"
| ३८६ ::१०॥४४॥"
Page #347
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
३३८
संख्या
वेष्टन [.. ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
| लिपिकाल | भाषा
पूर्ण या पूर्ण
कागद | पृष्ट एवं साकार ! विशेष विवरण
६.
९०५ | शिशुपाल-वध १४२०
माष, महाकवि
-
संस्कृत
पुराना । २१२:१०॥४५"
६२ ।
७७४ ६५८
२२६॥
१.४५"
४३:
७४५"
१०१५
६४]
८३९ ११८१
८७: ११४४||"
(सटीक)
१४६ : ११॥४५" | टीका० मल्लिनाथ
सूरि
१२१२
१७१:
४७"
.
"
१३७१
११५
१२४५"
६८ | १४७०
२६२८
१८०: १०x४||"
१२५:
७४५"
३२९७
१८७७ ३७०२
७६ :
१३४७" | प्रथम सर्ग
Page #348
--------------------------------------------------------------------------
________________
महाकाव्य
। वेष्टन
सपा
प्रय
एवं
ग्रंयकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
। पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
७१ | १९०८ | शिशुपाल-वध
३७४६
माघ, महाकवि
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना | ३६:
१०x४॥"
७२ | १२३८ | संग्राम-सार
१८४३
कुलपति मिश्र
१७३३वि. १९०९ वि० | हिन्दी ।
"
| नया
| १९६: ११४८॥" | मूलप्रति-अभय जैन
ग्रंथालय, बीकानेर
Page #349
--------------------------------------------------------------------------
________________
नाटक
बेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ ।
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
. लज्जाराम
१७५८ वि० हिन्दी
पूर्ण
:
| १५१० करुणाभरण नाटक
२७७७
६||
६||"
२
१७३३ ३३३७
गौरी-शंकर नाटक
वीर रतिदेव भट्ट
संस्कृत
|४८:
६४४॥"
३
प्रबोध-चंद्रोदय
कृष्ण मिश्र
२००० ४२६०
१७६१ वि०
१०५: ७५
2
४ | १५५५
२६५७
१८३० वि०
१४६ : ७४५।।"
५
ब्रजवासी दास
१८७९ वि० हिन्दी
१९५ :
८॥x ६"
१५५७ २९६८
कृष्ण मिश्र
६ । १८२६
३४४.२
-
संस्कृत
४८:
१४४६" |
हिन्दूपति वर्मा . ! -
७ १३७५ | भक्त-मोरध्वज
२२११
१६६३ वि० | हिन्दी
११२ : ७॥४४॥"
५
८
| भर्तृहरिनाटक
४६ :
१३५८ २१६१
६४५॥"
माधवानल-नाटक
केस, राजकवि
१७१७वि. १८२२ वि०
पुराना
५८:
८||४६"
२९६६
गोवर्धनसिंह, राव
नया
१९७७ | रक्त-मंथन ३८६६ ।
Page #350
--------------------------------------------------------------------------
________________
नाटक
३४१
| वेष्टन
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
। एवं संख्या
ग्रंथ-संख्या
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
मिश्रबंधु
हिन्दी
नया
११ | १४११ | रामचंद्र-नाटक
२३४९
१६५: १३॥४८"
विक्रम-नाटक
बहादुरसिंह, रणविजय
११२ : १०॥४७"
१८९७ ३७२७
१९५५ । विक्रम-विलास
५:
९||४७"
(सटीक)
१४ १२७ | हनुमन्नाटक
२४२४
हनुमत्कवि
१८५८ वि०
संस्कृत
पुराना
| १८८: १२॥x ५"
"
१५ | १००३
१५९७
१८२ : ११४४" | टीका० मोहन दास
३७:
११४५" | टीका० राघवेंद्र
सरस्वती
Page #351
--------------------------------------------------------------------------
________________
बौद्ध-साहित्य (फोटो कापी)
वष्टन
ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
ग्रंथ-संख्या
काल
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१ | १९२० | अभिधर्म-कोश-भाष्य
३७६२
२
।
१६०२ | अभिधर्म-कोश-सारिका ३७५२
३. १९१४ | ज्ञानश्री-निबंध
३७५७
४ | १९२१
३७६३
दोहा-कोश
न्याय-विदु
३७५०
३७५७
७
प्रमाण-कार्तिक-कारिका-वृति
१९२३ ३७६५
८
१९८८ ३८८७
भक्तिरसामृत-सिंधु
९
१९१४ ३७५५
महायानोत्तर-तंत्र
३७५६
Page #352
--------------------------------------------------------------------------
________________
बौद्ध-साहित्य
प्रथकार
रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्णकागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
पंथ-संख्या
काल
| वज्र-सूचि ३७५८
१२ | १९१७
३७५९
वार्तिक-कालिका
१३ | १९१९ । विनय-कायिका
विनयसूत्र-टीका
३७४९
१५ १९११
३७५१
विनयसूत्र-वृत्ति
१६ | १६१८
विंशिका-पद्धति
३७६०
| सर्व-सिद्धि ३७५३
१६१० ३७४८
सहोपलंभ-सिद्धि
Page #353
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
वेष्टन
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार / विशेष विवरण
संख्या
संख्या
१
हिन्दी
अपूर्ण
१९१६ | अक्षर-केवली ३८७०
पुराना | ४:
१०४५"
२
अणुत्तरोबवाई सूत्र
१६०६ वि०
१९३० ३९८९
प्राकृत
नया
| ३३ : १०४४॥"
अंजना-सुंदरी-चौपाई
लछीसागर सूरि
१६७९वि. १९१५ वि० राजस्थानी |
६६:
३ | १९१७
३८८५
११||४||"
४
अनुपेक्षा
प्राकृत
पुराना
१९६:
१९७२ ४२२०
६४७"
१८०६ वि०
१४६ : १०॥
४॥"
५ | १९२० । प्राचारांग-सूत्र
३९१२
६
आठ-कर्मनी
राजस्थानी
| १४:
१९२० ३६१६
९४४"
अानंद-श्रावक नी सिद्धि
१७१४वि. १८०४ वि०
"
१४:
६x४"
७ | १९२० ।
३९१७
श्रावसग-प०
१८८२ व०
संस्कृत
४३: ९॥४४॥"
३८६०
इकबीस द्वार
१९१९ ३८९१
१९०० वि०
नया
१६: ९||४४॥" | सिद्धांतसूत्रांतर्गत
१०
१९२० | इंद्रिय-पराजय १६१८
१६ :
१०x४"
Page #354
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
११
१२
१३
१४
१५
१७
१८
१९
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-सख्या
२०
१९३२
४०१६
१८८३
३७१८
१६ १९११
३८३४
१८९२
३७४१
१९२०
३९१५
१६११
३८३५
उत्तम कथा
उत्तम कुंवर चतुष्पदी
उत्तम चरित
१४४८ ४१२२
उत्तम सूत्र
उत्तरायण-सूत्र
१९१९ | उत्तरार्ध-सूत्र
३८९६
ग्रंथ
फ
१९४८ एकाकी - गीत
४११८
१९४९ एकीभाव-स्तोत्र
४१३२
૪૪
ग्रंथकार
धनजी
!
जैन - साहित्य
रचनाकाल
T
| १७३१ वि. १८७८ वि०
-
लिपि -काल
1
१९४८ वि॰
१८४५ वि०
१८४६ वि०
१८५६ वि०
1
१९१९ वि०
भाषा
राजस्थानी
डिंगल
हिन्दी
प्राकृत
13
हिन्दी
13
पूर्ण या अपूर्ण
E
"1
अपूर्ण
"1
पूर्ण
"1
=
कागद
नया
पुराना
नया
पुराना
"
नया
"
पृष्ठ एवं आकार
४ :
१२१ : १० X ४ । ।"
२७७ : ८।। ४६ ।।”
२२ :
४६ :
३२:
१० X ४ || "
२:
२४७ : १०x४ ||"
६:
१४ :
- १०x४"
९x४ ।। "
१०x४"
७×५॥”
७५५॥”
७×५॥”
३४५
विशेष विवरण
Page #355
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
३४६
| वेष्टन
ग्रंथकार
संख्या
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
ऐतवार-कथा
बिरजा प्रसा,
[१८८८वि०] हिन्दी
पुराना
२४:
६x६"
४२१५
कर्मके दसबंध-भेद
"
४:
६॥x ५"
४१९२
२३ - १९२०
कलावती
राजस्थानी
। ६:
१०x४॥"
कलिचौदस-कथा
सकल कीर्ति
१८२७ वि० हिन्दी
१६:
६x४||"
४२०५
२५ / १९०३ ।
३७९८
कल्याणमंदिर-स्तोत्र
। १९०१ वि०
संस्कृत
२८ :
८४५"
२६ | १८६४
३७५५
१० : . ७४४||"
१६३० ३६८६
१० :
१०४५"
कृष्ण-पच्चीसी
२८ १९४९
४१२६
१९०८ वि० हिन्दी
| १५: ७४५॥"
कृषिमंडल-स्तोत्र
संस्कृत
१० :
१०४५"
३८८१
१६०० । क्षेत्रपाल-स्तोत्र
अपूर्ण
| पुराना | ३:
॥४५॥"
३७८५
Page #356
--------------------------------------------------------------------------
________________
जेन-साहित्य
बष्टन
|
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
३१ | १९०५ क्षेत्रसमास-प्रकरण
३८०३
१६०७ वि०, प्राकृत
पूर्ण
पुराना । २२:
१०x४" लिपिकाल की दृष्टि
से महत्वपूर्व
१९२९ गजसुक मालरी कथा
राजस्थानी
|६:
८४६".
२९८१
३३ | १९३१
गुणमाल
भगवानदास
२:
१०४४॥"
३४ | १६२१ | गुणसुंदरी की कथा
३९३३
४:
१०४४॥"
गुरुणी-चेलीरो संवाद
रामचंद्र
४००१
गुरु-भक्ति
१८३६ वि० | हिन्दी
३:
३६ - १९६६
४२१०
६x४||"
१६०२ वि०
॥
नया
२:
७४५||"
१९४९ ४१२५
३८
१९४८
३:
७४५||"
गौतम-कुल
१८४५ वि०
प्राकृत
पुराना
५:
१०x४"
४०
१६००
गौतम-पृच्छा
१८६४ वि० हिन्दी
४६ : १२|| ४ ६॥"
३७८३
Page #357
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
४१
४३
૪૪
४२ १८८८ चंद-प्रबंध
३७३६
४५
४६
४७
४८
वेष्ट :
एवं
ग्रंथ संख्या
૪૨
१८८३ ३७१६
१६२०
३६/३
१६६७
४१६४
१६१६
३८६८
१९१९
३८९७
१६६७
४१६७
१९३३ ४०३०
१९३२ ४०१३
चंद-चरित्र
५० | १६१६ । ३८६२
चंदराजानो सिलोक
चरचा शतक
चरचा
"1
ग्रंथ
चेतन - कर्मचरित
चौबीस कथा
चौबीस ठाण
जंबूद्वीप नो विचार
ग्रंथकार
मोहन विजय
भगवतीदास
• जैन - साहित्य
रचनाकाल
लिपि -काल
I
१८७४ वि०
1
१८८१ वि० प्रा० डिंग०
१६०८ वि०
--
भाषा
1
संस्कृत
१८९१ वि०
1
डिंगल
१७३२ई० १९१० वि० हिन्दी
हिन्दी
१८८३ वि० राज० हिन्दी अपूर्ण
राजस्थानी
राजस्थानी
पूर्ण या अपूर्ण
राज० हिन्दी
पूर्ण
"3
"1
ܪ
पूर्ण
=
कागद
पुरा
नया
पुराना
"9
नया
"3
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
१७८ः १०×४||”
१२१ : १० x ४ ।। "
१२ :
६४ :
१३ :
३२ :
८६ :
२०:
१२ :
९४३ ।। "
६ x ५'
१०×५ "
११ × ।।"
६ × ५”
६ x ४ || "
४"
७ × ४
९x४०
३४८
विशेष विवरण
Page #358
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
वेटन त्रमः ।
|
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
| लिंपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संहापंथ-संख्या
| १:८८
३७३,
जबूदीप-प्रजापति-सूत्र
। ।
जिनस्वामी महावीर
१८६२ वि० प्राकृत | पूर्ण ।
पुगः
| १४६ : १०|| x ४ "
५२ १६१६ जांववती-सती-प्रबंध
१९४९ वि० राजस्थानी ||
११:
।
९||
४|
|
जिन-गुनमाल
।
पुग।
३:
६x४॥"
४२३२
।
संस्कृत
१२:
जिन-मंगलाष्टक १ १६ ।
७४४ :
१९६७ | जिन-सहस्रनाम-स्तोत्र ४१६५
अाशाधर
३०:
६४५"
।
अणुधर
३६:
।
७४४||"
५६ | १८६४
३७५२
।
५७ | १९३२ । जिन-स्तुति
४०२१
हिन्दी
पुराना | ३:
९४५"
१९४८ । ४१२०
जीव-सुलछना
।
संस्कृत
२०१२ | जैनधर्म-स्तोत्र ३९३२ १९६७ जैन-शतक
१७८१वि. १६०८ वि०
हिन्दी
नया . ६०
६४५"
। ४१६६
Page #359
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
३५.
- वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल भाषापू
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
६१ -१९२१ ढाल-पद
३९३४
राजस्थानी
६:
१०||४५"
६२ | १९२०
३९१४
ढाल-वर्णन
२९ :
६x४"
ढाल-समरी
|१९९७ वि०
॥
।
१९३१ ३९९६
:
१०४५"
६४ | २०१३ | तत्त्वार्थाधिगमसूत्र
४२६५
| १९२७ वि० संस्कृत
१० : ११||४६||"
६५ | १९००
३७८०
"
३८:
६४५"
तवन रा देसा
चौथमलजी
१८६४वि
राजस्थानी
"
पुराना | २ः
१०x४||"
३६६८
६७ | १९२६
३६८३
तीन मनोरथ
" . ७:
१०x४"
६८ | १६३१
३९९३
| २:
१०x४॥"
थूलिभद्र-रास
६६।१६०५
३८०४
.
थूलिभद्र मुनि
१६६८ वि. १६७८ वि०
" ।
७९:
१०x४"
७० | १९४९ दर्शन-स्तोत्र
४१३१
१९०८ वि०
संस्कृत
नया
२:
७४५॥"
Page #360
--------------------------------------------------------------------------
________________
कम
संख्या
७१
७२
७३
७४
७५
७६
७७
७८
७६
८०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१६२१ ३९३६
१६१३
३८४६
१९१३ दशवैकालिंक- सूत्र
३८४५
१९१८
३८९०
१९१९
३९०७
१९१७
३८८४
दशमीकालिक - शिक्षा
33
"
१९०० दश-सूत्र
३७७५
ग्रंथ
१९२१ | देव-द्वार
३९३०
२०१३ | देवशास्त्र-गुरुपूजन
४२९२
१९६८ | धर्म-पच्चीसी
४२११
ग्रंथकार
जैन-साहित्य
रचनाकाल
1
लिपि-काल
1
(१६५० वि०)
१८७८ वि०
भाषा
[१८२७वि०]
राजस्थानी
प्राकृत
"
संस्कृत
१८६६ - वि० राजस्थानी
हिन्दी
"..
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
"
कागव
नया
पुराना
17
""
"1
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
४:
५५: १०||×६ ।।”
८१ : १० || ४ ||"
४० :
२४ :
१० : १० ॥ ४५"
३३:
१० × ४||”
२:
३ :
८ :
८×५"
१०×५ "
६॥ x ६"
११ ॥ ६ ॥ "
३५१
१० x ४ | सिद्धांतसूत्रान्तर्गत
६x४||”
विशेष विवरण
Page #361
--------------------------------------------------------------------------
________________
.
जैन-साहित्य
३५२
| वेष्टन ।
.. संख्या
पंथ
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पुष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
८१ | १९४९ / धर्म-पच्चीसी
। ४१३३
१९०८ वि०, हिन्दी
नया
४:
७४५॥"
८२ | १९४६ | नंदी
४१०७
संस्कृत
पुराना
| ४१:
१०४४"
८३ - १६२१
३९२९
नंदी-सूत्र
२४. ११४४॥"
नमी-राजा
संस्कृ• राज०
२:
१०x४॥"
३६९५
८५ | १९४९
नरकन के दोहा
१९०८ वि० हिन्दी
नया
| ११:
७४५॥"
4. . . . . . . . . . .
नल-दमयंती-कथा
१८८१ वि० राजस्थानी
पुराना
| १९१६ ३८६६
नव-तत्व
संस्कृत
१२:
१०x४॥"
८८ - १९१६
३८७३
नसीत्त-सूत्र
१८०२ वि०
"
।
१०३: १०||४५"
८६
१९१६ | नास्तिक-मत-खंडन ३८७२
५.
११॥४५"
"
१९५२ | नित्यनेम-पूजा ४१४५
| १२:
७४५"
Page #362
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
वेष्टन।
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
९१
१९७५ |
निरवान-पूजा ४२२३
[१८८४ वि०], हिन्दी
पुराना
:
६x४॥"
९२ | १९७५ । निर्वाण-कांड
४२२७
१८८५ वि०
१४:
६x४||"
संस्कृत
७:
६४५"
९३ | १८९४
३७६१
९४ | १६०६ निर्वाणकांड-भाषा
३८११
१७४१वि.
हिन्दी
नया
९५ १८६४
३७६०
ज्ञानसागर
राजस्थानी
९६ / १६३८ | निहाल-बावनी.
३२४२,१]
८: ११X८|" प्रतिलिपि
९७ । १९६७ | नेमिनाथजी को विवाह
४१९८
- १९१० वि०
हिन्दी
"
१९६८ नैमिचंद्रिका ४२०७
महेश पंडित
१७६१वि. १८२६ वि०
पुराना | ११७ : ६४४॥"
नैमिचंद
१७६१वि. १८८८ वि०
"
|२८:
६x६"
४२१६ १९४६ | पंचवरन-कवित्त ४१२७ ।
| १९ ८ वि०
नया
५:
७४५॥"
Page #363
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
३५४
बेष्टन
एवं
रचना
संख्या
-
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१०१
१९२१
पंचारध्यान-वार्तिक
संस्कृत
नया
| १०:
४॥x ३२"
पुकार-पच्चीसी
[१८८८वि०] हिन्दी ! पूर्ण ।
पुराना
६:
९४६
४२१७
१०३ १९३१ पनवणा-सूत्र
प्राकृत
२००: १०x४||"
संयम ?
| १९१७ पाठावली ३८७७
राजस्थानी
१०४५" | महाबीर-चरित
५१९०६ पार्श्वनाथ-स्तोत्र
पद्मनंदी मुनि
१४:
६x४"
६
चिंतामणि
१९०० ३७७८
५:
६॥x ५"
१०७ १६१२ | पार्श्वनाथ-स्तव
३८३७
५.:
५४३॥"
शिवचंद्र मुनि
९:
१०x४॥"
१०८ । १९१६
३८६२
१०९
प्रज्ञापम-सूत्र
प्राकृत
१०४५"
३८३३
११०
। ४२३४ ।
प्रवचनसार-सवैया
१८८४ वि०, हिन्दी । पूर्ण
"
:
६४४॥"
Page #364
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
- | वेष्टन
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
सख्या
"ग्रंथ-संख्या
१११
१६०० ३७८४
प्रणायाम-प्रकरण
शुभचंद्र, श्राचार्य
।
|१६१० वि० सं० हि०
नया | ७८:
६४५"
२
गनदास
।
१८७७ वि० राजस्थानी
१९३२ | बत्तीसी ४०१७
२:
१०x४॥"
१९२० ३६२०
बत्तीसी-इम
।
प्राकृत
पुराना | १८:
६x४"
११४ । १२८३ / बालण-चरित
परशुराम
।
हिन्दी
१३:
६॥४३॥"
"
१९१६ | बालबोध-चयनिका ३८७१
।
९:
११॥४५॥
११६ १९१९ - बासटी
३९०८
।
राजस्थानी
८:
४५॥"
१९३१ / बीस-बोल ४०००
।
१८२२ वि०
संस्कृत
२:
१०४५"
बृहत्कल्प सूत्र
।
१८००वि०
प्राकृत
६३ : १०॥४५"
३८७४
भक्तामर स्तोत्र
।
|१७४६ वि०
संस्कृत
१०. १०x४||"
२८५६
२०
१९९३ ३९०७
१८३० वि०
,
"
।
१०
४४३॥"
Page #365
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
। बंष्टन
- प्रथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१२११६२३ । भक्तामर-स्तोत्र
१८५७ वि०
संस्कृत
पुराना
५८:
४४३"
१६०८ वि०
नया | ३६:
६४ ५"
४१६६
१२३
१६५३
(सटीक)
१६१३ वि० सं० हि०
२३ :
४||
३||"
४१४९
१६१८
१६५१ वि०
संस्कृत
| ४२:
६॥४५"
३८८७
तुंगाचार्य
१६७२ वि०
३७:
४||४३॥"
३८२१
२६ १८९४
३७५७
१३:
७४४॥"
२७
१६०० ३७७४
१२:
६||४६"
८
१९१७ ३८७६
५:
१०x४"
२६ । १६१५
३१५१
१७:
५४३"
१३० १२०६
| ३८१३
Page #366
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
.
बेष्टन
, एवं संख्या
या ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं बाकार
विशेष विवरण
१३१, १९१७ भक्तामर स्तोत्र
पुराना |
७
६x४"
३२ १६१८
३८८८
(सटीक)
४८:
६॥
३"
دور
سے
नया
:
५४३॥"
(सयंत्र)
६६: ८६"
| भक्तामर-स्तोत्र-विधान
| १००
५४५"
AM
मक्तामर स्तोत्र-विधि
तुंगाचार्य
| १६४६ वि० हिन्दी
८:
८-५॥"
३८५६
भूपाल-चौवीसी
जगजीवन
[१९०८वि०]
"
४ः
४५॥"
४०२९
१३८ । १९४८
४१२१
१३६
१६६८ मंगल . ४२०८
१८२६ वि०
पुराना
१२:
६x४॥"
४०
१९७१ ४२१६
रूपचंद
[१८८८वि०
१२:
९४६"
Page #367
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
३५८
। वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
....संख्या
रूपचंद्र
१४१ २०१३ | मंगल पंच-कल्यानक
४२९४
१९२७ वि० हिन्दी
नया
८: ११॥४६॥"
मत्तिनी-कथा
संस्कृत
४:
९४४"
३९३८
१४३ १६१६ महा दंडक
३८५८
१७८१ वि० राजस्थानी
.:
१.४४"
४५:
१०x४॥"
| १९२१ ।
३६२५
३३ :
१०४४॥"
२९२६
महावीर-चरित
१८५६ वि०
२२:
१०||४५"
३९००
|१९०५ ! महीपाल-चरित
३८०२
|१९०२ वि०
प्राकृत
३८२:
९||४५"
राजष्टमी-सूत्र
१८३९ वि०
| २१:
१०४५"
३८८३
रेखता
४९ - १९०७
३८१७
(राजुल)
१८२६ वि० हिन्दी
"
६:
४॥४८"
१८८२ वि.
"
८:
६x४॥"
४२३१
Page #368
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
३५९
- वेष्टन
ग्रंथकार
पूर्ण या अपूर्ण
- एवं ग्रंथ-संख्या
रचना | लिपि-काल | भाषा काल
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१५१ | १९४९ | रेखता
४१२८
१९०८ वि०
हिन्दी ।
पूर्ण
|
नया
| १२:
७४५॥"
रेणादेवी रोचौपई
राजस्थानी
पराना
६:
९॥४४||"
३९०२
लघुदंडक नी कथा
६:
१०x४||"
४००७
'. . . . . . .
लहा-बोल
४:
१०x४॥"
१५४ । १९२१ | लही-बोल
३९४०
१५५ १९६७ वंदना
वंदना
हिन्दी
मया
५:
५४४||"
४२०२
विषयसुअऊणम्
प्राकृत
पुराना
४:
५६ | १६३२
४०२३
१०x४॥"
विनती
जैमलजी
१७१८वि.
राजस्थानी
२:
१०४५"
३९९९
विनयाध्ययन
प्राकृत
१५८ | १९१९
३९०५
१२ः
१०x४॥"
बिरदवार
१८८१ वि० | राजस्थानी
पूर्ण
१:
१०x४॥"
३६२३
. .
विषयसार-स्तोत्र
संस्कृत
"
१३:
७४४॥"
३७५३
Page #369
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
| वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
ग्रंथ
संख्या
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
विषयसार-स्तोत्र
१६१ । १९००
३७८१
धनंजय सूरि
संस्कृत
अपूर्ण
पुराना
| १०:
६॥x४"
वीरस्थ कथा-षष्टम
१८७७ वि० प्राकृत
१०:
१०४५"
३९१६
वैराग्य-शतक
१८४२ वि०
१८:
०४४||"
३८७५
वैराग्य-सूत्र
१८१८ वि०
२०:
१०x४||"
३८५९ -
"
१९१३ वि०
व्यवहार-सूत्र
नया
६:
१०४५"
३८६७
शांतिनाथ-जिनस्तव
राजस्थानी
पुराना
१२:
१०४४।" |
३९०३
१६७ | १९४८ - शांतिनाथ-त्रिमंगीपद
हिन्दी
५:
७४ ||"
१६३१ | शांतिनाथ-स्तवन ४००७
१७४३वि. १७६० वि० | राजस्थानी
२:
१०x४॥"
संस्कृत
१६६ - १९२१ | शिवकुमार-कथा
। ३६३७
शिवशास्त्राधिकार
:
१०४५"
। ३९८४ ।
Page #370
--------------------------------------------------------------------------
________________
जन-साहित्य
वेष्टन .
- संख्या ।
एवं ग्रंथ-सख्या
___ ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
- पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१७१ | १९२१ श्रीजिन-आरती
३९३१
राजस्थानी
पुराना
| ३:
१०x४॥"
१९७१ | श्रीपाल-दर्शन ४२१८
[१८८८वि०] हिन्दी
७५ | श्रीमाल-पच्चीसी ४२२६
१८८४ वि०
९:
६४४||
| सम्यक्त कौमुदी :
धर्मकीर्ति भट्टारक
| १८१५ वि०
संस्कृत
३८००
- १४४ :
९४६"
१७५ - १६६७ ।
४१६३
समाधि-मरण
१६०८ वि० हिन्दी
नया
राजस्थानी
"
१०:
८४६"
१६२६ | सरणा ... ३९८२
सरस्वती स्तोत्र
बल्लभ सूरि
१६५० वि०
संस्कृत
३८१४
११:६x४"
| सलिलद्वार-संमत
|१८७३ वि० हिन्दी
३८६४
पुराना
१०:
१०४५"
७९
१९१८ | सहस्रनाम स्तोत्र ३८८९
संस्कृत
४०:
६x४॥"
। १९०६
४१२४
जिनसेनाचार्य
_ -- [११०२वि० हिन्दी
नया
१८:
४५॥"
४
Page #371
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन-साहित्य
| वेष्टन
क्रम- संख्या
पष्टन एवं
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१८१ १९२३ | सामयिक-स्वीकार
३९४९
प्राकृत
नया
१६:
४.x
॥"
१८२ १६१६ । साल नूं सस
विजयदेव सूरि
१८४९ वि० राजनीति
पुराना
१०: १०x४॥"
१९२१ सिल रो रास
१७:
१०४५"
३९२८
१८४ १९१२ | सिद्धांत-कुंभी
३८३६
|१८५० वि०
८५ :
९४६"
सिद्धांत-सूत्र
१८५८ वि०
संस्कृत
११:
१०x४||"
३८६९
सिद्धांतसूत्र ना बोल
|
-
राजस्थानी अपूर्ण
१०: १०||४५"
४०२२
१८७ ! २०१३ मिट गया
सिद्ध जय-पाला ४२६१
- [१९२७वि० संस्कृत
नया
७: ११॥४६॥"
१८८ | १९४९ । सुवा-बत्तीसी
| १९०७ वि० हिन्दी
१०:
X||"
१९१६ सुबोधिनी-ढाल
राजस्थानी
"
४:
९४४॥'
१६०
१६३२ । ४०१४
| स्फुट दोहा
रायचंद्र
१८५० वि०
पुराना
४:
४४६॥"
Page #372
--------------------------------------------------------------------------
________________
जन-साहित्य
| वेष्टन
क्रमसंख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल __ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१९१ १९६७ स्फुट दोहा-कवित्त
४२०४
अपूर्ण
पुराना
२१:
६॥४५"
१९२
१८२६ वि०
१९६८ | स्फुट पद ४२०६
१०:
६४४||"
१९३ १९६७
४२०३
१०:
६॥४५"
Page #373
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
। वेष्टन !
.
ग्रंथकार
रचना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद - पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
काल
संख्याथ-संख्या
१
.
। ।
. ४५८
४९८
अंबिकाछंद
१८३८ वि०
संस्कृत
पुराना
| ५:
७४४॥"
श्रानंदलहरी
शंकराचार्य
।
९ :
५||४४"
७७
। ८३२
११५९
(सटीक)
।
१६५ : ११४६"टीका०डिडिमराज
. . . .
४
११८९ १७८८
१०:
८||४५"
५ १८८१ | इंद्राक्षी-स्तुति
।
'
१२:
८४४||"
.
उपस्थान-सहस्राक्षरी
।
१८०० वि०
८x४"
.
१०८
-७] २०१२
४२८४
कमलनेत्र-स्तुति
दत्तदास
हिन्दी
|E:
७४५॥"
-८
१६०० ३७८०
करुणाष्टक
।
संस्कृत
नया
२:
६॥४४"
.
६
कालगौरा की आरती
।
१७८
१८५ कालिका-स्तुति
.
संस्कृत
।
३:
. ७४५"
Page #374
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३६५
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
गंथ
लिपि-काल |
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
काल
११
४४३ । काली-स्तुति ४८०
| १६०१ वि० . संस्कृत ।
पूर्ण
नया
:
७४४"
१२ ११२५
१७२४
"
११:
५४४"
१८८
केशवाष्टक
४ः
||४३||"
कृष्ण-भारती
७:
५४३"
कृष्ण-स्तुति
१६:
६॥४४॥"
गणपति-प्रार्थना
८:
६॥४५"
गणेश-अष्टक
हिन्दी
४:
१७ | १९६१
४१०४
॥४४॥"
१८ १८९४ ।
३७४८
गिरिराज-पूजा
गुरु-महिमा
जगन्नाथ
८:
४॥x ६॥" गो० तुलसीदास जी
के शिष्य
१९७०
।
५२६ | गोपालाष्टक
संस्कृत
११:
५४४"
५७०
Page #375
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
| वेष्टन
- ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या ग्रंथ-संख्या
२१ | १९३२ गोपी-स्तुति
संस्कृत
पुराना । ६:
५॥४३"
३७९०
गोविन्दाष्टक
(सटीक)
शंकराचार्य
१८: ८||x४॥"
१४५८
बिल्वमंगल
नया
२०:
६॥४५॥"
२३ । १४५९
२५७६
| १५९८
३०९९
शंकराचार्य
संस्कृत
१५:
१०४६"
२५ | १८७३
३६८१
पुराना ।
२६
१४६० २५७६
६ :
५४ ॥"
२७ - १८२८ । गंगाजी का दूहा
३४६४
हिन्दी
३:
१०४७||"
२८ | १८६८
गंगा-पुष्पांजली
संन्कृत
नया | ६:
६४४"
| गंगा-लहरी ३३०
जगन्नाथ, पंडितराज
पुराना
१३ : ६॥४४॥"
४२२
"
७:
५४३"
Page #376
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३६७
| वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१०७६ / गंगा-लहरी
पद्माकर भट्ट
हिन्दी
पुराना
२०:
८४४"
१६७२
३२ १४५२
२५४३
जगन्नाथ, पंडितराज
संस्कृत
१८:
१०४५"
३३ | १४६०
२५७०
:
७४३"
३४ १४८१
२६६०
२२:
४५॥"
२४:
७||४४"
३५ | १५२७
२८५५
१६: १२॥४८"
३२३०
३७ २९५४ | गंगाशतक
३५५६,६/
जीवनलाल नागर
१९१५ वि. [१९१५ वि०] हिन्दी
नया
। १६:
८४६"
३८ । २९१ गंगाष्टक .
शंकराचार्च
१७७४ वि०
संस्कृत
पुराना
| ४:
८||४४"
३२०
३९
३३८ २५०
१७९२ वि०
"
३:
८४४॥"
४० १३६० ।
|२१६४,८
"
सेनादासी
१८१० वि०
"
५:- १०४६॥"
Page #377
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
| गंगाष्टक
शंकराचार्य
१८२६ वि०
संस्कृत
पुराना
:
५४४"
.३८४८
४२
१२८६ १९०४
१८८१ वि० हिन्दी
४:
८||४||"
४३
९६७ १५५७
, कालिदास
१९२१ वि०
संस्कृत
नया
५:
८४४||"
शंकराचार्य
पुराना
३:
१०४५"
४५
- ६६
७५
४६ |
८६० १२४३
गुलाबसिंह, राव
हिन्दी
नया
:
५४४"
११९० १७८९
शंकराचार्य
संस्कृत
४८ | १५२०
२८२८
बाल्मीकि
पुराना
६ :
४||४३"
४६१५३०
२८८५
शंकराचार्य
५.
९४३"
५०
१८५५ ३४७३
"
८:
५॥x ३।"
Page #378
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३६९
बष्टन ।
कम-
ग्रंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल
भाषा - पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
५१ १९३५ | गंगाष्टक
३८०१
शंकराचार्य
४:
७॥४४॥"
१९६० ३९९३
४:
८४४॥"
५३ | २०१७
६:
॥४३॥"
गंगा-स्तुति
४
८४६"
३६७८
चर्मरावत्यष्ठक
.: श्रीकृष्ण मिश्र
-
१९२३ वि०
"
:
७४५"
-५६
१८७३ - जगन्नाथ-ग्राष्टक ३६७७
| २:
८४६"
५७ १६१६ जन्मवैफल्य-मिरूपणाष्टक
हरिदास
| १८१० वि०
,
पुराना । २१: १३४६॥"
.:..H
५८ १५६४
.३०८०,२
[१८४६वि०
४८:
६x४"
१९१०१८ जन्माष्टक :
शंकराचार्य
१७ :
५४३" |
६०
जयति
१५७६ ३०२२ ।
माधवदास
१४.
९||४४"
४७
Page #379
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३७०
वेष्टन
जाम
संख्या
एवं ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
काल
विशेष विवरण
शंसचार्य
नया | ४:
६x४॥"
४४५
त्रिपुरा-लघुस्तक
पुराना
| २३:
६४३"
६३ १८६२
३७२१
दशमर्म-निरूपच
| १४॥
६॥४५"
६४
१४१८ २३६२
देखी-श्रासपना
नया
७६:
९x४"
१८९२ ३७४२
देवी-बिसम .
स्वरूपसिंह कायस्व
१९९५वि. १६६५ वि० हिन्दी
६॥४८॥"
देवी स्तुति
दास कवि
७४४॥" | कैथी लिपि
३८४५
नव-रत्न
___५॥४३"
नामावली-स्तुति
। ९७८
१५६९
शंकराचार्य
पुराना
६x४"
६६
नारायणाष्टक
नया
१८:
७||
४||"
२१५ २२६
पंचमुखी (हनुमस्वरूचीसी)
रवुमान कवि
पुराना
३८:
६४४||"
४१४८ ।
Page #380
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
७१
७२
७३
७४
७५
७६
७७
७८
७६
८०
वेष्टन
एवं
ग्रन्थ-सख्या
१५७९ परमेश्वराष्टक
३०३४
९४३ पादारविंद शतक
१५२८
१४४७ पीयूष-लहरी
२५२६
२२७ पुष्पांजलि
२३८
७७२
६५४
९८२
१५७७
ग्रंथ
१७२६
३३३३
११२ प्रशस्ति-पंजरिका
११६
९१ बाला चारती ९९
१९५४ | बाला त्रिपुरा- स्तुति
३८३२
ग्रंथकार
रामनाथ
सार्वभौभ, मू
जगन्नाथ, पंडितराज
रामकृष्ण
गोविंद मह
स्तुति-साहित्य
रचनाकाल
I
T
/
लिपि -काल
१९१८ वि०
१८२६ वि०
१८६४ वि०
१९१७ वि०
१९४४ वि०
T
१८९० वि०
I
'
भाषा
हिन्दी
संस्कृत
"
"
"1
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
E
कागद
नया
"
पुराना
नया
"
पुराना
17
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
६६ : ८४६॥”
२२ : १० ॥ ४४ ॥ "
२४ :
122
2:
१२ :
२० :
१६ :
३ :
६×५”
४ :
९x४"
१२६ : ५|| x ५"
७५५॥”
७४४॥ "
६ || x ४ || "
६ ॥ ४४॥"
५×५”
३७१
विशेष विवरण
Page #381
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३७२
वष्टन ।
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
८६० बालाष्टक १२४१
गुलाबसिंह, राव
| १९१८ वि० हिन्दी
नया
४:
१२४ ७॥".
१२
२०१७
शंकराचार्य
संस्कृत
५ :
५॥४३॥"
३९६१
३१४९०
२६९९
बैकुंठनाय-नवरत
बैकुंठनाथ
४६ :
८x"
७०८ ७६४
ब्रज-मंडलाष्टक
८५ १९८८ भक्तिरसामृतसिंधु
३७८७
१०:
६x४॥"
८६ ११८०
१७७६
भक्ति-लहरी
| ३:
५४४"
२१६४,
भक्ति-लीला
माखनदास
१८१० वि० हिन्दी
५:
१० x ६॥"
८८१७१०
३३१२
भगवती-वंदना
संस्कृत
४:
७४५॥"
८९
१५०६
भगवद्भक्ति-रत्नावली (सटीक)
विष्णुपुरी परमहंस
१०८: १२॥४७" | टीका. मोहनदास
२७६४
.
१५६९ ३०१०
१५३१वि. १८४३ वि०
"
११६:
१२४५"
Page #382
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
| वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल. भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार . विशेष विवरण
९१ १८८८. भगवद्भक्ति-रत्नावली (सटीक)
३७३१
विष्णुपुरी परमहंस
१५३१ वि. १८८० वि०
संस्कृत
पुराना
७०: १०॥४६"
१६१६ भजनावली भाग १ | ३९०१
नया
।
१४:
८४४॥"
में..."
भाग २
।
१३ | १९७५
४२३२
३८ : ८॥४६॥"
'. . . . . .
९४
।
१११७ | भवानी-अष्टक १७१६
६:
६॥४४॥"
९५ १९६७ भवानी-पंचरत्न
।
-
संस्कृत
पुराना
| ४:
६४४"
भवानी-स्तुति
।
o हिन्दी
नया
४:
१३४८"
३७५२
"
।
१९३२ | ४०२१
संस्कृत
४.
६॥x४||"
१९४८ | ४१२०
भावनाष्टक
।
"
५.
६x४" |
९९ / २०१२
| ३९३९
भगवत-स्तुति-समुच्चय
जीवनलाल नागर
. . .
| ४५६ :
८४६" | संग्रहकार
१९६७
भैरवाष्टक
शंकराचार्य
१७२८ वि०
पुराना ।
Page #383
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहिस्य
३७४
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
भैरवाष्टक
शंकराचार्य
१९०६ वि०
संस्कृत
नया
६:
५॥४४"
३१७३
२
३७४
मंगलाष्टक
कालिदास
१८७६ वि०
| ८:
५४३॥"
६॥४५॥
२९०
१०४
५३४ | मथुरेश-अटक
गोपीनाथ
१९३७ वि०
||x
"
१०५ १९६५
३८५०
मयूराष्टक
| १६८१ वि०
| ५ :
६४३"
महालक्ष्मी-अष्टक
१६: ६x४||"
३८१६
महालक्ष्मी-स्तुति
३८६०
महावीर-स्तवन
राजस्थानी
२:
१०x४"
४००३
३५७ यंत्रोद्धार-भारती
संस्कृत
५:
५x"
१५९४ यमुनाष्टक ३०८०
बल्लभाचार्य
-- [१८४९वि०]
"
७:
५||४||
Page #384
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३७५
वेष्टन । एवं एवं |
पंथ
संख्या
.
पंचकार .
चना लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१४८६ ।
यमुनाष्टक २६८२
(सटीक)
बल्लभाचार्य
३६:
७४६"
"
४:
८x"
१३
२०१७ ३९५८
९:
५॥४
"
४४८ ४८५
५:
७४५"
५ | १४८९ ।
४:
७४५"
२६९४
१६
रामाष्टक
८६० १२३६
गुलाबसिंह, राव
१२४७"
७
१८४७ ३५५३
१८
२०१२ ४२८५
সৰুকাৰ
| ६:
७४५॥"
३:
५॥४३॥"
१९३१ रामसिय-महिम्म
क्वा
| १८:: १२॥x"
| ३७५8 ।
Page #385
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३७६
| वेष्टन
संख्या
|
एवं
ग्रंथकार
रचना
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१२१
: ८६० १२३७
रुद्राष्टक
गुलाबसिंह, राव
१६२८ वि० हिन्दी
नया
३:
१२४७॥"
लक्ष्मी-आराधना
-
७६०
संस्कृत
लक्ष्मी-स्तुति
रामचंद्र
१९७३ वि०
२३:
६॥x५"
७७९
पुराना
११:
७४४||"
१२५ । १६४३ वक्रतुंडाष्टक
३८१६
व्यासदेव
३:
८४४"
| ५३४ | बलदेवाष्टक
५८०
रघुनाथ, गोस्वामी
'
१०
७४५"
विद्यासहस्राक्षरी
५२
९:
५४३|"
२८
१९३१ ३९९४
विनती .
३:
१०x४||"
१२६
१८९४ । विनय-पद
.
: बिहारी
-
हिन्दी
अपूर्ण
२८:
७४५" गो० तुलसीदास जी
के शिष्य
१३०
१९४६ ४१०४
विनयमाल
दयादास
१९२१ वि०
"
पूर्ण
१२:
४६|"
Page #386
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३७७
| वेष्टन
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
| ग्रंथ-सख्या
नया
४:
४॥x ३॥"
१३१ १८८९ वेंकटेश्वराष्टक ३७१६
शंकर-स्तुति ३६४०
तुलसीदास
६:
७४५"
शंभुस्तुति-शतक
सार्वभौम, मूककवि
पुराना | ३२: ११४४॥"
१५८३
१३४ | १८१८ . ३४१८
शनि-अष्टक
वेदग्यास
१२:
६॥x४"
७४०
शरभाष्टक
१९२५ वि०
नया
१०: ५॥४३॥" |
८३३
शारदाष्टक
गुलाबसिंह, राव
पुराना
४:
१२४७॥"
१२४२
३७ | १९४८
७:
७४५॥"
शिव-भारती
१०:
५४३"
३८१
| १५०८
२७६९
| ११:
७४३"
४० - १९३२
| ३७६२
.
४८
Page #387
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३७८
| वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
कागद
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
१४१
१४२१ | शिव-वंदना २४०५
संस्कृत
नया
२:
८४३||"
१४२ २००६ । शिव-स्तुति.
८:
६४२॥"
४३
१२४३ १८४६
पुराना
शिवाष्टक
१५२० २८२९
शंकराचार्य
१५:
८||४४||"
५
१५२० २८२९
१७.
१०४६”
६ | १८३६ षटपदी
१८४८ वि०
६:
५||४३||"
समुद्र-माधुर्य-लहरी
कृष्णदास
१८५२ वि० हिन्दी
२५६ :
१२४६"
२०९८
१४८
१६२१ । सांब-पंचाशती ३१७९
१८४६ वि० संस्कृत
५६ :
५॥४३॥"
सिदिचक्र-स्तवन
२४:
६x४॥"
३७७३
५०
। १८४७ | सीतागुणबल्ली
३५५६
किशोरीदास
हिन्दी
Page #388
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
| वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
संख्या
कागद
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१५१ | १८५८ सूर्य-पुराण
तुलसीदास
१८६१ वि० हिन्दी
पुराना | १५ :
८॥x५"
२१५६
"
.:
-
| १३५८
२१६०
"
१५३ । १४६३
२७१९
३२:
७||४६"
१५४ १३२४
२०२३
१०:
५४४"
१७:
५४३"
२०४९
१५६ | १७६०
३३६६
३६२७
(८
सूर्य-शतक
९९५ १५९०
(सटीक)
टीका० मयूर भट्ट
१८७४ वि०
"
७३ : १०x४॥"
| सूर्य-स्तुति
--
१८१३वि०
४:
५||x४॥"
२१३१
१६०
१२१ सौंदर्य-लहरी
शंकराचार्य
| --
१८४६ वि० संस्कृत
१२८।
Page #389
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३८०
वेष्टन
एवं
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल क्षाल
__ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंय-संख्या
३१६ सौंदर्य-लहरी
शंकराचार्य
१८४७ वि० संस्कृत
पुराना
| ३८:
८४३॥"
१९१२ वि०
नया - ९३:
५४३॥"
१७६७
१६४४ वि०
५२ : ११॥ x ४।।"
४२५६
४
८३५
(सटीक)
पुराना
३४१ : ९४५॥"
३७:
१.४४||"
२५४५
नया
:
५४३"
४
३३८
(सटीक)
| ५:
८४५॥"
पुराना
६:
८४४॥"
७८२
८५६ १२२८
"
१७०
३.:
९x४"
१४५२ २५४४
Page #390
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३५१
वेष्टन ।
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
१७१ | १६२१ सौंदर्य-लहरी
३१८१
शंकराचार्य
संस्कृत
पुराना । ८६:
६४३||"
स्फुट-पद
नाथूराम
हिन्दी
३१:
८४६||"
३९८०
हि. राज
४२ :
७४५"
४०२६
४५:
७४५"
४०२७
२९६ ३२५
स्फुट-श्लोक
८६६ वि०
संस्कृत ।
पूर्ण
:
६|४५"
७६ १८५५
३५८५
१८१५ वि०
"
| अपूर्ण
३६.
७४४
हनुमत्कुंडलिका
उमापति शर्मा
१८१५ वि० संस्कृत हि०
पूर्ण
७५:
५॥४४॥"
१५७०
| हनुमदुर्ग २८८३
नया
४:
६|४५"
१७६ - १३६० । हनुमान चालिसा
२१६४,२
तुलसीदास
१८१० वि० हिन्दी
"
पुराना ।
७:
१०४६॥"
.
१९५२ | हनुमान-बाहुक ४१४६ ।
-
[१८८५ वि०]
"
६१:
६॥४४॥"
Page #391
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३८२
| वेष्टन
रचनाकाल
ग्रंथकार
लिपि-काल __ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
भाषा | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रन्थ-संख्या
८१ । १९२८ हनुमान-बाहुक
|३९७४
तुलसीदास
१८८७ वि० हिन्दी
पुराना - २७: । ६४५"
. .
१८६४ वि.
| १३५८
२१६५
॥
९॥४५"
.
१६.४ वि०
४५:
१.x
१८३ । १३०२
१९५४
"
४ | १९५२
१६२६ वि०
२५ : . ६४५"
४१४४
१८५
१३११ १९८१
७
७४४"
१८६ | १३०७
१९७१
२५:
७४४॥"
१८७ | १३०७
.
१२:
६||४४"
१८८
१३३२ २०५१ ।
१८६ १३६० | हनुमान-संकट-मोचन
२१६४,४
१८११ वि०
४:
१०४ ६॥"
व..
१६०
तुलसीदास
१३६० । हनुमताष्टक २१६४,३
१८१० वि०
"
८:
१.४६॥"
Page #392
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्तुति-साहित्य
३८३
। वेष्टन ।
एवं ग्रंथ-संख्या
प्रय
म
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१९१
६३४ | हनुमताष्टक
तुलसीदास
संस्कृति
नया
४:
६४३||"
शंकराचार्य
१०:
१९२ १७८१ हरिनाममाला
३३९०
४४३॥"
१९३ १४९१ हरिहरिनाम-महिमा
२७०३
१८३६ वि०
पुराना । ४२: ११॥४५॥"
Page #393
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
| वेष्टन संख्या
एवं ग्रन्थ-संख्या
- ग्रंथ
____ ग्रंथ
ग्रंथकार
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल । भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१
१००८ | अक्षर-शरणी १६०३
चरणदास, स्वामी
.
- [१८८५ वि०] हिन्दी
| अपूर्ण
पुराना
| १३:
९x४"
२
अणभैपद
दादूदयाल
१४३२ २४४६
[१९१२ वि०]
:
नया
३१:
'भ्रमतोड़' भी इस ७IX४" | पोथी का दूसरा
नाम है।
बदलीदास
१९५० वि०
११५:
३१३१८ | अनुभव-प्रकाश
- २००६
८४६"
अनुभव-विलास
रामचरण, स्वामी
पुराना
१५४ : १२॥४६"!
२०८१
| अभयवाणी आदि २८८७
२२४:
३४२"
अमृत उपदेश
१८४४ वि०
१०८: १२॥X६"
२१०६
.७
१२२२ | आत्मबोध १८२२,८
. गोरखनाथ
[१९०७वि०]
नया
| ३: .
६
|"
आत्मानुभव
सुंदरदास
१८१० वि०
पुराना
५:
१०४६॥"
१८९४ | कजरी-पद ३७४९
देवीदास
१९८४ वि०
१० १५९१ | कबीर का ज्ञान
३०७३ ।
कबीरदास
अपूर्ण
पुराना
८१ :
८॥४७"
Page #394
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
वेष्टन
एवं
संख्या
ग्रंथ .
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१७५५ / कबीर-गोरख-गोष्ठी ३३६०
गोरख, कबीर
नया
१४: . ८४५" कैथी लिपि
| कबीर-परमहंस-संवाद ३३४२
कबीर, परमहंस
पुराना
१६४:
७||४५"
कबीर-रैदास-संवाद
कबीर, रैदास
नया
| २७: ८४५॥"
७४५
१५१४ | कबीर-वाणी २७८९
कबीरदास
पुराना
५६: ५||४४॥" साखी, ज्ञान, तिलक
५
१३०१
६०:
७४५"
१९५०
१६ । १५१०।
"
३३ : ८||४६॥"
२७७९
१७ | १९४६ | कबीर साहब की चौतीसी
४१०२
नया
२.:
९ilx६॥"
१८. १३४१ | कवित्त
२०८१
रामचरण, स्वामी
पुराना
४४:
१२४६"
१८३७ | काफिर-बोध
१८३६वि [१८३९ वि०]
"
२:
११४६"
१३४७ कुंडलियाँ
१८४६वि. [१८४६वि०]
"
७६: १२॥४६"
२००४
Page #395
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
२१
२२
२३
२४
२५
२६
२७
२८
२६
३०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१२८३ | गुरुदेव को ग
१६००, ४
१२८९ गुरु महिमा
१९१८
१३०६
१९७०
१३६०
२१६४,१
१८३७
३५१५,८
१२८३ १९००,
१२
१५३१
१८८६
1-1953
13
ग्रंथ
39
१८३७ गुरुशिष्य गोष्टी
३५१५,३
१२२२ |गुरुशिष्य संवाद
१८२२,३
१२२२ | गोरख गणेश-संवाद
१८२२,५
ग्रंथकार
रामचरण, स्वामी
जगन्नाथ
??
माखनदास
रामचरण, स्वामी
""
गोरखनाथ, गणेश
संत-काव्य
रचनाकाल
१८४६ वि.
लिपि-काल
1
१७०८वि. १८८८ वि०
१९०४ वि०
1
|१८४६वि. [१८४६००]
१८४६ वि.
| १८४६वि. [१८४६ वि० ]
[१९०७ वि०]
[१९०७वि०] |
भाषा
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण M
पूरण
कागद
पुराना
नया
पुराना
नया
=
पृष्ठ एवं आकार
२२ : ६ ॥ ४३ ॥ "
११ :
८ :
१३:
२:
८ :
२३:
१ :
१२:
२:
८×४"
६ ।। × ४ || ”
१०x६ ।। "
११।६”
६॥४३॥”
३x२०
११ ॥ ४६ ॥ "
ExvII"
६७।। "
३८६
विशेष विवरण
Page #396
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
३१
३२
३३
३४
३६
३७
वष्टन
एवं
ग्रंथ संख्या
३८.
३९
३५ १२८३
१९००,
४०
१२२२ गोरखबोध
१८२२,८
૨=૪૭
२१०५
१४६०
२५८०
१८.३७ ३५१५,५
१५३१
२८९
१८७३
३६७५
१४८८
२६८७
१८४८.
३५५६
१५१४ २८०३.
चांद्रायण
चिंतामणि
"1
ग्रंथ
ग्रंथकार
गोरखनाथ
रामचरण, स्वाम
कबीरदास
रामचरण, स्वामी
संत॒दाख
संत-काव्य
रचनाकाल
लिपि-काल भाषा
१८४६ वि. १८४६ वि०
|
|[१९०७ वि०]
| १८४६ वि. [१८४६ वि०]
I
१८०३ वि०
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
=
अपूर्ण
11
अपूर्ण
पूर्ण
कागद
नया
पुराना
"
नया
पुराना
"1
पृष्ठ एवं आकार
१५ :
१४ :
२०:
७:
२४:
१०० :
१४:
३६:
५० :
६:
ε X 911"
१२ ।। ६*
६x४"
११ ॥ × ६ ”
६॥४३॥"
३x२”
८५६"
६x४”
४×३":
९×५
३८७
विशेष विवरण
Page #397
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
| वष्टन
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
| पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१५१२ २७८३
चेतावनी
कबीरदास
हिन्दी
पुराना | ६:
९४५"
१९२७ | जाबन-खंड
वा
१११ : ८॥x ६"
४३ १३८१ | जिज्ञासु-बोध
२२३३
रामचरण, स्वामी
१८४६वि. [१८४६ वि०]
६०: १०॥४५||"
४४ | १३४८
२१०७
-
१८४१ वि०॥
१७८: १२x६"
५२: १०||४||"
२२०४
४६ | १३६३ | ज्ञान-चेटक
२२७७
प्रहाद दास
१५२८वि. १९१६ वि०
२२:
८॥x
"
१३७० | ज्ञानदास की अनुभव-वाणी
शानदास
२८: १०||
५||"
२१८६
४८ | १४३५ ।
ज्ञान-मंजरी २४५७
मनोहरदास निरजनी
४३:
९४५॥"
शान-समुद्र
सुंदरदास
१७१०वि. १८३४ वि०
"
"
| ९६:
८४६"
३७०३
५०
१५३३ २८९२
२६:
१२x६"
Page #398
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
३८९
|
वेष्टन एवं
ग्रंथ
अंधकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या पंथ-संख्या
५१ | १३६५
२१७०
ज्ञान-स्वरोदय
चरणदास
१८०५ वि०
पुराना
१४१७ २३७६
१८६०वि०
५८:
५४३"
५३ १४५८
२५७०
१८७६ वि.
२५:
१०x४"
५४ | १७६३
३३६६
१८८८ वि०
६५ :
७४५॥"
५५ । १३९७
२२९०
१९२६ वि०
नया
३२ :
९४४"
५६ | १५९९
|३१००,१
१९५१ वि०
१०:
४||||"
५७ | १२८४
१९०१
| ४८:
१०४५"
५८
१३६१ २१६८
३६ : ९॥x शा"
झूलना
अजवदास
-
[१८१५वि०]
२३ :
५|
४||"
१३२८ । २०४२
रामचरण, स्वामी
५:
११॥४६"
Page #399
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
६१
६२
६३
६४
६५
६६
६७
६८
६६
06
वेष्टन
एवं
'थ-संख्या
.१३२८ २०४२
१८३७
३५१५, २
१३६० २१६४,६
१८३७
३५१२
१२२२
१८२२
१८३७
३५१३
१२२२
१८२२,७
१३६० २१६४,
१५
भूलना
१६५१
४१४३
ठगपारख जिंदपारख
दादू-वाणी
दृष्टांत सागर
१८३७ नाम- प्रताप
३५१५,७
नरवै-बोध
ग्रंथ
निरगुन उपसना को अंग
निरभैज्ञान
ग्रंथकार
रामचरण, स्वामी
दादूदयाल
37
"
रामचरण, स्वामी
गोरखनाथ
रामचरण, स्वामी
सुंदरदास
कबीरदास
संत-काव्य
रचनाकाल
| १८४६ त्रि. [१८४६ वि०]
--
――
लिपि-काल
T
१८१० वि०
-
१६०४ वि०
१८३९ वि. १८३९ वि० ]
१६०७ वि०
१६०७ वि०
| १८४६ वि. [१८४६ वि०]|
१८१० वि०
१२५३ सन्
भाषा
हिन्दी
m
"
"
"
"1
39
"
पूर्ण या अपूर्ण
食
13.
पूरण
अपूरण
11
"1
कागद
पुराना
"
नया
पुराना
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
४ : ११॥x६"
२:
६४ :
१२२ :
१२ : १० ॥ ४५ ॥ "
८० :
१३ :
५ :
११ ।। ४६"
८ :
१० x ६ ॥ "
९४७||”
१२ ।। X ६"
९५७ ।। "
११|| x ६”
१० x ६||”
१५८ : ८४५॥"
३६०
विशेष विवरण
'वचनिका टीका' सहित
Page #400
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
३६१
रचना-
-
एंव
| वेष्टन क्रमसंख्या
ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
| पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
काल
गोरखनाथ
७१ १२२२ | पंच-मात्रा
१८२२,७
| - [१६०७वि०] हिन्दी
नया | ३:
९४७॥"
१२२२.
| पंचेंद्रिय-चरित्र
सुंदरदास
- [१६०७वि०]
"
१७:
९४७॥"
१८२२,
रामचरण, स्वामी
७३, १८३७ पंडित-संवाद
३५१५,१/
१८४६वि. [१८४६वि०]
पुराना
२:
११॥ x ६" |
लक्ष्मीदास दादूपंथी
१९०५ वि०
| २३:
५४ "
७४, १३७६ | पद-गुटका
२२२३ १२८३
परचा को अंग १९००,
- संतदास ।
पुराना
- ३०:
६॥
३॥"
गोरखनाथ
| १९०७ वि०
".
२:
४x७||"
७६ | १२२२ | प्राण-सकली
१८२२,६]
७७ / १२८३ | प्रेम-प्रकास को अंग
संतदास ।
४०:
६|x ३॥"
.
१२२२ १८२२,४
१९०७ वि०
बज्र-सूची
७८
नया
५:
९४७॥"
बालणं-चरित
सीताराम
पुराना
६:
८४६||"
३४७०
बीजक-रमैनी
कबीरदास
| १८९९ वि०
६०२ : १३ ४ १०"
:
Page #401
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
३९२
| वेष्टन
| एंव संख्या
- ग्रंथ-संख्या
अंधकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
८१ १३७० | भक्त-पदारथ
२१६१,१
रामचरण, स्वामी
- .. हिन्दी
अपूर्ण
पुराना
| ६:
१०॥४॥"
भक्तिज्ञान को अंग
सुंदरदास
१८१० वि०
"
३:
१०४६॥"
२१६४,
भक्ति-बोध
उपगारी जसराम
१८३४वि.१८७१ वि०
"
| ५५ :
८४६"
१८७१
भजन
नानकदेव -
| -- १८१. वि.
२१६४,
११: १०४६॥"
८५ १८३७ मन-खंडन
रामचरण, स्वामी
१८४६वि. [१८४६वि०]
"
२:
११॥६x"
८६ १२८३
१६००,६
७:
६॥x३||"
१९५२
मनमोहन दास की बानी
मनमोहनदास
१९०७ वि०
नया
१९१:
५॥४४"
३५७९
माणिकदास के शब्द
माणिकदास
पुराना | २४:
१२x६"
२१७३
२१६४,
माया को अंग
सुंदर, दादू
१८१० वि०
|८ :
१०४६॥"
१३२८ रामचरण की अनुभव-वाणी । २०३५ ।
रामचरण, स्वामी
१८५० वि०
१४२ : १२॥ ४६"
Page #402
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
वष्टन
क्रम-
ग्रंथ
संख्या
| एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
काल
रामचरण, स्वामी
हिन्दी
पुराना
| ४५२: ६॥x ३||"
१२८३ | रामचरण की अनुभववाणी १९०० १२८३
राम-प्रताप १६००,
| ६:
६॥x ३||"
राम-रसायन
९३ | १३४८
२१११
१८५५ वि०
६६: १२॥४६"
९४ | १८३७ | लक्ष्य-अलक्ष्य योगविचार
३५१५,६]
|१८४६वि. [१८४६वि.]
४:
११॥४६"
९५ |
. कबीरदास
| २:
८४६॥"
१८२६ | विज्ञान-स्तोत्र
३४६७ | १३४७ / विश्राम-बोध २१०३
रामचरण, स्वामी
१८५१ वि०
१३८ : १२॥x ६"
रेखता
१९२७वि.
१९४८
"
कबीरदास
नया
| ७६
८४६"
४११३
रामचरण, स्वामी
१८४६ वि०
पुराना
१७: ११॥x ६"
२२२७
अनाथदास
१७: ११४||"
९९ | १३६३ विचार-माला
२१६५
१८९३ वि०
१२ : ११॥४७"
२२७४
Page #403
--------------------------------------------------------------------------
________________
संत-काव्य
३९४
| वेष्टन
क्रमसंख्या
पंथ
ग्रंथकार
रचना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
विशेष विवरण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
ग्रंथ-संख्या
काल
१०१ १४६०
'२५८१
विचार-माला
अनाथदास
| -
हिन्दी
पुराना
२८:
५४३॥"
१०२ १३२३
२०१९
विश्वास-बोध
रामचरण, स्वामी
१८४६ वि०
| १९४: १०४६"
वैराग्य-संदीपनी
तुलसीदास (१)
नया
२४:
४||४३"
३८५१
१२९१ शत-पंचाशिका १९२३
रामचरण, स्वामी
पुराना
९६:
८४४"
उपगारी जसराम
१८७१ वि०
"
"
१०५ १२६२ शब्द
१८६८
४८
४८:
८४६"
गिरवरदास
१९१६ वि०
नया | २:
॥४६॥"
२२७७,१
कबीरदास
१०७ १७५७
३३६२
| २७ :
८४६"
१०८ १८४८
शब्द-गुटका
दादूदयाल
पुराना
१५:
४४३"
१८३७
१०६
शब्द-प्रकाश
रामचरण, स्वामी
१८४६वि.[१८४६वि०मा
"
२:
११४६"
१२८३ ११० । १९००,
। १०
६:
६॥४३॥"
Page #404
--------------------------------------------------------------------------
________________
सत-काव्य
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल ___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
१११ १३७६ | संतवाणी-संग्रह
२२१९
पुराना
| ४४२ :
१०४७"
(दादू, कबीर, नामदेव, रैदास, हरदास, रजब, नानक, जनगोपाल
संतदास १८०६वि. १८३६ वि०
११२ | १३६२ | संतदास की वाणी
२१६२
२६१.
१०४६"
११३ ।
६.३
५४४"
७३८ ८२८
| संत-महिमा
नया
२०। ६४३॥" | कैथी लिपि
सीवन राय
१७९१वि. (१७६१वि०)
पुराना
४७९:
८॥४७"
| १२८० | संत-शरण
१८९५
नया
८२:
६४३॥" | कैथी लिपि
११६ | १७५८ | संताखरी
३३६४
१३७१ । समता निवास २१९४
रामचरण, स्वामी
१८५२वि. [१८५२वि०]
पुराना
| १०२: १२॥४६"
| १८३७ | सवैया
"
१८४६वि. (१८४६ वि०)
२४:
१२x६"
३५१४
१२२२ १८२२,
सुंदरदास
-- [१९०७वि.]
नया
४:
९४७॥"
सहज-प्रकाशिका
सहजो बाई
१२० १५५७
२६६६
१८००वि. १८७६ वि०
पुराना । ६७:
८॥४६॥"
Page #405
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१२१
१२२
१२३
१२४
*१२५
१२६
१२७
१२८
१२३
१३०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ संख्या
१३६० सहजानंद
२१६४,५
१२२२ १८२२,
१२
१३२८
२०४०
१८२८
३४६५
१५३१
२८८६
१३८८
२२६४
१३६० २१६४,
१२
१३७९ २२२६
साखी
१३७०
२१८८
साखी - अंग
ग्रंथ
साखी गुरुदेव का अंग की
सुंदरदास की वाणी
सुख-विलास
१४३२ | सुमिरन कौ अंग
२४४५
ग्रंथकार
सुंदरदास
रामचरण, स्वामी
कबीरदास
रामचरण, स्वामी
दादूदयाल
सुंदरदा
रामचरण, स्वामी
कबीरदास
संतदास
संत-काव्य
रचनाकाल
T
लिपि - काल
[१९०७वि०]|
१८४६ वि. (१८४६ वि० )
T
१८११ वि०
१८१० वि०
१६१२ वि०
1
भाषा
हिन्दी
"
"
.
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
पूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
11
अपूर्ण
कागद
पुराना
"1
नया
पुराना
"1
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
६:
३ :
१०८ : १२ । । x ६”
७४ :
१३ : १० X ७ ||”
१८:
१० X ६ ।। "
२४ :
९४७|| "
२४:
३x२”
१०x६ ॥ "
१३६: १२ ।। x ६"
१०x४" दादू - दोहावली
७|| ४४"
३९६
१४ : १०x४ || "
विशेष विवरण
Page #406
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१३१ १२२२ स्फुट-पद
१८२२,९
१३२ १८९४ ३७४७
१३३ ७३८
८२८, १
१३४
१३५
१३६
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१३७
१३८
१३९
""
१५१४ स्फुट - शब्द
२८०२
१५६६
३१००
स्फुटकर - शब्द
१२६२ | हरिगुरु-स्तोत्र
१८६७,
१२२२ १८२२,
११
"
१२८३ हरिचंद-सत
१९००, १
ग्रंथ
१३६० हरिबोल - चितावनी
२१६४,७
"
ग्रंथकार
सुंदरदास
रामचरण, स्वामी
35
उपगारी जसराम
"
ध्यानदास
सुंदरदास
"
संत-काव्य
रचनाकाल
1
1
I
--
I
लिपि -काल
[१९०७ वि०]
१८५५ वि०
१८७१ वि०
|[१८१० वि०]
[१९०७ वि०]
भाषा
हिन्दी
"
"1
"1
"1
".
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
"
"
पूर्ण
कागद
नया
पुराना
"
नया
17
पुराना
नया
पृष्ठ एवं आकार
४० :
५
६० :
५४:
३ :
८०:
७५:
EX७||”
४ :
६×६”
५x४०
१० : ४ । ४३ । ।”
५|| × ४||”
८४६"
६ ॥ X ३ ।। ”
१० × ६||”
EX७||
३९७
विशेष विवरण
Page #407
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य तुलसीदास
| वेष्टन ।
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
संख्या
ग्रन्थ-संख्या
१
तुलसीदास
कवित्त-रामायण
१८२९ वि०
१०६:९॥४४॥"
हिन्दी
पुराना
१२८१ १८९६
२
१९४४ वि०
नया
| ६१:
९४५"
१४८८ २६८६
३
कवितावली
पुराना
१६:
१२८८ १९१७
७ix ||"
१२८१
छप्पय-रामायण
१६:
६x४॥"
१८९८
नया
१६:
७४४||" | कैथी लिपि
३८४६
जानकी-मंगल
१८३५ वि०
पुराना ।
२५:
७॥
४॥"
१९८४
७
तुलसी-सतसई
७२: ११४५॥"
१३२० २०१३
८
३:
१२४४॥"
१३३८ २०७७
६
१९०७ वि०
१३१८ | दोहावली २००४
नया
६६: १०४ ५॥"
पुराना
६२ :
१०४५"
१० १३९६
। २२८८
Page #408
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
३९९
वेष्टन ।
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
भाषा
रचना- लिपि-काल |
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
ग्रन्थ-संख्या
बारहमासा
तुलसीदास (१)
।
८७३ १२८२
| १६२० वि० हिन्दी
नया
२:
१२४७॥"
बाहुक सर्वांग-परिमोचन
।
पुराना
३२.
६||४४||"
१२ | १३०२
१९५३
।
५:
६॥४४॥"
१३१६ भजन-संग्रह २००१
१४
मोह-मुद्गर
।
१६३६ वि०
२०:
१८८८ ३७१४
९४५"
।
१८५४ वि०
पुराना
३२६:
१५ । १३३९ | राम-गीतावली
२०७८
८४५"
१६
।
१९०८ वि०
नया
२८६ : ९४५"
१२९५ १९३७
रामचरितमानस
।
१८५५ वि०
पुराना
९३४: १०४६"
१९९४
।
१९०६ वि०
नया
२२६: ८४॥" कैथी लिपि
१८ | १७७८
३०८७
१६
।
१९१७ वि.
७२:
८॥४७"
१३८० २२३२
।
१९२६ वि०
९८:
९४७"
Page #409
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
४००.
- वेष्टन
.
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
एवं ग्रंथ-संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
संख्या
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
तुलसीदास
२१ १३५५ | रामचरितमानस
२१४८
हिन्दी
- नया
१४६ : १०४६॥"
| १९२७ वि०
२७३: ११४७" | केवल तीन कांड
१२६६ १६४५
१९२६ वि.
| ८६: १०४७॥"
२३ । ८७३
१२८५
२४
| १९३८ वि.
"
२४:
९४६।।"
१०६२ १६५८
"
२५
१६७
पुराना
| ७२:
१०x४॥"
५१८:११॥४५॥
७८७ ९९८
२७
७८ः १०४६" | कैथी लिपि
८७४ १२८८
२८१०११
३६०: ११४७"
२९ १०७२
| ९४:
८४६"
७०२: १०४६॥"
२१७४
Page #410
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य :तुलसीदास
४०१
| वेष्टन । | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
रचना- लिपि-काल | भाषा
ग्रंथकार
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार
संख्या
विशेष विवरण
तुलसीदास
पुराना
१४:
३१ । १५८० ।। रामचरितमानस
३०४१
८४५"
१२३
७४६"
३२ | १७६२
३३६८
नया
३३४: ८४६॥" | कैथी लिपि
३३ । १७७७
३३८६
३४
१८८४ ३७२१
१३६. ८॥४६"
३५ । १८८७
३७२८
३६ १३२६
२०४६
पुराना
२००१ १२४६॥" | बालकांड
१८५९ वि०
२८८:
८॥४६"
३७ / १२६८
'१६४४
"
.३८
१८८५ वि०
२२:
६४५"
१००८ १६०२
१८६० वि०
३९८ : १०४७" |
"
३६ | १३८६
२२५४
3 वि
"
.
"
नया
६४८ : ९४६॥"
१३६२ २२७३
Page #411
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
४०२
| वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
ग्रंथ-संख्या
लिपि-काल __ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
४१ । १४५१
२५४०
रामचरितमानस
तुलसीदास
पुराना
७६: ९॥४६॥" | बालकांड
४२ | १३४१
२०८६
१२८ : १२४ ६॥"
४३ १३८६
२२५५
अपूर्ण
१९: १०४५॥"
१८२७ वि०
"
४४. १२८२
१८९९
२२६: ६x४॥" | अयोध्याकांड
५
१२७८ १८९०
अपूर्ण
१८८:
॥४५"
१८४: ९॥४४॥"
१३८७ २२६०
१५७४
:
१०४३"
"
१५७६ ३०२४
८४५॥" |
१७६१ वि०
5:
८४६" | अरण्यकांड
४९ १३४३
२०९२
१८२७ वि
१३२९ २०४४
5:
8 || x Ell”
Page #412
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
४०३
क्रमसंख्या
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
.
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
५१ १६५० रामचरितमानस
३२६५
तुलसीदास
१८८१ वि० हिन्दी
८६: १०॥४६" | अरण्यकांड
५२
१३६८ २१८२
१८६० वि०
५१:
८॥
६"
४१: १०||४७"
२०८२
५४ | १३४१
२०८३
६२:
१२४५"
१८४६ वि०
५५ - १६०२
३७६२
३५: ९४६॥" | किष्किंधाकांड
१८६० वि०
२८:
८॥x६"
२१८०
१८६६ वि०
५७ | १२८६
१९०६
५५:
८||
५||"
१८८१ वि०
"
५८ | १३२२
२०२०
| २४:
१०४७"
१८६४ वि०
५६ | १३९५
२२८५
१८:
१.४६॥"
६०
|१८९५ वि०
१२४५ १८४८
४६: ८४५॥"
, " कैथी लिपि
Page #413
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
४०४
वेष्टन
एवं
ग्रंथकार
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
६१ | १३९५ | रामचरितमानस
२२८३
तुलसीदास
१९३१ वि० हिन्दी
नया | ४६: १०४ ५॥" | किष्किंधाकांड,
कैथीलिपि
६२ | १३०५
| २८: ९॥४४॥" | किष्किंधाकांड
८४५"
२०४८
६४ १३५६
२१५३
| १८ :
८४६"
६५ | १४८७
२६८४
१४६ : १.४६॥"
|
"
६६ १९९२
४२५२
. ४२: ७॥४४॥"
६७१४९०
२७००
नया
| २१:
९४४॥" |
१८६० वि०
६८ १३६८
२१८१
| ४८: ८४६" | सुंदरकांड
६६ | १२८६
१९०५
१८६६ वि०
"
| ३६:
८४६"
७० १३८६
| २२५३
-
[१८६६ वि०]
"
|
"
५७:.
८||४५॥"
Page #414
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
४०५
वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागव ।
ग्रंथ-संख्या
विशेष विवरण
पृष्ठ एवं आकार
रामचरितमानस
.
तुलसीदास
१८६९ वि०
पुराना
१४०८
| ७८: ७॥४५॥"
सुंदरकांड,
कैथी लिपि
-
.
७२ । १२४५
१८४९
१८६५ वि०
४४:
८४५॥"
७३ | १३३१
२०५०
१९५.वि.
.
नया
|
९२: ११॥४५॥" | संदरकांड
७४ | १३५६
पुराना
।
८४६"
७५ | १०२७
.
२७:
१०४६" | सुंदरकांड,
कैथी लिपि
.
७६ | १३०१
१९४७
५४३" | सुंदरकांड
.
१३६६ २१८३
१८६१ वि०
०८. ८||४६" | लंकाकांड
.
७८ १३८१
२२३७
१८६२ वि०
४१६ : ९||६||" लंकाकांड,बालकांड
७६
१७४०
.
| १६०६ वि.
नया
| १९४ : १०४६॥"
कैथी लिपि
"
.
| २१५२
पुराना | २१७: ७४५"
Page #415
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
-
४०६
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल ___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद - पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
या
तुलसीदास
८१ १७६२ | रामचरितमानस
३३६८
| २१०:
७४५" | लंकाकांड
२५०: ८||x ६॥"
"कैथी लिपि
८२ १३६४
२२८२
१८३५ वि०
१४८:
८४६" | उत्तरकांड
८३ | १८७८
३७०५
१८६१ वि०
१२८:
८||४६"
२१८४
१८६६ वि०
Exg" |
"
८५ | १८८४
३७२३
६५
७||४५"
", कैथी लिपि
१४०९
.८७ १२७६
१८६३
१८७४ वि०
६x४॥"
८८ | १८८४
३७२४
१९०५ वि०
११९: ९४॥"
८६
१९०६ वि०
१७४६ ३३५१
| १६८: १०॥४६॥"
कैथी लिपि
१०
५:
७॥४४॥"
१३८७ २२५७
Page #416
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रमसंख्या
९१
९२
९३
९४
९५
९६
९७
९८
९९
१००
वष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
६०४ १४१७
१७३९
३३४३
१७४५
३३५०
१३५६
२१५०
१३९३
२२७८
१९३६
४०६९
१२९१ राम-प्रयोग
१९२६
१९९० ४२५०
रामचरितमानस
१३११ १६८८
रामनामी - रामायण
राम-सलाका
रामाज्ञा
३१२ | वंदी - सोचन
३४०
ग्रंथ
"1
ग्रंथकार
तुलसीदास
"1
"1
13
11
"1
रामकाव्य : तुलसीदास
रचनाकाल
|
|
I
T
T
――
1.
-
―
लिपि - काल
|
T
T
'
१९१७ वि०
१८७१ वि०
१८१६ वि०
१८२० वि०
भाषा
हिन्दी
-
2:
"
"
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
-
अपूर्ण
"1
"
46
भाषा
पुराना
"1
"
19
नया
पुराना
"
ת
पृष्ठ एवं आकार
६० : १० ।। ४५ ।। " उत्तरकांड
९१ :
१७८ : ९४६ ||”
४२ :
१६:
५६.
१ :
३४:
७:
१०X५”
२२:
१० X ६ ||”
१०x६॥”
εll xx"
१२ ॥ × १०”
८|X४”
६x४”
६॥×५”
विशेष विवरण
""
कैथी लिपि
४०७
"
Page #417
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
४०८
| वेष्टन
|
एवं
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या ग्रंथ-संख्या
१०१
१३७१ | वंदी-मोचन २१९३
तुलसीदास
| १९६२ वि० | हिन्दी
नया
१८.
७॥४६"
. १०२
१४८७ २६८३
८.
९॥४७"
१८६१ वि.]
॥
१०३ । १३२० | विन-पत्रिका
२०१२
पुराना
१०५:
४४
१८९८ ३७६७
१८८५ वि०
२३४:
lx६|
०५ | १३२३
२०२१
१६.६ वि०
नया
१४८ः
१४४५" |
१०६
८७३ १२७८
१९२० वि०
२४: १२४७॥"
१९२७ वि०
१३६: १३॥x"
२१९८
। १३३७
२०७२
पुराना
| १९२:११॥४५||"
१२६
८॥४६
२२८९
"
११० । ९९६
। १५९०
८६:
११४५
Page #418
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : तुलसीदास
| वेष्टन ।
एवं
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल |
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
विनय-पत्रिका
१११ । १०८२
१६७९
तुलसीदास
२६८: ९x४||"
१२ । १२७७
१८८८
१५९८४४"
१९४४
१४:
९४७"
संकट-मोचन
५.
९x४||"
D
१९२०
१०x४"
सगुण-प्रश्न
३४:
१.४५"
२५७४
१५१५ स्फुट दोहे
१०: ५॥४४॥"
२८०४
Page #419
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्यःअन्य
कम- | वन्दन संख्या एवं
पंथ
ग्रंयकार
लिपि-काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंय-संख्या
१
८२३ ।
अद्भुत-रामायण
१८४३ वि० हिन्दी
पुराना
६६: १०||४||"
२ ।
४०
अध्यात्म-रामायण
१८३२ वि०
२४२ : १२॥४॥"
३
८१०
४८६: १०४५"
1.११०१
४
१८४२ ३५३५
नया
।
५७:
१२४८" | अयोध्याकांड
२३:
१०४७"
११८४
६ ।
९२५ १४८२
पुराना
६२: १२॥४४॥" |
९२५ १४८३
४१: १२॥४५"
८
१४३३ २४४८
| १५:
७४६"
७२:
१०४७"
२८१५
नया | २४:
१२४ ६"
३४२६
Page #420
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाध: अन्य
| वन
ऋम-
प्रय
रचना
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
११ । १८२९ अध्यात्म-रामायण
३४४४
पुराना
४४: १४॥४६||"
१२ १८३०
३४८६
"
२५:
१०४८"
२३:
१३ | १८४२
३५३६
८x६"
१६:
१२x६" |
३७३९
१५ १४८४ |
२६७४
अभ्यास-गमायण
प्रेमरंग (कवि नागर)
नया
| ६८:
५॥४४"
१५५५ । २९५९
ग्राष-रामायण .
१६७३ वि०
संस्कृत
पुराना
| १९८ः १२४७"
| १३:
५४३"
१७ | १८२६
३४४५ | १३५६
२१५४
अवध-अानंद
जगन प्रपत्र
| १९३१ वि०
हिन्दी
नया
। | २५.
८४६"
अवध-विलास
लाल कवि
७६:
१४४६"
२२०५
१९६२ अश्वमेध-पुराण ४१८२
मोहनदास
पुराना
६:
९४६"
Page #421
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : अन्य
४१२
कम-
वष्टन
ग्रंथ
प्रयकार
रचना-
लिपि-काल
काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या. एक
ग्रंथ-संख्या
पुष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
काल
२१ । १८८१ ।
आनंद-रामायण
स्वरूपसिंह कायस्थ
१९२५वि. १९२५ वि० हिन्दी
नया
१४:
८४६॥"
२२ । १९६२
बारामासी
पुराना
८.
६x६"
२३ । १८५५
३५९४
ध्यानमंजरी
अनदास
१८९१ वि०
२४
१३०६
१९०४ वि०
नया
six"
२५ / १२९६
पुराना
६x६"
२६ / १२९६
९४५"
१९४०
२७१२६६
१६४१
६x६"
२८ | १२४९
१८५५
९४४||"
२९ | १४९४
२७२४
५४:
||
४||"
२५: .. ६४५"
४१,०
Page #422
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
३१
३२
३३
३४
३५
३६
३७
३८
३९
४०
वेष्टन
एंव ग्रंथ-संख्या
१६४७ प्रबोध-चंद्रिका
३२६०
१८७६ ३६९१
१२३७ | भरत मिलाप
१८४१
१८६८ भाव - रसामृत
३६६१
१३६० मंगल २१६४,६
मूल-रामायणा १४५३
२५४६
१४१६
२३६७
१४७७
२६४७
54
१३७१ २१९६
ग्रंथ
"?
१८२६ | रघु चरित्र
૨૪:૬
राम-कंठाभरण
ग्रंथकार
बैजल भूपति
1
गुलाबसिंह
भासनदाऊ
बाल्मीकि
"
भगवतदास
रामकाव्य : अन्य
रचनाकाल
I
1
--
-1
लिपि-काल
;
१९०८ वि०
१८०४वि. १६०० वि०
[१९२४वि०]]
१८१० वि०
१९३४ वि०
1
F
१८८९ वि. १९२६ वि०
भाषा
संस्कृत
31
"
"1
"}
हिन्दी
י,
पूर्ण या अपूर्ण
Be
"
"
"
"
अपूर्ण
11
"1
कागद
नया
"1
"1
पुराना
नया
"
"
पुराना
नया
पृष्ठ एवं आकार
६० : & × ५||”
८६:
४४ :
७०३
५:
१९:
१७०
२००
EX७”
६॥५६॥”
७XYH
१०×६॥”
411XX"
९x४"
EXY"
२७ : १० X ७||"
३४ : १० ॥ ४४||"
४१३
विशेष विवरण
ग्रंथकार ने अपने लिए दादू का ( शिष्य लिखा है ।
Page #423
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
ॐॐॐ
४२
४३
**
४५
४६
४७
४८
४९
५०
वष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
६३७
१५२२
१९१४ ३८५०
१८९९
३७६९
१४३३
२४५४
१३०६
१९६८
१३७६
२११६
१२६७ १९४२
१८८९
३७३८
१८६०
३७३६
१८९१ ३७४.
राम- कलेवा
ग्रंथ
रामकलेवा - रहस्य
"1
रामकृष्ण-वर्णन
रामगीतामाला
रामचंद्र की पतल
रामचंद्र - विलास
ग्रंथकार
रामनाथ प्रधान
"
"
सूरि पंडित
क्षेमकरण मिश्र
"1
कुणाल द्विज
नवलसिंह प्रधान
"
रामकाव्य : अन्य
रचना
काल
-
I
----
लिपि -काल
१९३२ वि०
१९७३ वि०
१९०४ वि०
T
I
१८२० वि०
१९८३ वि०
१९८३ वि०
१९८४ वि०
भाषा
हिन्दी
11
ग
संस्कृत
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"
11
"1
कागद
पुराना
नया
"
"1
पुराना
""
नया
"
पृष्ठ एवं आकार
४४ :
१०४ ३ ९४५ ॥ " श्राठ अध्याय तक
५८ :
२४ :
७८ :
६८:
२४३ :
२३२ :
९॥४६॥”
३६० :
८॥ ४७"
१२: ८||५||
८५
Ell x५" देखिए- कृष्ण काव्य में भी
१० ॥ × ५”
४१४
१०४७”
विशेष विवरण
१०४७"
जन्मखंड, यह ग्रंथ १५ खंडों
में समाप्त किया गया है विलास खंड
१० X ७ श्रश्वमेघ खंड
Page #424
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : अन्य
वेष्टन । एवं ग्रंय-संख्या
ग्रंथकार
संख्या
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
५१ | १९०८ रामचंद्र-विलास
३८१९
नवलसिंह प्रधान
१९९७ वि० हिन्दी
नया
२३८: १०५"
आदि खंड
५२ १२६४ | राम-चंद्रिका
१९३४
केशवदास
१८८५ वि०
२०७:
८||४७"
१८८५ ३७२५
१८९६ वि०
३२१:१x६"
१३२४ २०२२
१६०५ वि०
१७३: १.४७
| २८६: ७||x५॥"
११२६
५६ / १०६१
२१८:
७॥x६"
५७ | १८५४
३५८१
२५८ : ६||४४॥"
५८ | १९६४
३६६:
६x६"
४१८७
रामचरित-कथा
नरहरिदास, बारहट
१७००वि. १९२४ वि०
३५१८
| १६० : १२॥ ११" | काकभुशुंडी गरुड़
संवाद।
१८८३ | राम-चरित्र ..
२७४ : ११४४॥"
Page #425
--------------------------------------------------------------------------
________________
कम
संख्या
६१ १२८६ राम-जन्म
१६०७
६२
६३
૬૪
६५
६६
६७
६८
६६
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
७०
१२४५
१८५०
१२३७
१८३९
१७५६
३३६१
२०१२
४२८२
१७१० ३३१४
१६६२
४१८१
१३४१ २०८४
""
१३७९ | राम-तैंतीसी
२२२८
८०८ १०९४
19
;"
रामजी का बारहमासा
ग्रंथ
राम-पद्य दशक
राम - रत्नावली
रामरहस्य-काव्य
राम - विनोद
ग्रंथकार
सूरजदास
35
35
36
सूरदास (?)
रामगुलाम
महेश्वर भट्ट
भगवतदास
रामचंद्र दैवश
रामकाव्य : अन्य
रचनाकाल
T
1
।
1
T
T
लिपि-काल
१८६६ वि०
१८९५ वि०
१९१३ वि०.
१८८३ वि०
1
T
१८२० वि०
भाषा
हिन्दी
17
"1
=
संस्कृत
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
E
अपूर्ण
E
अपूर्ण
संस्कृत अपूण
कागद
पुराना
44
नया
17
पुराना
""
"
"1
पृष्ठ एवं आकार
88:
१७:
८५ :
१०:
६७:
६:
२:
१३:
८|| ५ ||"
३३:
८४५।। "
७५५"
६॥ X ६|| "कैथी लिपि
७५५||
६॥ X ४ ।। ”
९X७"
९४६"
१०४ : १० ॥ ४४ ॥ "
१० X ४ । । "
४१६
विशेष विवरण
१ चत्र
Page #426
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : अन्य
४१७
| वेष्टन |
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
७१ | २९५४ | राम-शतपदी
जीवनलाल नागर
| १६१५ वि०
नया | २४:
८४६"
७२
१८३६ ।। राम-सागर ३५०९
देवनारायण पांडेय
| ५७:
१३४८"
रामसीता-द्वात्रिंशिका
जगन पुहकरना
३५०१
१२ः ११४८॥" | मूलप्रति-अभय जैन
ग्रंथालय, बीकानेर २५ ७४४"
राम-हृदय
(सटीक)
१३१२ । १९९०
७५ | १४२८ ! रामायण
२४३३
जीवनलाल नागर
१८९६वि. १८९६ वि०
७३: १०४६॥"
नवलकिशोर
७६ / १८८१
३७१२
१८८०वि. [१८८०वि०
१०६: १७४७" | बाल्मीकि रामायण
का भाषानुवाद
रामनागर
७७, १६४८
३२६३
-- | १८६६ वि०
"
८०
६॥४६"
वाल्मीकि
७८ १५५०
२६३६
१७१७ वि०
संस्कृत
१२७: ११४५" | बाल कांड
७९ | १५५३
२९४९
१८८२ वि०
"
अपूर्ण
२१६ : ११|| ४ ||"
८५७ १२३०
१५५ : १२॥४५॥"
Page #427
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य: अन्य
४१८
| वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
८१
११४६ | रामायण
बाल्मीकि
| अपूर्ण
८८: १०॥x४" | अयोध्या कांड
१७४५
१६४ : १४||४७" |
९४१
८३ | १८२५
३४३७
२३: १२४६॥"
८४१८२७
३४५६
३६ :
१२x६"
८५ - १८२७
३४५७
१२४६"
८६ । १८३१
३४४६
६x४"
१२४५"
३५२१
८८ १८३९
३५२७
१८९: १२४५"
८९ १८९४
३७२४
१४:
७४४"
..
१८२५ | रामायण-उत्तरकांड-व्याख्या
व्याख्या० नारायण 'सर्वश'
१६६५ वि०
६३: १०॥४५॥"
Page #428
--------------------------------------------------------------------------
________________
रामकाव्य : अन्य
४१६
वेष्ठन
एवं
ग्रंथ
प्रंयकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंथ-संख्या
मधुसूदनदास
१२५६ / रामाश्वमेध १८६१
पूर्ण
। पुराना | ५६ : १०॥४७॥"
१८९६ ३७६४
मोहनदास
१९२४ वि० हिन्दी
नया | ४६०: १०४७"
सेनादासी
|
-
१८१०
पुराना
९
१०४६॥"
रेखता २१६४
१० १४१४ | विचित्र-रामायण २३६५
केशवानंद
१९००ई० १९००
नया
२००: १३||४९" | अयोध्या कांड
अवध उपाध्याय
१९३१ वि. १९३१ वि०
१३२: १३४८॥"
१८३७ । संक्षिप्त-रामायण ३५१६
मुसिद्धांतोत्तम-रामखंड
रुद्रप्रतापसिंह
१००५ : १२४७"
२०७१
१३८८ २२६३
। पुराना
१४७ : १० x ६॥"
६८
१८२८
२४४: ११४७" | कैथी लिपि
सूर-रामायण
सूरदास
७८:
१०४७"
२२०२
Page #429
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
। वेष्टन
संख्या
एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
|लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रन्थ-संख्या
काल
१ | १६५४ अंतःकरण प्रबोध-टीका
३२८०
बल्लभाचार्य
- १८३८ वि० हिन्दी
- अपूर्ण ।
६२: ८॥४५॥" | गद्य काव्य
१५४५ २९२७
अन्नकूट के पद
अष्टछाप के कवि
१६०: ९४५॥"
इकतालीस शिक्षापत्र
हरिराय
"
| ११४ : १०४७"
४१५९
४ । १४५५
२५५५
उत्सव के पद
अष्टछाप के कवि
१७४२ वि०
१००:११||४१."
५ | १५०३
२७५८
१७५९ वि०
३५२:
८४४"
६
१५८७ ३०५९
कृष्णदास, गोस्वामी
११२: ६॥४५"
अष्टछाप के कवि
७:
९॥४५||"
१९१० ३८२३ १३६१ | अोधबनी २२७१
गोवर्धनराय
२८:
६॥४४॥"
१३२१ ऊषा २०१५
कुंजदास
१८३१ वि.
१०:
६:५॥"
१०
८१४ कवित्त
अपूर्ण । पुराना | १७४ : ६४५॥"
Page #430
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य .
४२१
। वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद - पृष्ठ एवं आकार
संख्या
विशेष विवरण
कीर्तन के पद
अष्टछाप के कवि
अपूर्ण
नया
१४२५ २४१७
४००
६४५॥"
१२
१४९६ २७३६
पुराना
४४० : ७॥४४॥"
६२:
७४४"
३२०२
१४८:
६४५"
१४ । १६४३
३२५५
कृष्णकर्णामृत
४६ :
१०४३"
२८५७
नंददास, चतुर्भुजदास आदि | -
२३:
४||
१६ १५७५- कृष्ण बाल-वर्णन
३०२१
४||"
कृष्ण-चंद्रिका
गुमान कवि
४३६ : ८४६॥"
१७ १३७४
२२०६
कृष्ण-चरित (प्रथम भाग)
बद्रीनारायण चौधरी
नया
४८:
७||४६" | मूल प्रति
२२६८
१६
(द्वितीय भाग)
११:
७॥४६||"
१३९० २२६९
जीवनराम नागर
१८८६वि.[१८८६
पुराना
२० - १५४७
२६३१
| ५३६ : १२४५॥" | ब्रह्मवैवर्त पुराणा
न्तर्गत
Page #431
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४२२
| वेष्टन
ग्रंथकार
रचनाकाल
| लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंन्थ-संख्या
कृष्ण-चरित
२१ । १५४४
२९२६
जीवनराम नागर
१८८६वि.
-
हिन्दी
पुराना
६९२ : ११४५॥" | ब्रह्मवैवर्त पुराणा
न्तर्गत
गुलाबसिंह, राव
१९५०वि. [१९५० वि०]
२२ । १६२२
३१८२
"
नया
|
३९४. ११४७"
२३
(कृष्ण खंड)
१६०२ ३१०८
-
जीवनराम नागर
१८८६वि. १९२५ वि०
२४२: १३४८"
२७२: १३४८"
२४ | १६०७
३१०९
(द्वारिका खंड)
२५ - १६२२
३१८२
गुलाबसिंह, राव
४४०: १०४५"
"
"
२६ । १६२२
३१८४
(मथुरा खंड)
८६:
९४५"
कृष्णजन्मोत्सव-बधाई
मूलचंद्र
१८५० वि०
पुराना
४५२ : ७॥४५॥"
२८४७
२८ । १३१९
२००९
सूर, नद, तुलसी, हिवहरिवंश अादि
१८: १०॥४६॥"
२६ १४७४
२६३८
३८५ :
८४७"
"
| ३६२:
८४६||"
.३० १६३३
३२३२
Page #432
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४२३
वेष्टन एवं
संख्या
।
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंप-संख्या
.
३१ | १३०६ | कृष्णदास को मंगल
कृष्णदास
हिन्दी
पुराना
६॥४५॥
.
३२, १४५० कृष्ण परीक्षा
२५३७,२]
"
२७:
८४६" |
. ३३ १३५९, कृष्ण-भक्ति
२१२६
१८१३ वि०
४:
५॥४४||"
.
१५३९ कृष्ण रुक्मिणी-मंगल २९१४
१८२६ वि०
"
२०४: ८||४७"
कृष्णलीला-चरित
जगतनंदन
१९३० वि०
"
नया
नपा
।
२०:
९४५॥"
२८७७
३६
१४६८ २६२४
कृष्णलीला-वर्णन
.
पुराना
२९८
९४६"
१४८८ २६८९
कृष्णामृत .
लीलांशुक
१९५१ वि०
संस्कृत
नया
१८:
६४५"
.
गाने के पद
अष्टछाप के कवि
हिन्दी
अपूर्ण
पुराना
४४८: ८॥४५॥"
२९२८
३६
१६५६ ३२८८
२१७ : १०x४"
७०८ | गीत-गोविंद ७६८
जयदेव
.
८०० वि०
संस्कृत
.
| ३८:
८४६"
Page #433
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४२४
| वेष्टन
एवं
.. ग्रंथ
संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
गीत-गोविन्द
जयदेव
१८१३ वि०
संस्कृत
पुराना | २७:
६४५"
२८४५
४२
१४३७ २४६४
--
१८१५ वि०
| ८१:
९४५"
१८३१ वि०
९: १२||४||"
२६६०
८७३ १२७६
१९२०वि०
२१:
१२४७॥"
१८३० ३४८७
१९२८ वि०
४२ :
७४६"
४६, १४८८
२६८५
३१:
९४५"
४७ १७३४
३३३८
४२:
१०x४"
४८ - १८२८
(सटीक)
४३ :
११४७॥"
:
७४"
२६५
९४६"
Page #434
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४२५
वेष्टन
संख्या
अंधकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद ,
पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
७०८ | गीत-गोविंद
जयदेव
अपूर्ण
पुराना | १८:
८४६"
"
५२
१०६:१३॥४५॥"
८८८ १३५०
५३
९२२
"
।
९५: ११४५॥"
१४७६
. . . .
२८: १०॥x४"
५४ | १४८३
२६७३
५५ | १८८०
३७०६
४७: १०॥४५॥"
"
५६
मोहनकवि
१३७१ २१६५
१२४७"
५७ | १८६७
३६५१
४.
१२४७"
५८
गेंद-लीला
प्रेमदास
१३४२ २०८७
१८३५वि. १६४२ वि०
नया
४४ः
४५॥"
. . . .
५६ १९६१
पुराना
५५:
६॥
५"
६०
१४५५ २५५२
गोकुलनाथ जी के वचनामृत
गोकुलनाथ
नया | ११९: ८|४६"
Page #435
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
| वेष्टन
संख्या
ग्रंथकार
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
गोकलनाथ जी के वाचनामृत
गोकुलनाथ
पूर्ण
।
नया
७३:
८४६"
१९९८
६२ १०२६
१६२१
गोपी-उद्धव-संवाद
रसिक कवि .
३० :
९॥४६॥"
६३ २९५४ | गोपी-गीत
३५५६,२
जीवनराम नागर
१९१५वि. १९१५ वि०
४:
८४४".
६x४"
६४ | १३६६ गोपी-विरह-वर्णन
२२६५ ६५ - १४३४ | गोसाईजी की जन्मोत्सव वधाई |
२४५५
.
अष्टछाप के कवि
२१४॥ ८४५॥"
६६ - १३०८
१९८०
चरितसुधा (कृष्ण चरित)
क्षेमकरण
-
१२८४ साल
७०७
१०४५"
चौरासीपद
हितहरिवंश
१६:
७||४४॥"
२१६०
६८१०२१ । दधि-लीला
१६१६
करताराम
२९६४"
दान-लीला
१२६९ सन्
३८:
८४६||"
१६५९
.७०
१२८३ १९०९ ।
हर्षजी
१८६६ वि०
१३ : ८||
५||" कैथी लिपि
Page #436
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
७१
७२
७३
2
७४
७५
७६
७७
७८
७६
८०
1 वष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
१३६० दान-लीला
२१६१
१६५२
४१४७
१२३७
१८४२
१३६०
२१६२
१०२५
१६२०
१६०८
३११२
37
"
१६२२
३६४५
१३०६ | दूसरा- मंगल '
१९६४
१३६३ देव चरित
२१६६
ग्रंथ
द्वारिका अष्टयाम
१५६८ नरसी मेहताने हारमाला
३०६७
ग्रंथकार
ध्यानदास
I
कृष्णदास
रामदास, स्वामी
प्रेमदास
हरिदास, स्वामी
देव, महाकवि
गंगाधर व्यास
नरसी मेहता
कृष्ण-काव्य
रचनाकाल
――
I
1
T
T
लिपि-काल
१८७८ वि०
|[१८८५ वि०]
[१९२४वि०]
१६६६ वि०
I
भाषा
हिन्दी
"
| १७५२वि. १९२१ वि० गुजराती
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
,
अपूरण
E
कागद
पुराना
नया
पुराना
"
नया
पृष्ठ एवं आकार
६ :
१५ :
१८:
९ :
१२:
१२:
२:
३६ :
३६:
९४ :
८|५||
६ ।। × ४||”
६|| x ६|| "
१०x४"
५ × ४ ।। "
६|| x ३|| "
६|| × ५”
१३ ॥ × ८"
१३ ॥ ४८"
311 X €"
४२७
विशेष विवरण
प्रतिलिपि
Page #437
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
८१
८२
८३
८४
८५
८६
८७
८८
८६
६०
वेदन
एवं
ग्रंथ-संख्या
१३५३
२१४१
१३०६
१९६५
७७६
६६६
७४७
८४१
१५७२
३०११
११५१ १७५०
१३४३
२०६०
१३८७
२२६१
१५४२
२६२१
१६२० ३१७०
नवलदास की वाणी
नाममाला
नारायण-लीला
11
ग्रंथ
निरोध-लक्षण
पद-संग्रह
"
"
ग्रंथकार
नबलदास
हरिदास, स्वामी
कृष्णलाल
माधवदास
"1
बल्लभाचार्य
अष्टछाप के कवि
सूर, रूपचंद, परमानंद, मीरा श्रादि
हरिदास, बिहारीदास, बिट्ठलदास,
कृष्ण-काव्य
रचनाकाल
---
―――
——
लिपि -काल
१८७२ वि०
१८१२ वि०
१८८७ वि०
भाषा
हिन्दी
"
"9
पूर्ण या अपूर्ण
"
"3
"
अपूर्ण
"1
11
"1
कागद
पुराना
"9
"
""
""
पृष्ठ एवं आकार
४ :
२
६३ :
१०८ :
५६ :
८४ :
१०२
१० x ७"
६।×५"
१८४ :
८५
६ x ३ || "
६x४।।”
१२५५"
११×५ "
१९६ ११x६”
१४४ : ५ || ४४॥"
६॥ × ६"
४२८
विशेष विवरण
Page #438
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४२९
बेष्टन
काम
. ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण | कागद |
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण -
ग्रंथ-संख्या
९१ । १५२६ | पद्मनाथदास जी के कीर्तन
२८६६
अपूर्ण
पुराना । ३६: ६॥४५॥"
ध्रुवदास
नया
९२ | १३२८ | पद्यावली
२०३९
३०: १०॥४६॥"
प्रतीत-परीक्षा
पुराना
| १९
८४६"
२५३७
"
पुष्टिप्रवाह मर्यादा
९४ | १४६७
२६२१
बल्लभाचार्य ।
-
१८३५ वि०
संस्कृत
३:
१०॥४६"
प्रेमदीपिका
अक्षर अनन्य
५६:
८॥४६"
२१४३
प्रेमरतन
रतन कवि
५२:
| १३०८
१९७६
१kx४||"
१७ / १४२८ फागुन-विनोद
२४२६
९२:
८॥४५॥"
१८ १९१७ / बंशी-महिमा
३८७६
८.
९x४"
९९ १३८४ | बंशी-वर्णन
२२४८
(मलूकदास के शिष्य)
४२:
७॥x४||"
१६४६ / बल्लभ-पंचानन 1 ३२५८
बल्लभाचार्य
३०८:
८॥४५"
Page #439
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३०
वेष्टन
एवं
ग्रंथकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
भाषा | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
ग्रंथ-संख्या
हिन्दी
१०१ | १३३७ ब्रज-लीला
२०६८
पुराना | ६:
१०४६॥"
ब्रज-विलास
ब्रजवासीदास
१८०९वि. १९०४ वि०
४३०. ९४६॥"
४२४७
८४:
१०x४"
| १०५८
२० १०॥४७॥"
८३: १२॥४६"
१९३२
०६
१९३२ । ब्रजागमन-लीला ३९४७
गंगाधर व्यास
१६३०वि. १९६७ वि०
"
१८: १३४८॥"
भगवानदास
-
--
१९३१ वि.
"
| बृन्दावन-खंड ३२४२
३०९: १०||४७"
बृन्दावन-सत
रामनाथ (राम विलास)
१८२४ व.
-
पुराना
५:
६x४"
२२९८
ध्रुवदास
-
[१८७२वि०]
" .
२१४२
१८२०
हितहरिवंश
४४:
||
४||"
Page #440
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३१
वेष्टन
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंय-संख्या
१११. १९९३ | भजन-पदावली
४२५३
रघुराजसिंह, महाराज
नया
। २६:
१२४ ६॥"
भावना-विलास
हरिराय
पुराना
४७: ६४५॥"
३२३५
११३ १०२८
भाषा-भक्त-चंद्रिका
विश्वनाथसिंह
१६०५ वि०
॥
नया
१३९: ९४६॥"
भीमदेव-संग्रह
अष्टछाप के कवि
पुराना
२७१ : १२ x ५॥
२१४६
भूषण-चेतावनी
पद्माकर भट्ट
७: - ५॥४४||"
-
नंददास
-
१९०६ वि०
नया
|
| भ्रमर-गीत २६१२
३८:
६||४४"
११७
प्रागनि कवि
१२५२ सन्
पुराना
.१३४८"
१३७४ २२०७
१८
११८१ साल
नया
८: ६x४"
१९०७ ३८१९
१९२५ वि०
३६:
११४४||"
१९०९ ३७४७
१९३३ वि०
१२८५ १९०३
५२: १०४ ३॥"
Page #441
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३९
वेष्टन
ग्रंथकार
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल |
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
संख्या
| पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
.
२१ । १३५१ भ्रमरगीत
२१३०
मुकुंददास (जन मुकुंद)
१८१३ वि.
पुराना
| ३२:
||४||"
१०२
९४६"
१३३६ २०६३
:
२३ १५८७
३०५८
१४:
७||४५"
१८९४ वि०
संस्कृत
१२४ । १५९४
३०८०,१/
५०
६४४* भगवत में वर्णित
१५५६ | मलार के पद २९६१
अष्टछाप के कवि
१८८८ वि० हिन्दी
१५४ :
८४६"
१६३६ ३२३७
८१:
६॥४४॥"
.
१५४५
मेहतानी फाग
नरसी मेहता
मारवाड़ी
१:
८||४६॥"
२९२९
१४८६ २६७७
यमुनाजी के पद
अष्टछाप के कवि
हिन्दी
२०:
७४६"
२६
१२६४ १६३५
युगल-ध्यान
::
७४४॥"
१३० । ७०८ | रस-मुक्तावली
| ७६६ ।
रसिक अनन्य
a.
२०:
८४६"
Page #442
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३३
क्रम- । वेष्टन ।
| वेष्टन ।
| एवं | ग्रंथ-संख्या
.
ग्रंथ
संख्या
'अंधकार
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
काल
विशेष विवरण
१३१ | १८२८ | रस-विलास ..
३४६१ ।
हरिदास
हिन्दी
पुराना । ५:
११४७॥"
७०८ | राधाकृष्ण-लीला ७६७
१८.
. ८४६"
३३ | १०६७ | राधा-विनोद
१६६३
रामचंद्र कवि
३३:
१०४३॥
राम-कृष्ण-वर्सन ...
सूरि पंडित
१९०४ वि०
२४५४
२४: ९४५" देखिए-रामकाव्य
में भी;
१३२५
३५
रास-पंचाध्यायी
नंददास
-
१८८६ वि.
हिन्दी
"
Elixo"
२५
५८:
x ४" |
-
१५५
२८४२
८२: ६॥४४॥"
३२३८
जीवनराम नागर
नया
४२ :
८४६"
१३९ / २६५४ . " ....
|३५५६,१ १४० | १३४४ | रास में गयबे की साखी
२०९७
२४:
४५॥
Page #443
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३४
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
सख्या
ग्रंथकार
रचना-लिपि-काल
__भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
काल
१४१ | १३५३ | ललितमोहिनीदास की वाणी
ललितमोहिनीदास
[१८७२ वि०]] हिन्दी
पुराना
| ३:
१०४७"
१४२, १३५३ | ललितामृत
२१३८
रसिक अनन्य
| १८७२ वि०
१५:
१०४७"
१३५२ | व्यास-वाणी
व्यासदास
१९६३ वि०
नया
।
२०१ः १०४७" |
१३५३ ।
१८९६ वि०
३००:
८||४६"
२१३४
५ १३५३ | व्यास के साधारण पद
२१३९
१८७२ वि०
पुराना
७२:
१०४७"
विठ्ठल जन्मोत्सवबधाई
अष्टछाप के कवि .
१७४:
८॥४६"
.
३२६८
१५२४ | विठ्ठल-वाणी २८४८
विठ्ठलदास
१८१३ वि०
६४५"
८. १३०६
१८ः
||४५"
४६
१६१८ ३१६०
विद्यापति पद-संग्रह
संग्र.चंद्रशेखर अोझा
नया
| २४० : १३४८॥"
१५० १३१७ विष्णुपद
मोहनकवि
| १८०२ वि०
पुराना | १०६ : ८४५॥"
२०३३
Page #444
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल | भाषा काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
१५१ । १९१९ । वैदर्भीचौपाई
राजस्थानी
१४: ११४४॥" रुक्मिणी परिणय
१७:
१०x४"
३८९५
शिक्षापत्र
हरिराय ।
हिन्दी,संस्कृत
४३० : १२४७॥"
३२३१
गिरिधरजी महाराज
१०: ७||४५॥"
५४ | १२९२ श्रीजी के अंग
१९२९
१२ श्रीजी के दर्शन १६२६,१|
| १६ : ७॥४५॥"
१५६
१६१९ / संप्रदाय-प्रदीप
१८८३ वि० ।"
५६:
१२४७"
१५७१६५४ संबाद
३२७९
गुसांईजी, दामोदरदासजी
१०८ : ८||x ॥"
सनेह-लीला
जनमोहन
| १८२७ वि०
३०:
५८ | १२७९
१८९१
६x४॥
५६ १२४७
१८५३
मोहनदास
२७:
६x४".
हिन्दी
| १२:
७॥४४"
| २०७६
Page #445
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
१६१
१६२
१६३
१६४
१६५
१६६
१६७
१६८
१६६
१७०
वष्टन
एव
ग्रंथ-संख्या
१५१५
२८०५
१४६३
२७२१
१८४९
३५६३
१८६५ ३७६३
१३४२ २०८९
१८८० ३७०८
१३५३
२१३५
१३२६
२०२९
१२६१
१८६६
१३८८ २२६२
सनेह-लीला
सनेह-सागर
3
सिंद्धांतसार
सुदामा चरित
"
ग्रंथ
ग्रंथकार
रसिकराय !
हरिराय !
1
हंशराज बख्शी
14
नवलसिंह प्रधान
हरिदास स्वामी
नारोत्तमदास
"1
कृष्ण-काव्य
रचनाकाल
1
1
T
1
लिपि - काल
1
1
१८७५वि. १९१३ वि०
१८४४ वि०
१९४२ वि०
|[१८७२ वि०]
१८९७ वि०
1
1
भाषा
हिन्दी
पूर्ण या अपूर्ण
पूर्ण
"E
अपूर्ण
पूर्ण
2
कागद
नया
पुराना
"1
नया
पुराना
पृष्ठ एवं आकार
२०
२४ :
२३ :
३०५ :
२९० :
४३ :
४८ :
२४:
२०:
५||४||
९४५॥"
५|| x ४||"
९४५।।”
९४५॥”
१०४५ || "
१०४७"
६।। ४५||"
६×५॥”
२६ : १०॥४६॥”
४३६
विशेष विवरण
Page #446
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३७
क्रमसंख्या
वेष्टन 1. एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना- लिपि-काल
भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद
पृष्ठ एवं आकार ।
विशेष विवरण
काल
१७१
१३०९ / सुंदर-सिंगार १९८३
महाराजा कविराज (१)
१७६५ वि० हिन्दी ।
| अपूर्ण
पुराना
६८:
७४५॥"
१९५९ / सूरदास के पद ४१६४
सूरदास
१९३२ वि०
नया
| ९:
९ix"
४५:
७४६"
१७३ । १५१०
२७७६
पुराना
६०:
५४४॥"
१७५
सूरसागर
५। १३८७
२२५९
वि०
१०६: ७IX४||"
१७६
१३४७ २१०२
| १८५०वि०
२१२: १२४४॥"
१७७।१३७५
१४:
६x४||"
२२०२
१७८
१४९९
२६०:
८॥४५"
२७४४
१७९
सेवक-वाणी
सेबक कवि
-
१८१३ वि०
१०२:. ६४५"
२०५५
१८०
सेवापद
१९१० ३८२४
सूरदास
८:
६४५॥"
Page #447
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३८
1 वेष्टन . एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
चना | लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
काल
१८१ १३८४ स्फुट कवित्त
२२४७
सूर, मुकुंद आदि
-
१८३९ वि० हिन्दी
अपूर्ण
पुराना
११२:५४४॥"
।१४३३ २४५३
अष्टछाप के कवि
३७६: ११॥४७"
१८३
१४५५ २५५४
३८:
८॥x ६॥"
१८४
१४५५ २५५७
१८० : १०४६"
१८५
१५३९ २६१२
१२९:
८४६"
१८६ १६५१
३२६७
७६: ८४७"
१८७ १८२९
३४६८
२८:
८४६॥"
१८८१५७५ | स्वरूप-निर्णय
३०१९
बिट्ठलनाथ ।
८४५॥"
१८१६१९
३१६२
स्वरूप-सिद्धांत
बल्लभाचार्य, कुंभनदास आदि
२०: १४x७॥"
१६० . ९२१ हरि-चरणामृत
जयसिंह, महाराज
नया
१६.
१२४६"
। १४७०
Page #448
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृष्ण-काव्य
४३९
C
| वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
हरिदास,
हिन्दी
पूर्ण
पुराना
१३०६ हरिदास की वाणी : १९६६
६६ :
६४५"
हरिदास जी को मंगल
९२ १३५३
२१४०
कृष्णदास 'राजा'
[१८७२ वि.]
हरिबधाई
सूरदास
|
नया
| १९ :
१०४५"
३८३६.
होली धमार
५८:
८||x
"
२४२७
"
॥
। होली पदावली २३३९ ।
२३:
७४५" |
Page #449
--------------------------------------------------------------------------
________________
इतिहास रचना- लिपि-काल
| वेष्टन ।
ग्रंचकार
भाषा पूर्ण या अपूर्ण कागद | पृष्ठ एवं माकार । विशेष विवरण
संख्या
पन्ध-संख्या
१६४० । प्राग्लस्थान के बादशाह की
संक्षिप्त वंशावली
जीवनराम नागर
... -- [१६०० वि०] हिन्दी
नया
५८:
८४६"
२ १०३५ | इतिहास तिमिर-नाशक
शिवप्रसाद 'सितारे हिंद'
१८७३वि.
--
"
२५८ :
८४६"
९२८. १४८८
३२०:
८॥x ६"
१४३९ | इतिहास-समुच्चय | २४७७
१५०: १०४४||"
पुराना । ७८: १॥x६"
५. १८७७
३७०१
६
१९१९ | चंद्रगुप्तरा सुपना ३८९८
-
१८९६ वि० राजस्थानी
:
७४३॥"
पूर्वकालीन भारत
१४१२ २३५४
डा. रघुवीरसिंह
१९२९ई० १९२६ वि० | हिन्दी
नया
| ६८:
१५४८"
१८९३ ३७४४
बुंदेलवंशवर्णन
१३०:
९॥४७"
मिश्रबंधु
१९६३वि.१९९३ वि०
१३९८ । भारतवर्ष का इतिहास २२९२
"
२५७: ७४४॥" प्रथम भाग
११०० : ११४७"
२८९७
Page #450
--------------------------------------------------------------------------
________________
इतिहास
वेष्टन
ग्रंथकार
ग्रंथ
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद .
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
ग्रंय-संख्या
भारतवर्ष का इतिहास
मिश्रवंधु
११, १४०८
२३३६
- पूर्ण
नया | २५० : ११४६" | द्वितीय भाग
१४१३ २३६०
"
१६२ : ११४६" तृतीय भाग
१३ १६००
३७७७
भूपाल-चतुर्विंशति
विजयचंद्र
संस्कृत
१०:
६|४४"
मुखत सरहाल राजबूंदी
भवानी लाल
२०१५: १०||४७"
३२५६
राजरानी
१५ / १४०४ | सिक्ख-युग
२३१४
१९२२ई०
हिन्दी
१५१: ८॥४७"
५६
Page #451
--------------------------------------------------------------------------
________________
कम
संख्या
१
R
३
४
५
७
९
वष्टन एवं
ग्रंथ-संख्या
१०
१२८३ | अंगद-परिचई
१६००, २
१८३८
३५१९
१७६५
३४०६
६ १५५७ । काली चरित्
२९६७
अवतार चरित
१०५३ (कथा-काव्य) १६४६
श्राख्यान नल राजानु
१२८३ | कबीर - परिचई १९००, ५
ग्रंथ
१९४३ कुंवर और पुष्पावती की कथा
४०६१
१९३० ३९८५
४१९ चंदकुँवर की वार्ता
४५१
१८८३ | चंद चरित
३७१९
चंदणबाला-चरित्र
ग्रंथकार
अनंतदास
नरहरिदास, बारहट
अनंतदास
आत्मकथा, परिचई और वार्ता
रचना- लिपि-काल
काल
सीताराम कवि
रहमान
मोहन विजय
| १७०० वि. १९२४ वि०
|
-
}
T
}
F
१८७६ वि०
1
I
१८७४ वि०
1
भाषा
हिन्दी
"
राजस्थानी
संस्कृत
हिन्दी
44
"
डिंगल
प्राकृत
डिंगल
पूर्ण या अपूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
"}
3
अपूर्ण
पूर्ण
"1
कागद
पुराना
नया
17
पुराना
11
22
"
पृष्ठ एवं आकार
१८:
११७ : १२ ।। × ११”
२५० : ६ ॥ ४६
५४:
४८ :
१३:
६॥३||”
४८ :
ε11x8"
१८:
६॥५३॥”
३०२०११॥ ४८।। "
८ ॥ ४६”
६×५”
१७८ : १०x४ ||"
८x४||”
विशेष विवरण
Page #452
--------------------------------------------------------------------------
________________
आत्मकथा, परिचई और वार्ता
४४३
संख्या
वेष्टन । । एंव ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार - विशेष विवरण
११ १८६३ | चित्रगुप्त-कथा
३७४३
लाडलीलाल कायस्थ
१९५३वि.
हिन्दी । अपूर्ण | नया | १० :
१०४७"
१२
ढोलामारू की वार्ता
१५३९ २९११
पुराना ।
८०:
८||४७"
| २९५४ दुर्गा-चरित ३५५६,४
जीवनराम नागर
१९१४वि. १६१४ वि०
नया
४६ :
८४६"
१५१४ २८०१
ध्रुव-चरित
जन गोपाल ।
१८५५ वि०
पुराना
२२:
५॥४४॥"
१५
जसराम, उपगारी
१८७१ वि०
१२६२ १८७०.
॥
८:
८४६"
८१४ ।१११२
नासिकेत-कथा
चरमदास
१८३४ वि०
५८:
८ix"
१७ १०८७
। १६८४
८:
६x४"
१०८६ | १६८६
१७०:
८|४५"
१९ १२९१
१६२८
१६९:
८४५"
१२८३ पीपा-परिचई | १९००.७
अनंतदास
१३८ : ६||
३||"
Page #453
--------------------------------------------------------------------------
________________
आत्मकथा, परिचई और वार्ता
४४४
रचना
। वष्टन - एवं संथ-संख्या
ग्रंय
ग्रंथकार
ग्रंथकार
लिपि-काल ___ भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार । विशेष विवरण
संख्या
काल
२१ १९२६ प्रहाद-चरित
पुराना
८४६" कैथी लिपि
*३६५६
बाल-चरित
महावदास
नया
२२१७
२३ | १९६२
४१८०
भक्त-माला
गंगादास, लघुजन
पुराना
जसराम, उपगारी
. १८४१वि. १८७१ वि०
५२८:
२४ | १२६२, भक्ति-बावनी
१८६६
८४६"
भगत-विहार
चंददास
| ३०१६ ११॥ ४८"
१९९२
भागवतदास
१८६३वि. १९३५ वि०
नया
२६ । १३१६
| भागवत-चरित २००७
।
३४१: १०||४||"
तुकाराम भोपाली
पुराना
| भोपाली-श्राख्यान १९२१
| ४४:
॥x ६॥"
२८ १४७५ महाप्रभु की निज वार्ता
४२:
६x६"
४२१ । महालक्ष्मी-चरित
नया
। १३:
॥४३"
तुलसीदास
१७७६वि.
३. १२८३ मोहमद राजा की कथा
१९००,८
पुराना । ६१: ६॥
३॥"
Page #454
--------------------------------------------------------------------------
________________
आत्मकथा, परिचई और पार्ता
४४५
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
जन अनाथ
--
३१, १२२२ मोहमद राजा की कथा
१८२२,२
१९०७वि० हिन्दी
पूर्ण
नया
:
९४७॥"
अयोध्या प्रसाद
१४:
१४०४ राखन कवि का चरित २३११
८॥४७॥"
लैला मजनूकथा
रामराई
१८७६ वि.
,
पुराना | ११: ६॥४४॥"
४१७१
बैताल-पंचविंशति
शिवदास
संस्कृत
१४७५ २६४२
६०: enx६॥"
बैताल-पच्चीसी
फकीरसिंह
१८९२ वि०हिन्दी
३५ १६१२
३१३२
२४५ : ८४ ३॥"
साहिजू पंडित
-
गाएपडित
११०१ वि०
"
"
१९७५ ४२२४
नया
२२४ : १०४६॥"
सूरत कवि
३७ / १०८५
१६८२
पुराना
४२ : १०॥४७॥"
वैष्णवों की वार्ता
१९३२ वि०
नया
।
५३:
६४५॥"
३८२७
पुराना
१५४: १.४६"
३६ १२६६
१८७५
९६: ७॥४५॥"
३८८६
Page #455
--------------------------------------------------------------------------
________________
आत्मकथा, परिचई और वार्ता
४४६
| वेष्टन । एवं ग्रंथ-संख्या
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल । भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद |
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
१४४४ २५००
शुक-बहत्तरी
देवदत्त भट्ट
-
हिन्दी
अपूर्ण ।
पुराना ।
| १५३ : ११४५॥"
१०८३ १६८०
शुखदेव-चरित
[१८००वि०]
१२८ : ९॥ x ५" कैथी लिपि
श्री मुकंदराय जी श्री गिरिधर जी १९२९ । की वार्ता
गिरिधर जी महाराज
२३१:
७||४५||"
सत्यवती-उपाख्यान
२३:
७४४||"
सावित्री-विवरण
| १४:
८४४"
४६१४५२ | सिंहास-द्वात्रिंशिका
२५४१
१८०३ वि०
७५:
१०x४॥
४७ १९६९ सिंहासनबत्तीसी-कथा
४२१२
कृष्णदास विप्र
.१६८०वि. १८५४ वि०
३४० :
९४६"
१३७० सिहासन-बत्तीसी २१९१
परमसुख कायस्थ
|
-
१९०५ वि०
"
नया
|
१७८: १०४६॥"
४६ | १८०३
३४१७
संस्कृत
पुराना | ७२:
८४४"
७७
हंसराज की कथा
१६२८ वि० हिन्दी
नया
४२२६
५१ः
||४५"
Page #456
--------------------------------------------------------------------------
________________
आत्मकथा, परिचई और वार्ता
! वेष्टन ।
एवं । ग्रन्थ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल • भाषा
णे
कागद
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
संख्या
५१ १९१४ | हरदौल-चरित
३८४९
गणेश कवि
| १६३२ वि० हिन्दी
नया
१७:
४६"
१८९९
घनश्याम
४२:
८॥४६॥"
३७७१
हितोपदेश-भाषा
भद्रनारायण
पुराना
१६ :
५३ । १०७४
१६७०
८४६"
१६२: ११४४"
५६
.
Page #457
--------------------------------------------------------------------------
________________
फुट
| वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
संख्या
रचना
5 लिपि-काल | भाषा काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं माकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
१२६२ अनुक्रमणिका १९२६
गिरिधर जी महाराज
म
पुराना | ८:
७॥४५॥"
२
अवतार-माला
२६५६ ३५५४,३
जीवनलाल नागर
१६१४वि. १९१४ वि०
.
नया
६:
८४६" | मूल प्रति
१४१
अवागढ़ पुस्तकमाला
.
२७:
१२x"
२३६
अाधुनिक आर्थिक संगठन
श्रीकृष्ण
.
२३:
१३४८" | मूल प्रति
२३५०
५. १४१२ अाधुनिक व्यापार
२३५३
दयाशंकर दुबे
.
४४३ : १५४७॥"
१५२३ २८३८
किन्नर देश में
राहुल सांकृत्यायन
१९४२ई० १९४२ ई०
".
५७६: ८४६||"
७। १५२३
"
१९४२ई० १६४२ ई०
"
२२२ : १०४८"
२८३९
१३०८ ! गृहस्थ धम १९७९
जगदीश
१९२५ वि०
.
१५ : १०x४||"
६
१८८१ | गप्पाष्टक
प्रेम मोहन
1 --
१६२४ वि०
८
८||४६"
१० १६१४ | च बीस-दंडकावली
३८५२
१८४५वि.
--
पुराना
Page #458
--------------------------------------------------------------------------
________________
४४९
वेष्टन
एवं
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद
पृष्ठ एवं आकार
ष विबरण
ग्रंथ-संख्या
११ | १९३६ | छत्रसाल-बंशावली
| १९१७ वि.
नया
| १: १२॥x १."
१२
८६१ १२४५
देसन की भाषा
गोविंददास
| ३:
१२४७"
१३ १८९४
३७५९
दोष-बावनी
१८६६दि
पुराना
१०:
६४५"
१४
१३३० २०४७
धनुर्वेद की अनुक्रमणिका
जसवंतसिंह, दीवान
4
-
१६०० वि०
नया
४:
१०४६||"
धनुर्वेद-भाषा
३२: १.४६॥"
२०४७,१
नौने व्यास
२८ः १.x६॥"
२०४७
धर्मोदेश-सहाय
पुराना ।
३:
१x६"
३८३८
१८
१८८१
नाग-लीला
३:
७४५"
नापित-स्तोत्र
स्वरूपसिंह
१९६७वि. १९६७ वि०
नया
११:
९४७"
३८५४
२.
१८३४ पहाड़ा
पल्टूदास
८: . ८४६॥"
५७
Page #459
--------------------------------------------------------------------------
________________
४५०
वेष्टन
, संल्या
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
२१ | १३५१ | प्रदक्षिण परिक्रमा चारोधाम
२१२६
पुराना | २४०: ६४५"
बारहाखड़ी
दत्तलाल
१७००वि.
२४॥
६॥४५॥"
२
सुदामाजी
१०:
६|
५||"
३८२६
भारतीय-चित्रकला
इकबाल बहादुर श्रीवास्तव
२५२ : ८॥४७॥". मूल प्रति |
२५
१४११
भिक्षुत्रों की हस्तलिपि
सीलोनी हि
३८: १३||
८||"
.२३५१
हिन्दी
६x४"
| १९२४
१९१७ | मुंदडी-वर्णन ३८७८
मूर्ति-रहस्य ३८५६
यौवन की खुमारी २३५५
संस्कृत
१६ :
९४५"
रघुवीरसिंह, डा.
१६३०ई० १९३० ई० | हिन्दी
१५४६"
२९ । १२८० | रत्नदीप
१८६४
रेबाराम
-
३४: ६x४"
१३९१ रत्न-परीक्षा २२७० ।
१७५५वि. १८८१ वि०
पुराना । ७२:
७४५॥"
Page #460
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्फुट
४५१
- वेष्टन
ग्रंथ
ग्रंथकार
लिपि-काल |
भाषा
कागद
पूर्ण या अपूर्ण कागद
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
. संख्या
ग्रंथ-संख्य
रत्नशेखर जैन
३१ । १८३१ । रत्न-परीक्षा
३४८८
१७६०वि. १८०० वि० हिन्दी ।
पुराना । ५८: १३ x १०" | प्रतिलिपि
१८७१ वि०
"
५०.
८४६॥"
३२ | १३४६
२११७
७२:
७४५॥"
१३९१ २२७०
१८.
४४३॥"
३४ १४५७
२५६३
३५ | १६३६ । वंशावली
४०७२
नया
२८: १२॥४१०"
वनयात्रा-परिक्रमा
९६: ६॥४६॥"
३६ १४८०
२६५७
७४४॥
१८५५ | वल्लभाचार्य-वंशावली ३५९०
शीघ्रलिपि
ऋषिलाल अग्रवाल
४५:
३८.१४१३ ।
२३५८
७४५॥" | मूल प्रति
३६१८६४
३७६२
स्फुट-पद
राजस्थानी
x४"
४०२८
Page #461
--------------------------------------------------------------------------
________________
४५२
बेष्टन
एवं
ग्रंथकार
रचना | लिपि-काल
भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण| कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
भवानीदत्त
हिन्दी
पुराना
४२.
१९०६ / स्फुट-पद ३८१२
६॥x
"
Page #462
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट विषय
रचना | लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
वेष्टन
प्रय
ग्रंथकार
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
ग्रंच-संख्या
१
राम-काव्य
संस्कृत
२६६: १२४६"
२.२६ अध्यात्म रामायण ४३५४
२
अपराध सुंदरी स्तोत्र
शंकराचार्य
| स्तोत्र
१२:
२०२३ ४३४६
५४३॥"
अष्टजाम (अष्टयाम)
देवदत्त
कृष्ण-काव्य
१९७४ वि०
हिन्दी
३४:
२.३० ४३६२
८||४
॥"
.
आखड़ी
रामदास
स्फुट
| २०३६
४३८२
६:
011-५||"
प्राचार्यजी महाराज की नामावली |
हरिदास
कृष्ण-काव्य
संस्कृत
९.
६॥४५"
४३२४
६
इंद्रजाल
तंत्र-मंत्र
हिन्दी
१४४: १२४८"
२०२४ ४३५०
कार्तिक-महात्म्य
माहात्म्य
संस्कृत
२०२६ ४३५३
४२ : १२४५॥"
कुंडलियाँ
केहरिसिंह
काव्य
हिन्दी
६:
२०३६ ४३७८
wोx||
९
गिरधर कविराय
६:
७॥४५"
२०३६ ४३७७
स्तोत्र
संस्कृत
१० | २०२२ | गंगा-स्तोत्र
| ४३३८
Page #463
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट
४५४
संख्या
वेष्टन | एवं
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
विषय
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
| पूर्ण या अपूर्ण : पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
११
२०२२ । गणपति-स्तोत्र ४३३६
स्तोत्र
संस्कृत
पूर्ण
:
६x४"
२०१७
गणेश-कवच
कवच
१९.२वि०
| ९:
॥x ३"
१३ | २०१७
४३१४
गणेश-स्तोत्र
(१९०२वि०)
१.
४||x३॥
१४ | २०१८ | गुसांईजी की नामावली
४३२३
हरिदास
कृष्ण-काव्य
११:
६॥४५"
१५
२०२१ | गोपाल सहस्रनाम स्तोत्र ४३३२
स्तोत्र
८७:
॥४४॥"
.२०३८ । गौतमीय धर्मशास्त्र-विवृति ४३९४
हरिदत्त मिश्र
धर्मशास्त्र
३:१०॥४६॥"
जन्माष्टमी की बधाई
सूरदास, परमानंद आदि ।
कृष्ण-काव्य
१८७४ वि०
हिन्दी
१२:
६॥x ५"
४३२०
१८
२०२० । जातकालंकार ४३२८
गणेश दैवज्ञ
ज्योतिष
१८८९ वि.
संस्कृत
८२:
८॥४६"
१९
२०३०
जुगल-विलास
रामसिंह, महाराज
लक्षणा-काव्य
१८७४ वि० हिन्दी
५३:
८||४५॥"
अपूर्ण
२० २०४० ज्योतिष-सार
४३९७
ज्योतिष
।
४२
संस्कृतहिन्दी
६४५"
Page #464
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट
४५५
वेष्टन
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
विषय
| लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
विशेष विवरण
ग्रंथ-संख्या
काल
२०३४
ज्योतिषसारोद्धार
संक० हर्षकीर्ति सूरि
।
ज्योतिष
१८७४ वि० सं० हिन्दी
३४:
१३४६"
दान-लीला
कृष्ण-काव्य
१८३१ वि० हिन्दी
२६|४५"
४३१९
दुर्गा-सप्तशती
:
सप्तशती
९॥४४॥"
४३५९
२४ | २०२३
४३४७
देवी-कवच
कवच
१८:
५||
३||"
दैवज्ञ-कलानिध
बंशीधर
ज्योतिष
२२२:
॥x४"
| ४३५७
धनदा-कवच
कवच
१९१३ वि०
२४:
६४४॥"
४३१०
धनदाकवच-पूजाविधि
· कर्मकांड
१९१३ वि०
१२: ६४४॥"
४३०८ | २०१६
४३०९
धनदा सहस्रनाम स्तोत्र
स्तोत्र
४०:
६x४||"
नखशिख-वर्णन
बलिभद्र
ल० काव्य
- (१९७४ वि०) हिन्दी
५२: ८॥x५।।"
नवरत्न-कवित्त
काव्य-स्फुट
५
७||४५"
Page #465
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथकार
विषय
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा
पूर्ण या अपूर्ण|
पृष्ठ एवं आकार
| विशेष विवरण
संख्या
उपदेश
हिन्दी
३१ । २०३६ । नसीहत
४३८१
अपूर्ण | ५:
॥४५"
। ३२
राजनीति
९:
७॥४
॥"
२०३६ ४३८७
कवच
३३ | २०१७ | नारायण कवच
|४३१७
३६:
४||४३"
३४ | २०२२ | नारायण-वर्ग
४३४०
पुरा-स्फुट
संस्कृत
| १३,
६x४"
३५ । २.३७ | निर्णयामत
४३९३
धर्मशास्त्र
४८२: १४३"
३६ २०२४
४३४९
सूर्यसेन महीमहेंद्र
१००: १॥४३॥"
| पत्र (प्रिय-प्रेमिका-संवाद) ४३६०
काव्य-स्फुट
११:७४५॥"
गीता
हिन्दी
३८ २०१७ | पांडव-गीता
४३१२
| ५२:
४४३"
प्रतापसिंहजू देव, सगई
काव्य
| फाग ४३६३
वि०)/ संस्कृत
१७:
८॥४५॥"
अध्यात्म
हिन्दी
४० । २०३६ | बाजींद का चांद्रायण
४३८६ ।
| ७ः
७||४५॥"
Page #466
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट
४५७
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
प्रय
ग्रंथकार
विषय
रचना | लिपि-काल | काल
भाषा
संख्या
पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
२०३६ | बोल-सिखावणी
उपदेश
पूर्ण
५:
॥४५॥"
४३८४
नाभादास
कृ. काव्य १७६९वि. १८५० वि०
२०३१ । भक्तमाल ४३६८
२६५:
६x४"
४३ / २०२१ । भगवद्-गीता
४३३१
गीता
२२४: ६x४॥"
४४
०.
.
"
२०२१ । ४३३४ |
३०६:५॥४४॥"
भागवत (८वा १० वा स्कंध)
२८ः
॥४४"
४६
२०१७ | भागवत (दशम स्कंध) ४३१३
५८.
४४३"
२०३३ ! भागवत (दशम स्कंध पूर्वार्द्ध)
३१२: १४॥४६"
४३७२
"
२०१९ | भागवत एकादशस्कंध भाषा ४३२७ ।
चतुरदास
९२वि. १८८६ वि० | हिन्दी
५२०: ८॥४५॥" | संतदास के शिष्य
१२८.
४-३"
२०२२ ४३६९
२०२६ भागवत-भाषा (१२वें स्कंध तक),
भीखमदास
१९०
७७८ : ११४८"
४३६१ ।
Page #467
--------------------------------------------------------------------------
________________
क्रम
संख्या
५१
५२
५३
५४
५५
५६
५७
५८
५६
६०
वेष्टन
एवं
ग्रंथ-संख्या
२०३३
४३७३
२०१७ मंगल स्तोत्र
४३१८
२०३१ | मंत्र - महोदधि
४३६७
भागवत-माहात्म्य
२०४० मंत्रोद्धार
४३९६
२०२७ मार्गशीर्ष - माहात्म्य
४३५५
२०१८ मूल-पुरुष ४३२१
२०२८ | रस-तरंगिणी
४३६०
२०३६ ४३९२
ग्रंथ
२०२७ ४३५६
राजनीति के कवित्त
२०३६ रामचरितमानस
४३६२,१
राम-मुक्तावली
ग्रंथकार
महीधर
|
श्रीद्वारिकेश
भानुदत
देवीदास
तुलसीदास, गोस्वामी
""
परिशिष्ट
विषय
माहात्म्य
स्तोत्र
मंत्र
"1
माहात्म्य
कृ०-काव्य
ल०-काव्य
काव्य
राम-काव्य
रचनाकाल
T
T
T
T
T
I
-
1
लिपि -काल
१९०२ वि०
1
1
१८८१ वि०
भाषा
१८६९ वि०
संस्कृत
"
"1
| (१८७४ वि०) हिन्दी
"1
संस्कृत
हिन्दी
"1
"1
पूर्ण या अपूर्ण
""
श्रपूण
पूर्ण
"
"1
"1
अपूर्ण
"
पृष्ठ एवं आकार
३३.
६२:
३६:
११४ : १० || x ४ | "
१४४ :
१७:
१३x६”
२:
४ ।। ४३८
३८ :
९x४"
९X५”.
१७४ : १० ॥ X ४ || "
६ ।। ४५”
७|| ५ ||”
४५८
४८४ : १२x१०" अयोध्याकांड,
कैथीलिपि
१०x४"
विशेष विवरण
Page #468
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट
४५९
वेष्टन
एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
विषय
रचनाकाल
लिपि-काल | भाषा पूर्ण या अपूर्ण
पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
विश्वमित्र
| स्तोत्र
२०२२ । रामरक्षा-स्तोत्र ४३४१
संस्कृत
पूर्ण
१२:
६४४"
६२
रामपंचाध्यायी
नंददास
कृ-काव्य
(१८७४वि०) हिन्दी
८३:
२०१८ ४३२५
६॥४५"
लघु-रामचरित
राम-काव्य
४ :
६३, २०३६
४३८५
७ix४||"
कवच
| १९०२ वि०
संस्कृत
३० :
४||४३"
६४ २०१७ | वक्रतंड-कवच
४३१६
६५
वाणी
रामचरण, स्वामी
संत-काव्य
हिन्दी
२०३६ ४३७०
| ४६० :
४४३" |
अनाथदास
अध्यात्म
१७३६ वि.
३४:
१०x४"
| विचार-माला ४३५७
तुलसीदास, गोस्वामी
राम-काव्य
२५२ : ८||x
६७ २०३५ । विनय-पत्रिका
४३७६
॥"
६८
विष्णुपंजर-स्तोत्र
संस्कृत
:
२०२२ ४३३९
६x४"
६६
विष्णु-सहस्रनाम
७५ :
२०२१ ४३३३
५॥४४॥"
७०
२०२० ४३२९
(भाषार्थ सहित)
संस्कृत-हिन्दी, अपूर्ण
८०:
८४६"
Page #469
--------------------------------------------------------------------------
________________
संख्या
७१
७२ २०३३ ४३७१
७४
७३ २०२३ ४३४५
७५
व...
एव ग्रंथ ख्या
७७
२०२० ४३२९,१
७९
७६ २०२३
४३४८
८०
२०२०
४३३०
२०३६ ४३८३
७८ २०३४ ४३७५
२०२२ ४३३७
२०१८
४३२२
वि णु सहस्रनाम विधान
बृहज्जातक
राकुन- विचार
ग्रंथ
शनिश्चर की कथा
सवत्सर-फल
सप्तश्लोकी-गीता
सर्व सिद्धान्त
सर्वोत्तम की घोल
२०२४ सालिहोत्र ४३५१
( सटीक )
ग्रंथकार
वराहमिहिर
सहदेव
रामानंद
1
|
1
ब्रजभूषण
नकुल पंडित
परिशिष्ट
विषय
पुरा (फुट)
ज्योतिष
शकुन
कथा
ज्योतिष
गीता
दर्शन
कृ-काव्य
श्रायुर्वेद
रचनाकाल
I
-
1
――
--
--
-
लिपि-काल
१९२१ वि०
१९४२ वि०
--
(१८७४वि०)
१९६० वि०
भाषा
संस्कृत
=
हिन्दी
"1
संस्कृत
"1
हिन्दी
"
या अपूर्ण
पूर्ण
अपूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
=
श्री
पूर्ण
पूर्ण
पूर्ण
पृष्ठ एवं आकार
२२:
८३ :
६४:
६६.:
८६ :
३ :
६x४"
१३X५”
१३८ : ६ ॥ ४५”
११ :
६ x ३||"
८५६"
७३"
६x४”
९६ : १२ || ६ ||"
६|| ४५"
४२ : ९||×६॥”
४६०
विशेष विवरण
Page #470
--------------------------------------------------------------------------
________________
परिशिष्ट
४६१
| वेष्टन । एवं
ग्रंथ
ग्रंथकार
विषय
पुष्ठ एवं आकार
ग्रंथ-संख्या
| विशेष विवरण
८१ | २०२५ | सालिहोत्र
| ४३५२
नकुल पंडित
श्रायुर्वेद
१८६: ७४६॥"
८२ | २०३६
४३८६
सुकन-बत्तीसी
काव्य स्फुट
४:
७॥४५॥"
८३ | २०२२ | सुखदेव की कथा
४३४३
मुरलीदास
कथा
सूर-सागर
८४ | २०३९
४३९५
सूरदास
कृष्ण-काव्य
४:
४४३"
८५ | २०२२ | सूर्य-कवच
४३३५
कवच
६४४"
८६ / २०३०
स्फुट कवित्त-सवई
काव्य
पद्माकर, ठाकुर, नागर, देव, । सेख, गोपीनाथ श्रादि
५२: ८॥४५॥"
८७ | २०३६
४३७९
स्फुट-दोहा
गंग आदि
१४:
७॥४||"
८] २०३६
४३८०
४:
७॥४५॥"
२०१८ स्फुट-पद
अष्टछाप के कवि
कृ०-काव्य
१५.३
५४४"
•
२०३६ ४३८८
दलपत, वन्द, केशवदास आदि । काव्य
.
७॥४
॥
Page #471
--------------------------------------------------------------------------
Page #472
--------------------------------------------------------------------------
_