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कृष्ण-काव्य
| वेष्टन | एवं ग्रंथ-संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचना
| लिपि-काल | भाषा काल
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
संख्या
१५१ । १९१९ । वैदर्भीचौपाई
राजस्थानी
१४: ११४४॥" रुक्मिणी परिणय
१७:
१०x४"
३८९५
शिक्षापत्र
हरिराय ।
हिन्दी,संस्कृत
४३० : १२४७॥"
३२३१
गिरिधरजी महाराज
१०: ७||४५॥"
५४ | १२९२ श्रीजी के अंग
१९२९
१२ श्रीजी के दर्शन १६२६,१|
| १६ : ७॥४५॥"
१५६
१६१९ / संप्रदाय-प्रदीप
१८८३ वि० ।"
५६:
१२४७"
१५७१६५४ संबाद
३२७९
गुसांईजी, दामोदरदासजी
१०८ : ८||x ॥"
सनेह-लीला
जनमोहन
| १८२७ वि०
३०:
५८ | १२७९
१८९१
६x४॥
५६ १२४७
१८५३
मोहनदास
२७:
६x४".
हिन्दी
| १२:
७॥४४"
| २०७६