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महाकाव्य
३३३
प्रय
संख्या
ग्रंथ
ग्रंथकार
रचनाकाल
लिपि-काल
भाषा
पूर्ण या अपूर्ण
कागद | पृष्ठ एवं आकार | विशेष विवरण
बंध-संख्या
११ | १६४१ | किरातार्जुनीय
३२४७
भारवि
संस्कृत
पुराना | ३४:
१०४३" | चतुर्थ सर्ग मात्र
१२ | १८११
३४२५
"
८८: १०॥४४॥"
- १३ | १८४२
२५८: १२४५" | टीका० मल्लिनाथ
सूरि
१८४३ ३५४१
(सटीक)
४१५ : १२४६"
१५
१८४७
१६: ७४४||"
१५३: १०४५"
३७०७
५४:
१०४६"
४०९३
१९४२ ४०८८
किरातार्जुनीय-भाषा
महावीर प्रसाद द्विवेदी
१९१७ई० १९१७ वि० हिन्दी
९१९ : १०४७"
कालिदास
१६९८ वि
८२८ | कुमार-संभव ११५०
संस्कृत
पुराना
९९ :
९४३"
२० । १०५५
११६:
८४ ३" | पंचम सर्गान्त