Book Title: Panchvastukgranth Part 1
Author(s): Haribhadrasuri, Rajshekharsuri
Publisher: Arihant Aradhak Trust

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Page 293
________________ २६८ ] [पञ्चवस्तुके अ गाथाङ्क: १३६४ १३६५ ९३७ ९३४ ५४५ २५३ १३७३ १६४९ ९०५ ११०७ ६७६ १६ पञ्चवस्तुकमूलगाथाऽकाराद्यनुक्रमः गाथाद्यचरणम् गाथाङ्कः । गाथाद्यचरणम् अणुओग-गणाणुण्णा अइगुरुओ मोहतरू ४० अणुओग-गणाणुण्णा अइपरिणामग ९८० अणुओगी लोगाणं अइरेगगहण ३९४ अणुओगो वक्खाणं अइसइणो अ १४८१ अणुकंपाविओ पढमो अइसंकिलेस अणुणाइरित्त पडिलेहअकरितो अ ण ११०४ अणुपालिओ उ दीहो अकसिणपवत्तयाणं १२२४ अणुबद्धवुग्गहो अकहित्ता कायवए ६३७ अणुमोएमो तेसिं अक्खग संथारो वा ८३७ अणुभूअवत्तमाणो अक्खंडं गुणठाणं १६६५ अणुवट्ठविअं सेहं अग्गाहारे बहुगा १२३७ अणुवत्तगो अ एसो अग्गित्ति साऽगिणी १४४६ अणुवत्तणाएँ सेहा अग्गी मा एआओ १२५५ अण्णाणवाहिगहिआ अच्चुग्गपरमसंता ८८७ अण्णाभावे जयणाएँ अच्चंतमप्पमाओऽवि १५६२ अण्णे अगारवासं अच्चंतिअसुहहेऊ १५६० अण्णे उ कसाईया अच्छदवेणुवउत्ता अण्णे गिहासमं अजुअलिआ अतरंता ३९८ अण्णे परत्थविरहा अज्जाओऽगीआणं १५६९ अण्णे भणंति जइणो अट्ठ उ गोअरभूमि २९९ अण्णे भणंति धन्ना अड्ढाइज्जा हत्था ८०६ अण्णे सयणविरहिआ अणच्चाविअमवलिअ २३९ अण्णेसिपिअ एवं अणसणमूणोअरिया ८४५ अण्णोण्णाविक्खाए अणावायमसंलोए अ ४०६ अण्णं च तस्स चाओ अणावायमसंलोए व ३९९ अण्णंपिव अप्पाण अणिआओ वसहीओ १४६४ अण्णं वा अभिओगं अणिआओ वसहीओ १४७१ अतरंत बालवुड्ढा अणिसिटें सामन्नं ७५१ । अतिलोभा परिअडड १७ १३५० १०२ १८० १२०३ ३८९ ७४ १५५६ ५२८ ९१ ७९ ९०७ ८३ १६९० १४४४ ८११ ७५९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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