Book Title: Panchlingiprakaranam
Author(s): Hemlata Beliya
Publisher: Vimal Sudarshan Chandra Parmarthik Jain Trust

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Page 293
________________ चयनित शब्दावली : ix अपवादरहित व निरतिचार गुण - विशेषता पालन चाणक्य - प्राचीनकाल का एक ऊन - न्यून, कम प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, चन्द्रगुप्त औषध - दवा मौर्य का प्रधानमंत्री कर्म - १. कार्य, २. कर्मपदगल चैत्य - ऐसा स्थान जहाँ चेतना वर्गणा के कण, ३. आत्मा के जागृत होती है साथ बंधे हुए कमेपृद्गल चक्रवर्ती (चक्री) - षट्खण्डाधिपति, कर्ममुक्ति - आत्मा का कर्म-पदार्थ राजाधिराज से सर्वथा मुक्त हो जाना चारित्र - नियमबद्ध चर्या, कर्ता - कार्य करने वाला साधुचर्या कषाय - क्रोध, मान, माया व चेतन - जीव लोभ की भावनाएँ चिकित्सा - रोगी का इलाज काव्य - छंदबद्ध साहित्यिक रचना । चिंता - फिक्र काया - शरीर चित्त - अन्तःकरण कुल - खानदान च्यवन - देवायु पूर्णकर वहाँ से कूप - कुंवा पुनर्जन्म के लिये प्रस्थान कुतीर्थ - मिथ्याधर्म च्युत - जिसका च्यवन हुआ हो । केवली - जिसे परमविशद्ध छन्द - मात्रिक काव्यकृति केवलज्ञान हो गया हो, सर्वज्ञ जाति - सामूहिक पहचान केवलज्ञान - घतियाकर्मों के षय जिनबिम्ब - जिनेश्वरदेव की हो जाने पर प्राप्त परमशुद्ध ज्ञान प्रतिमा या सर्वज्ञता जीव - चेतन द्रव्य, जैन-दर्शन का कृत - किया हुवा पहला तत्त्व क्षुधा - भूख जिनशासन - जिनेश्वरदेव के गीतार्थ - धर्मशास्त्रज्ञ यतुर्विध अनुयाईयों का समूह गोधन - पशुधन ज्योतिष - आकाशीय पिण्डों की गति का विज्ञान, (ग्रहों की गति गृह - घर, मकान, आगार के मनुष्य के भाग्य पर प्रभाव

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