________________
चयनित शब्दावली : xiii
वित्त - रुपया-पैसा
शाश्वत - सदा के लिये, सनातन विनय - स्वाभाविक विनम्रता, चर्या शठता - दुष्टता विपाक - कर्म का मिलने वाला शौकरिक - शूकरबधिक फल
शयनासन - पीठफलक विरत - त्यागी
शिरावेध - शल्यक्रिया विलीन - मल-मूत्रादि प्रवाह शुभ - मंगलमय विशेष - असामान्य
श्रावक - गृहस्थ अनुयाई, उपासक विषय - भोग-विलास
श्रुति - श्रुतज्ञान का भाग विहार - साधुओ की ग्रामानुग्राम षड्दर्शन - छः भारतीय धर्म-दर्शन धर्मयात्रा
सत्त्व - जीव वेदन - अनुभूति
सत्रागार - दानशाला वेदना - दर्द, पीड़ा
सदनुष्ठान - अच्छे कार्य-कलाप वैद्यक - चिकित्साशास्त्र
समय - सिद्धांत; कालाणु व्रत - प्रतिज्ञा
समता - सभी परिस्थितियों में व्रती - व्रतों का पालन करने वाला
मनस्थिति का सम रहना व्यभिचार - स्खलना
समाधि - सम मनस्थिति में ध्यान व्यभिचारी - स्खलित
का लगना जिसमें शांति व व्यवहार - प्रथा, व्यापार
नीरवता हो व्यवहार नय - व्यवहार दृष्टि से सम्यक्चारित्र - जिनप्रतिपादित मुनि
वस्तु के किसी एक पक्ष का या गृहस्थचर्या निरूपण
सम्यक्त्व - सम्यग्दर्शन युक्त होने व्याकरण - भाषानुशासन
की स्थिति व्याधि - रोग
सम्यग्ज्ञान - वास्तविक ज्ञान शैलेशी - निर्वाण से इीक पहले सम्यग्दर्शन - सही दृष्टिकोण
आत्मा की निष्कम्प अवस्था सम्यग्दृष्टि - सम्यग्दर्शन प्राप्त जिसमें कोई कर्म नहीं होता है । जीव शकट - गाड़ी
सर्वविरति - सभी प्रकार के