Book Title: Panch sutrakam with Tika
Author(s): Chirantanacharya, Haribhadrasuri, Jambuvijay, Dharmachandvijay, V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 3
________________ बी. एल. सेरीज क्र. २ आचार्य श्रीहरिभद्रसूरिग्रंथमाला, ग्रंथ क्र. १ प्रधान संपादक : वा. म. कुलकर्णी Jain Education International ॥ अर्हम् ॥ याकिनीमहत्तराधर्मसून्वाचार्यप्रवरश्रीहरिभद्रसूरिविरचितव्याख्यासमलङ्कृतम् चिरन्तनाचार्यविरचितम् पञ्चसूत्रकम् । श्री स्तम्भतीर्थ (खम्भात ) -- पत्तन (पाटण) नगरस्थप्राचीनतमतालपत्रलिखितादर्शादिविविधसामग्यनुसारेण संशोध्य परिशिष्टादिभिश्च समलङ्कृत्य सम्पादकः पूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरपट्टालङ्कारपूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरशिष्यपूज्यपादगुरुदेवमुनिराजश्रीभुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजय : सहायको मुनि धर्मचन्द्रविजयः कोयग्मि व ॥सध्य LEHERCHAND INSTITUTE OF प्रकाशकम् भोगीलाल लहेरचन्द भारतीयसंस्कृति संस्थानम्, दिल्ही (विस्तारित केंद्र पाटण) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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