Book Title: Paia Padibimbo
Author(s): Vimalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१०८
पाइयपडिबिंबो
तत्थळं य ठिइं भोच्चा, उप्पज्जिहिइ सो तया । महाविदेहखेत्तम्मि, कस्सि सेट्टिकुले वरे ॥७५।। तत्थ वि मुणिणो संगं, लर्बु धम्म सुणिस्सइ । घेत्तूण चरमे दिक्खं, महाणंदं" लहिस्सइ ।।७६।।
इइ पंचमो सग्गो समत्तो इइ विमलमुणिणा विरइयं पज्जप्पबंधं देवदत्ताचरियं समत्तं
२१. मोक्षम् ।

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