Book Title: Paia Lacchinammala
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Bechardas Doshi
Publisher: R C H Barad & Co Mumbai

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Page 154
________________ १०२ पणइ ५२७ पणामिअ ९२७ पणिहि १४७ पशुलिअ* ७६० पंडअ १६४ पंडु ९९ पत्तल ३३९ पत्त ६१ पत्तरह ३४८ पत्तल ६६५ पत्त ९२ पत्ती ८१७ पत्तेअं ४०९ पत्थयण ३४८ पत्तसमिद्ध ६४९ पत्थरिअ ११३ पत्याअ ४०२ पत्थारी १८९ पत्थिव ३९९ पद्द १०६ पंति ८३ पंथ ३० पन्नयरिङ ३१ पन्नय ५०२ पन्नाडिजय * ८०९ पप्फोडिअ ९४५ पमह ४३८ पमुह Jain Education International प्रणयिन् वि० स्नेही प्रणामित वि० समर्पण किया प्रणिधि प्रक्षिप्त पण्डक पाण्डु प्राप्तार्थ पत्र पत्ररथ पत्रल पात्र पत्नी प्रत्येकम् पथ्यदन पत्र समृद्ध प्रस्तृत प्रस्ताव प्रस्तार पार्थिव पद्र पङ्क्ति पन्थ पन्नग मर्दित प्रस्फोटित पुं० वि० प्रमथ प्रमुख पुं० वि० ६३ पुं० वि० फीका वि० चतुर, पंडित न० वि० वि० दूत, जासूस प्रेरित किया हुआ पुं० स्त्री० पुं० न० नपुंसक न० स्त्री० पत्नी, स्त्री क्रि०वि० एक एक न० पुं० वि० वि० पत्ता, किताबका पन्ना, कागज का टुकडा पक्षी Bird बहुत पत्तावाला, तीक्ष्ण-पतला Sharp, pointed पात्र बर्तन Vessel पन्नगरिपु पुं० गरुड सर्प बिछाया हुआ प्रस्तात्र - प्रसंग विस्तरा - पथारी राजा गांव का अंतभाग या पीछे का भाग स्त्री० पंक्ति - श्रेणी पुं० मार्ग-रस्ता भाता मार्ग में प्रवास करते Food for a हुए खाने का खुराक तीक्ष्ण मसला हुआ प्रस्फोटित महादेव का सेवक Lover, husband Given Spy पुं० वि० प्रमुख Thrown Eunuch White Clever Leaf, Page For Private & Personal Use Only Wife Each journey Pointed sharp Strewn Occasion Couch of straw King Village-Site Line, row Path Garuda Snake Crushed Disentangled Shiva's attendant Beginning www.jainelibrary.org

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