Book Title: Paia Lacchinammala
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Bechardas Doshi
Publisher: R C H Barad & Co Mumbai

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Page 185
________________ ५४४ विक्खित्तय ९६६ विक्खेव ९७ विरंगह ४२५ विग्घ १३८ विच्छड्डिअ १०३ विच्छड्ड २५४ विच्छित्ति १४० विच्छुरिअय १४७ विच्छूढ ९२० विच्छोलिअ ८४० विजाय १८३ विज्जु २७० विट्ठर २४५ विट्ठा ३८ विडप्प* ८७ विडवि ९१४ विड्डिर* ७१९ विड्डुम ३० विणयसुअ ५४१ विणा सिअय १४४ विणिद्द १३३ विणिम्मिअ ७८ वित्त १५७ वित्थय २२३ वित्थर १५७ वित्थिन्न २१४ वि (विं) दु ४२ विन्नाण Jain Education International विक्षिप्तक वि० फेंका हुआ विक्षेप पुं० क्षोभ विग्रह विघ्न पुं० शरीर पुं० विघ्न विच्छर्दित वि० त्याग किया हुआ विच्छर्द पुं० वैभव-ठाठ, विस्तार ९४ विक्षिप्ति स्त्री० विन्यास विच्छुरितक वि० जडित विक्षिप्त वि० विक्षिप्त विच्छोलित वि० विजात विद्युत् विष्टर विष्ठा पुं० विटपिन् पुं० न० लक्ष्य स्त्री० बिजली न० बेठक स्त्री० विष्टा वीट राहु झाड - बीड आडंबर - घटाटोप न० विद्रुम न०. परवाला बिन्दु पुं० विज्ञान न० विनयासुत पुं० विनाशितक वि० विनिद्र वि० विकसित धोया हुआ -वींछला हुआ Washed गरुड़ विनाश किया हुआ विनिर्मित वि० बनाया हुआ वित्त न० धन विस्तृत वि० विस्तार युक्त विस्तर पुं० विस्तार विस्तीर्ण वि० विस्तार युक्त बिंदु विज्ञान Scattered Scattering For Private & Personal Use Only Body Obstacle Abandoned Prosperity Arrangement Joined, overspread Thrown up Aim, object Lightning Seat Excrements Rahu Tree Pride (!) Young sprout, coral Garuda Destroyed Opened as a flower Made, produced Wealth Extensive Extent Broad, extensive Drop Intellect, against www.jainelibrary.org

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