Book Title: Padsangraha Part 1
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Sukhlalji Ujamshi and Manilal Vadilal Sanand

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुनिमहाराज श्री बुधिसागरजी कृत पद संग्रह (भजन संग्रह.) नाग १ लो. श्री केशरीयाजीनुं स्तवन. १ केशरीया तीर्थ बमा नारी,नाविक तुम पूजो नरनारी; शरण एक रूपन्न प्रत्नुधारी,कपट ओर निंदाकु वारी. के० संवत भोगणीश बासमें, विजापुरनो संघ, दर्शन करवा नीकळ्योरे, प्राणी हर्ष नमंग शोक सहु चिन्ताने वारी,गणी सब मिथ्या जगयारी.के१ कृष्ण पद उ मंगलेरे, मास रूमो हे पोष, प्रथम जिनेश्वर नेटीयारे, पाया मन संतोष धर्म हे उपयोगे धारी,जिनाझा जाणी सुखकारी.के०२ हरिहर ब्रह्मा तुं खरोरे, शिवशंकर महादेव, दोष अढारे कय कर्यारे, सुरनर करता सेव; खुदा तुम अकलगति न्यारी,निरंजन ब्रह्म दशा तारी.के०३ अलवेश्वर अरिहंतजीरे, चार अतिशयवन्त, अजरामर निर्मल प्रन्नुरे, सेवे सज्जन संता अचल तुजजगमांबलिहारी,जिनेश्वर जागोजयकारी.के.। तुंहि तुंहि तुं हुं स्मरे, व्यक्तियी हे नेद, For Private And Personal Use Only

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