Book Title: Niti Tattvadarsh Yane Vividh Shloak Sangraha
Author(s): Ravichandra Maharaj
Publisher: Ravji Khetsi

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Page 4
________________ 安安凉凉冬 क お समर्पण. acco शांत, दांत, परमोपकारी गुरुमहाराज श्रीरविचंद्रजी महाराज. दुनयाना अज्ञानरूप अंधकारने प्ररास्त करवाज आपश्रीए रवि-चंद्र एटले सूर्य अने चंद्रना अभिधान ( स्वरूप ) ने धारण कर्युं छे, ते सत्यज छे. भगवंतना पावन वचनामृतनुं पान करावी भव्य जनोने आप मोक्षनो सीधो रस्तो बतावी जे उपकार करो छो. तेनुं यथार्थ वर्णन नज थइ शके. ए विगेरे आपना असाधारण गुणोने स्मरणमां लावी आ उपयोगी ग्रंथ साथे आपनुं पवित्र नाम जोडीने हुं मारी किंचित् फरज बजावी प्रहर्षित थाउं छं. भवदीय चरणोपासक, रवजी खेतसी. प Setetet«« BREE

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