Book Title: Naya Manav Naya Vishwa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 228
________________ बहुत सघन रूप में चला, वहां अध्यापकों ने बड़ी संख्या में जीवन विज्ञान का प्रशिक्षण लिया । यह वही है नागौर जिले के पर्वतसर के पास नावा गांव है । एक दिन जिला शिक्षा अधिकारी विद्यालय के अचानक निरीक्षण के लिए पहुंचे। वे कुछ विलम्ब से आए। प्रिंसिपल ने कहा- विद्यालय में तो छुट्टी हो चुकी है, किन्तु यहां जीवन विज्ञान का एक प्रयोग चलता है विद्यार्थियों के लिए। आप चाहें तो उसे देख सकते हैं । अधिकारी ने उस प्रयोग को देखना चाहा। प्रिंसिपल के साथ प्रयोग-स्थल पर आए । तीस-चालीस छात्रों को एक अध्यापक प्रयोग करवा रहे थे। शिक्षा अधिकारी उस अध्यापक की प्रयोग पद्धति से बहुत प्रभावित हुए । उन्होंने प्रिंसिपल से उस अध्यापक की बड़ी प्रशंसा की। प्रिंसिपल ने कहा - 'आप जिसकी तारीफ कर रहे हैं, यह हमारे विद्यालय का सबसे उद्दण्ड अध्यापक था । जीवन विज्ञान का प्रशिक्षण लेने के बाद यह बहुत अच्छा अध्यापक बन गया है, लेकिन किसी समय हमें सबसे ज्यादा सतानेवाला अध्यापक यही था । नाम इसका नहूं खां है | बोकारो में बोकारो के स्कूलों में यह प्रयोग शुरू हुआ। वहां के योगाचार्य पाण्डेजी जैन विश्व भारती आए। उन्होंने जीवन विज्ञान के बारे में समुचित जानकारी ली। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा - 'यह तो बहुत अच्छा प्रयोग है। मैं बोकारों में इसे कई स्थानों पर शुरू करूंगा। वहां जाकर उन्होंने प्रयोग शुरू कराए। उन प्रयोगों की इतनी सुगंध फैली कि आज चालीस स्कूलों में जीवन विज्ञान के प्रयोग चल रहे हैं । सात हजार विद्यार्थी इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं । जीवन विज्ञान के सन्दर्भ में उन्होंने एक आयोजन भी किया, जिसमें बीस हजार अभिभावकों ने भाग लिया । बदलने का बिन्दु ऐसी कितनी ही घटनाएं हैं । उन सब घटनाओं और अनुभवों को बताना संभव २१० : नया मानव : नया विश्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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