Book Title: Navtattva Vistararth Author(s): Jain Granth Prakashak Sabha Publisher: Jain Granth Prakashak Sabha View full book textPage 4
________________ 213/3 4. राशवाण જન [ , तम स्वपरसमयपारावारपारीण-शासनसम्राट्-तीर्थरक्षाप्रवणपरोपकारै कार्पितकरण-तपोगच्छाधिराज-सूरिचक्रचक्रवर्ति- 829 DI 1510 आचार्य श्री विजयनेमिसूरीशः जन्म सं. १९२९ दीक्षा सं. १९४५ गणिपद सं. १९६० कार्तिक शु. १. ज्येष्ट शु. ७. कार्तिक कृष्ण ७. पंन्यासपद सं. १९६० सूरिपद सं. १९६४ मागशर शुद ३. ज्येष्ठ शुद ५.Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 426