Book Title: Navtattva Vistararth
Author(s): Jain Granth Prakashak Sabha
Publisher: Jain Granth Prakashak Sabha

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Page 2
________________ AESE SE NESE blesleycales పోడవ ॥ श्री ॥ स्वपरसमयपारावारपारीण शासन सम्राट्तीर्थरक्षकतपोगच्छाधिराज भट्टारकाचार्यश्रीविजय नेमिसृरिभगवद्भयो नमः ॥ ॥ नवतत्त्वविस्तरार्थः ॥ यन्त्र - परिशिष्ट- टिप्पण्यादिविभूषितः ॥ नकल १०००, प्रकाशक श्री जैन ग्रन्थप्रकाशकसभानाओनररी--सेक्रेटरी, वाडीलाल बाबुलाल शाह. atrizrवाडी- अमदावाद. शुल प्रथमावृत्ति वीर सं. २४५० सन्ने १९२३ आ पुस्तक जैन एडवोकेट मी. प्रेसमा शा. चीमनलाल गोकलदासे छापं, ठे; घीकांटा जेशंगभाइनीवाडी अमदावाद. भूल्य. १-००--० X

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