Book Title: Nandanvan Kalpataru 2001 00 SrNo 05
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 3
________________ नन्दनवनकल्पतरुः ॥ पञ्चमी शाखा ।। (संस्कृतभाषामयं अयन-पत्रम् ।।) सङ्कलनम् : कीर्तित्रयी॥ सर्वेऽधिकाराः स्वायत्ताः ॥ प्रकाशनम् : श्रीजैनग्रन्थप्रकाशनसमितिः, खंभात ।। - द्रव्यसहायकः श्री वीशानीमा जैन संघः, गोधरा।। वि. सं. २०५७, ई.सं. २००१ । मूल्यम् - संस्कृतसाहित्यरुचिः ॥ प्राप्तिस्थानम् : १. शनुभाई के. शाह, जीरालापाडो, खंभात । २. सरस्वती पुस्तक भण्डार, अमदावाद । सम्पर्कसूत्रम् : "विजयशीलचन्द्रसूरिः" C/o. अतुल एच्. कापडिया A/९, जागृति फ्लेट्स, महावीर टावर पाछळ, पालडी, अमदावाद - ३८० ००७. मुद्रणम् : सचिन एन्टरप्राइझ, अमदावाद ।। फोन : 079-7497047 मोबाईल : 9825011414 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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