Book Title: Muni Sammelan 1912
Author(s): Hiralal Sharma
Publisher: Hirachand Sacheti

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Page 37
________________ ३६ प्रस्ताव सत्रहवां, ( १७ ) नवीन साधुको जबतक पांच प्रतिक्रमण, दश वैकालिकके चार अध्ययन, जीवविचार, नव तत्व और दंडक अर्थ सहित न हो जावे, तबतक व्याकरणआदि अन्य अभ्यासमें नहीं जोड़ना. प्रस्ताव अढारवां. ( १८ ) BD साध्वियों और गृहस्थियोंके पास कपडे न घुलवाका जो रिवाज अपनेमें है, उसको वैसाही कायम रखना. और अन्य कोई मुनि उपरोक्त काम करता हो तो उसको मिष्ट भाषणद्वारा हितशिक्षा देकर उस कामसे छुडानेका प्रयत्न करना. प्रस्ताव उन्नीसवां ( १९ ) आजकल प्राय: कितनेक सामान्य साधुभी उंची जातके और बहु मूल्यके धुस्से वगैरह कपड़े रखते नजर आते हैं ! इस रिवाजको यह सम्मेलन नापसंद करता है. और प्रस्ताव करता है कि, अपने साधुओंको आजपीछे पंजाबी या बीकानेरी कंबल अथवा वैसाही और प्रकारका कम कीमतका कंबल काममें लाना चाहिये.

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