Book Title: Muni Sammelan 1912
Author(s): Hiralal Sharma
Publisher: Hirachand Sacheti

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Page 54
________________ "परिशिष्ट." [ सम्मेलनकी निसबत न्यूज़ पेपरोंकी राय. ] पाठकवृंदको विदित हो कि, सम्मेलनकी कार्रवाहीके तयार करने समय तक में कितनेक अखबारोंमें उक्त सम्मेलनकी निसबत बहुतही अच्छे और मनन करने लायक अभिप्राय प्रकट हुए मेरी नजरमें आये, उनका थोड़ा थोड़ा सारमात्र लेख आपको भेट करता हूं. उमीद है कि, आपभी गुणग्राहक बन अपनी और सम्मेलनकी दिनदिन प्रति उन्नति होवे ऐसी अपने इष्टदेवसे सच्चे अंतःक. रणसे प्रार्थना करेंगे! (लेखक.) " श्री सयाजी विजय." ( बडौदा-ता. २० जून-१९१२. ) जैन मुनियोंका सम्मेलन. गत गुरुवारको इस शहर में जैन धर्मके आचार्य श्रीमद्विजयानंदसूरि ( आ. त्मारामजी ) महाराजके समुदायके जैन मुनि महाराजोंका सम्मेलन आचार्य मुनिश्री कमलविजयजी महाराजके अध्यक्षपनेमें हुआथा. ___उक्त मुनिमंडलके कार्यक्रममें उनके जीवनके उचित सादापन और सरलताको देख हमको अधिक संतोष होता है ! आजकल अधिक खर्चवाली कॉन्फन्सकी निसबत ऐसे सादे सम्मेलन अधिक कार्य साधक होते हैं. और हम इच्छा करते हैं कि, जैन धर्मके सकल समुदायके मुनि, तथा वैष्णव धर्मके आचार्य प्रभृति विविध धर्मके धर्मगुरु, निज निज सुधारे और धर्मकी उन्नतिके निमित्त सम्मेलन द्वारा अपने और अपने अनुयायी प्रजानके कल्याणार्थ प्रयत्नशाली होंगे !

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