Book Title: Mohanlalji Arddhshatabdi Smarak Granth
Author(s): Mrugendramuni
Publisher: Mohanlalji Arddhashtabdi Smarak Granth Prakashan Samiti
View full book text
________________
१२.
શ્રી મેહનલાલજી અર્ધશતાબ્દી થી काहारो जलादिवाही कर्मकरः २/२७ हिन्दी की सभी ग्रामीण बोलियों में काहार या कहार ।
कुक्कुसो धान्यादितुषः २/३६-व्रजभाषा में कूकस, कन-कूकस मुहावरा प्रसिद्ध है। गुजराती में कूसका।
कुक्खी कुक्षि २/३४-हिन्दी में कोंख या कुंख । कुडीरं, कुडिआ वृत्ति विवरम् २/२४ हिन्दी कुटी या कुटीर । कोइला काष्ठांगारः २/४९-हिन्दी कोयला । कोप्यो अपराधः २/४५-हिन्दी कोप । कोलिओ तन्तुवायः २/६५-हिन्दी में कोली । कोल्हुओ इक्षुनिपीडनयन्त्रम् २/६५ हिन्दी की सभी बोलियों में कोल्हू । खट्टिको शौनिकः २/७० हिन्दी और गुजराती में खटीक । .. खड्डा खनिः २/६६-हिन्दी में खड्डा गुजराती में खाड़ो। .
खडक्की लघुद्वारम् २/७१-खड़ी बोलि में खिड़की, ब्रजभाषा में खिड़की, भोजपुरी में खिरकी।
खई भुक्तम् २/६७-हिन्दी खाया । - खलइयं रिक्तम् २/७१-राजस्थानी, भोजपुरी और ब्रजभाषा में खाली।
खली तिलपिण्डिका २/६६-हिन्दी में खली । खाइआ परिखा २/७३-खड़ो बोली, राजस्थानी, गुजराती और भोजपुरी में खाई। खल्ला चर्म २/६६-हिन्दी खाल । गायरी, गग्गरी, गर्गरी २/८९-हिन्दी गागर ।
गहरी छागो २/८४ ब्रजभाषा में बकरियों को चरानेवाली और पालनेवालो जाति को गडेरी कहा जाता है।
गढ दुर्गम् २/८१-हिन्दी गढ़। गंडीरी इक्षुखण्डम् २/८२-हिन्दी गंडेलो या गड़ेरी। गोवरं करीषम् २/९६-हिन्दी गोवर।। घग्घरं जघनस्थवस्त्रभेदः २/१०७-ब्रजभाषा और राजस्थानी मैं घाघरा । घट्टो नदीतीर्थम् २/१११-हिन्दी घाट । चडकं चत्वरम् ३/२-हिन्दी चौक । चवेडी श्लिष्टकरसंपुटम् ३/३-हिन्दी चपेट । चाउला तण्डुला ३/८-हिन्दो चावल। चोट्टी शिला ३/१-हिन्दी चोटी।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org