Book Title: Mohan Charitam
Author(s): Damodar Sharma
Publisher: Damodar Sharma

View full book text
Previous | Next

Page 140
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ताम् ॥३२॥ वार्षिकं पर्व महता महेन श्रावकास्तदा ॥ धर्मं चतुर्विधं नावा-दाराध्य सफलं व्यधुः ॥ ३३ ॥ यष्टाह्निकोत्सवः स्नात्रं पूजा |च विविधं तपः ॥ श्रीमन्मोहनमाहात्म्या - निर्विघ्नमनवत्किल ॥३४॥ शोजनानि निमित्तानि विहारं निकटागतम् ॥ वीदय ते नविकः क|श्चि-दुध्येतेत्यनुमेनिरे ॥ ३५ ॥ अथ लाटनिवास्यागात्कश्चिचगणनामकः ॥ श्री मोदनमुनीन्नत्वा देशनां शुश्रुवेऽमलाम् ॥ ३६ ॥ लाजमालोक्य भूयोऽपि बोधितो मोहनर्षिभिः ॥ स धर्मतत्त्वं विज्ञाय परं संवेगमासदत् ॥ ३७ ॥ दृढां परिणतिं ज्ञात्वा तस्मै नवतिती|र्षवे ॥ मुनीन्द्रास्ते ददां कर्मसंघातनाशिनीम् ॥ ३८ ॥ मुन्यब्धिनन्दनूसंख्ये वैक्रमेऽब्दे समाददे ॥ माघे सिते च पञ्चम्यां बगणः For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159