Book Title: Mohan Charitam
Author(s): Damodar Sharma
Publisher: Damodar Sharma

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Page 139
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मोदनेन्संनूतां पीत्वा सद्देशनासुधाम् ॥सुखं वैषयिकं सर्व-ममन्येतां || स0 G विषोपमम् ॥२६॥ युग्मम् ॥ संवेगलानाचारित्रं लिप्सुन्यां मोदन॥६॥ र्षयः॥ तान्यामन्यर्थिता दीदां दः संसारतारिणीम् ॥॥ विक्र मादिशशतक-षट्चत्वारिंशवत्सरे ॥ ज्येष्ठस्य कृष्णैकादश्या-मेष दीदोत्सवोऽनवत् ॥ ॥ उद्दयोतनामा प्रथमो दितीयो राजनामकः॥ नूयादित्यवदन्वास-देपे श्रीमोदनर्षयः॥ २०॥ यशःकान्ती हर्षराजा-बुद्दयोतश्चेति पञ्चकम् ॥ यदीयपादसंलग्नं तन्माहात्म्यं ब्रुवे । कियत् ॥ ३०॥ चतुर्मास्यां प्रवृत्तायां मुनिमोहनदेशनाम् ॥ श्रोतुं । समाययुः श्रा-झाः शतशोऽथ सहस्रशः ॥३१॥ गत्राणां पञ्चकं | वैया-नृत्ये तपसि चानघे ॥ स्वाध्याये चासक्तमनू-त्रयमेतन्मतं स-al पन ॥६न॥ For Private and Personal Use Only

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