Book Title: Mohan Charitam
Author(s): Damodar Sharma
Publisher: Damodar Sharma
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॥ ४६॥श्रीमोदनमुखार्म-लानं श्रुत्वा सुउर्लनम् ॥ अलब्धपूर्वमानन्द-माप्नोत्संघः स नाग्यवान् ॥ ४७ ॥ मोहमय्या नातिदूरे पुरमाकाशनामकम् ॥ चैत्रेऽसिते समाजग्मुः ससंघा मोदनर्षयः ॥४॥ तत्रस्थजिनचैत्येऽनू-उत्सवो दिवसत्रयम् ॥ मुम्बापुर्याश्च बहव आजग्मुर्नविका जनाः॥४॥चैत्रे सिते तिथौ षष्ट्यां मुम्बा-14 |परिसरे शुने ॥ उद्यानान्तर्वाटिकाया आगमन्मोदनर्षयः ॥ ५० ॥ सप्तम्यां मोदनमुनि-स्वागताय समाययुः॥ सहस्रशो जनाः प्रात-IN
रुपादान्ववन्दिरे ॥५॥ विचित्रवेषालंकारै-श्वारुपुष्परथस्थितैः ॥ वाजित्रसहितैरग्रे-यायिनिर्वालकैः शुनैः॥ ५५ ॥मधुरान्दूणवाजित्र-स्वरानाकर्ण्य नन्दितैः॥ एष्ठानुयातैः शृङ्गार-रुचिरैः श्रावकैर्वरैः ।।
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