Book Title: Mahavira Vani
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Bharat Jain Mahamandal
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[१८५]
पद्यका आदिवाक्य
पद्यका अंक पद्यका आदिवाक्य
पद्यका अंक
१२९
१७८ ___ ४४
११०
१..
९५ १७४
९२
निच्चकाल-- २१ । बुद्धस्स निसम्म निच्चुम्विग्गो १८८ भासाए दोसे य पइण्णवादी
भोगामिसदोस- पंढमं नाणं २८५ मणपल्हायजणणी पनामयं
३०८ मन्दा य फासा पणीयं भत्त
मरिहिसि रायं! पमायं कम्म-- १३० माणुसत्तम्मि परिजूरह १२२ माणुसत्ते पवेयए अजपयं २८० माणुस्सं विग्गह पाणिवह-मुसावाया-- ६९ मासे मासे पाणे य नाइ--
मुसावाओ य पायच्छित्तं २३७ मुहं मुहं मोह-- पुढवी साली
१५०
मूलमेयमहम्मस्स पुरिसोरम १६२ मूलाओ खंधप्प-- पचिंदिय-- २१७ रसा पगाम न बालस्स पस्स १९५ रागो य दोसो बालाणं अकामं
रूवाणुरत्तस्स बिडमुन्मेहमं ६० | रूवे विरत्तो
१९१
२३
१०९
४०
१३४
१३२
१३६ १३८
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