Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1978 Author(s): Bhanvarlal Polyaka Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur View full book textPage 8
________________ 139 श्री कुन्दनलाल डा. ब्रजेन्द्रनाथ शर्मा 143 35. टोडरमलजी के कुछ अप्रकाशित पद आम्बेर संग्राहालय की तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा 37. जैन साहित्य में प्रयुक्त धर्म परीक्षा अभिप्राय The Jaina Atheism ___धर्म, धार्मिक और धर्मालय डा. प्रेमसुमन जैन 145 Dr. Harendra Prasad Verma डा. महेन्द्र प्रचण्डिया 151 160 तृतीय खण्ड ( मुक्त चिन्तन तथा अन्य ) 1. विश्वबंधुत्वस्योत्प्रेरको भगवान् महावीरः श्री नारायणसहाय शास्त्री 2. प्रीतंकर श्री मिश्रीलाल जैन अहसान श्री सुरेश 'सरल' 4. भगवान महावीर प्रश्न चिह्नों के घेरे में डा. राजेन्द्रकुमार बंसल 5. निबन्ध प्रतियोगिता के लेख (1) श्री जिनेन्द्रकुमार सेठी (2) श्री संजय जसोरिया निवेदन असावधानीवश स्मारिका में कुछ मुद्रण की अशुद्धियां रह गई हैं, पाठक पढ़ने से पूर्व कृपया संशोधन करलें। (1) पृष्ठ 'त' में 'सुन्दलाल' के स्थान पर 'सुन्दरलाल' (2) पृष्ठ '8' के पश्चात् लगा हुआ चित्र राजस्थान जैन सभा की वर्तमान कार्य-कारिणी के सदस्यों का है । इसमें 'बाबूलल' के स्थान में 'बाबूलाल' तथा 'लल्लूलल' के स्थान में 'लल्लूलाल' (3) पृष्ठ 2-89 पर अंग्रेजी मैटर की तीसरी पंक्ति का अन्तिम शब्द 'Their' | (4) पृष्ठ 2-106 के टिप्पण की प्रथम लाइन में 'of Heittage the Rulers' की जगह 'Heritage of the Rulers' । (5) तृतीय खण्ड के पृष्ठ 12 के कालम द्वितीय के अन्त में 'शेष पृष्ठ 16 पर' बढ़ालें तथा पृष्ठ संख्या 1-12 के स्थान में 3-12 करलें। -सम्पादक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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