Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1978
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 6
________________ अनुक्रम (प्रापकी बात हमारी बात) अध्यक्षीय प्रात्म-निवेदन प्रकाशकीय राजस्थान जैन सभा : संक्षिप्त परिचय महावीर जयन्ती स्पारिका 1977 : लोक दृष्टि में सितारे जो अस्त हो गये प्रथम खण्ड ( महावीर : उनका दर्शन एवं इतर दर्शन ) 1. वीर वन्दना डा. पन्नालाल 2. महावीर : आत्मक्रांति और डा. नरेन्द्र भानावत जनक्रान्ति के आईने में 3. भगवान महावीर के दर्शन श्री निहालचन्द जैन महावीर व्यक्तित्व-मापन श्री लक्ष्मीचन्द्र ‘सरोज' 5. ज्योतिर्मय तुम्हारी प्रतीक्षा है श्रीमती रूपवती किरण 6. ईश्वर : परिकल्पित निरर्थकता डा, महावीरसरन जैन 7. व्यक्ति की वृत्ति प्रो. प्रादित्य प्रचण्डिया 8 जैन, बौद्ध और गीता के दर्शन में डा. सागरमल जैन कर्म का अशुभत्व, शुभत्व और शुद्धत्व 9. श्री वीर स्तवन डा. बडकुल 10. जैन साधना का रहस्य श्री जमनालाल जैन 11. पांच महाव्रतों की वरीयता डा. शोभनाथ पाठक द्वितीय खण्ड (म्हारी धरती म्हारो देश) 1. मंगलाचरणम् श्री गुणभद्राचार्य 2. प्रशर्मरतिप्रकरणकार तत्वार्थ सूत्र डा. कुसुम पटोरिया तथा भाष्य के कर्ता से भिन्न 3. कीमती घोड़ा श्री मोतीलाल सुराना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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