Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1975
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 421
________________ 3. 4. 5. 6. समिति की सिफारिश पर राज्य सरकार ने जो घोषणायें की है। मुख्य रूप से निम्न प्रकार है - 1. 2. 7. 3. Jain Education International शिक्षा मन्त्री श्री खेतसिंहजी राठौड श्री देवेन्द्र राजजी महता, सचिव श्री राजरूप जी टांक 4, 5. 6. श्री सम्पत कुमार जी गवैया 7. श्री लूणकरण जी जैन 8. श्री रिखबराजजी कर्नावट 9. श्री माणकचन्द जी सोगानी 10. श्री भागचन्द जी सोनी 11. 12. 13. 14. श्री बुद्धसिंहजी बाफना श्री खेलशंकरभाई दुर्लभ जी श्री कपूरचन्दजी कुलिश श्री प्रगरचन्द जी नाहटा इस वर्ष को शान्ति वर्ष घोषित किया गया है । इस वर्ष में किसी को फांसी की सजा नहीं दी गई है। इससे आठ व्यक्तियों छूट को मिली है । कैदियों को सजाऐं कम की गई है। इससे करीब 3500 व्यक्तियों लाभ पहुंचा है । दीवाली 1974 पर 3 दिन और 1975 पर 3 दिन तक शराब और मांस बिक्री पर प्रान्त भर में प्रतिबन्ध लगा दिया गया है । इस वर्ष शिकार का निषेध कर दिया है और जिन्हें लाइसेन्स दिये जा चुके हैं उन्हें निरस्त किया जा चुका है । प्रान्त अन्तर्गत 26 जिलों में 26 जिला पुस्तकालय है, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर में विश्वविद्यालय पुस्तकालय है तथा विधान सभा में भी पुस्तकालय है । उपरोक्त कुल 30 ही पुस्तकालयों में महावीर कक्ष की स्थापना की गई है। उपरोक्त योजना के अन्तर्गत 3 अगस्त सन् 1975 की समाज की तरफ से सवा लाख रुपये की 12000 पुस्तकें सरकार को भेंट की गई जिन्हें राज्य की तरफ से महामहिम राज्यपाल महोदय ने स्वीकार किया | अब भी अनेक दाताओं द्वारा साहित्य प्राप्त हो रहा है और तीसों ही पुस्तकालयों में भेजा जा रहा है । राज्य में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर व कोटा कुल माठ जगहों में अजायबघर हैं । इन भ्राठों ही अजायबघरों में महावीर कक्ष स्थापित करना तय किया गया है। इनमें भगवान महावीर और जैन धर्म से सम्बन्धित प्राचीन कलाकृतियां, चित्रपट खण्डित मूर्तियां, दस्तावेज एवं अन्य महत्व पूर्ण पुरातत्व सम्बन्धी सामग्री को स्थापित किया जायेगा । जयपुर में विश्व प्रसिद्ध हवामहल में महावीर क्ष कायम करने का निर्णय हुआ है । यह अपने प्रापमें बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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