Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1975
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 425
________________ vir .. 16. जालौर--श्री भंवरलालजी महेता, पो० भीनमाल, जिला जालौर - 17. जैसलमेर-श्री सौभाग्यमलजी जैन, इन्सपेक्टर माफ स्कूल, जैसलमेर 18. मुझुनू-श्री विमलचन्दजी श्रीमाल-श्रीमाल मोहल्ला, झुन्झुनू • 19 कोटा-श्री माणक चन्दजी गोधा द्वारा जम्बूकुमार जी जैन बीजवाडा, कोटा 20. नागौर-श्री पी०सी० जैन, एल०आई०सी० एजेन्ट, नागौर 21. पाली--श्री सम्पतमलजी भण्डारी, उदयपुरिया बाजार, पाली 22. सवाईमाधोपुर--श्री रूपचन्दजी जैन, स्टेशन बजरिया, सवाई माधोपुर 23. सिरोही--श्री तेजराजजी बाफना, सिरोही 24. सीकर--श्री केसरचन्दजी दीवान--सीकर 25. टोंक--श्री फतेहलालजी जिवाणी--पुरानी टोंक 26. उदयपुर--श्री भैरूलाल जी धाकड--71 भूपालपुरा, उदयपुर उपरोक्त जिला संयोजकों के अन्तर्गत तहसीलों में भी अनेक कार्यकर्तामों ने महत्वपूर्ण कार्य किये हैं । जोधपुर जिले में जैन समाज के स्तर पर करीब 40 लाख रुपये की योजनायें प्रारम्भ की गई है। श्री घेवरचन्दजी कानूनगो के नेतृत्व में सम्पूर्ण क्षेत्र में नया उत्साह भर दिया है । बाड़मेर में 40 लाख रुपये के करीब की योजनायें हाथ में ली गई है। जिनमें तीन प्राथमिक पाठशाला. पुस्तकालय, महावीर मंच, मातृ शिशु कल्याण केन्द्र, महावीर भवन, काटेज वार्ड, महावीर नगर, महावीर उद्यान, महावीर चौक आदि कई निर्माण करना विशेष उल्लेखनीय है । जिला संयोजक श्री भूरचन्दजी जैन की लगनशीलता, सूझ-बूझ एवं उत्साह की मुक्त कंठ से प्रशंसा करनी पडती है। उन्होंने कार्य को जो गति प्रदान की है वह अनुकरणीय है। महासमिति को ऐसे कार्यकर्तामों पर गर्व है। इनके सहयोगी श्रीयुत नेमचन्दजी गोले छा ने भी कार्य सम्पादन में बहुत सुन्दर सहयोग किया है । अजमेर में श्री अमरचन्दजी लूणिया व तपेतपाए कार्यकर्ता श्री मांगीलाल जी जैन के नेतृत्व में बहुत सुन्दर कार्य हुमा है। अलवर समान को संगठित करने में एव उसमें उत्साह का जबरदस्त शंखनाद फूकने में श्रीपदमचन्द पालावत ने गजब का काम किया। वहां पर 15 लाख की योजनायें निर्माणाधीन है। । सोकर क्षेत्र के बुजुर्ग मगर युवकों को उत्साह वाले नेता श्रीकेसरीमलजी दीवान ने स्वल्प सामग्री में अच्छा कार्य किया है। गंगानगर में श्री लूणकरण जी जैन व समिति के मंत्री श्रीमहनलालजी चौपडा महावीर बाजार व महावीर कालोनी बना रहे हैं । बांसवाडा के राजमलजी ने भी, बांसवाडा जैसे पिछड़े क्षेत्र में सुन्दर योजना बनाई है। चित्तौड़ के नवरतनम जी पटवारी रचनात्मक कार्यकर्ता रहे है। उन्होंने अपने साथियों के सहयोग से बलि के विरूद्ध लोकमत तैयार किया है। वीरवाल समाज को सुसंस्कारित करने का प्रयास कर रहे है । भीलवाडा में शांतिलाल जी को कई परिक्षाओं में से गुजरना पडा है । सम्पतमलजी लोढा, डांगी जी, सुवालालजी खान्या, मांगीलालजी नवलखां तथा अन्य युवक साथियों के सहयोग से उन्हें भी अब सफलता मिलने लगी है। सवाईमाधोपुर जिले को संगठित करने में कल्याणमलजी झण्डेबाला व रूपचन्दजी जैन का प्रमुख हाथ रहा है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446