Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1975
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 427
________________ महत्वपूर्ण उपलब्धियां है समाज का संगठित होना और नाना सुयोग्य व उत्साही कार्यकत्तानों का समाज को प्रन होना। राजस्थान की राजधानी नयपुर में इस वर्ष अनेकों महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुए है। दीवाली 74 पर बड़े ही सुन्दर अष्ठ दिवसीय कार्यक्रय प्रान्तीय सपिति के तत्वावधान में रखे गए थे जिनमें विशाल जुलूस, जन सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रपों व समाज सुधार गोष्ठी विशेष उल्लेखनीय है। महावीर जयन्ति पर जयपुर की जनता का उल्लास वर्णानातीत था ! उस दिन जयपुर का जन मानस जुलूस के समय सड़क पर नहीं समा रहा था। रामलील मैदान का पाण्डाल भी छोटा पड़ गया। प्राचार्य तुलसी ने जनता की उत्साह समीक्षा करते हुए कहा कि जयपुर के जुलूस व विशाल जन सभा का प्रायोजन दिल्ली की अपेक्षा किसी कदर भी कम नहीं है । तारीख 3-8-75 को साहित्य समर्पन दिवस पर जितने कम समय में जितना अधिक साहित्य हमें मिला उसको हमें प्रसन्नता है । इस अवसर पर जब विकलांग सहायता समिति की बात उपस्थित ज' समुदाय को बताई गई तो सिर्फ 15 मिनट के समय में हाथों हाथ जनता ने 1 लाख रुपये को धोषण। वहीं पर ही कर दी। इस वर्ष दीवाली पर हमने स्मारिका प्रकाशन का निश्चय किया है ताकि इस माध्यम से हम साल भर की हमारी योजनाओं व कार्यकलापों का लेखा जोखा ले सकें और आगे की योजनाओं के बारे में सोच सकें। राजस्थान मे जो योजनायें बनाई गई हैं एवं जो कार्य प्रारम्भ किये गए हैं उनकी पसफल हेत समय की प्रावश्यकता है और लक्ष्य की प्राप्ति तक जिस महासमिति ने उन्हें इतना बल व प्रेरणा प्रदान की है, का संरक्षण अावश्यक है। इन सब प्रा.श्यकताओं को मध्य नजर रखते हुए महासमिति के कार्यकाल को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया। राज्य सरकार से भी राज्य समिति की कार्यकाल को बढ़ाने का प्रनुरोध किया गया है । समिति ने संवत्सरी एकता का वोड़ा बड़ा उठाया है इस कार्य हेतु प्राचार्य तुलसी, प्राचार्य नानालाल जी, प्राचार्य हस्तीमल जी, मुनि श्री मिश्रीमल जी (मरूधर केशरी) एवं मधुकर मुनि प्रभृति मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त हो चुका है। रिख बरा न की कर्णावट को संवत्सरी एकता उपसमिति का संयोजक मनोनीत किया ग-1 है। आप सब लोगों का पूर्ण सहयोग मिलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जबकि हम सब मिलकर एक दिन ए साथ ही संम्वत्सरी मनायेंगे । ___ अजमेर के जिलाधीश श्रीयुत्त कुम्मट जी ने अनुपम समाज सेवा का अनुपम व्रत लिया है उनकी प्रेरणा से एक बहुत ही सुन्दर समाज सेवी संस्था का जन्म हो रहा है। इसी प्रकार बाडमेर जिले के जिलाधीश भी अनिल वैश्य, लेखाधिकारी श्री बाबूमल भूत्ता एवं नगरपालिका अध्यक्ष श्री मदनलाल रामावत का भगवान महावीर निर्माण महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान दिया है। हसमिति की बैठकें अजमेर, जोधपुर श्री डूगरगढ़ (जिला चूरू) व जयपुर में आयोजित हो चुकी है। जोधपुर में करीब 10 हजार व्यक्ति हमारे आयोजन में सम्मिलित हुए थे। मुनिश्री मधुकर जी एव साध्वी श्री विजय श्री जी आदि ने इसमें प्रमुख रूप से भाग लिया था तथा भगवान महावीर की जीवनी जिसके कि प्रमुख सम्पादक मुनि श्री मधुकर जी थे का विमोचन हुआ था । श्री डूंगरगढ़ में करीब 20 हजार व्यक्तियों की उपस्थिति में समिति का आयोजन सम्पन्न हुधा । प्राचार्य श्री तुलसी का सानिध्ध प्राप्त हुआ एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री सुब्रह्मण्यम् एवं राज Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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