Book Title: Mahaveer Vani
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Bharat Jain Mahamandal

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ त्यारवाद मूळ साथेनी अनुवादवाळी बीजी आवृत्ति (२००० नकल) भारत जैन महामंडलना कार्याध्यक्ष भाईश्री रिषभदास शंकाजीए पोतानी उक्त संस्था द्वारा प्रकाशित करेली. आ प्रस्तुत आवृत्ति ( २२०० नकल) पण एज संस्था (भारत जैन महामंडल ) भाईश्री चिरंजीलालजी बडजातेनी सहायता द्वारा छापीने प्रकाशित करी रही छे. प्रकाशक संस्थाना प्राणरूप भाई रांकाजीनो परिचय मने वीसापुर जेलमां १९३० मां थयेल छे. तेओ त्यां सत्याग्रही तरीके एक के वे वरसनी जेल लईने आवेला. धर्मचर्चाने निमित्ते मारो अने एमनो सविशेष परिचय थई गयो. आ भाई हमणां हमणां पोतानो बधो समय राष्ट्रसेवा अने भारत जैन महामंडळनी सार्वजनिक प्रवृत्तिओमां रोकी रह्या छे. माननीय श्री. विनोबाजीनी अहिंसामूलक भूदान यज्ञनी सर्वोदयी प्रवृत्तिमां एमने विशेष रस छे. आ भाई पण वर्धामां रहे छे अने तेथी ज वर्धामां वसेला संतकोटिना महानुभावो सद्गत श्री. कि. घ. मशरुवाळा, निर्वाण पामेला पू. बापुजी वगेरेना संपर्कमा रहेनारा छे. वर्धा निवासने कारणे अने सद्गत जमनालालजीनी गोसेवा प्रवृत्तिमां विशेष रस होवाने लीघे तेमो माननीय श्री. विनोबाजीना पण विशेष संपर्कमा छे. [4]

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 220