Book Title: Mahaveer Vani
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Bharat Jain Mahamandal

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Page 12
________________ -१ महावीरवाणीनी तमाम प्राकृत गाथाओनो संस्कृत अनुवाद तेमना सळंग आंकडा आपीने पाछळ आपेल हे. जे वाचको हिन्दी नथी जाणता तेम ज प्राकृन पण नथी जाणता तेमने मर्थे श्री विनोबाजीए संस्कृत अनुवाद आपवानी सूचना करेली. ते प्रमाणे या अनुवाद आपेल छे. तेमां क्यांय क्यांय संक्षिप्त टिप्पण पण आपल छे. संस्कृत अनुवादनी भाषा आम तो सरळ संस्कृत राखी छे छनां तेमां छांदस प्रयोगो पण मूळ प्राकृत भाषा साधे तुलना करी जोवानी हटिए आपेला छे. २ आगली आवृत्तियोमां सौधी प्रथम आवृत्तिमां मूळ गाथाम ३५५ हती, पछीनी आवृत्तिमां पंदरमा अशरणसूत्रमां छेल्ले एक गाथा वघारेली तेथी तेमां मूळ गाथाओ ३४६ थई. आ आवृत्तिमां कुल गाथाओ ३१४ छे पटले आगली आवृत्ति करता आमांधी वत्रीश गाथामो घटाडी छे. तेनी वीगत या प्रमाणे हे : वीजा धर्मसूत्रमाथी चार गाथाओ घटाडी छे जे गाथाओ जूनी आवृत्तिमां पांचनी, छट्टी, सातमी अने यादमी तथा अग्यारसी, पारसी अने तेरमी हती अर्थात् बीजा धर्मसूत्रमाथी कुले सात गाथाओ ओछी धई है. श्रीजा अहिंसासूत्रमाथी जूनी आवृत्तिमां जे [ ६३ ]

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