Book Title: Limbdi Jain Gyanbhandar Hastlikhit Prati Suchipatra
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 170
________________ [ ८७] १४५९ १४६० १७२६ १७६८ १८३९ १४६२ १४६३ १४६५ लाभहर्ष रूपविजय ज्ञानसागर रामवर्धन तिलकसागर यशोविजय पार्श्वचंद्र मोहन २९६८-१ १ २९७५-१ . ३०७६-१ १ ३१३७१ ३२३९-२ ३जेपाने ३२७१-३१ ३३०० ........... कांतिविजय देवविजय पद्मविजय १४६७ १४६८ १४६९ १४७० १४७१ १५७२ १४७३ १५७४ १४७५ १४७६ १४७७ नेमिजिनस्तवन सस्तब्बक नेमिजिनस्तवनादि १८५२ रूपचंद १८२० नेमिजिनादिस्तवन नेमिजिनस्तुति ... २थी३ ३३९५ ३३९४-५ पत्रांतर्गत १८५१-१ १०पत्रांतर्गत २५१८ ३२७६१४ १९९३ २ १७३७-४ २पत्रांतर्गत २३१६-२ . २७००-२ १ ३३८६-३ १ २८५८ ५ १८४२-१८ ९०थी९३ गा.१५ १२८८-४२ ११९थी१२० का.१२६ १३३१७ २१००-१ ४पत्रांतर्गत २२१४-५ १०थी ऋषभदास १४७४ १४७९ नेमिजिनादिस्तुतिसंग्रह ११८० नेमिजिनस्तोत्र १४८१ नेमिदूतमहाकाव्य १४८२ नोकारवालीनी स्वाध्याय १४८३ " हेमविजय पद्मविजय जिनवल्लभगणी विक्रम रूपविजय लब्धिविजय

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